नौकरानी की कुँवारी बहन की चुदाई स्टोरी

ही दोस्तो, मेरा नाम रमेश है. और मई वापस आ गया हू अपनी कहानी “रोशनी का सच्चा प्यार” का लास्ट पार्ट लेके. कहानी का मज़ा लेने के लिए पिछले पार्ट्स ज़रूर पढ़े.

पिछले पार्ट मे आपने पढ़ा था, की कैसे मई रोशनी को ब्यूटी पार्लर लेके गया, और रास्ते मे मैने उसकी चुदाई की. उसी आने-जाने मे मेरी करुणा के साथ भी दोस्ती हो गयी. फिर मैने हेल्प के बहाने उसका नंबर ले लिया.

उसी रात को मेरी करुणा से व्हातसपप पर बात हुई, और हमने काफ़ी बाते की. अब मई ये जानता था, की करुणा भी मुझे पसंद करती थी. मुझे भी उससे प्यार होने लग गया था. अब आयेज-

मेहंदी के एक दिन बार रोशनी की शादी थी. और मुझे तो शादी पर जाना ही था. मैने वाइट कलर का सूट पहना, और शादी अटेंड करने चला गया. उनका ठीक-ताक इंतेज़ां था, और 30-40 लोग ही थे शादी पर.

जब मई वाहा पहुँचा, तो सबसे पहले मेरी नज़र रोशनी पर पड़ी. रोशनी ने लाल रंग का लहंगा पहना हुआ था. उसमे वो कमाल की लग रही थी. रोशनी ने मेरी तरफ देखा, और एक स्माइल पास की. मैने भी इशारे से उसकी तारीफ कर दी.

फिर वो अपनी सहेलियो मे बिज़ी हो गयी, और मई करुणा को ढूँढने लगा. तभी करुणा मेरे सामने आ गयी और बोली-

करुणा: ही.

मैने जब करुणा को देखा, तो मेरी बोलती ही बंद हो गयी. करुणा ने ब्लू कलर का लहंगा पहन हुआ था. उसकी चोली सेपरेट थी और लहँगे और चोली के बीच उसका सेक्सी कॅसा हुआ पेट कमाल का लग रहा था. उसकी चोली स्लीव्ले थी, और उसकी गोरी-गोरी आर्म्स बहुत खूबसूरत लग रही थी.

उसके फेस पर पूरा ग्लो था, और उसने हल्की सी ब्लू लिपस्टिक भी लगाई हुई थी. उसके गले मे एक छ्होटा सा पेंडेंट था, जो उसके हुस्न मे चार-चाँद लगा रहा था. जब मई उसको घूर रहा था, तब उसने चुटकी मारी और बोली-

करुणा: अर्रे कहा खो गये?

मई: श! ही. आक्च्युयली तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो.

ये सुन कर करुणा ने स्माइल की, और बोली-

करुणा: लाइन मार रहे हो?

मई: पता नही, सिर्फ़ सच बोल रहा हू.

तभी पीछे से उसकी मा ने उसको आवाज़ दी, और वो चली गयी. उधर बारात आ गयी थी, और शादी की रस्मे शुरू हो गयी थी. इस पुर वक़्त मेरी नज़र करुणा पर ही थी. वो जहा जाती थी, मई उसको ही देख रहा था.

उसको भी इस बात का एहसास था, और वो भी मुझे नोटीस कर रही थी. फिर फेरो का वक़्त हो गया, और हम सब मंदिर की तरफ चल पड़े. मंदिर उसके घर से कोई 2 मिनिट की ही दूरी पर था. सब लोग पैदल चल कर मंदिर गये, और वाहा दूल्हा-दुल्हन के फेरे शुरू हो गये. फिर फेरो के दौरान वो मेरे पास आके खड़ी हो गयी. तभी वो बोली-

करुणा: क्या बात है, आप यहा शादी पे आए हो, या मुझे देखने आए हो?

अब मई अपने आप को रोक नही पा रहा था. मैने देखा की उसके घर वाले सब बिज़ी थे, सब का ध्यान दूल्हा-दुल्हन के फेरो की तरफ था. ये देख कर मैने करुणा का हाथ पकड़ा, और उसको मंदिर से बाहर खींच लाया.

मई उसको उसके घर वापस ले गया और वाहा जाके उसका हाथ छोढ़ दिया. तभी वो बोली-

करुणा: अर्रे मुझे वापस क्यू लेके आए हो? आहह.. मेरा हाथ दर्द करने लगा.

तभी मैने उसको बोला: ई लोवे योउ करुणा.

ये सुन कर वो खुश हो गयी, और हेस्ट हुए बोली-

करुणा: ई लोवे योउ टू रमेश.

