नौकरानी चुद कर बनी अमीर घर की बहू

ही दोस्तो, मई हू नीलम. मई आज आपके सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आई हू. पिछले पार्ट मे आप सब ने पढ़ा था, की जिस अंकल के घर पर मई काम करती थी, मैने उनके साथ सेक्स किया, और वीडियो बना ली.

हमारी ज़बरदस्त वीडियो बनी थी. फिर घर जाके मैने उसका एक क्लिप कट किया, और अंकल को व्हातसपप पर भेज दिया. जैसे ही अंकल ने वो क्लिप देखा, उसी वक़्त मुझे उनका फोन आ गया. अब आयेज-

अंकल: ये क्या है नीलम?

मई: मई तो रंडी हू ना?

अंकल: नीलम ये तुम ठीक नही कर रही.

मई: अभी तो मैने कुछ किया ही नही है. जो किया है आपने किया है. अपनी बेटी की उमर की लड़की को छोड़ते हो, और मुझे कहते हो, की मई ठीक नही कर रही.

अंकल: क्या चाहिए क्या तुम्हे?

मई: वही जो मैने बोला था.

अंकल: मई तुमसे शादी नही कर सकता. लोग क्या कहेंगे?

मई: जो भी कहे, वो मुझे नही पता.

अंकल: मई हाथ जोड़ता हू. कोई और चीज़ माँग लो.

फिर मई सोच मे पद गयी. तभी मेरे दिमाग़ मे एक इदेआर आया. मई अंकल को बोली-

मई: आप मेरे पति नही बन सकते, लेकिन ससुर तो बन सकते है?

अंकल: मतलब?

मई: मतलब मेरी शादी अपने बेटे अंकित से करवा दो.

अंकल: तुम उसके लायक नही हो.

मई: ये लास्ट ऑप्षन है, नही तो हमारी वीडियो पूरी दुनिया देखेगी.

ये सुन कर अंकल चुप हो गये, और बोले-

अंकल: मई कुछ सोचता हू.

फिर अगले दिन अंकल ने मुझे मिलने बुलाया. मई उनके घर चली गयी. अंकल ने कहा-

अंकल: मेरा बेटा अगले हफ्ते आने वाला है. अगर तुम्हे उससे शादी करनी है, तो हमे मिल कर काम करना होगा.

मई: मुझे जो करना पड़ेगा मई करूँगी.

अंकल: अगर तुम उसको फुसला कर उसके साथ सेक्स कर लो, तो मई उसको माना लूँगा तुमसे शादी के लिए.

मई: ठीक है, ये तो मेरे बाए हाथ का खेल है.

फिर अगले हफ्ते अंकित घर आ गया. अंकित एक लल्लू टाइप का लड़का था. वो ना तो ज़्यादा हॅंडसम था, और ना ही स्मार्ट. ढीली थी बॉडी उसकी, और 5’8″ की हाइट थी. उसको देख कर तो मुझे लगा, की उसका बाप इतनी उमर मे भी उससे बढ़िया लगता था.

मुझे लगा, की अगर मेरी शादी अंकित से हो गयी, तो मेरी तो जवानी बर्बाद हो जाएगी. लेकिन फिर उसके घर का ख़याल मेरे मानना मे आया, जिसको मई अपना बनाना चाहती थी. फिर मैने उसको पटाने का काम शुरू किया.

मेरे जिस्म का जादू तो उस पर चलना ही था. मैने अब लेगिंग और त-शर्ट पहन-नि शुरू कर दी, ताकि वो जल्दी से मेरे जिस्म के जाल मे फ़ासस जाए. एक दिन मई उसका कमरा सॉफ कर रही थी. वो अभी सो रहा था. मैने जान-बूझ चीज़ो की आवाज़ करनी शुरू कर दी, जिससे वो उठ गया.

जैसे ही वो उठा, तो मैने अपना मूह दूसरी तरफ कर लिया. मेरी गांद एक-दूं क़ास्सी हुई थी, और उठते ही उसकी नज़र सीधा मेरी गांद पर पड़ी. मैने धीरे से उसकी तरफ देखा, तो उसकी नज़र मेरी गांद पर ही थी.

