पापा का चक्कर कामवाली से ओर फिर बनी मेरी मा

हेलो दोस्तो, मेरा नाम अनुज है, और मई देल्ही का रहने वाला हू. मई 23 साल का हू, और अछा-ख़ासा दिखता हू. मेरे घर मे मेरे पापा और मा है. मेरी जो मा है, वो कभी हमारे घर की कांवली थी. आप इस कहानी मे पढ़ेंगे, की कैसे हमारे घर की कांवली मेरी मा बन गयी.

5 साल पहले मेरी असली मा का देहांत हो गया था. मा के जाने के बाद पापा बिल्कुल अकेले हो गये थे. अब वो काम मे बिज़ी रहने लगे थे, और अपने जिस्म की आग शांत करने के लिए रंडियो को घर पर लेके आते थे. घर पे खाना भी अब पापा ही बनाते थे.

पापा का बनाया खाना ज़्यादा अछा नही होता था, ईसीए नानी ने हमारे घर मे एक कांवली को खाना बनाने के लिए भेज दिया. अब मा की डेत को एक साल हो चुका था, और मई भी 19 साल का हो गया था. हमारी कांवली का नाम गोंटी था.

गोंटी 36 साल की औरत थी. उसका रंग गोरा था, और फिगर मस्त था. उसका साइज़ 36″30″38 था. वो घर मे खाना बनाती थी, और चली जाती थी. सफाई वाला काम मई और पापा ही कर लेते थे. मुझे तब नयी-नयी जवानी चढ़ि थी, और मई गोंटी की तरफ अट्रॅक्ट हो रहा था.

उसको किचन मे काम करते हुए देख कर मुझे बड़ा मज़ा आता था. जब वो नीचे झुकती थी, तो उसके बूब्स की क्लीवेज कहर धाती थी. उसकी मटकती हुई गांद देख कर मई रोज़ मूठ मारने लगा था. अब मई उस पर ट्राइ मारने लगा था.

जब वो किचन मे काम कर रही होती थी, तब मई जान-बूझ कर उसके आस-पास जाने लगा था. मई उसको किसी ना किसी बहाने से टच करने लगा था. अब तक उसको भी ये बात समझ मे आ गयी थी, की मई उसको गंदी नज़र से देखता था.

फिर वो 3-4 दिन आई नही घर पर. मई दर्र गया, की कही मेरी वजह से तो उसने काम पर आना बंद नही किया. मुझे लगा, की अगर पापा को ये बात पता चली, तो वो मेरी टांगे तोड़ देंगे. फिर एक दिन पापा ने मुझसे पूछा-

पापा: गोंटी काई दीनो से नही आ रही. कुछ बताया उसने तुझे, की वो क्यू नही आ रही?

मई: नही पापा, मेरे साथ तो उसकी कोई बात नही हुई.

पापा: ओक.

फिर 2 दिन बॅया गोंटी फिरसे खाना बनाने आ गयी. पापा ने जब उसको देखा, तो उन्होने पूछा-

पापा: गोंटी तुम इतने दिन क्यू नही आई?

गोंटी उदास लग रही थी, और वो पापा को बोली-

गोंटी: सिर मेरा डाइवोर्स हो गया है, और मई बहुत दुखी थी. इसी वजह से मई काम पर नही आई.

पापा: ओक. लेकिन डाइवोर्स कैसे हो गया?

गोंटी: मेरे पति का किसी दूसरी औरत के साथ चक्कर चल रहा था. मैने उसको काई बार रोका, लेकिन उसने मेरी बात नही मानी. और तो और, वो रोज़ शराब पीक घर आ जाता था, और अपनी रखैल के कहने पर मुझे मारता-पीट-ता था. अब मेरे बर्दाश्त की हड्द पार चुकी थी, तो डाइवोर्स ही आखरी रास्ता था.

ये सब बोलते हुए गोंटी की आँखों मे आँसू आ गये. पापा ने उसको अपने गले से लगा लिया, और उसको हॉंसला देने लगे. मई गोंटी के डाइवोर्स का सुन कर खुश हो गया था. मैने सोचा, की अब गोंटी को लंड चाहिए होगा, तो मेरा काम बन सकता था.

लेकिन खेल तो कुछ और ही चल रहा था. एक दिन मुझे कॉलेज की तरफ से एक के एक तौर पर जान था. तौर आधे दिन मे ही ख़तम हो गया, और मई घर आ गया. घर आके मैने जो देखा, उसको देख कर मेरी आखें खुली रह गयी.

जब मई घर के दरवाज़े पर पहुँचा, तो दरवाज़ा खुला था. फिर मई आयेज बढ़ा, तो मुझे किसी औरत की आहों की आवाज़ आने लगी. वो आवाज़ पापा के रूम की तरफ से आ रही थी. मई जब रूम के पास पहुँचा, तो रूम का दरवाज़ा तोड़ा खुला था. मैने जब अंदर देखा, तो पापा गोंटी को घोड़ी बना कर छोड़ रहे थे.

ये देख कर मई हैरान रह गया, और गोंटी को चूड़ते देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. पापा ज़ोर-ज़ोर से पीछे से गोंटी की छूट छोड़ रहे थे, और गोंटी भी आहह आ कर रही थी. उसके बड़े-बड़े बूब्स हवा मे झूल रहे थे.

पापा का लंड तकरीबन 6.5 इंच का था, और पूरा गोंटी की छूट मे जेया रहा था. फिर पापा ने अपना माल गोंटी की छूट मे ही निकाल दिया, और फिर वो दोनो साथ मे लेट गये. मई जल्दी से बाहर आ गया, थोड़ी देर के लिए कही और जाके बैठ गया. मैने सोचा, की जिसको मई छोड़ना चाहता था, उसको तो मेरे पापा ने छोड़ दिया था.