ये सुनते ही मैने उसको पकड़ लिया और हम दोनो ने एक-दूसरे को किस करना शुरू कर दिया. वो भी मेरा पूरा-पूरा साथ दे रही थी. उसके कोमल-कोमल होंठो का मज़ा तो कमाल का था. मैने उसको किस करते हुए एक हाथ उसकी चोली मे डालना शुरू कर दिया. जब मैने उसकी चोली का हुक खोला, तो वो बोली-

करुणा: अभी नही, सारे मेहमान आए हुए है.

मई: सब फेरो मे बिज़ी है, और आधा घंटा लगने वाला है.

ये बोल कर हम दोनो की किस फिरसे शुरू हो गयी. मैने किस करते हुए ही उसको बाहो मे उठाया और अंदर रूम मे ले गया. हम दोनो ऐसे एक-दूसरे को किस कर रहे थे, जैसे बरसो से तड़प रहे हो.

मैने उसकी चोली का हुक खोला और उसको बेड पर लिटा दिया. उसने मुझे अपने उपर खींच लिया और मेरे होंठ चूस्टी रही. मैने उसकी चोली खींच कर निकाल दी, और अब वो पिंक ब्रा मे थी.

उसकी ब्रा मे उसके गोरे-गोरे चूचे जान-लेवा थे. मैने उसकी ब्रा मे से उसके एक चूचे को बाहर निकाला, और उसको चूसना शुरू कर दिया. वो मदहोशी मे आहें भरने लग गयी. मई उसके पिंक निपल को मज़े से चूस रहा था, और वो भी मुझे अपने चूचो मे दबा रही थी.

फिर मई चूचे चूस्टे हुए उसकी कमर पर आ गया, और उसकी नाभि मे जीभ डाल कर चाटने लगा. उसके बाद मैने अपना एक हाथ उसकी जाँघ पर रखा, और लहंगा उपर करने लगा. जैसे ही लहंगा उपर हुआ, उसकी गोरी-गोरी जांगे मेरे सामने आ गयी.

मैने उसकी जाँघो को चाटना शुरू कर दिया, और चाट-ते हुए उसकी पनटी तक आ गया. उसकी पनटी थोड़ी-थोड़ी गीली हुई पड़ी थी. फिर जैसे ही मैने उसकी छूट पर हाथ रखा, तो वो उछाल पड़ी.

मैने झट से उसके लहँगे और पनटी दोनो को निकाल दिया और उसको नंगी कर दिया. फिर मई खड़ा हुआ और अपने कपड़े उतारने लगा. उसको शरम आ रही थी, और वो अपने हाथो से अपने चूचो और छूट को च्छुपाने की कोशिश कर रही थी.

मेरा बड़ा सा लंड देख कर वो घबरा गयी और कहने लगी-

करुणा: ये कैसे जाएगा अंदर.

मई हस्सा और बोला-

मई: बस तुम देखती जाओ.

फिर मई उसके उपर आया और उसकी टांगे खोल दी. उसकी टांगे खोलते ही मेरे सामने स्वर्ग आ गया. उसके स्वर्ग पर एक भी बाल नही था. मैने अपना मूह उसकी छूट पर लगाया, और उसको चाटना शुरू कर दिया. वो आहें भर रही थी, और बोल रही थी-

करुणा: आ.. रमेश कुछ हो रहा है. आह..

वो मेरे सिर को अपनी छूट मे दबा रही थी और सिसकिया ले रही थी. मेरा लंड पूरा तन्ना हुआ था. मई उसकी टाँगो के बीचे आया, और उसकी छूट पर अपना लंड रगड़ने लगा. वो ज़ोर-ज़ोर से साँसे ले रही थी.

फिर मैने एक धक्का लगाया और उसको दर्द होने लगा. मैने अपने होंठो से उसके होंठ बंद कर दिए, और उसको जाकड़ लिया. उसने भी मुझे जाकड़ लिया और उसके हाथ मेरी पीठ पर थे. फिर मैने एक ज़ोर का धक्का मारा, और मेरा आधा लंड उसकी छूट के अंदर चला गया.

उसने अपने नाख़ून मेरी पीठ मे गाड़ दिए, और वो चिल्लाने की पूरी कोशिश कर रही थी. मैने अपने लंड पर दबाव बढ़ाया, और लंड सरकता हुआ अंदर चला गया. अब वो काँप रही थी, तो मई थोड़ी देर रुक गया. फिर जब उसका दर्द तोड़ा कम हुआ, तो मैने उसकी छूट मे धक्के मारने शुरू कर दिए.

थोड़ी देर मे उसको भी मज़ा आने लगा, और वो भी मेरा साथ देने लगी. अब हम दोनो चुदाई का मज़ा ले रहे थे, और साथ मे एक-दूसरे को चूम चाट रहे थे. 10 मिनिट छूट छुड़वाने के बाद वो झाड़ गयी. लेकिन मेरा काम होना अभी बाकी था.

