जवान लड़के ने कामवाली को मज़े से चोदा

ही दोस्तो, मेरा नाम कैलाश है. मैं उप का रहने वाला हू. मेरी उमर 22 साल है, और मैं पोस्ट ग्रॅजुयेशन कर रहा हू. मैं पिछले 4 साल से देल्ही में हू.

स्टडीस के लिए मेरे दाद ने मुझे 4 साल पहले देल्ही भेज दिया था. मेरी हाइट 5’7″ है, और मेरे लंड का साइज़ 6.5″ है. ये कहानी मेरे और मेरी नौकरानी के बीच हुए पहले सेक्स की है. तो चलिए कहानी शुरू करते है.

जब मैं नया-नया यहा आया था, तो हॉस्टिल में रह रहा था. होटेल का खाना अछा नही था, और दूसरे लड़को की वजह से मैं पढ़ाई पर कॉन्सेंट्रेट नही कर पा रहा था. जब मैने घर पर ये बात बताई, तो दाद ने मुझे अलग घर रेंट पे लेने को कहा.

क्यूकी हमारी फॅमिली फाइनॅन्षियली अची है, तो पैसो की कोई टेन्षन नही थी. फिर मैने एक अछा सा घर देख कर रेंट पर ले लिया. अब दोस्तो की प्राब्लम तो सॉल्व हो गयी थी, लेकिन खाने की प्राब्लम अभी भी थी.

फिर मों ने सजेस्ट किया, की वो किसी कांवली को उप से मेरे पास भेज देंगे. वो कांवली मेरे लिए खाना भी बना देगी, और घर की सॉफ-सफाई का काम भी कर देगी. मुझे मों का आइडिया अछा लगा, और मैने कांवली के लिए हामी भर दी.

फिर 2 दिन बाद वो कांवली मेरे घर पर आ गयी. अब कांवली के बारे में बता देता हू.

वो 40 साल की एक लेडी थी. रंग उसका गोरा था, और उसने सारी पहनी हुई थी. उसका फिगर 38″32″40″ था. उसका नाम सुषमा था. हॉर्नी नज़रो से देखो, तो वो पूरी माल थी. लेकिन उस वक़्त मेरे मॅन में उसके लिए ऐसा कुछ नही था.

फिर ऐसे ही दिन गुज़रते गये. सुषमा और मेरे बीच अची बॉनडिंग हो गयी थी. वो एक मा की तरह मेरी हर चीज़ का ध्यान रखती थी. मैं भी उसकी बहुत रेस्पेक्ट करता था. लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ, जिससे मेरी सुषमा के लिए नज़र बदल गयी.

एक रात 9 बजे के आस-पास मैं अपने रूम में था. मैं डिन्नर कर चुका था. वीकेंड था, तो अगले दिन मेरा ऑफ था. तभी मैने सोचा, की क्यू ना कोई धाकड़ सी पॉर्न वीडियो डाउनलोड की जाए, और उसको देख कर लंड हिलाया जाए.

फिर मैने एक ह्ड क्वालिटी की मिलफ पॉर्न वीडियो डाउनलोड की. मैने उसको देखना शुरू किया, और बेड पर उल्टा होके लेट गया. अभी मज़ा आ ही रहा था, की तभी सुषमा अंदर आ गयी. वो मेरे लिए दूध लेके आई थी.

क्यूकी मैं बेड पर उल्टा लेता हुआ था, तो उसको लंड दिखने की कोई टेन्षन नही थी. जब वो रूम से बाहर जाने लगी, तो उसका हाथ टेबल पर पड़े फ्लवर पोत को लग गया. इससे वो नीचे गिर गया.

फिर वो झट से नीचे बैठ गयी, और उसको उठाने लगी. बिल्कुल उसी वक़्त मेरी नज़र उसकी गहरी क्लीवेज पर पड़ी. मैं पहले से ही मूड में था. उस पर से इतने बड़े-बड़े बूब्स की ज़बरदस्त क्लीवेज के दर्शन हो गये.

फिर जब वो उठ कर जाने लगी, तब मेरी नज़र उसकी गांद पर पड़ी. क्या मस्त गांद थी उसकी. ये सब मैने पहली बार उसके बारे में सोचा था. उस रात से मेरी सुषमा पर नीयत आ गयी. अब मुझे उसको छोड़ कर अपनी प्यास बुझानी थी.

मैने प्लान बनाने शुरू कर दिए थे, की मैं कैसे उसको छोड़ सकता था. अब मैं किचन में उसके पास खड़ा हो जाता था. मैं कोशिश करता था, की उसके सेक्सी जिस्म को टच करू. कभी-कभी मैं उसके पीछे खड़ा होके अपना लंड उसकी गांद पर टच करता था.

उसने भी मुझे कभी कुछ नही कहा. मुझे लग रहा था, की अगर मैं उसको छोड़ने की ट्राइ करू, तो मेरा काम बन जाएगा. फिर एक दिन रात को 10 बजे का टाइम था. वो अपने रूम में सोई हुई थी.

मैं धीरे से उसके रूम में चला गया. उसने ऑरेंज रंग की सूती सारी पहनी हुई थी, और वो सीधी लेती थी. उसने बड़े-बड़े बूब्स मुझे अपने पास बुला रहे थे. फिर मैने अपने कपड़े उतार दिए, और बिल्कुल नंगा हो गया.

फिर मैं बिना कोई आवाज़ किए उसके उपर चढ़ गया. मा कसम उसके गाल और गर्दन क्या ज़बरदस्त लग रहे थे. फिर मैने उसके गाल पर किस करना शुरू कर दिया. मुझे इतना मज़ा आ रहा था, की मैं मदहोश हो गया, और उसके उपर ही लेट कर उसको किस करने लगा.

