मम्मी और अंकल का रोमॅन्स

आशा करता हू अपने पहले 3 पार्ट्स ज़रूर पढ़े होंगे. तो चलिए आयेज बढ़ते है.

फिर अंकल को मैं अपने रूम में ले आया, और उन्हे समझने लगा.

मैं: आपके अंदर कितनी हवस भारी हुई है. आपका खुद पर ज़रा भी कंट्रोल नही है.

अंकल: क्या करू! जिसने ज़िंदगी भर सूखा चावल ही खाया हो, वो बिरयानी देख कर तडपेगा ही ना.

मैं: मतलब?

फिर अंकल ने मुझे उनकी फॅमिली की फोटोस दिखाई, जिसमे उनकी बीवी और बच्चो की भी तस्वीरें थी. ऐसा बोलना तो नही चाहिए, पर उनकी वाइफ दिखने में बिल्कुल भी खूबसूरत नही थी. इसके बावजूद उनके 5 बच्चे थे. तब मैं समझा की अंकल मा के पीछे इतने पागल क्यूँ हुए थे.

अंकल: अब समझे, की इतनी खूबसूरत औरत को पेलने के लिए मैं इतना बेताब क्यूँ हू?

मैं: ह्म. ठीक है. कल से जो करना वो कर लेना, अब सो जाइए.

फिर भी अंकल को चैन नही आया. अंकल बाल्कनी में चले गये जहा मा की कुछ उंदरवेार्स सूखने को रखी हुई थी. उसमे से एक अंडरवेर अंकल बेडरूम में लेकर आए और अपनी नाक पर उसे रगड़ते हुए अपना लंड हिलने लगे.

अंकल का मूड बनता ही जेया रहा था. कुछ देर बाद अंकल ने अपने फोन में मा की तस्वीरें खोली, और मा की अंडरवेर को अपने लंड पर रख के उसे ज़ोर-ज़ोर से हिला कर मा का नाम लेने लगे.

अंकल: आआहह! क्या दिखती है साली. ऊऊहह.

काफ़ी देर तक हिलने के बाद अंकल ने मा के अंडरवेर में ही अपना पानी निकाल दिया और आराम से सो गये. अगले दिन सुबह पापा लिविंग रूम में अपने निकालने की तायारी करने लगे, और मा किचन में सब के लिए नाश्ता बना रही थी. पापा की ट्रेन रात को 11 बजे की थी. इसीलिए वो पूरा दिन घर पर ही रहने वाले थे. लेकिन अंकल का सबर अब किसी भी वक़्त टूट सकता था. उठने के बाद अंकल ने मुझसे कहा-

अंकल: तुम अपने बाप पर नज़र रखना. मुझसे अब रहा नही जाता.

उनकी बात मान कर मैं किचन और लिविंग रूम के बीच जेया कर खड़ा हो गया, ताकि पापा पर नज़र रख साकु. पापा अपने पॅकिंग में बिज़ी थे. इतने में अंकल किचन में घुस गये.

मा नाश्ता बना रही थी. अंकल मा के ठीक पीछे खड़े हो कर उनकी सेक्सी बॅकसाइड को घूर रहे थे. मा ने ग्रीन कलर का गाउन पहना हुआ था, और उनको काफ़ी पसीना आ रहा था, जिसके कारण वो बहुत ही सेक्सी दिख रही थी.

फिर अंकल ने मा से एक ग्लास पानी माँगा, और जैसे ही मा पानी लेने के लिए पीछे मूडी, अंकल ने झट से उन्हे पीछे से कस्स कर पकड़ लिया. मा एक-दूं शॉक हो गयी.

अंकल ने सीधा गाउन के उपर से ही मा की छूट में उंगली डालनी शुरू की. सच काहु तो ऐसा लग रहा था जैसे मा को भी मज़ा आ रहा हो. लेकिन वो पापा की वजह से घबराई हुई थी.

फिर अचानक अंकल अपने एक हाथ से मा की चुचियो को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगे. धीरे-धीरे मा भी अपने होश खो रही थी. मेरा भी ये सीन देख कर टाइट हो गया.

अंकल ने मा को पीछे से एक-दूं कस्स के पकड़ा हुआ था, जिस वजह से उनका लंड मा की गांद को लग रहा था.

अंकल अब धीरे अपना लंड मा की गांद से रगड़ते हुए उनके कंधो को चाट रहे थे. ओह क्या सीन था यार, सच में. मा अंकल को रोकने की कोशिश कर रही थी, लेकिन शायद उन्हे भी अब मज़ा आने लगा था. कुछ देर बाद पापा उठ कर किचन की तरफ आने लगे.

मैं तोड़ा दर्र गया और अंकल को पता चले इसलिए ज़ोर-ज़ोर से खाँसने लगा. मेरी आवाज़ सुनते ही अंकल मा को छ्चोढ़ कर बेसिन में हाथ ढोने की आक्टिंग करने लगे.

