बेस्ट फ्रेंड से होटेल मे चुदी

ये चुदाई मेरी पहली चुदाई(मेरी पहली पोस्ट मे मेरी पहली चुदाई के बारे मे लिखा था) के भूत बाद हुई थी. मतलब कुछ 4 साल बाद. ये चुदाई मेरी दोस्त विकी ने की थी, जो की मेरे साथ मेद्स कोचैंग मे पढ़ता था.

विकी मेरा भूत क्लोज़ फ्रेंड था, लेकिन बाय्फ्रेंड नही था. जब वो कोचैंग नही आता था, तो मई भी नही जाती थी और जिस दिन मई नही जाती थी, वो भी नही आता था. मेरा बाय्फ्रेंड जाईपुर (राजस्थान) से था और मई नॉइदा (उत्तर प्रदेश)से.

तो वो मुझसे काफ़ी दीनो बाद मिलने आता था. मतलब साल मे 3 या 4 बार. वो जॉब भी करता था, तो ज़्यादा ही बिज़ी रहता था. कुछ हमारे बीच का फांसला भी ज़्यादा ही था, तो हम मिल नही पाते थे.

अब आते है विकी पर. हम कोचैंग मे साथ पढ़ते थे, तो हमारे नंबर एक्सचेंज हो गये थे. फिर हमारी व्हातसपप और मेस्संगेर पर बाते होने लगी. हमे बात करते-करते 6 महीने हो गये थे और अब वो भी मेरी तरफ अट्रॅक्ट हो गया था.

सच बतौ, तो मई भी उसकी तरफ अट्रॅक्ट हो रही थी. मई नॉर्मली ही उसका हाथ पकड़ती थी और आँखों मे आँखें डाल कर बाते करती थी. अब मेरे को वो अछा लगने लगा था. फिर इस सब के बीच उसने मुझसे कहा-

विकी: यार मई तुझसे प्यार करने लगा हू. हा मेरे को पता है, की तू सिंगल नही है और तेरा बाय्फ्रेंड है, लेकिन मई खुद को रोक नही पाया तुझसे प्यार करने से.

मैने उसको तभी माना कर दिया था, क्यूकी मई अपने बाय्फ्रेंड की तरफ बहुत लायल थी. फिर उसने कुछ टाइम मुझसे बात नही की थी. लेकिन कुछ दीनो बाद वो फिरसे मुझसे बात करने आ गया था, क्यूकी हम बहुत आचे फ्रेंड्स थे.

सब कुछ पहले की तरह ही नॉर्मल हो गया था. कभी-कभी हम बंक भी कर लेते थे. नॉर्मली तो हम क्लास बंक करके पिज़्ज़ा हूट या डोमिनोज़ चले जाते थे, पर अब वो मुझे उपर से फ्रेंड और अंदर से लवर की नज़र से देखता था.

वो कभी भी मेरे को पीछे से आकर पकड़ लेता था. मई उसको माना भी करती थी, लेकिन वो तब भी नही रुकता था. यहा तक की पूरी क्लास मे ये रूमर्स भी फैल गये थे, की हम दोनो के बीच कुछ चल रहा है. लेकिन इससे हमारी फ्रेंडशिप मे कोई कमी नही हुई और वो ऐसे ही चलती रही.

एक दिन उसने कहा: यार भूत दिन हो गये है क्लास बंक किए को.

तो फिर क्या था, हमारा क्लास बंक करने का प्लान बन गया और हमने बंक किया भी. उसने मेरे तोड़ा पास आने की कोशिश की, लेकिन मैने उसको रोक दिया. जब हम मस्ती करके कुछ खाने जेया रहे थे, तो रास्ते मे मेरे को मेरे चाचा जी ने देख लिया.

उस वक़्त तो चाचा जी ने मुझसे कुछ नही कहा, पर जब तक मई घर आई, उससे पहले ही मेरे पापा जी के कान भर दिए गये थे. अब क्या था, मेरे को बहुत दाँत लगाई पापा ने. उन्होने मेरा फोन भी ले लिया और 2 – 4 दिन क्लासस से भी रोक लिया गया.