जैसे मेरा वेट सुषमा पर पड़ा, तो उसकी नींद खुल गयी. उसने हैरान होके मुझे देखा, और बोली-

सुषमा: आप ये क्या कर रहे हो बाबा?

मैं कुछ नही बोला. उसने फिरसे पूछा-

सुषमा: बाबा ये क्या कर रहे हो?

मैने कहा: सुषमा मैं तुम्हे प्यार करना चाहता हू.

और ये बोल कर मैने फिरसे उसको किस करना शुरू किया. इससे पहले वो बोल पाती, मैने उसकी होंठ अपने होंठो से चिपका दिए. मेरा पूरा वेट उसकी बॉडी पर था, तो वो हिल भी नही पा रही थी.

क्या स्वाद आ रहा था उसके होंठो को चूसने में, एक-दूं मज़ेदार. फिर जब मैने उसके होंठ छोढ़े, तो वो बोली-

सुषमा: बाबा ये ग़लत है. तुम्हे ये नही करना चाहिए.

मैं: आंटी आपने मेरा इतना ख़याल रखा है. बस ये एक और चीज़ कर दीजिए.

ये बोल कर मैं उसकी गर्दन को चूमने लग गया. अब वो आहें भर रही थी, और मुझे ऐसा ना करने को कह रही थी. लेकिन मैं अब कहा रुकने वाला था. मैने अपना मूह उसकी क्लीवेज मैं डाला, और चूमता रहा.

धीरे-धीरे वो भी गरम हो गयी, और अब बस वो आहें भर रही थी. फिर मैने उसकी सारी का पल्लू हटाया, और ब्लाउस नीचे करके एक बूब बाहर निकाल लिया. मैने उसके बूब को चूसना शुरू कर दिया, और उसने मेरे सिर के पीछे हाथ रख लिया.

मैं समझ गया था, की अब वो भी चूड़ने के लिए रेडी थी. फिर मैं उसके उपर से हटा, और उसको मैने अपनी तरफ खींच के अपने उपर ले आया. मैने उसको अपनी बाहो में कस्स लिया, और पीछे से उसके ब्लाउस के हुक खोल दिए.

फिर उसने अपनी ब्रा अपने आप खोल दी. क्या बड़े-बड़े बूब्स थे सुषमा के, एक-दूं मस्त. मैने उसके दोनो बूब्स को अपने हाथो में लिया, और चूसने लग गया. वो अब कामुक आहें भर रही थी.

फिर मैं वैसे ही सीधा बैठ गया, और सुषमा की टांगे मैने अपनी कमर के इर्द-गिर्द लपेट ली. हम दोनो ने फिरसे किस करना शुरू कर दिया. मैं उसके बूब्स भी मसल रहा था, और बीच-बीच में चूस भी रहा था.

फिर मैने सुषमा को फिरसे अपने नएचए लिटाया, और उसकी सारी और पेटिकोट उतार दिए. उसने पनटी नही पहनी थी, और क्या मस्त जांघे थी उसकी. मैने जल्दी से उसकी छूट पर मूह लगाया, और उसको कुत्ते की तरह चाटने लगा. तभी वो बोली-

सुषमा: नहीं बाबा मेरी छूट इस लायक नहीं है की आप उसको चाटो.

मैं बोला: आज से तू मेरी बीवी है सुषमा. मेरे उपर तेरा पूरा हक़ है.

ये बोल कर मैं उसकी छूट चाटने लगा, और वो भी मेरे सिर को अपनी छूट में दबाने लग गयी. कुछ देर में मैं उसकी टाँगो के बीच आया, और मैने ज़ोर का धक्का मार कर अपना लंड उसकी गरम छूट में डाल दिया.

उसकी छूट काफ़ी टाइट थी, क्यूकी वो काफ़ी टाइम से चूड़ी नही थी. लंड अंदर जाते ही उसको आहें चीखो में बदल गयी. मैं शुरू में ही उसको तेज़ी से छोड़ने लग गया. बड़ा मज़ा आ रहा था. 2-3 मिनिट में उसकी छूट अड्जस्ट हो गयी, और वो भी गांद हिला कर मेरा साथ देने लगी.

15 मिनिट हमारी ऐसे ही चुदाई चलती रही. फिर हम दोनो साथ में झाड़ गये. झड़ने के बाद मैं उसके उपर ही लेता रहा. फिर थोड़ी देर बाद वो बेड से उठी, और बातरूम में जाने लगी.

बातरूम जाते हुए मैने उसकी मटकती गांद देखी. उसकी गांद देख कर मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया, और मैं उसके पीछे बातरूम में चला गया. बातरूम में जाके मैने उसको पीछे से पकड़ लिया. तभी वो बोली-

सुषमा: क्या हुआ बाबा?

मैं: मुझे तेरी गांद मारनी है.

वो कुछ नही बोली, और मैने उसको घोड़ी बना लिया. फिर मैं नीचे बैठ गया, और उसकी गांद को छाता. क्या कोमल गांद थी उसको. फिर मैने अपना लंड उसकी गांद पर सेट किया, और ज़ोर के धक्के मार कर अंदर घुसा दिया.

मैने उसकी चीखो की ज़रा भी परवाह नही की. उसकी गांद से खून भी निकला, लेकिन मैं उसको छोड़ता रहा. 10 मिनिट धक्के मारने के बाद मैं उसकी गांद में ही झाड़ गया. फिर हम साथ में नहाए, और बेड पर वापस आ गये.

उस रात मैने उसको 2 बार और छोड़ा. वो आज तक मेरे घर में ही रहती है, और मैं जब चाहु उसको छोड़ता हू.
शादी से पहले ही मुझे तो छूट के मज़े मिल रहे है.

दोस्तो कहानी अची लगी हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करना.