फिर मई जान-बूझ कर कुछ उठाने के बहाने नीचे बैठ गयी. इससे मेरे चूतड़ और कस्स गये, और बड़े होके दिखने लग गये. अब मेरी त-शर्ट पीछे से उपर उठी हुई थी, और मेरी सेक्सी कमर पर पनटी का स्ट्रॅप दिख रहा था. तभी मई उसकी तरफ मूड गयी.

मैने जब उसको देखा, तो वो मेरी तरफ ही देख रहा था. मैने उसको देख कर स्माइल की, और तभी वो बोला-

अंकित: कों हो आप?

मई: मई काम करती हू आपके घर मे.

अंकित: वाउ! आप लगती नही हो कांवली टाइप.

मई: सिर किस्मत किसी को कुछ भी बना सकती है.

अंकित: हा ये तो है.

मई देख रही थी, की मुझसे बात करते हुए भी अंकित की नज़र मेरी जाँघो पर ही थी. फिर ऐसे ही 2-3 दिन हम कुछ ना कुछ बाते करते रहे. फिर अंकल ने मुझे बताया, की अंकित के लॅपटॉप मे पॉर्न वीडियोस थी, और वो रात को उनको देखता था. मुझे इसका फ़ायदा उठना था.

अगले दिन जब अंकित पॉर्न वीडियो देख रहा था, मई जान-बूझ कर उसी वक़्त उसके रूम मे दूध देने चली गयी. अंकित ने अपना लंड बाहर निकाला हुआ था, और उसको हिला रहा था. उसका लंड 6 इंच का था, जो उसके बाप के लंड से एक इंच कम था. मुझे अपने सामने देख कर वो दर्र गया, और उसने अपना लॅपटॉप बंद कर दिया.

उसका लॅपटॉप बंद नही हुआ, और उसमे से आवाज़े आती रही. मैने उसको एक स्माइल पास की, और वाहा से दूध रख कर बाहर आ गयी. मई अब किचन मे काम कर रही थी. तभी अंकित पीछे से आया, और बोला-

अंकित: नीलम पापा को मत बताना.

मई: क्या मत बताना?

अंकित: वही जो तुमने देखा है मेरे रूम मे.

मई: मैने कुछ नही देखा.

ये बोल कर मैने अंकित को आँख मार दी, और वो खुश हो गया. वो समझ गया था, की मई उसकी बात किसी को नही बतौँगी. फिर अगले दिन वो हुआ, जिसका मुझे इंतेज़ार था. मई उसके रूम मे सफाई कर रही थी. आज वो जागा हुआ था. मैने ब्लू लेगिंग और ब्लॅक त-शर्ट पहनी हुई थी.

वो मुझसे बाते कर रहा था, और बातो-बातो मे उसने मुझसे पूछा-

अंकित: नीलम तुम्हारा कोई बाय्फ्रेंड है?

मई: नही.

अंकित: क्यू?

मई: कोई ढंग का मिला ही नही आज तक.

अंकित: कैसा लड़का चाहिए तुम्हे?

मई: पता नही, जब मिलेगा तब पता चलेगा.

फिर अंकित उठ कर मेरे पीछे आ गया. मई जानती थी, की वो मेरे पीछे खड़ा था, लेकिन मई अंजान बनी रही. पीछे आके वो बोला-

अंकित: मेरे जैसा चलेगा?

मई अचानक से घूम गयी, और मैने डरने का नाटक किया. मैने जान-बूझ कर तेज़-तेज़ साँसे लेना शुरू कर दिया, और अंकित की तरफ भोली बन कर देखने लगी. अंकित मेरे और पास आया, और उसने मेरी कमर मे हाथ डाल कर मुझे पकड़ लिया.

फिर उसने अपने होंठ मेरे होंठो के साथ चिपका दिए. मैने भी उसको नही रोका, क्यूकी मई तो चाहती थी की वो ऐसा करे. फिर 2 मिनिट तक हमारी किस चली, और उसके बाद मई उससे डोर हो गयी. ये देख कर अंकित बोला-

अंकित: क्या हुआ?

मई: ये ग़लत है. मई अपने पति के अलावा किसी और के साथ कुछ नही करूँगी.

