भाई ने बहन को सेक्स के लिए मनाया

ही दोस्तों, मैं अरविंद आज आप सब के सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. उमीद है आपने पिछले पार्ट्स को मिस नही किया होगा. अगर आपने पिछले पार्ट्स मिस किए है, तो जल्दी से जाके उनको पढ़िए. क्यूंकी उनको मिस करना आप अफोर्ड नही कर सकते.

पिछले पार्ट्स में आपने पढ़ा, की कैसे हेमंत ने मेरी दीदी को सेक्स के मज़े का चस्का लगा दिया. अब दीदी दोबारा से च्चत पर वही मज़ा लेने हेमंत के पास गयी. और हेमंत दीदी को चाटने चूसने लगा. अब हेमंत दीदी के पीछे था, और उनकी जीन्स में हाथ डाल चुका था. उसके आयेज की कहानी की तरफ बढ़ते है.

हेमंत ने अपना हाथ सीधे पनटी के उपर से दीदी की छूट पर रखा. फिर वो उनकी छूट को मसालने लग गया. दीदी मज़े से आहह आ कर रही थी, और मदहोश होती जेया रही थी. अब जितनी रेकॉर्डिंग हो चुकी थी, उतनी काफ़ी थी. सो इससे पहले की वो लोग आयेज बढ़ते, मैने दीदी के फोन पर मेसेज कर दिया-

मेसेज: दीदी आप कहा हो, आपको बुला रहे है. आप उपर हो क्या?

दीदी ने जेब से फोन निकाला, और मेसेज देख कर हेमंत से बोली-

दीदी: अर्रे मुझे नीचे ढूँढ रहे है. कही उपर ना आ जाए कोई. मुझे जाना होगा.

हेमंत: अर्रे ये क्या बात हुई?

दीदी: फासने से अछा है की ये सब हम किसी और दिन कर ले. मैं करती हू मेसेज तुम्हे.

और ये बोलते हुए दीदी नीचे चली गयी. मैं वही च्छूपा रहा जब तक की हेमंत वाहा से चला नही गया. फिर जब हेमंत नीचे गया, तब मैं बाहर निकला. मैने कॅमरा निकाला, और उसकी रेकॉर्डिंग को अपने फोन में ट्रान्स्फर कर लिया.

अब मेरा खेल शुरू होने वाला था. जैसे ही मैं नीचे पहुँचा, दीदी ने मुझसे पूछा-

दीदी: मम्मी ने तो कहा की मुझे नही ढूँढ रहे है. तो तूने मेसेज क्यूँ किया.

मैं: आओ मेरे रूम में बताता हू.

फिर मैं अपने रूम की तरफ चल पड़ा. दीदी भी मेरे पीछे-पीछे चल पड़ी. मेरा रूम सब रूम्स के एंड में था, तो वाहा मेरे अलावा सिर्फ़ मा आती थी, वो भी जब मुझे जगाना होता था तो. मैने रूम का दरवाज़ा खोला, और दरवाज़े की साइड में खड़ा होके दीदी को अंदर जाने दिया. फिर मैने दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया.

दीदी जाके बेड पर बैठी, और बोली: अब बता क्यूँ बुलाया?

मैं: मुझे आपको एक चीज़ दिखानी है, जो आपको बहुत पसंद आएगी.

दीदी: क्या?

मैं: ये.

और ये बोल कर मैने पॉकेट से फोन बाहर निकाला, और दीदी और हेमंत की वीडियो प्ले कर दी. जैसे ही दीदी ने वीडियो देखी, दीदी के होश उडद गये. जैसे किसी की जान निकल गयी होती है, वैसी ही शकल दीदी की नज़र आ रही थी.

फिर दीदी बोली: अरविंद ये सही नही है. मैने ऐसा कुछ नही किया है.

मैं: दीदी अगर नही किया है, तो तुम घबरा क्यूँ रही हो?

दीदी: मैं कहा घबरा रही हू.

मैं: चलो ठीक है, मैं ये वीडियो मम्मी-पापा को दिखा देता हू. आप उनको एक्सप्लेन करते रहना.

