नटू काका ने की दया की मस्त चूत चुदाई

ही दोस्तों, मैं हू अरमान. मैं अपनी कहानी का लास्ट पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. उमीद है आप सब ने पिछला पार्ट पढ़ा होगा. अगर नही पढ़ा, तो जाके पहले पिछला पार्ट ज़रूर पढ़े.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की वासना से भारी दया अपनी छूट शांत करवाने के लिए नटू काका के पास जाती है. फिर वो नटू काका को अपने साथ सेक्स करने के लिए तैयार कर लेती है. कुछ देर वो किस करते है, और उसके बाद दया नटू काका का लंड पकड़ कर घुटनो पर बैठी होती है. अब आयेज बढ़ते है.

दया के हाथ में नटू काका का लंड होता है, और वो लंड को हिलाते हुए नटू की तरफ कामुकता भारी निगाहों से देख रही होती है. फिर वो अपनी जीभ मूह से निकालती है, और उसको नटू के लंड पर फेरने लगती है. इससे नटू काका को मज़ा आने लगता है.

2-3 मिनिट चाटने के बाद दया उसके लंड को अपने मूह में ले लेती है. जैसे ही दया के मूह की गर्मी को नटू काका अपने लंड पर महसूस करता है, उसकी आहह निकल जाती है, और उसकी आँखें बंद हो जाती है. वो आँखें बंद करके कहता है-

नटू काका: आ दया भाभी, ये एहसास कमाल का है.

फिर दया अपना मूह आयेज-पीछे करके उसके लंड को चूसना शुरू कर देती है. नटू को बहुत मज़ा आता है, और वो अपना हाथ दया के सर पर रख लेता है. फिर वो धीरे-धीरे अपनी कमर आयेज-पीछे करनी शुरू कर देता है, और आ आ की आवाज़े करता है.

दया अब ज़ोर-ज़ोर से किसी रंडी की तरह उसका लंड चूसने लगती है. नटू अब पूरा गरम हो जाता है, और वो भी दया के मूह में ज़ोर के धक्के देने लगता है. दया के मूह से थूक बह रही होती है.

अब नटू का लंड पूरा चिकना हो चुका था. दया लंड को मूह से बाहर निकालती है, और खड़ी हो जाती है. नटू सीधा दया के ब्लाउस पर हाथ डालता है, और ब्लाउस और ब्रा निकाल देता है. अब दया के गोरे बूब्स उसके सामने थे.

दया के बूब्स देखते ही नटू की आँखें बड़ी हो जाती है. वो जानवर की तरह दया के बूब्स पर झटपट पड़ता है, और उन्हे चूसने लगता है. दया उसके बूब्स चूसने से मदहोश हो जाती है. नटू उसके निपल्स को खींच-खींच कर चूस रहा होता है.

कुछ देर ऐसे ही चूसने के बाद वो दया को दूसरी तरफ घुमा लेता है. फिर वो उसको पीछे से पकड़ कर उसकी सारी खोल देता है. अब दया सिर्फ़ पेटिकोट में नटू के सामने थी. वो पीछे से उसका पेटिकोट उठता है, और घुटनो के बाल बैठ कर पनटी के उपर से उसकी गांद में अपना मूह डाल लेता है.

दया जब उसके मूह को अपनी गांद में महसूस करती है, तो उसको मज़ा आता है. वो अब अपनी गांद हिलने लगती है. नटू दया का पेटिकोट और पनटी एक साथ उतार देता है. अब दया की नंगी गांद उसके सामने होती है. वो गांद देख कर बहुत उत्तेजित हो जाता है, और एक ज़ोर का झापड़ दया के चूतड़ पर मारता है.

इससे दया की आ निकल जाती है, और उसके चूतड़ पर लाल रंग का निशान बन जाता है. फिर नटू उसकी नंगी गांद में मूह डालता है, और उसकी छूट में जीभ फिरने लगता है. दया गांद हिला-हिला कर अपनी गांद और छूट चटवा रही होती है.

कुछ देर ऐसा ही करने के बाद नटू खड़ा होता है, और अपने बाकी के कपड़े उतार कर बिल्कुल नंगा हो जाता है. फिर वो दया को तोड़ा और नीचे झुकता है, और अपना लंड हाथ में लेके उसकी छूट पर सेट करता है. जैसे ही लंड छूट के मूह पर टिकता है, नटू ज़ोर के धक्के से पूरा लंड उसकी छूट में घुसा देता है.

दया की चीख निकलती है, और नटू उसकी छूट छोड़नी शुरू कर देता है. शुरू-शुरू में दया को तोड़ा दर्द होता है, लेकिन फिर उसको मज़ा आना शुरू हो जाता है. नटू फुल स्पीड पर लंड उसकी छूट में अंदर-बाहर करना शुरू कर देता है.

नटू की जांघें और दया के छूतदों के टकराने से ठप-ठप की आवाज़ आ रही होती है. फिर नटू छूट छोड़ते हुए आयेज झुकता है, और दया के बूब्स पकड़ कर मसालने लगता है. साथ में वो उसकी पीठ पर किस करने लगता है.

कुछ देर दोनो ऐसे ही चुदाई करते है. फिर दया नटू को कहती है की वो घोड़ी बनी हुई तक गयी थी. ये सुन कर नटू लंड उसकी छूट में से बाहर निकालता है, और उसको बेड पर ले जाता है. दया बेड पर सीधी लेट जाती है, और अपनी टांगे खोल कर नटू काका का स्वागत करती है.

नटू काका फिर दया के उपर आता है, और उसके होंठो से अपने होंठ जोड़ देता है. वो पागलों की तरह उसके होंठ चूसने लगता है, और बूब्स दबाने लगता है. नीचे से उसका लंड दया की गीली छूट पर टकरा रहा होता है.

दया से बर्दाश्त नही होता, और वो नटू का लंड पकड़ कर अपनी छूट पर रखती है. नटू काका उसी वक़्त उसकी छूट में झटका मार कर पूरा लंड घुसा देता है. दया की आ निकलती है, और नटू उसके होंठ चूस्टे हुए उसको छोड़ना शुरू कर देता है. वो अपनी टांगे उसकी कमर पर लपेट लेती है, और नटू धक्के मारता जाता है.

दया: आ आ आ, ज़ोर से नटू, और ज़ोर से. बस इतना ही दूं लगते थे क्या अपनी बीवी को छोड़ते हुए.

नटू और ज़ोर के धक्के मारने लगता है, और दया के बूब्स मसालने लगता है. दया की छूट नदी की तरह पानी छ्चोढ़ रही होती है, और छाप-छाप की आवाज़े आ रही थी. अब नटू झड़ने वाला था. उसने दया को पूछा-

नटू: मेरा निकालने वाला है, कहा निकालु.

दया: नटू काका अंदर ही निकाल दो, बस करते रहो. रुकना मत अब.

नटू काका कुछ और धक्के मारता है, और अपना माल दया की छूट में निकाल देता है. दया को उसका गरम-गरम माल अपनी छूट में महसूस होता है, और उसको चरम सुख की प्राप्ति होती है.

फिर कुछ देर दोनो लेते रहते है, और फिर दया बेड से उतार कर अपनी सारी समेत-ती है, और रूम से बाहर अपने रूम की तरफ चली जाती है.

तो दोस्तों यहा पर कहानी ख़तम होती है. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ भी शेर ज़रूर करे. कहानी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद.