स्टोरी चुदसी मा की अंकल के साथ सुहाग रात की

ही गाइस, पिछली स्टोरी में आपने पढ़ा की कैसे मेरी मम्मी अंकल के साथ सेक्स करती है, और अपने चरम सुख का आनंद लेती है. अगर आपने पिछली स्टोरी नही पढ़ी हो, तो ज़रूर पढ़िएगा. अब आयेज.

अंकल रात को डिन्नर के टाइम पे आते है, और एक-दूं हस्स-हस्स के मम्मी से बात कर रहे थे. बीच-बीच में प्यार से शोल्डर से धक्का दे रहे थे, और मम्मी भी बस हस्स रही थी. डिन्नर के बाद मैं अपने रूम में चला गया, और मम्मी ने अंकल को हॉल में रुकने को बोला.

थोड़ी देर बाद मम्मी अपने कमरे से निकली लाल सारी में, जो उन्होने शादी के टाइम पे पहनी थी. क्यूंकी मम्मी घर में हमेशा सलवार-सूट में रहती थी, तो उनके पास नये ब्लाउस नही थे, और जो पुराने थे, वो काफ़ी टाइट हो गये थे. और उनके बूब्स बाहर आने के लिए तड़प रहे थे.

मम्मी ने झुमके, मंगलसूत्रा, कंगन सब पहना हुआ था, जैसे कोई नयी दुल्हन हो. अंकल तो मम्मी को देखते ही पागल हो गये. 5 मिनिट तक तो अंकल बस मम्मी को निहारते ही रहे उपर से नीचे.

मम्मी: क्या हुआ? सुहग्रात नही माननी है?

अंकल: कोई पागल ही होगा जो माना करेगा.

मम्मी: तो चलो.

अंकल तुरंत मम्मी के रूम में चले गये और दोनो किस करना चालू किए. मम्मी ने फिर उनको दूध का ग्लास दिया, और बोली-

मम्मी: आज तो रुकना नही है.

अंकल अपने साथ वियाग्रा का टॅबलेट लाए थे, जो उन्होने दूध के साथ ले ली. फिर अंकल ने मम्मी का पल्लू नीचे किया और क्लीवेज एरिया में मूह घुसने लगे. थोड़े देर ऐसे ही मम्मी के बूब्स से खेलने के बाद अंकल ने ब्लाउस खोल के उनको आज़ाद कर दिया.

फिर अंकल ब्रा भी खोल के मम्मी के बूब्स ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगे. एक-दो बार उन्होने मम्मी के निपल्स भी काट दिए, तो मम्मी के मूह से आ की चीख निकल गयी. 10 मिनिट तक यही चलता रहा. फिर अंकल मम्मी को अपना लंड चूसने बोले. मम्मी भी नीचे बैठ के चूसने लगी.

क्या नज़ारा था. एक-दूं मम्मी के बाल खुले हुए थे. दो बड़े-बड़े बूब्स के बीच में मंगलसूत्रा लटक रहा था, और नीचे पेटिकोट पहना हुआ था, और लॉडा चूस रही थी. 5 मिनिट तक चुसवाने के बाद अंकल ने मम्मी को उठाया, पेटिकोट खोला, और बिस्तर पर पटक दिया.

बहुत देर तक पनटी के उपर से ही छूट सूंघते रहे, और रगड़ते रहे.

मम्मी: बस सहलाओगे ही या डालोगे भी? अब बर्दाश्त नही हो रहा है

अंकल: रुक जेया मेरी जान, आज तो पूरा मज़ा दूँगा तुझे मैं.

ये कह कर अंकल ने मम्मी की पनटी उतारी, और छूट चाटने लगे. मम्मी एक-दूं से तड़पने लगी, और एक हाथ से बस अंकल का सिर दबा रही थी अपनी छूट के उपर. 5 मिनिट बाद अंकल उठे, और अपना लॉडा मम्मी की छूट से सता के धीरे से डालने लगे और मम्मी आ आ करने लगी.

मम्मी: हा छोड़ भोंसड़ी के. इसका बाप तो छोड़ ही नही पाता है. 5 मिनिट में झाड़ जाता है

अंकल: आज तेरी सालों की गर्मी मिटा दूँगा मेरी जान.

