मई हूँ कंगना (मी सेकेंड मॅरेज अन्नीवेरसरी)-3

पिछला पार्ट यहा पढ़े – मई हूँ कंगना (मी सेकेंड मॅरेज अन्नीवेरसरी)-2

रशीद का गरम और फ्रेश कम पी कर बहुत खुश थी और रशीद भी मुझे देख कर कहता है. मेरी जान मेरी छूट तू आज मेरी लंड के पास बैठ कर बहुत अची लग रही है. तेरे रसीले ज़िस्म को मई आज पूरी रात ख़ौँगा और तुझे छोढ़ छोढ़ कर तेरे को मई आज अपना बचा दूँगा और तेरे छूट को फाड़ दूँगा अपने लंड से.

मई हेस्ट हुआ उसके लंड के साथ खेलते हुआ कहती हूँ तो रोका किसने है तुम्हे. मई भी चाहती हूँ की तुम मेरी फाड़ दो. जेसे तुमने पहली बाद मेरी फादी थी. आज भी तुम मेरी वैसे ही मारना. मैने कहा आज मुस्लिम मर्द के साथ हिंदू लड़की अपनी दूसरी सुहग्रात बना रही है जो अहसी होनी चाहिया जो मुझे मरते दूं तक याद रहे.

रसीद फिर पालग पर लेट गया अपने पूरे कापरे उतार कर और मुझे बोला रांड़ मेरी पाँव दबा. बहुत दूर से आ रहा हूँ तक गया हूँ आज पूरी रात तेरे चुदाई करनी है.

मैने उसके पैरो के पास बैठ कर उसके पाओं दबाने लगी. और करीब 15-20 मिनूत्स के बाद मैने उसके लंड के साथ खेले लगी. रशीद फिर उठा और वो मुझे किस करने लगा. और धीरे धीरे मेरी ज्यूयेल्री उतरने लगा और और मुझे किस करने लगा. धीरे धीरे मेरी लहनगा और ब्लाउस उतार कर उसने दूर फेक दिया.

मई उसके सामने अब सिर्फ़ ब्रा पनटी मई थी. रशीद ने मुझे देखा और कहा मेरी जान इश्स ब्रा पनटी मई तेरा जिस्म और चमक रहा है. मैने उसे चूमते हुआ और गहरी साँस लेते हुआ कहा. नया खरीदा था अपनी सुहग्रात के लिया.

फिर उसने मेरी ब्रा उतार दिरा और मेरी डूडूह को नंगा कर के उन्हे दबाने और मसालने लगा. काफ़ी देर तक मेरी दूध चूस्ता रहा और मुझे दर्द भी हो रहा था लेकिन बहुत मज़ा आ रहा था. मेरी चुचियाँ पूरी लाल हो चुकी थी और सब जगह पर उसके तेआत के निशा पर गये थे.

फिर उसने मेरी बेल्ली बटन को चाटने लगा और मेरी पैरो के पास आ कर मेरी झंगो को किस करने और चूमने ने लगा. उसने चढ़ि उतेर कर उसे सुनहगते हुआ दूर फेक दी. फिर उसने मेरी छूट को अपने फ़त्ो से सहलाने लगा.

मेरी अंदर आग लग गयी लेकिन फिर उसने थोरी देर मेरी छूट के साथ खेला और उसे चूमा और चाटने लगा. और अपनी फिंगर से मेरी छूट के हूँटों को फेला कर वो अपनी जीभ को मेरी छूट के होल मे डालने लगा.

मेरी अंदर आग लगी हुई थी. मैने रशीद के बालू को सहलाते हुआ कहा जान प्लीज़ मुझे छोढ़ो ना अपना लंड मेरी छूट के अंदर डालो.

रशीद ने मेरी छूट को प्यार से किस किया 3-4 बार और फिर वो मेरी ऊपेर आ गया. फिर उसने अपना लंड का टोपा मेरी छूट के ऊपेर रखा और एक झटके मे ही उसका लंड मेरी छूट के अंदर समा गया.