कुछ दीनो बाद मुझे फिरसे फोन मिल गया और कोचैंग भी शुरू हो गयी थी. अब मेरी मेरे फ्रेंड से भी बाते होने लगी थी. अब उसने फिरसे कोचैंग क्लास बंक करने को बोला. पहले तो मैने माना किया, लेकिन फिर चली गयी थी.

इस बार सिर्फ़ हम दोनो ही बंक पर जेया रहे थे, तो वो पहले मुझे पार्क मे ले गया. पार्क मे कोई नही था, क्यूकी दोपहर का टाइम था और उस पार्क मे लोग भी कम ही आते थे. तोड़ा घूमते-घूमते बाते करने के बाद, हम एक जगह बैठ गये.

फिर विकी ने अपना फोन निकाला और उसमे मेरे को कुछ लड़कियो के विराल म्‍मस दिखाए. मैने उसको उन म्‍मस को बंद करने को कहा. फिर उसने थोड़ी देर रुक कर पॉर्न चला ली थी. पहले 2-3 बार माना करने के बाद, फिर मई भी पॉर्न देखने लगी.

बहुत मज़ा आ रहा था. वो तोड़ा उपर और मई तोड़ा नीचे बैठी थी. वो मेरे कंधो के उपर से हाथ निकाल कर मेरे को पॉर्न दिखा रहा था. अब मई तोड़ा हॉर्नी फील करने लगी थी. वो मुझसे बिल्कुल टच होकर बैठा था, तो मुझे महसूस हो गया था, की उसका लंड खड़ा हो गया है.

देखते ही देखते वो मेरे बूब्स को कपड़ो के उपर से ही दबाने लगा. थोड़ी देर बूब्स को कपड़ो के उपर से दबाने के बाद, उसने अपने हाथ मेरे कपड़ो के अंदर डाले और फिर और भी ज़्यादा तेज़ी से दबाने लगा. मेरे को तोड़ा दर्द हो रहा था, तो मेरे मूह से चीखे निकल रही थी.

मई: ऊहह… आहह.. आहह.. तोड़ा धीरे कर ना यार आअहह… दर्द होता है आहह…

कुछ देर बूब्स दबाने के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया. मैने लंड को थोड़ी देर देखा, तो वो बहुत हिल रहा था, जैसे की वो चाहता हो, की कोई उसको पकड़ कर हिलाए. फिर मैने भी उसका लंड पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी.

बहुत अलग ही फीलिंग आती है किसी का लंड पकड़ कर हिलाने मे. बाइ गोद बहुत अछा लग रहा था. अब उसने अपने हाथो को बाहर निकाला और मेरी पंत थोड़ी नीचे करवा ली.

फिर मेरी छूट को देखते ही, वो और उसका लंड बावले से हो गये थे. वो तुरंत छूट पर झपट पड़ा. बेशक पार्क मे तब कोई नही था, लेकिन हमे बहुत ध्यान रखना पद रहा था. अब वो धीरे-धीरे छूट पर हाथ फेरने लगा और उसको आयेज-पीछे उपर-नीचे करने लगा.

फिर थोड़ी देर बाद उसने आराम से छूट मे उंगली डाली. मेरे को हल्का सा दर्द हुआ तो

मई: आआ… ऑश.. ह्म.. तोड़ा आराम से करो आअहह..

मेरे दर्द के कारण वो रुक गया, लेकिन सिर्फ़ थोड़ी देर के लिए. फिर उसने फिरसे उंगली करनी चालू कर दी और दूसरी तरफ मई भी उसके लंड को हिलाए जेया रही थी. हम दोनो को ही बहुत मज़ा आ रहा था. उसने 1-2 बार झुक कर मेरी छूट को चूमा भी, लेकिन पब्लिक प्लेस था, तो उसको ख़ास मज़ा नही आया.

ऐसा करते टाइम हमारी ही आगे का एक लड़का और एक लड़की उधर आ गये थे. वैसे तो वो काफ़ी डोर थे, लेकिन उन्होने हमे देख लिया था. फिर हम रुक गये और दोनो ने अपनी पंत उपर कर ली. जब तक वो हमारे पास आए, तो हम नॉर्मली बाते करने लगे थे.