ये बोल कर मैं उठ कर जाने कहा. तभी दीदी उठी, और मेरा हाथ पकड़ लिया. फिर वो बोली-

दीदी: अरविंद ऐसा मत करना. मेरी पूरी रेप्युटेशन खराब हो जाएगी. तू बोल तुझे क्या चाहिए ये बात किसी को ना बताने के लिए?

मैं: दीदी मुझे वही चाहिए जो आप हेमंत को दे रही थी.

दीदी को गुस्सा आ गया, और वो बोली: अरविंद! मैं तेरी बेहन हू. तुम्हारे साथ मैं ऐसा कुछ नही कर सकती.

मैं: फिर मैं भी भाई का फ़र्ज़ अदा करते हुए ये वीडियो घर वालो को दिखा देता हू. पराए मर्द को मज़ा दे सकती हो, भाई चाहे भूखा मॅर जाए.

दीदी: अरविंद तू क्या बोल रहा है? तू ऐसा सोचता है मेरे बारे में?

मैं: दीदी सोचता तो नही हू, लेकिन आपका ये सेक्सी फिगर मुझे सोचने पे मजबूर कर देता है.

दीदी: प्लीज़ भाई ऐसा ना कर.

मैं: देखो दीदी मुझे किसी फालतू बहस में नही पड़ना. मैने आपको बता दिया है मुझे क्या चाहिए. अब अगर आपकी हा है, तो ये वीडियो मेरे पास ही रहेगी. अगर ना है, तो ये वीडियो घर वालो के पास पहुँच जाएगी.

अब दीदी कुछ नही बोल रही थी, और मेरी तरफ देखे जेया रही थी. मैने उनकी चुप्पी को उनकी हा समझा, और आयेज बढ़ कर उनको हग कर लिया. वाह! अपनी बेहन के बूब्स जब आपकी चेस्ट पर लगते है, तो ग़ज़ब की फीलिंग आती है. दीदी ने कोई रिक्षन नही दिया.

फिर मैने अपने होंठ दीदी के होंठो के साथ जोड़ दिए, और उनके होंठ चूसने लगा गया. बड़ा स्वाद टेस्ट था दीदी के लिप्स का. लेकिन दीदी अभी भी मेरा साथ नही दे रही थी. फिर मैं पीछे हुआ और दीदी को बोला-

मैं: देखिए दीदी, आप हेमंत के साथ मज़ा ले रही थी, तो मेरे साथ भी ले सकती हो. इसमे कुछ ग़लत नही है. भाई-बेहन से पहले मैं एक लड़का और आप एक लड़की हो. और इससे घर की इज़्ज़त भी घर में ही रहेगी, किसी पड़ोसी तक नही जाएगी.

मैं: अब अगर आप मेरा साथ डोगी तो मैं आपको प्यार करूँगा. अगर आपके मेरा साथ नही दिया, तो मैं भी कुछ नही करूँगा, और वीडियो घर वालो को दिखा दूँगा.

मैने दीदी के पास कोई ऑप्षन नही छ्चोढा था. फिर मैं आयेज बढ़ा, और दोबारा दीदी के होंठो के साथ अपने होंठ जोड़ दिए. इस बार दीदी भी किस में हल्का-हल्का साथ देने लगी. मेरे लिए दीदी को सिड्यूस करने के लिए इतना काफ़ी था. होंठ चूस्टे हुए मैने अपनी जीभ दीदी के मूह में डाल दी, और घूमने लगा.

फिर दीदी भी जीभ के साथ जीभ मिलने लगी. धीरे-धीरे उनकी किस भी आचे से होनी शुरू हो गयी थी. मैं किस करते हुए अपने हाथ दीदी की गांद पर ले गया. फिर मैने उनके चूतड़ दबाए. चूतड़ दबाते ही दीदी के मूह में से उम्मह की आवाज़ निकली, और उनकी किस वाइल्ड हो गयी. मैं समझ गया था की दीदी पिघल रही थी. फिर मैने किस तोड़ी, और उनकी गर्दन चूमने लगा.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको ये पार्ट पसंद आया हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ शेर ज़रूर करे. कहानी पढ़ने के लिए आप सब का धन्यवाद.