मुझे उनकी पूरी चुदाई देखनी थी. और मुझे ये पता था, की मेरे पीछे वो रोज़ सेक्स करते होंगे. पापा की दुकान थी, तो वो कभी भी घर आ सकते थे. फिर अगले दिन मई कॉलेज जाने के बहाने घर से निकल गया. गोंटी अभी घर नही आई थी.

मई घर से तोड़ा डोर जाके एक दोस्त की दुकान पर बैठ गयी. फिर थोड़ी देर बाद मैने गोंटी को घर मे जाते देखा. उसके घर मे जाने के 2 मिनिट बाद मई भी अंदर चला गया, और च्छूप गया. गोंटी ने ग्रीन कलर की सारी पहनी हुई थी, और उसकी बॉडी हमेशा जैसी सेक्सी लग रही थी.

वो किचन मे जाके काम करने लग गयी. पापा अभी बातरूम मे थे. जब वो बाहर आए, तो सीधा किचन मे चले गये. उन्होने सिर्फ़ टवल पहना था. किचन मे जाके उन्होने गोंटी को पीछे से गले लगा लिया. तभी गोंटी बोली-

गोंटी: सिर ये मत करो प्लीज़.

पापा: क्यू?

गोंटी: मई कोई रंडी नही हू. आपने तो कहा था, की आप मुझसे शादी करोगे. लेकिन आप तो अनुज से बात ही नही कर रहे. कल भी आपने अपना माल मेरी छूट मे निकाल दिया. अगर मई प्रेग्नेंट हो गयी तो?

पापा: अर्रे करूँगा ना बात मेरी जान. आज ही करूँगा. तू गुस्सा क्यू होती है. अब तू ही मेरी बीवी बनेगी. और अनुज को भी तो मा की ज़रूरत है.

ये कह कर पापा ने गोंटी को किस करने शुरू कर दिए. गोंटी ने अपना मूह पीछे किया, और दोबारा पूछा-

गोंटी: पक्का करोगे ना शादी?

पापा: हा मेरी रानी.

फिर पापा ने गोंटी के होंठ चूसने शुरू कर दिए. वो साथ मे उसकी गांद भी दबा रहे थे. गोंटी भी अब गरम हो गयी थी. फिर पापा ने जल्दी से गोंटी की सारी और ब्लाउस खोल दिया. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेटिकोट मे थी.

पापा ने अपना टवल निकाल दिया, और अपना लंड गोंटी के हाथ मे दे दिया. गोंटी पापा का लंड मसालने लगी, और पापा उसकी क्लीवेज चूम रहे थे. फिर पापा ने गोंटी को अपनी बाहो मे उठाया, और उसको बेड पर ले गये. बेड पर जाते ही गोंटी ने अपनी ब्रा उतार दी, और पापा को अपने बूब्स चुसवाने लगी.

पापा साथ-साथ गोंटी की टाँगो मे हाथ फेरने लगे. उन्होने गोंटी का पेटिकोट उपर कर दिया, और पनटी के उपर से उसकी छूट मसालने लग गये. गोंटी ज़ोर-ज़ोर से साँसे ले रही थी. उसको देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो रहा था, और मई उसको अपनी मा की जगह कभी नही दे सकता था.

फिर पापा ने गोंटी का पेटिकोट और पनटी उतार दी, और उसकी छूट चाटने लगे. गोंटी आअहह आहह कर रही थी, और पापा के मूह को अपनी छूट मे दबा रही थी. थोड़ी देर छूट और जांघे चाटने के बाद, पापा गोंटी की टाँगो के बीच आ गये.

फिर पापा ने अपना लंड गोंटी की छूट पर रगड़ना शुरू कर दिया. सिसकिया लेते हुए गोंटी का पेट झटके खा रहा था. वो बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर पापा ने अपना लंड उसकी छूट के मूह पर टीकाया, और तोड़ा ज़ोर लगा कर अंदर करने लगे.

. ही देखते पापा का लंड उसकी गरम छूट मे चला गया, और गोंटी ने . . आहह भारी. फिर पापा ने गोंटी की छूट ने धक्के देने शुरू कर दिए, और गोंटी ने अपनी जांघे पापा की कमर पर . ली. गोंटी ने पापा को . कर अपनी . मे ले लिया, और उनसे अपने बूब्स चुसवाने लगी.

वो दोनो बड़े मज़े से सेक्स कर मज़ा ले रहे थे, और मई वाहा बैठा जल रहा था. गोंटी की गांद इतनी सेक्सी थी, की मेरा पानी भी निकालने वाला था. फिर पापा ने गोंटी को घोड़ी बनने को कहा, लेकिन गोंटी ने माना कर दिया. वो पापा से उसी पोज़िशन मे चूड़ना चाहती थी.

पापा ने दोबारा से गोंटी की टांगे उठाई, और उसी पोज़िशन मे दोबारा अपना लंड गोंटी की छूट मे पेल दिया. 20 मिनिट पापा गोंटी को छोड़ते रहे, और फिर उसकी छूट मे ही झाड़ गये. फिर पापा गोंटी की आगोश मे ही लेते रहे, और उसके होंठ चूस्टे रहे. तभी गोंटी . हुए बोली-

गोंटी: आज बात कर लेना अनुज से.

पापा: हा करूँगा.

गोंटी: अगर वो ना . तो.

पापा: मई उसको माना ..

गोंटी: ठीक है.

फिर वो दोनो खड़े हो गये, और कपड़े पहनने लगे. मई भी जल्दी से घर से बाहर आ गया.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट मे पता चलेगा. अगर कहानी अची लगे, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करना.