मैने उसकी टांगे उठाई और ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा. वो आहहा आअहह की सिसकिया भरे जेया रही थी. फिर मई उसके चूचे चूस्टा हुआ उसकी छूट मे ही झाड़ गया. झड़ने के बाद मई उसके पास ही लेट गया. अब हम दोनो हाँफ रहे थे. फिर उसने मुझे पूछा-

करुणा: राजेश मैने अपना सब कुछ तुम्हे दे दिया है. मुझे छोढ़ तो नही दोगे ना?

मैने कहा: मेरी जान आज से तुम अपने आप को मेरी बीवी ही समझो. मई तुम्ही से शादी करूँगा.

ये सुन कर वो खुश हो गयी, और मेरे गले से लग गयी. फिर हम दोनो ने अपने-अपने कपड़े पहने, और वापस मंदिर मे पहुँच गये. रोशनी के फेरे पुर हो चुके थे, और अब विदाई का टाइम था.

हम सब एक बार फिरसे उनके घर गये, और वाहा से रोशनी की विदाई हो गयी. करुणा अगले 2 दिन तक वही थी, तो हमने दोनो दिन फिरसे चुदाई की. करुणा के लिए मेरी प्यास बढ़ती ही जेया रही थी. फिर करुणा अपने हॉस्टिल चली गयी.

अब मई थोड़े दिन बाद करुणा से उसके हॉस्टिल मे मिलने जाता था. हम वाहा घूमते-फिरते थे और सेक्स करते थे. थोड़े दिन बाद रोशनी अपने घर घर वालो से मिलने के लिए आई. वो मेरे घर मुझसे और मेरी फॅमिली से भी मिलने आई.

उस दिन मई और रोशनी एक होटेल मे गये और वाहा मैने उसकी चुदाई की. चुदाई के बाद हम दोनो लेते हुए थे, और तभी मेरे फोन पर करुणा का मेसेज आ गया. जैसे ही मेरे फोन की स्क्रीन मेसेज आने से ब्लिंक हुई, तो रोशनी ने उसपे करुणा का नाम पढ़ लिया.

इससे पहले मई कुछ कर पाता, रोशनी ने मेरा फोन अनलॉक किया और उसमे मेरी और करुणा की छत पढ़ ली. छत पढ़ कर रोशनी गुस्से मे आ गयी. फिर वो बोली-

रोशनी: ये क्या है? तुमने करुणा के साथ भी सेक्स किया. तुम तो मुझसे प्यार करते थे ना. इसका मतलब मेरे लिए तुम्हारा प्यार सिर्फ़ हवस थी?

रोशनी ये बोल कर रोने लग गयी. अब मेरी गांद फटत रही थी. तभी मेरे दिमाग़ मे एक तरकीब आई. फिर मैने रोशनी को बोला-

मई: ये सब मैने तुम्हारे लिए किया है.

रोशनी: मेरे लिए कैसे?

मई: मई तुम्हारी बेहन के साथ शादी करूँगा. क्यूकी वो पढ़ी लिखी है, तो मेरे घर वाले भी इस शादी के लिए मान जाएँगे. जब तुम्हारी शादी हुई, तो मई अकेला पद गया. मुझे सिर्फ़ तुम चाहिए थी, इसलिए मैने तुम्हारी बेहन को पटाया. अब उससे मिलने के बहाने तुम कभी भी मेरे घर आ सकती हो, और वाहा रह भी सकती हो.

मई: वैसे तुम मेरे घर मे रोज़-रोज़ नही आ सकती थी. अब जब तुम मेरे घर मे रहोगी, तो मेरी साली बन कर रहोगी. और मई तुम्हे जी भर कर प्यार कर पवँगा. इससे किसी को शक भी नही होगा. तो मैने ये सब तुम्हारा प्यार पाने के लिए किया.

रोशनी मेरी कहानी सुन कर कन्विन्स हो गयी. फिर 6 महीने बाद मेरी और करुणा की शादी हो गयी. अब मेरे दोनो हाथो मे लड्डू थे. करुणा जैसी सुंदर बीवी मिली थी मुझे. जिसके साथ मैने हर तरह से सेक्स करने का मज़ा लिया. करुणा ने भी मुझे खुश करने मे कोई कसर नही छोढ़ी थी.

दूसरी तरफ रोशनी भी जब चाहे मेरे घर आके रहने लगती थी. मई करुणा के सोने के बाद रोशनी के रूम मे जाता था, और उसको छोड़ कर मज़ा करता था. अब मेरी ज़िंदगी मे चुदाई की कोई कमी नही है.

मेरी घर वाली भी कमाल की है, और मेरी साली भी कमाल की है. मई दोनो को जब दिल चाहे छोड़ता हू, और अपने लंड की प्यास बुझता हू.

तो यहा मेरी कहानी ख़तम होती है. अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई हो, तो कहानी को लीके और कॉमेंट ज़रूर करे. और आप लोग भी किसी खूबसूरत सी लड़की को पटाओ, ताकि ज़ंदगी का मज़ा ले पाओ.

बाइ-बाइ आंड टके केर.
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