लेकिन अब टाइम भी हो गया था, मतलब 4 बाज गये थे, तो लोगो का पार्क मे आने का टाइम हो गया था. फिर हम वाहा से निकल कर अपने-अपने घर चले गये.

उसके बाद उससे बाते थोड़ी कम तो हो गयी थी, लेकिन बंद नही हुई थी. अब मेरा भी भूत जी मचलता था उसके लंड को अपने अंदर लेने के लिए. कोचैंग तो हमारी चल ही रही थी. फिर कुछ दीनो बाद उसने मुझसे फिरसे पूछा-

विकी: यार चलेगी बंक पर?

मैने तोड़ा सोचने के बाद हा बोल दी, पर इस बार हम किसी पार्क मे नही, बल्कि एक होटेल मे गये थे. होटेल सच मे बहुत बढ़िया था. मई आयेज और विकी मेरे पीछे था. उसने अंदर रूम मे पहुँचते ही मेरी कमर से मेरे को पकड़ लिया और मेरे को गले पर किस करने लगा.

मई भी ओन्न हो गयी थी. गले पर किस करते-करते उसने मेरा मूह अपनी तरफ कर लिया और मेरे होंठो को चूमने लगा. वो मेरे होंठो से बिल्कुल मॅगनेट की तरह चिपक गया था. उसका मॅन ही नही कर रहा था हटने का. जब उसने मेरे होंठो को पूरी तरह से चूस लिया, तब वो आयेज बढ़ा और उसने मेरी शर्ट के बटन्स खोलने शुरू किए.

फिर उसने मेरी पंत का बटन खोला और फिर पंत और शर्ट दोनो उतार दी. अब मेरे बदन पर सिर्फ़ ब्रा और पनटी बची थी. वो बहुत ही बेचैन हो रहा था और उसका लंड तो उससे भी ज़्यादा बेचैन था.

लेकिन अब तक उसने अपने कपड़े उतारे नही थे. अब वो भी अपनी पंत का बटन खोलने लगा और उसने एक-दूं से अपने सारे कपड़े उतार दिए. अब बस उसके बदन पर अंडरवेर और मेरे बदन पर ब्रा और पनटी रह गयी थी.

उसके अंडरवेर मे से भी उसका खड़ा हुआ लंड बहुत आचे से दिख रहा था और मई उसको महसूस कर पा रही थी. उधर मेरी पनटी भी थोड़ी गीली हो गयी थी. वो मेरे उपर लेट गया और मेरे बूब्स को चूसना शुरू कर दिया और मुझे धीमा-धीमा दर्द होने लगा.

मई: ऊओह.. आआ… उफ़फ्फ़… दर्द हो रहा है यार, तोड़ा आराम से करो.

उसको मेरे बूब्स के साथ खेलने मे बड़ा मज़ा आ रहा था और उसको सबसे ज़्यादा मज़ा तो मेरे दोनो निपल्स के साथ खेल कर आया. भूत देर तक निपल्स को चूसने के बाद, उसने उन्हे बटन की तरह दबाया.

बूब्स के बाद वो मेरे गले को चूमने लगा. फिर गले को चूमता हुआ वो धीरे-धीरे नीचे आया और मेरे बूब्स को उसने चूसना शुरू कर दिया. फिर वो पेट पर चूमने लगा और हाथो से लेके बूब्स तक को दबाने लगा.

मेरे को बहुत पसीना आ रहा था. अब वो पेट से तोड़ा नीचे और छूट से तोड़ा सा उपर चाटने लगा. मेरे को उस जगह पर भूत गुदगुदी होती है और उस वक़्त तो और भी ज़्यादा हो रही थी. मेरी साँसे भी तेज़ हो गयी थी. फिर वो कहता है-

विकी: यार ज़्यादा टाइम नही है. अगर तू तोड़ा भी लाते हुई, तो घर से फोन आने शुरू हो जाएँगे. तेरे घर वाले तो कुछ ज़्यादा ही पोसेससीवे है. फिर उसने बातो-बातो मे मुझसे पूछा-

विकी: तेरी फॅवुरेट पोज़िशन क्या है.