पापा किचन में आए, और पानी लेने लगे. अंकल पूरा समय उन्हे गुस्से से देख रहे थे. मा तोड़ा दररी हुई थी. पापा पानी पी कर वापस बाहर आए, जिसके बाद अंकल मा के एक-दूं नज़दीक जेया कर उन्हे तर्की निगाहों से घूर्ने लगे. फिर अंकल वापस बाहर आ गये.

अंकल: यार तुम्हारा बाप मुझे कुछ करने भी देगा या नही?!

फिर दोपहर को खाना खाने के बाद पापा आराम करने बेडरूम में चले गये.

अंकल मा के उपर नज़र टिकाए हुए थे, की कब उन्हे कोई मौका मिले, और वो कुछ कर सके. फिर उन्हे वो मौका मिल गया. मा बातरूम की तरफ जाने लगी, और ये देख कर अंकल भी झट से उनका पीछा करने लगे.

मा ने जैसे ही बातरूम का दरवाज़ा खोला, और अंदर जाने लगी, अंकल ने झट से उन्हे धक्का दिया और खुद भी अंदर घुस गये. अंदर जाते ही अंकल ने दरवाज़ा बंद कर लिया, और मा को अपनी तरफ खीचा. फिर दोनो ने एक-दूसरे की आँखों में आँखें डाल ली. मा कहने लगी-

मा: प्लीज़, मेरे पति घर पर है. उन्होने देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी.

अंकल: मेरा बस चले तो आपके पति के सामने ही आपको पेल डू.

इतना बोल कर अंकल ने सीधा मा को किस करना शुरू किया. अंकल मा के मूह में अपनी ज़ुबान तूस-तूस कर उन्हे किस करने लगे. मा भी अपनी आँखें बंद करके अंकल का साथ देने लगी. अंकल मा की जीभ खींच-खींच कर चूसने लगे. दोनो का मूह एक दूसरे की थूक से पूरी तरह गीला हो चुका था.

फिर अंकल ने मा को दीवार से लगाया और अपनी लूँगी उतार कर अपना बड़ा सा काला लंड बाहर निकाला. मा तो उनका लंड देखती ही रह गयी. अंकल एक-दूं से मा के नज़दीक गये और उनका गाउन धीरे-धीरे उपर उठाने लगे. मा भी उनकी आँखों में आँखें डाल कर उन्हे देखती रह गयी.

अंकल ने मा का गाउन उनकी चुचियों तक लाया, और खुद नीचे बैठ कर मा की छूट पे अपनी नाक रग़ाद कर उसे सूंघने लगे. उनकी हवस देख मा भी शॉक थी, की आख़िर किसी में इतनी हवस कैसे हो सकती है. अंकल एक-दूं मज़े से मा की छूट को सूंघ रहे थे. फिर अंकल मा की अंडरवेर उतारने लगे, लेकिन मा ने उन्हे रोक दिया.

अंकल ने फिर मा की तरफ देखा और वापस खड़े हो कर उन्हे किस करने लगे. कुछ देर बाद अंकल ने मा के दोनो पैरों को नज़दीक ला कर अपना लंड उनके बीच फसाया और धीरे-धीरे अपना लंड मा की छूट पर रगड़ने लगे. मा भी उनका तोड़ा-तोड़ा साथ दे रही थे.

फिर अंकल मा की चुचियो को ज़ोर-ज़ोर्से दबा कर उनका गला चाटने लगे. मा तो जैसे बहाल हो गयी थी.

मा: सस्स्सस्स… उउउफफफफफ्फ़…

मा की आवाज़े सुन कर अंकल और ज़ोर-ज़ोर से अपना लंड रगड़ने लगे. उन दोनो के बदन टकराने की आवाज़ वॉशरूम के बाहर तक आने लगी. फिर अचानक से आवाज़े और भी ज़्यादा तेज़ हो गयी. अंकल और मा की मोनिंग बाहर तक सुनाई देने लगी. अंकल अपने पुर होश खो कर मा की छूट पर अपना लंड ऐसे रगड़ने लगे, जैसे की वो उन्हे छोड़ रहे हो. अचानक से अंकल धीमी आवाज़ में चिल्लाए-

अंकल: ऊओ… आआहह…[झाड़ दिया]

अंकल का अब पानी निकल चुका था, जो उन्होने मा के पेट पर उड़ा दिया और खुद दीवार से लग कर नीचे बैठ गये.

अंकल: सच कहता हू भाभी जी, मेरा मॅन आप से कभी नही भर सकता.

इतना बोल कर अंकल ने झट से मा को किस दी, और अपनी लूँगी पहन कर बाहर आ गये. मैं भी मा को शक ना हो इसलिए बेडरूम में जेया कर सोने की आक्टिंग करने लगा.

इसके आयेज का पार्ट जल्दी ही डालने की कोशिश करूँगा.