हाला की मैं ईक महीने से किसी का लंड नही लिया था इश्स वजह से मुझे बहुत दाद हुआ. लेकिन रशीद के लंड के लिया मई कुछ भी कर सकती थी कुछ भी.

रशिध का लंड मेरी छूट के अंदर गया अब रशीद अपने लंड के मेरी छूट के अंदर और बाहर करने लगा. मई धीरे धीरे अपनी गांद को ऊपेर कर के उसके लंड को जितना अंदर ले सकती थी कर रही थी और उस पल का मज़े ले रही थी.

रशीद मुझे 1-2 मीं मई पोज़िशन चेंज कर के मेरी छूट मार रहा था. कभी वो मेरी टाँगे अपनी शोल्डर के ऊपेर रख कर मेरी मरता और कभी मुझे कुट्टिया बना कर मेरी छूट मार रहा था. और कभी मुझे उल्टा लिटा करे मेरी छूट के अंदर लंड डाल कर.

इसी तरह करीब 15 मीं तक उसने मेरी छूट मारी और फिर उसके लंड का सारा रूस उसने मेरी छूट के अंदर डाल दिया.

फिर वो मेरी ऊपेर लेट गया हम दोनो पसीने मई गीले हो चुके थे. मैने उसे प्यार से किस किया और वो मेरी डूडू के ऊपेर सिर रख कर लेट गया.

थोरी देर के बाद वो उठा और उसे मैने दूध बना कर दिया केसर बादाम वॉल. फिर उसने मेरी गांद मारी और उसके बाद हम लोग तक कर नंगे एक दूसरे के साथ सो गये.

सुबा मेरी एक दूं से आँख खुली क्यों की रशीद मेरी निपल्स को सहला रहा था. मैने उसे प्यार से देख और अपनी जान को गुड मॉर्निंग बोला. रशीद ने मुझे देख और मेरी चुचियाँ दबाने लगा और उन्हे मसालने लगा.

मई फिर से गरम हो रही थी फिर रशीद ने मुझे किस करना चालू किया. और अपनी 2 फिंगर को मेरी छूट के अंदर डाल दिया और मेरी छूट मरने लगा अपनी फिंगर से और मुझे किस करता रहा. 3-4 मीं मई ही मेरी छूट का पानी निकल गया. रहिस्द ने मेरी छूट को सहलाया अपनी छूट के पानी के साथ और मेरी मूह मई सारी फिंगर डाल कर मुझे चटवाई.

अब रशीद मेरी पेट के ऊपेर बैठ गया और मेरी चुचियों के बीच अपना लंड दबा कर मेरी चुचियाँ मार रहा था.

सच बतौन दोस्तों ये अर्ली मॉर्निंग का प्यार भी बहुत मस्त होता है. और वो भी तब जब आप का मान पसंद मर्द आप की मार रहा हो. मैने सच कहा ना?

फिर उसने 3-4 मीं तक मेरी चुचियाँ छोढ़ो. उसके बाद उसने मेरी मूह मई अपना लंड डाला और उसने दीवार का सहारा लेते हुआ मेरी मूह को तेज़ी से छोढ़ने लगा. कुछ पल के अंदर रशीद का कम पूरा मेरी फेस पर और मेरी मँघ पर आ गये. उसने मुझे कहा मेरी रांड़ अब तेरे मँघ सही से भारी है सिंदूर और कम के पानी के साथ. मैने उसके लंड को किस किया और मुस्करहके उसे देखती रही.’

उस दिन रशीद ने दिन मई 2 बार मुझे और मेरी मंगलसूत्रा अपने लंड पर लपेट कर मेरी गांद भी मारी.

मुझे सब जगा से आनिवर्सयरी विशिंग के म्स्ग आंड कॉल आहाने लगे और विजय का भी कॉल आया. तब रशीद मेरी छूट छत रहा था. रशीद ने मुझे इशरा की कॉल वाय्स पर रखो. वो मेरी और विजय की बात सुनना चाहता था.