पता तो उसको पहले से ही था, क्यूकी हम दोनो ने एक-दूसरे से ये सब कुछ पहले ही पूच रखा था, लेकिन कभी सोचा नही था, की ये करने को भी मिलेगा. फिर मैने उसको बताया-

मई: मुझे काउ गर्ल पोज़िशन पसंद है.

और फिर जब मैने उसको पूछा, तो उसने पोज़िशन 69 बताई. मैने उसको कहा-

मई: ये पोज़िशन मेरे को बिल्कुल नही पसंद.

तो वो बोला: कोई नही, धीरे-धीरे पसंद आने लगेगी, टेन्षन ना ले.

मतलब अब वो छूट पर आ चुका था. उसने मेरी दोनो जांगे खोल दी थी और अब मेरी छूट उसके बिल्कुल सामने थी. अब वो छूट के आस-पास उंगली घुमाने लगा था. मई भी उसके लंड को हिला रही थी. उसने धीरे-धीरे मेरी छूट मे उंगली डाल दी.

मेरे को दर्द हो रहा था, तो मई छूट के उपर के हिस्से को तोड़ा रग़ाद रही थी. फिर उसने मेरी छूट को चाटना शुरू किया. छूट चाटने के बाद वो बोला-

विकी: अब तू आजा और मेरा लंड मूह मे लेले और हम 69 पोज़िशन मे आ जाते है.

मैने उसको माना कर दिया और कहा-

मई: यार मैने तुझे बताया ना, की मुझे ये पोज़िशन बिल्कुल नही पसंद. फिर भी तू ऐसे कह रहा है.

फिर वो कहता: यार आ ना प्लीज़. मज़ा आएँगा.

फिर मैने अपना मॅन बनाया और हम पोज़िशन 69 मे आ गये. अब मैने उसके लंड का उपर का हिस्सा आपने मूह मे लिया और फिर उसका आधा लंड मेरे मूह मे आ गया था. फिर मैने मूह से लंड निकाला और उसको नीचे तक छाता, क्यूकी अब मुझे उसका लंड मूह मे लेने मे मज़ा आ रहा था.

वैसे तो उसका लंड बहुत मोटा और लंबा था, पर फिर भी मैने उसका पूरा लंड लॉलिपोप की तरह अपने मूह मे ले लिया. लेकिन उसके लंड का टेस्ट लॉलिपोप से भी ज़्यादा अछा था. हम काफ़ी देर 69 पोज़िशन मे रहे, क्यूकी उसको भी छूट चाटने मे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरे को भी.

अब इस सब के बाद वो कहता है-

मई: अब तेरी फॅवुरेट पोज़िशन मे आते है.

फिर वो अपने लंड को मेरी छूट के पास ले आया और उसका आयेज का हिस्सा छूट मे डाला. अब धीरे-धीरे उसने सारा लंड अंदर डाल दिया था. मेरी ये चुदाई 4 साल बाद हुई थी, तो लंड डालने मे तोड़ा टाइम तो लगा और तोड़ा खून भी निकल गया था. मुझे दर्द भी हो रहा था और मई दर्द से चिल्ला भी रही थी.

अब उसने तेज़ी से धक्के देने शुरू कर दिए थे और मेरे को और ज़्यादा दर्द होने लगा था.

मई: आहह… आईइ… हा.. ऊओ..

लेकिन मुझे मज़ा भी बहुत आ रहा था. वो मेरी जाँघो को पकड़े हुए था और अपने लंड को धक्के दिए जेया रहा था और फिर वो कहता-

विकी: जानू तुम्हे मज़ा तो आ ही रहा होगा.

टाइम तो हो गया था घर जाने का, लेकिन उसका और मेरा घर जाने का मॅन बिल्कुल नही था. अब कुछ देर बाद उसका स्टॅमिना ख़तम हो गया था और वो तक गया था.

फिर वो रुक गया और लेट गया और उसने मेरे को भी अपने साथ लिटा लिया. हम दोनो ही नेकेड थे और हम दोनो मे हवा निकालने तक का भी गॅप नही था. मई भी उसके उपर आराम से लेती हुई थी. मुझे नेकेड कडलिंग बहुत पसंद है. फिर ऐसे हमने 15 मिनिट आराम करा और घर चले गये.