मुझे तुमसे प्यार है मामा

मुझे तुमसे प्यार है मामा | डबल धमाल

तो मैंने अपनी रफ्तार और भी ज्यादा बढ़ा दी और मैं जोर-जोर से हचक हचक के मामा के लंड के ऊपर कूदने लगी।

मामा – आ…. आ… आ…. सोनम में छूट रहा हूं मेरा झड़ने वाला है…

मैंने कहा – तो मामा झाड़ दो अपनी सारी ठनक मिटा लो जितना भी माल है आपके अखरोट के अंदर सब निकाल दो।

और मामा का जैसे ही झड़ने वाला था मैंने अपनी चूत उठाई और अपना मुंह मामा के लंड में डाल दिया।मामा का सारा माल मेरे मुंह में पिचकारी की तरह सूट हो रहा था और मैं सारा माल पी रही थी।

मामा का गारा मोटा मलाई पीकर मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आया और मामा तो बिल्कुल थकावट के मारे चूर-चूर हो गया ऐसा लग रहा था जैसे उनकी आत्मा बाहर निकल आई हो।।

फिर मैंने मामा के होठों पर एक छोटा सा चुम्मा दिया और कहां – धन्यवाद मामा एप्पल आईफोन के लिए।

सेक्स के बाद मैं या मामा जी बात करने लगे मामा ने मुझसे बोला था की यदि मुझे कोई दिक्कत हो या किसी चीज की जरूरत हो तो उन्हें इस बारे में बता दूँ। मुझे कंप्यूटर भी सीखना था तकी मामा से लैपटॉप दिलाने को कह सकून, मैंने मामा से कहा मुझे कंप्यूटर सीखना है इसलिय कंप्यूटर क्लास ज्वाइन करना है, तो मामा ने कहा के वो मुझे कंप्यूटर सिख देंगे मैं कम्प्यूटर के लिये रोज़ शाम को उनके कमरे में जाने लगी थी।

मैं कंप्यूटर सिखने लगी और मुझे कंप्यूटर चलाना आने लगा था और एक दिन मैं रोज़ की तरह कम्प्यूटर पर अपने ईमेल चेक करने लगी। आज मामा मुझे घूर रहे थे। मुझे भी अहसास हुआ कि आज मामा कुछ और टाइप के मूड में हैं।

वो मुझसे बोला – मुझे लगता है तुम्हें कम्प्यूटर की बहुत जरूरत है क्योंकि तुम रोज़ ही कम्प्यूटर प्रयोग करती हो.

मैंने कहा – हां मामा पर पापा मुझे अभी नहीं दिलायेंगे.

मामा ने कहा – तुम चाहो तो ये कम्प्यूटर सेट तुम्हारा हो सकता है पर तुम्हे मेरा एक छोटा सा काम करना पड़ेगा.

सुनते ही मैं उछल पड़ी और बोली – सच मामा… बोलो बोलो क्या करना पड़ेगा.

मैं उठ कर मामा के पास आ गई।

उसने कहा – कुछ खास नहीं… वही जो तुम पहले कितनी ही बार कर चुकी हो…

मैंने कहा – अरे वाह मामा …… तब तो कम्प्यूटर मेरा हो गया……” मैं चहक उठी।

उसने कहा – आओ… उस कमरे में…

मैं मामा के पीछे पीछे उनके बेड रूम में चली आई। उन्होने अन्दर से रूम को बन्द करके कुन्डी लगा दी। मुझे लगा कि मामा कुछ गड़बड़ करने वाले हैं। मेरा शक सही निकला।

उन्होने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा – तुम्हें देख कर मेरी मर्दों वाली इच्छा भड़क उठी है… प्लीज़ मेरी मदद करो…”