करीब 10 मिनिट्स तक मिशनरी पोज़िशन में छोड़ने के बाद अंकल मम्मी को अपने उपर आने को बोले. मम्मी भी झट से उठ के अंकल के लॉड पे बैठ गयी, और उछालने लगी, और साथ ही साथ मम्मी के दोनो बड़े बूब्स भी उछालने लगे.

अंकल ने मम्मी को झुकाया, और एक बूब को अपने मूह में डाल के चूसने लगे. और इतने में ही मम्मी एक-दूं से रुक गयी. अंकल समझ गये की मम्मी का हो गया था. अंकल ने मम्मी को नीचे उतरा, और फिरसे मिशनरी में आ गये. उन्होने मम्मी की टांगे उठाई, और अपना लॉडा अंदर डाल दिया.

करीब 5 मिनिट में अंकल ने भी अपना माल मम्मी की छूट में छ्चोढ़ दिया और बगल में लेट गये. रूम में एसी चल रहा था, लेकिन दोनो ज़बरदस्त चुदाई के बाद पसीने से भीग गये थे, और हाँफ रहे थे.

अंकल: मज़ा आया मेरी रानी?

मम्मी: वो जाए, जिसको छोड़ना है छोड़े. मैं तो बस तुमसे ही चुड़ूँगी अब से.

अंकल ये सुन कर हासणे लगे. फिर थोड़ी देर बात करके दोनो सो गये. सुबा जब मैं उठा, और मम्मी की रूम में झाँका, तो देखा मम्मी अंकल के लॉड पे बैठ के उछाल रही थी, और कह रही थी-

मम्मी: जल्दी करो, इससे पहले रवि उठ जाए.

अंकल: अर्रे वो आराम से सो रहा है. तुम मज़ा खराब मत करो.

मम्मी: ठीक है.

अंकल ने फिर स्पीड बढ़ा दी, और मम्मी भी ज़ोर-ज़ोर से उछालने लगी. उन्होने अभी भी मंगलसूत्रा उतारा नही था. इतने बड़े-बड़े बूब्स और उनके बीच में मंगलसूत्रा उछाल रहा था. क्या कमाल का ही नज़ारा था.

फिर अंकल मम्मी को नीचे उतरे, और बोले डॉगी स्टाइल में आने को. मम्मी भी तुरंत बेड से उतरी, और झुक गयी (स्टॅंडिंग डॉगी-स्टाइल). अंकल ने फिर छूट में लंड सताया और ज़ोर-ज़ोर से धक्का देने लगे. मम्मी भी चिल्लाने लगी.

मम्मी: छोड़ मदारचोड़, शांत कर दे अंदर की आग को.

उनके मूह से ये सब सुन के अंकल को और जोश आ गया, और उन्होने अपनी स्पीड बढ़ा दी. 5 मिनिट बाद अंकल बोले-

अंकल: मेरा निकालने वाला है.

मम्मी: मुझे टेस्ट करना है.

अंकल ने फिर लॉडा निकाला, और मम्मी को झुका के उनके मूह में डाल दिया. मम्मी भी ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी. पुर रूम में छाप-छाप की आवाज़ गूँज रही थी.

मम्मी साथ ही साथ अंकल के टटटे भी सहला रही थी. अंकल ने मम्मी का सिर पकड़ के ज़ोर से दबा दिया, और सारा माल मम्मी के मूह में डाल दिया. मम्मी उस वक़्त किसी पोर्नस्तर से कम नही लग रही थी.

मम्मी अंकल का लॉडा चाट-चाट के सॉफ की, और तोड़ा वीर्या जो बाहर था वो अपने बूब्स पे मसालने लगी, और दोनो ज़ोर-ज़ोर से हस्स रहे थे. फिर थोड़ी देर बाद दोनो ने कपड़े पहने और बाहर आए. फिर अंकल नाश्ता करके घर से चले गये और बोले-

अंकल: कल आता हू फिरसे.

मम्मी ने भी स्माइल दी, और बोली: ठीक है, मैं इंतेज़ार करूँगी.

इसके बाद पापा कैसे मम्मी को रंगे हाथो पकड़ते है, और उसके बाद क्या होता है, आपको अगली स्टोरी में पता चलेगा. उमीद करता हू आपको ये स्टोरी अची लगी होगी.