लड़की ने अपनी फ्रेंड को ब्फ के साथ मज़ा लेते देखा

ही दोस्तों, मेरा नाम प्रिया है, और मैं पुंजब की रहने वाली हू. मेरी हाइट 5’6” है, और मेरा साइज़ 34-30-36 है. रंग मेरा ठीक है, ज़्यादा गोरा या काला नही है. मैं 30 साल की हो गयी हू, और मेरी शादी हो चुकी है.

मेरा एक बेटा भी है. मेरे पति एक कंपनी में जॉब करते है, और हम दोनो एक साथ खुश है. काई बार मैं हॉर्नी फील करती हू, लेकिन फिर सेक्सी कहानिया पढ़ कर अपने आप को शांत कर लेती हू.

एक दिन मैने सोचा की इतने सारे लोग इस साइट पर अपने एक्सपीरियेन्सस शेर करते है, तो क्यूँ ना मैं भी करू. यही सोच कर मैं ये स्टोरी लिखने जेया रही हू. ये मेरी पहली स्टोरी है, तो अगर कोई ग़लती हो जाए तो माफ़ कर देना.

ये तब की बात है, जब मैं नयी-नयी कॉलेज गयी थी. मेरा कॉलेज डोर था, तो घर वालो ने मुझे वही हॉस्टिल में भेज दिया. क्या क्रेज़ होता है नये-नये कॉलेज का.

नये फ्रेंड्स बनते है, और बहुत कुछ नया सीखने को भी मिलता है. मैने भी वाहा बहुत कुछ सीखा. इतना सीखा की जब मैं कॉलेज गयी थी, तब एक सीधी-सॅडी लड़की थी, और जब तक मेरा कॉलेज ख़तम हुआ, तब तक मैं एक बहुत बड़ी रंडी बन चुकी थी.

जब मैं अड्मिशन लेके हॉस्टिल रूम में गयी, तो वाहा मेरी मुलाक़ात रजनी से हुई. रजनी मुझसे ज़्यादा गोरी थी, और उसका साइज़ 36-32-38 था. वो काफ़ी मिलन-सार थी, इसलिए मेरी जल्दी से उससे दोस्ती हो गयी.

पढ़ाई में वो कुछ ख़ास अची नही थी. उसने मुझे बताया की ये उसका कॉलेज में सेकेंड एअर था. लेकिन फर्स्ट एअर में फैल होने की वजह से उसको दोबारा फर्स्ट एअर करना पद रहा था.

पर मुझे इससे क्या लेना-देना था. मुझे तो अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना था. फिर पढ़ाई के साथ-साथ रजनी मुझे कॅंपस में घूमने लगी. मैने देखा उसकी दोस्ती काफ़ी लड़कों से थी.

वो लड़कों को हग करके मिलती थी, जो मैं नही कर सकती थी. उसके कपड़े काफ़ी टाइट होते थे, जिसमे से उसके बूब्स और गांद की शेप सॉफ नज़र आती थी. नाइट में तो वो अपनी त-शर्ट के नीचे ब्रा तक नही पहनती थी, जिससे उसके निपल्स त-शर्ट में से नज़र आते थे.

काई बार वो सोने से पहले फिंगरिंग करती थी. लेकिन ये कोई बड़ी बात नही थी. कभी-कभी तो उसको देख कर मेरा भी दिल करता था, की मैं भी फिंगरिंग करू, लेकिन मैं अपने आप को कंट्रोल कर लेती थी.

वो हर रात को किसी के साथ घंटो बातें करती रहती थी. उसकी बातों से पता चलता था, की वो किसी लड़के से बातें करती थी, और उस लड़के के साथ उसका कुछ चल रहा था. लेकिन मुझे इससे कोई फराक नही पड़ता था. फिर एक दिन उसने मुझसे कहा-

रजनी: प्रिया, मुझे तेरी एक हेल्प चाहिए.

मैं: क्या बोलो?

रजनी: आक्च्युयली मेरा एक बाय्फ्रेंड है.

मैं: हा पता है.

रजनी: तुझे कैसे पता?

मैं: रोज़ रात को जो तुम बातें करती हो, वो मुझे भी सुन्नी पड़ती है. और इतनी प्यार भारी बातें कोई लड़की अपने बाय्फ्रेंड से ही करेगी, भाई से तो करेगी नही.

रजनी: हाहहाहा, सही कहा. अछा प्राब्लम ये है की मैं और मेरा बाय्फ्रेंड अर्जुन मिलने वाले थे.

मैं: तो?

रजनी: उसने बहुत कोशिश की, लेकिन रूम अरेंज नही हुआ.

मैं: तो?

रजनी: तो अगर मैं उसको अपने इस रूम में बुला लू, तो तुम्हे कोई दिक्कत तो नही होगी ना?

मैं: तुम उसको यहा गर्ल्स हॉस्टिल में कैसे बुलाओगी? अगर किसी को पता चल गया तो लेने के देने पद जाएँगे.

रजनी: अर्रे कुछ नही होगा. तुम्हे नही पता तुम्हारे आस-पास क्या हो रहा है. यहा हर रात काई लड़के आते है अपनी गर्लफ्रेंड्स से मिलने.

मैने हैरान होके पूछा: वो कैसे?

रजनी: यहा का जो गेट्कीपर है, उसके साथ हमारी सब की सेट्टिंग है. वो 200 रुपय लेके एक बंदे को अलो करता है. तुम उसको पैसे दो, फिर चाहे 10 बंदे बुला लो.

मैं: ओह! ऐसा क्या?

रजनी: हा. तो अब तुम बताओ, की तुम्हे कोई दिक्कत तो नही.