मुझे बात मानने में ही फायदा लगा और फिर मुझे कम्प्यूटर भी मिल रहा था. मैं झट से उनकी छाती से लग गई। उन्होंने थैंक्स कहा और मेरे चूतड़ दबा दिये। मैंने अपने होंठ उनकी तरफ़ बढ़ा दिये… उन्होने मेरे होंठो से अपने होंठ मिला दिये… मामा ने मेरी जीन्स ढीली कर दी… फिर मैंने स्वयं ही झुक कर उतार दी… टोप अपने आप ही उतार दिया।

मामा ने बड़े प्यार से मेरे जिस्म को सहलाना शुरु कर दिया। मेरे स्तन फ़ड़क उठे… ब्रा कसने लग गई… पेंटी तंग लगने लगी… पर मुझे कुछ भी करने की जरूरत नहीं पड़ी… मामा ने खुद ही मेरी पुरानी सी ब्रा खींच कर उतार दी और पैंटी भी जोश में फ़ाड़ दी।

मैंने उससे कहा की मेरी पैंटी क्यों फाड़ दी. अब मैं क्या पहनूंगी।

उसने कहा – अब तुम मेरी रानी हो… मेरे साथ चलना… एक से एक बढ़िया आइटम दिला दूंगा……” मामा जोश में बोले जा रहे थे। मुझे नंगी करके मामा ने बिस्तर पर लेटा दिया। मेरे पांव चीर दिये और मेरी चूत पर अपने होन्ठ लगा दिये। मेरी चूत में से पानी निकलने लगा… चुदने की इच्छा बढने लगी। मेरा दाना भी फ़ड़कने लगा… मामा जीभ से मेरे दाने को चाट रहे थे… साथ में जीभ चूत में भी अन्दर जा रही थी। मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी।

अब मामा ने मेरे पांव और ऊपर उठा दिये…मेरी गाण्ड ऊपर आ गई… उन्होने मेरे चूतड़ की दोनो फ़ांके अपने हाथों से चौड़ा दी। और गाण्ड के छेद पर अपनी जीभ घुसा दी और गाण्ड को चाटने लगे। मुझे गाण्ड पर तेज गुदगुदी होने लगी।

मैंने कहा – हाय मामा… बहुत मजा आ रहा है…

कुछ देर गाण्ड चटने के बाद उनके हाथ मेरे बदन की मालिश करने लगे…

अब मैं मामा से लिपट पड़ी…उनकी कमीज़ और दूसरे कपड़े उतार फ़ेंके। उनका बदन एकदम चिकना था… कोई बाल नहीं थे… गोरा बदन… लम्बा और मोटा लण्ड झूलता हुआ। सुपाड़ा खुला हुआ …लाल मोटा और चिकना। मैंने मामा का लण्ड पकड़ लिया और दबाना शुरू कर दिया। मामा के मुह से सिसकारी निकलने लगी।

उसने कहा – आह.. कितने सालों बाद मुझे ये सुख मिला है… हाय… मसल डाल…

मैंने मामा का लण्ड मसलना और मुठ मारना चालू कर दिया। वो बिस्तर पर सीधे लेट गये उनका लण्ड खड़ा हो चुका था… मेरे से रहा नहीं गया… मैं उनके ऊपर बैठ गई और चूत के द्वार पर लण्ड रख दिया। मैंने जोश में जोर लगा कर सुपाड़ा को अन्दर लेने की कोशिश करने लगी… पर लण्ड बार बार इधर उधर मुड़ जाता था… शायद लण्ड पर पूरी तनाव नहीं आया था।

हाय… ये लैंड अंदर जा नहीं रहा है…” मैं तड़प उठी…

उसने कहा – बस ऐसे ही मुझे रगड़ती रहो… लण्ड मसलती रहो…।

मैं मामा के ऊपर ही लिपट पड़ी और चूत को उनके लण्ड पर मारने लगी। पर वो नहीं घुस रहा था। मैं उठी और उनके लण्ड को मुह: में ले कर चूसने लगी… उन्के लण्ड मे बस थोड़ा सा उठान था। सीधा खड़ा था पर नरम था… मामा अपने चूतड़ उछाल उछाल कर मेरे मुख को ही चोदने लगे।

