लॉकडाउन मे राशन के लिए चुदी

आज जो कहानी मई आपको बताने जेया रही हू. वो मेरी सच्ची कहानी है. मेरा नाम रानी है, और मई एक छ्होटे से शहर से हू. मेरी उमर 36 साल है, और मेरा फिगर 36″30″38″ है. मर्दो का लंड तो हर तरह की औरत के लिए खड़ा हो जाता है, और मई तो अची ख़ासी हू.

मेरे पति किसी दूसरे शहर मे जॉब करते है, और वही रहते है. वो महीने मे एक या दो बार ही घर पर आते है. मेरे दो बच्चे भी है, जो स्कूल मे पढ़ते है. ये कहानी पिछले साल के लॉक्कडोवन् पीरियड की है. तो चलिए शुरू करते है.

जब लॉक्कडोवन् हुआ, तो बहुत से लोगो की मुश्किले बढ़ गयी थी. ऐसा ही कुछ हमारे साथ हुआ था. पति को सॅलरी नही मिल रही थी, और वो घर पर भी नही थे. धीरे-धीरे घर का खाने-पीने का समान भी ख़तम हो गया.

बेज़ार थोड़ी देर के लिए खुलता था, तो मई बेज़ार मे राशन समान लेने गयी. जिस दुकान पर हमारा खाता चलता था, वो बंद थी, और मेरे पास पैसे भी नही थे. फिर मई ये सोच घर आ गयी, की थोड़ी देर बाद फिरसे चक्कर लगा लूँगी.

बच्चे भूखे थे, तो मई एक घंटे बाद फिरसे वाहा गयी. लेकिन दुकान बंद थी. मुझे पता चला, की दुकान वाले को करोना हो गया था. अब मई क्या करती. मई एक दूसरी दुकान पर गयी, जहा खड़ा आदमी मुझे नही जानता था. वो एक 50 के आस-पास का आदमी था.

मैने उसको सारी प्राब्लम बताई, तो वो बोला-

दुकान-वाला: मेडम समान पहले से ही नही आ रहा. और मई नये कस्टमर्स को उधार नही दे सकता.

मैने उससे रिक्वेस्ट की, लेकिन वो नही माना. मैने उस वक़्त सलवार सूट पहन रखा था. तभी अचानक से मेरा दुपट्टा पैर के नीचे आके गिर गया. जब मई दुपट्टा उठाने नीचे झुकी, तो उस आदमी को मेरे बूब्स दिख गये.

मुझे ये तब पता चला, जब मैने खड़े होके उसकी तरफ देखा. वो मेरे बूब्स को घूर रहा था. तभी वो बोला-

दुकान-वाला: वैसे मेडम एक काम हो सकता है.

मई: क्या?

वो बोला कुछ नही, और मुझे चुम्मि का इशारा करके अंदर की तरफ देखने लगा. तभी मैने बोला-

मई: आपको शरम नही आती. मई इतनी भी मजबूर नही हू.

दुकान-वाला: ये तो एक सीधा ऑफर है मेडम. इसमे शरम कैसी? आप मेरा काम करदो. मई पुर लॉक्कडोवन् मे फ्री का राशन दूँगा आपको.

मई उसी वक़्त उसकी दुकान से बाहर आ गयी. अब रात हो गयी थी, और मेरे पति भी वाहा से कुछ नही कर पा रहे थे. बच्चो ने सुबा से कुछ नही खाया था, तो मुझे चिंता हो रही थी. फिर मुझे उस दुकान-दार का ऑफर सूझा. मेरे पास अब कोई ऑप्षन नही थी, तो मई उसकी दुकान पर फिरसे चली गयी.

वाहा जाके देखा, तो उसकी दुकान बंद हो चुकी थी. जब मई वापस आने के लिए मूडी, तो उसने मुझे पीछे से आवाज़ दी.

दुकान-वाला: मेडम.

मैने पीछे देखा, तो वो नही था. फिर वो बोला-

दुकान-वाला: यहा उपर देखो.

मैने उपर देखा, तो वो उपर खिड़की पर खड़ा था. फिर वो बोला-

दुकान-वाला: हंजी बोलिए.

मई: राशन लेना है.

दुकान-वाला: तो आ जाओ उपर.

दुकान की साइड से एक सीडी उपर की तरफ निकलती थी. मई सीडी चढ़ कर उपर चली गयी. उपर एक छ्होटा सा रूम था, और उसमे सिंगल बेड लगा हुआ था. उपर जाते ही वो मुझे उपर से नीचे हवस भारी निगाहो से देखने लगा. मैने ब्लॅक कलर का पाज़ामी सूट पहने हुआ था. फिर वो बोला-

दुकान-वाला: पैसे लाई हो? या दूसरे तरीके से कीमत चुकावगी.

मई: नही पैसे नही लाई.