अंकित: और अगर मई तुम्हारा पति बन जौ तो?

ये लगा तीर निशाने पर.

मई: मई इस घर मे कांवली हू. और आप मालिक. ये रिश्ता नही बन सकता हमारा. समाज को ये मंज़ूर नही होगा.

अंकित: मुझे समाज का दर्र नही है. तुम बताओ, करोगी मुझसे शादी?

मैने ये सुन कर अपना सिर झुका दिया. अंकित मेरी हा को समझ गया, और मेरे पास आके मेरे होंठ चूसने लग गया. मई भी उसका साथ दे रही थी. फिर उसने मेरी त-शर्ट उतार दी, और मैने उसकी त-शर्ट उतारी दी. उसने मेरी गर्दन, कंधो, और क्लीवेज को चूमना शुरू किया, और मई आहें भरने लगी.

फिर वो मुझे बेड पर ले गया, और लेटने से पहले मैने अपनी ब्रा निकाल दी. मेरे बूब्स को देख कर वो पागल को गया, और मेरे बूब्स को मसल-मसल कर चूसने लगा. मई उसको अपनी आगोश मे लेके उत्तेजित कर रही थी. वो काट-काट कर मेरे निपल्स को चूस रहा था.

फिर वो मेरे बूब्स चूस्टे हुए, मेरी कमर पर गया. वो मेरी कमर को चूमने लगा, और मई ज़ोर की आहें ले रही थी. फिर उसने मेरी लेगिंग उतारी, और मेरी जाँघो को मसालने लगा. मसालने के बाद उसने मेरी जाँघो को चूमना शुरू किया.

उसने अपने भी कपड़े उतार दिए, और उसका 6 इंच का लंड बाहर आ गया. फिर उसने मेरी पनटी उतारी, और मेरी छूट मे मूह डाल लिया. वो मेरी छूट को चूमने-चाटने लग गया. फिर उसने मेरी छूट मे उंगली डाली, और मई ज़ोर से चीख पड़ी.

मई जान-बूझ कर चीखी थी, ताकि उसको लगे, की मई वर्जिन हू. फिर वो मेरी जाँघो के बीच आ गया, और अपना लंड मेरी छूट पर सेट कर लिया. मैने उसको बोला-

मई: ज़रा धीरे करना. तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है.

लड़को को ये सुनना बहुत अछा लगता है, इसलिए मैने ये बोला उसको. फिर उसने एक ज़ोर का धक्का मारा, जिससे उसका आधा लंड मेरी छूट मे चला गया. मई चीखे मारने लगी, और ज़्यादा दर्द ना होते हुए भी आक्टिंग करने लगी.

उसने मेरे मूह को अपने मूह से बंद कर लिया, और नीचे से धक्के देने लगा. उसका पूरा लंड अब मेरी छूट मे था. अब मुझे चुदाई करनी थी, और मई नीचे से गांद हिलाने लगी. वो समझ गया, की अब मेरा दर्द कम हो चुका था, तो वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगा.

मैने उसके सिर को अपनी आगोश मे ले लिया, और उसको अपने होंठो और बूब्स का मज़ा देने लगी. 10 मिनिट की चुदाई के बाद वो झाड़ गया. मई अभी नही झड़ी थी, लेकिन फिर भी मैने उसको कहा की मुझे बहुत मज़ा आया. फिर अंकित ने घर पर मेरी और उसकी शादी की बात की.

अंकल को तो मान-ना ही था, लेकिन आंटी नही मान रही थी. फिर अंकल ने आंटी को समझाया, और उन्हे मेरी और अंकित की शादी के लिए माना लिया. अब मेरी और अंकित की शादी हो चुकी थी, और मेरा उस घर को अपना बनाने का सपना सच हो चुका था.

मैने अंकल की भी नाराज़गी डोर कर दी, और अपनी छूट को उनके लंड से सॅटिस्फाइ करती रही. अब मई अपने पति से फॉरमॅलिटी के लिए चुड्ती थी, और ससुर से संतुष्टि के लिए.

तो ये थी मेरी कहानी. अगर आपको कहानी अची लगे, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करना.