मैने सोचा की मुझे क्या दिक्कत हो सकती थी. उसका बाय्फ्रेंड था, और आके मिल कर चला जाएगा. इसलिए मैने उसको एस बोल दिया.

मैं: देखो मुझे कोई प्राब्लम नही है उसके यहा आने से. लेकिन किसी को पता नही चलना चाहिए.

रजनी: अर्रे तू चिंता मत कर यार.

मैं: ठीक है.

फिर अगले दिन शाम को 8 बजे के करीब उसके बाय्फ्रेंड की कॉल आई. उसने रजनी को बोला, की वो बाहर वेट कर रहा था. रजनी ने उसी वक़्त गेट्कीपर को फोन लगाया, और गेट्कीपर 20 मिनिट बाद उसके ब्फ को रूम में छ्चोढ़ गया.

जैसा की मैने पहले ही बताया है की उस लड़के का नाम अर्जुन था. अर्जुन 5’11” हाइट का एक खूबसूरत लाड़कता था. उसकी बॉडी भी फिट थी आंड हेरस्टाइल भी बढ़िया था.

उसको देख कर तो मुझे भी कुछ-कुछ होने लगा. फिर वो दोनो बैठ कर बातें करने लगे, और मैं अपने लॅपटॉप में अपने क्वेस्चन्स के सल्यूशन देखने लग गयी. मैं उनकी तरफ ध्यान नही दे रही थी, फिर भी मेरा ध्यान उनकी तरफ जेया रहा था.

फिर मैने लॅपटॉप बंद किया, और सोने लगी. मैने लाइट बंद कर दी, और दूसरी तरफ मूह करके सो गयी. लेकिन मुझे नींद कहा आने वाली थी. मेरे कानो में उनकी बातें पद रही थी.

अर्जुन: जेया आज बहुत दीनो बाद मिली हो, आज तो करने दो.

रजनी: तुम पागल हो, प्रिया हमारे सामने है. ऐसे अछा नही लगता.

अर्जुन: अर्रे वो तो सो रही है. देखो मैं आवाज़ लगा कर चेक करता हू.

फिर अर्जुन मुझे आवाज़ लगता है.

अर्जुन: प्रिया, प्रिया.

मुझे उसकी आवाज़ सुनती है, लेकिन मैं कुछ रेस्पॉंड नही करती. इससे उन दोनो को यकीन हो जाता है, की मैं सो चुकी थी. फिर मुझे उनके किस करने की आवाज़ आने लगती है.

मुझे ये सब में ध्यान नही देना था, लेकिन फिर भी उस आवाज़ को सुन कर मेरी टाँगो में हलचल होने लग गयी थी. तकरीबन 5 मिनिट तक उनके किस करने और रजनी के साथ-साथ मोन करने की आवाज़े आती रही.

ऐसा लग रहा था, की वो किस करने के साथ उसके बूब्स भी दबा रहा होगा. फिर अर्जुन ने उसको बोला-

अर्जुन: बेबी उतार दो ना त-शर्ट को.

रजनी ने येल्लो त-शर्ट और ब्लॅक लेगैंग्स पहनी हुई थी.

रजनी: नही जान, हम जितना कर रहे है उतना बहुत है. इससे ज़्यादा नही, प्रिया उठा गयी तो वो आयेज से मेरी बात कभी नही मानेगी.

अर्जुन: लगता है तुम्हे मेरे से ज़्यादा प्रिया की फिकर है. एक तो इतनी मुश्किल से मिले है, उपर से रोक-टोक. मैं ऐसा करता हू, यहा से चला जाता हू. जब कुछ करना ही नही था तो बुलाया क्यूँ?

रजनी: अर्रे, मेरे बाबू को गुस्सा आ गया. चलो मैं उतार रही हू.

ये बोल कर रजनी अपनी त-शर्ट उतार देती है. अब मेरी भी क्यूरीयासिटी बढ़ने लगती है. मेरा दिल कर रहा था, की मैं उन दोनो को देखु.

रूम की लाइट तो पहले से ही बंद थी, और कमरे में पूरा अंधेरा था. उपर से मेरा बेड स्टेर्स के नीचे था, तो मैं उनको दिख नही रही थी. इस चीज़ का फ़ायदा लेके मैने धीरे से अपनी करवट बदली, और उनकी तरफ फेस कर लिया.

अब मैं उनको देख पा रही थी, लेकिन आचे से नही. पर जितना दिख रहा था उतना काफ़ी था. अर्जुन रजनी की क्लीवेज पर किस कर रहा था, और रजनी मदहोश हो रही थी.

कुछ देर किस करने के बाद अर्जुन ने उसकी ब्रा खोल दी, जिससे उसके बड़े-बड़े बूब्स आज़ाद हो गये. इस बार रजनी ने उसको रोका नही. फिर अर्जुन उसके बूब्स दबा कर निपल्स को चूसने लग गया.

रजनी आहह आहह करने लगी, और इधर मेरी भी छूट में हरकत होने लगी. मेरे निपल्स भी अकड़ने लगे थे. मैं पहले भी हॉर्नी हुई थी, लेकिन इतनी कभी नही.

फिर अर्जुन ने निपल्स चूस्टे हुए अपना एक हाथ रजनी की टाँगो के बीच डाल लिया, और उसकी छूट पर दबाने लगा. मेरा भी हाथ अपने आप ही मेरी छूट पर चला गया. जब मैने नीचे हाथ लगाया, तो मेरी छूट गीली हुई पड़ी थी.

उधर अर्जुन उसकी छूट मसल रहा था, और इधर मैं अपनी छूट को मसालने लग गयी. रजनी मदहोश हो रही थी, और इधर मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी का मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.