ये बोल कर मई चुप हो गयी, और सिर झुका कर खड़ी हो गयी. फिर वो खड़ा हुआ, और मेरे पीछे आ गया. वो मेरे पीछे चिपक गया, और अपने लंड को मेरी गांद से रगड़ने लग गया. उसने अपने हाथ आयेज किए, और मेरे बूब्स मसालने लगा.

मई भी थोड़ी-थोड़ी गरम होने लगी. फिर वो मेरे कमर से होता हुआ, मेरी छूट पर अपना हाथ ले गया. उसने मेरी जाँघो मे अपना हाथ डाला, और मेरी छूट को रगड़ने लगा. इससे मेरी आहह निकल गयी. मुझे अपनी गांद पर उसका लंड महसूस हो रहा था.

फिर उसने मुझे अपनी तरफ घुमाया. मेरा सिर अभी भी नीचे था. उसने मेरे मूह को उपर किया, और मेरे होंठो से अपने होंठ चिपका दिए. वो बड़े प्यार से मेरे होंठ चूस रहा था. मुझे भी चुड़े हुए काफ़ी दिन हो गये थे, तो मई भी मज़े मे आ गयी थी.

वो मेरे होंठ चूस्टे हुए मेरी गांद दबाने लगा, और मेरे साथ चिपक गया. उसका लंड मेरी छूट पर टच हो रहा था. फिर उसने मेरा शर्ट और पाज़ामी दोनो ही निकाल दिए, और खुद भी कपड़े निकाल कर अंडरवेर मे आ गया.

मई अब उसके सामने ब्रा और पनटी मे थी. वो बेड पर बैठ गया, और मुझे अपनी गोद मे बिता लिया. फिर उसने मेरी ब्रा भी खोल दी. अब मई उसकी एक जाँघ पर बैठी थी, और वो मेरा एक बूब चूस रहा था.

उसका एक हाथ मेरी जाँघो मे मेरी छूट को मसल रहा था. मई भी मदहोश हो गयी थी, और मई उसके सिर को सहलाने लग गयी. फिर उसने मुझे खड़ा करके मेरी पनटी निकाल दी. मेरी छूट को देख कर वो पागल हो गया, और कुत्टो की तरफ मेरी छूट और गांद चाटने लगा.

फिर उसने भी अपना अंडरवेर उतार दिया. उसका लंड काफ़ी बड़ा और मोटा था. उसने मुझे बेड पर लिटाया, और मेरी जाँघो के बीच आ गया. फिर उसने लंड सीधा मेरी छूट मे डाल दिया. आधा लंड जाते ही मेरी आहह निकल गयी.

फिर वो धक्के मारता गया, जिससे उसका पूरा लंड मेरी छूट मे चला गया. उसने अपने दोनो हाथ मेरे बूब्स पर रखे और मेरी छूट मे ज़ोर के धक्के देने लगा. मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा था. फिर वो नीचे हुआ, और मेरे होंठ चूस्टे हुए मुझे छोड़ने लगा.

15 मिनिट मे उसने अपना लंड बाहर निकाला, और मेरी जाँघो पर अपना पानी निकाल दिया. मई भी झाड़ चुकी थी. हम दोनो अब हाँफ रहे थे. उसका मॅन अभी नही भरा था, तो वो फिरसे मुझे चूसने लगा. 2 मिनिट मे उसका लंड फिरसे खड़ा हो गया, और उसने मुझे घोड़ी बनने को कहा.

फिर उसने पास से एक तेल की बॉटल ली, और अपने लंड पर तेल लगाया. तोड़ा तेल उसने मेरी गांद पर भी लगाया. फिर उसने अपना लंड मेरी गांद पर सेट किया, और छूतदो को कस्स कर एक ज़ोर का धक्का मारा.

उसका धक्का काफ़ी ज़ोर का था, जिससे मुझे काफ़ी दर्द हुआ. मेरे पति भी मेरी गांद मारते थे, लेकिन उसका लंड मेरे पति के लंड से बड़ा और मोटा था. अब उसका पूरा लंड मेरी गांद मे था. वो धक्के मार रहा था, और थप्पड़ भी मार रहा था. उसने मेरे बाल खोल कर पीछे खींच लिए.

उसके धक्को की स्पीड तेज़ हो गयी, और मई आ आ कर रही थी. उसकी जांघे मेरे छूतदो से टकरा कर मस्त आवाज़ कर रही थी. फिर हम दोनो ऐसे ही चुदाई करते हुए लेट गये, और वो छोड़ते-छोड़ते मेरी पीठ पर किस करने लगा.

20 मिनिट की चुदाई के बाद उसने अपना पानी मेरी गांद मे ही निकाल दिया. फिर वो उठा, और उसने अपने कपड़े पहन कर नीचे चला गया. जब तक मई नीचे आई, तब तक उसने एक बड़ा सा बाग राशन का भर दिया था. फिर मई वो बाग लेके घर आ गयी.

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