मैंने उनका सुपाड़ा बुरी तरह से चूस डाला और दांतो से कुचला भी… नतीजा… एक तेज पिचकारी ने मेरे मुख को भिगा दिया…मामा ज्यादा सह नहीं पाये। मामा जोर लगा लगा कर सारा वीर्य मेरे मुख में निकाल रहे थे। मैंने कोशिश की कि ज्यादा से ज्यादा मैं पी जाऊं। मैं उनका लण्ड पकड़ कर खींच खींच कर रस निकालने लगी… मामा का सारा माल बाहर आ चुका था। उनका सारा जोश ठंडा पड़ चुका था… उनका लण्ड और भी ज्यादा मुरझा गया था। और वो थक चुके थे।

मैं पलंग से उतर कर नीचे बैठ गई और दो अंगुलियों को चूत मे डाल कर अन्दर घुमाने लगी… कुछ ही देर में मैं भी झड़ गई। मैं जल्दी से उठी और बाथरूम में जा कर मुंह हाथ धो आई… मामा दरवाजे पर खड़े थे…

उन्होंने कहा – तुम्हे कैसे थैंक्स दूं… आज से ये कमरा तुम्हारा है…आओ भोजन करें…

मैंने पूछा – मामा… आपका लंड तो खड़ा होता ही नहीं है… फिर भी इतना ढेर सारा पानी कैसे निकला…

उसने कहा – मर्द का लड है इतनी आसनी से थोड़े खड़ा हो जाएगा

उसके बाद मैंने और मामा ने साथ में डिनर किया और मैं सोने के लिए अपने काम में आ गई
जान गयी की मामा मेरी कुँवारी चूत को चोद्कर जन्नत का मज़ा लेने मेरे कमरे मैं आएँगे. पूरे बदन मे करेंट दौड़ने लगा. रूम मे आकर फ़ौरन मैक्सी पहनी. मैं चड्डी पहनकर सोती थी पर आज चड्डी भी नही पहनी. आज तो चूत की ओपनिंग थी.

चूत की धड़कन बढ रही थी और चूचियों मे रस भर रहा था. मन कर रहा था की कहदूँ मामा से चोडो मुझे.

रात के 11:30 बज चुके थे. दरवाज़ा खुला रखा था. मैक्सी को एक टाँग से ऊपर चड़ा दिया और एक चूची को गले की और से थोड़ी सी बाहर निकाल दिया और मामा के आने की आहट लेने लगी. मैं मस्त थी और ऐसे पोज़ मे थी की कोई भी आता तो उसे अपना जिस्म चखा देती.

10 मिनिट बाद मामा की आहट मिली. मेरे रोएँ खड़े हो गये. मुझे करार नही मिला तो झटके से पूरी चूची को बाहर निकाल आँखें बंद कर ली. मामा मेरी 18 साल की चूत देखकर तो पागल हो जाएगा. तभी मामा कमरे मैं आया. मैं गुदगुदी से भर गयी.

जो सोचा था वही हुआ. पास आते ही उसकी आँख मेरी बिखरी मैक्सी पर गयी. वो अपने दोनो हाथ पलंग पर जमा मेरी स्तन पर झुका तो मैने आँखे बंद कर ली. मेरी साँस तेज़ हो गयी और मेरी चूचियों और चूत मे फुलाव आ गया. मैने दोनो टैंगो के बीच फासला किया और उसे 18 साल की चूत का पूरा दीदार करा रही थी.

कुच्छ देर तक वो मेरी चूत को घूरता रहा फिर मेरे दोनो उभरे उभरे अनारो को निहारता धीरे से बोला, “हाए क्या उम्दा चीज़ है, एकदम पाव रोटी का टुकड़ा. और इसके साथ ही उसने झुककर मेरी चूत को बेताबी के साथ चूम लिया तो पूरे बदन मे करेंट दौड़ गया.