मैने कॉल वाय्स पर रकः और विजय तारप रहा था मेरी छूट मरने के लिया और मुझे हमारी सुहग्रात याद दिलाने लगा. इधेर रशीद हमारी बात सुनते हुआ मेरी छूट के साथ खेल रहा था.

करीब 10 मीं हमारी बात चली और 10 मीं के अंदर रशीद मेरी छूट के अंदर लंड डाल करे छूट मार रहा था और अपने लंड का पानी उसने मेरी छूट के अंदर डाला.

विजय पूछता है क्या कर रही हो हाफ़ रही? मैने कहा योगा कर रही हूँ और तुमसे बातें भी. और जब बात ख़तम हुई. रशीद ने कहा तेरे टोपे बाप ने क्या देखा इश्स चूतिया मई?! तेरी शादी मेरे से करवा देता तो अभी तक तेरे से 2 बचे निकल चुका होता मई.

मैने रशीद से कहा अब भी तो तुमसे ही बचे ले रही हूँ.

रशीद : हन कह तो तू सही रही है अगर तू मेरी बीवी बनती तो तुझे छोढ़ने का मज़ा ख़तम हो जाता. लेकिन मई हमेश तेरे छूट और गांद मरने की सोचता हूँ..

कंगना : तो मेरी बाप टोपा कैसे हुआ…?

रशीद : रशीद हेस्ट हुआ कहता है बहँकी लोदी वो टोपा ही है. खुद भी टोपा है और तेरे लिया पति भी टोपा ढूँढा है. बस एक बात अची की तेरे टोपे बाप ने..

कंगना : मैने पूछ क्या?

रशिध : तुझ जेसी मस्त रॅंड छूट निकली है तेरे मा की छूट से मेरी लियाए.

कंगना : और नही तो क्या..

रशिध : तो तेरे मा की छूट भी मस्त होगी..

कंगना : अहारे मुझे क्या पता.

रशिध : चल रांड़ साली तुझे सब पता है. खा अपनी मा की छूट और उसकी झांतो की कसम,

कंगना : मई हेस्ट हुआ हन बाबा मेरी मा की छूट की कसम वो बहुत सीधी है.

रशीद : सीधी इश्स लिया रह गयी की उसे कोई रशीद नही मिला.

कंगना : मई हासणे लगी और बोल हन ये एक दूं सही कहा तुम नही मिलते तो मेरी क्या होता. मेरी छूट को कों संभलता फिर.

रशीद : तेरे जेसे छूट बच नही सकती मेरी रॅंड हम मुस्लिम मर्दो को पता है की कैसे तुम जेसे चिकनी हिंदू लड़कियों को पता कर उन्हे छोढ़ा जाता है और अपनी रखेल और रॅंड बनाया जाता है. देख तेरे फ्रेंड चंदा है की नही वो हमारी रांड़?

कंगन : मैने रसीहड़ के टॅटू को सहलाते हुआ कहा. हन बाबा मुझे पता है की इन बॉल्स मई बहुत दूं होता है. इश्स लिया तो चाहती हूँ मई मुझे भी तेरे जेसे मर्द का बचा मिले.

काफ़ी देर मस्ती करने के बाद रशीद ने कहा मुझे काम मई मई मार्केट जाता हूँ किसी से मिलने. और तू शाम के लिया तैयार रहना समझी. तेरे आज की रात फिर मारनी है आचे से. और फिर वो तैयार हो कर चला गया और मई रशीद की बातें और अपनी चुधी करवके उन्हे सोचती रही और सो गयी.

आयेज की कहानी अगले पार्ट मे जल्दी ही आएगी.

मेरी प्यारे दोस्तों कैसी लगी आप लोगो को मेरी ये कहानी प्लीज़ कॉमेंट करके ज़रूर बताना… टिल देन लोवे तो युवर लंड आंड फक मे एवेरी दे इन युवर बेड.

बाइ बाइ..