मैं तो सोने का बहाना किए थी. चूम कर कुच्छ देर तक मेरी कुँवारी चूत को देखता रहा फिर झुककर दुबारा मुँह से चूमते हुआ एक हाथ से मेरी मैक्सी को ठीक से ऊपर करता बोला, “हाए क्या मस्त माल है. अब तो तू चुदेगि तेरी चूत का पूरा मज़ा लूँगा.”

मैने अपने बेहन्चोद मामा के मुँह से अपनी तारीफ़ सुनी तो और मस्त हुई. चूत पे किस से बहुत गुदगुदी हुई और मन किया की उससे लिपट कर कह दूं की अब नही रह सकती तुम्हारे बिना मैं तैय्यार हूँ लूटो मेरी चूत को मामा. पर चुप रही.

तभी मामा बेड पर बैठ गये और मेरी जांघ पर हाथ फेर मेरी चूत को सहलाने लगे. उससे चूत पर हाथ लगवाने मे इतना मज़ा आ रहा था की बस मन यह कहने को बेताब हो उठा की राजा नंगी करके पूरा बदन सहलाओ. उसकी एक उंगली चूत की फाँक के बीच मे आई तो मैं तड़प कर बोल ही पड़ी, “हाए कौन?”

“मैं हूँ मेरी जान, तुम्हारा चाहने वाला. हाए अच्छा हुआ तुम जाग गयी. क्या मस्त जवानी पाई है.” और किसी भूखे कुत्ते की तरह मुझे अपनी बाँहो मे कसता मेरी दोनो चूचियों को टटोलता बोला, “हाए क्या गदराई जवानी है.”

मैं अपने दोनो उभारों को उसके हाथ मे देते ही जन्नत मे पहुँच गयी. वो मेरे चिकने गाल पर अपने गाल लगा दोनो को दबा बोला, “बस एक बार चखा दो, देखो कितना मज़ा आता है.”
“हाए मामा आप छोड़ो यह क्या कर रहे हैं आप. मम्मी आ जाएगी.”

“मम्मी से मत डरो. कुच्छ नही कहेंगी.” और इसके साथ ही मेरी चूचियों को मैक्सी के ऊपर से कसकर दबाया तो मेरा मज़ा सातवे आसमान पर पहुँच गया.

“मम्मी सो गयी क्या?”

मैने पूछा तो वो बोला, “हाँ. आज तुम्हारी मम्मी बुरी तरह थक गई है. अब वो रात भर मीठी नींद सोएंगी. बस मेरी रानी एक बार. देखना मेरे साथ कितना मज़ा आता है.” और उसने दोनो निपल को चुटकी दे मुझे राज़ी कर लिया. सच आज उसकी हरकत मे मज़ा आ रहा था. दोनो निपल्स का नशा जांघ मैं उतार रहा था.

“मामा आप मौसी के साथ सोते हैं. वो तो आपकी बहन हैं.”

“आज अपने पास सुलाकर देखो, जन्नत की सैर करा दूँगा. हाए कैसी मतवाली जवानी पाई है. बेहन है तो क्या हुआ. माल तो बढ़िया है मौसी का.”

“दरवाज़ा खुला है.” मैने मज़े से भरकर कहा. मेरी नस नस मे बिजली दौड़ रही थी. अब बदन पर कपड़ा बुरा लग रहा था. उसने मेरी चूचियों को मसलते हुये मेरे होंटो को किस करना शुरू कर दिया. उसे मेरी जैसी कुँवारी लड़कियों को राज़ी करना आता था. होन्ट चुसते ही मैं ढीली हो गयी.

मामा मेरी मस्ती को देख एकदम से मस्त हो गये. धीरे से मेरे बदन को बेड पर कर मेरी चूचियों पर झुक कर मेरी जांघ पर हाथ फेरते बोले, “अब तुम एकदम जवान हो गयी हो. कब मज़ा लोगि अपनी जवानी का. डरो नही तुमको कली से फूल बना दूँगा. मम्मी से मत डरो, उनके सामने तुमको मज़ा दूँगा बस तुम हाँ करदो.”

To Be Countinued…..