कोमल की अन्तर्वासना शांत की

मेरे और कोमल के बीच मुलाकात मेरे भैया की शादी के दौरान हुई थी दरअसल कोमल मेरी भाभी की रिश्तेदार हैं उससे जब मेरी मुलाकात हुई तो वह मुझे अच्छी लगी और उसके कुछ समय बाद ही वह मुझे मिली। उस वक्त मैं अपने भैया भाभी के साथ था, कोमल ने मेरी भाभी से मेरा नंबर ले लिया था मेरी भाभी ने भी उसे मेरा नंबर दे दिया था उसके बाद भाभी ने मुझसे कहा कि तुम्हारा नंबर मुझसे कोमल ने लिया था। मैंने भाभी से पूछा आखिरकार उसने मेरा नंबर क्यों लिया भाभी कहने लगी इस बारे में तो तुम ही जानो या फिर कोमल जाने मैंने भाभी से कहा लेकिन उसने मेरा नंबर किस वजह से लिया होगा। भाभी ने कोई जवाब नहीं दिया और उसके कुछ समय बाद मुझे कोमल का फोन आया मैं उस समय अपने ऑफिस में मीटिंग में था मैं कोमल का फोन नहीं उठा पाया और मैंने जब कॉल बैक की तो सामने से एक सुरीली आवाज आई और वह मुझे कहने लगी मैं कोमल बोल रही हूं।

मैंने कोमल से कहा हां कोमल कहिए क्या काम था तो वह कहने लगी आप तो मुझसे काम पूछ रहे हैं क्या मैं आपको फोन नहीं कर सकती। मैंने कोमल से कहा क्यों नहीं तुम मुझे फोन कर सकती हो मैंने कुछ थोड़ी कहा, कोमल मुझे कहने लगी मैंने तो ऐसे ही आपका हाल-चाल पूछने के लिए आपको फोन कर दिया था और जब कोमल ने मुझसे यह बात पूछी तो मैंने उसकी बातों का जवाब दिया। मैंने उसे कहा मुझे भाभी ने बता दिया था कि तुमने मेरा नंबर ले लिया है कोमल कहने लगी अच्छा तो तुम्हें दीदी ने सब कुछ बता दिया था। मैंने कोमल से कहा हां मुझे भाभी ने सब कुछ बता दिया था कि तुम मेरा नंबर लेने के लिए उनसे कह रही थी और उन्होंने तुम्हें मेरा नंबर दे दिया था। कोमल कहने लगी चलिए कोई बात नहीं उन्होंने तुमसे कह ही दिया है तो अब आपको पता तो चल ही चुका होगा कि मैंने आपको क्यों फोन किया है। मैंने कोमल से कहा हां मुझे सब पता है कि तुमने मुझे क्यों फोन किया लेकिन मैं उससे ज्यादा देर तक बात नहीं कर सकता था इसलिए मैंने कोमल से ज्यादा बात नहीं की। मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हें शाम को घर जाकर फोन करता हूं और मैं जब शाम के वक्त घर पहुंचा तो मैंने कोमल को फोन किया। कोमल ने फोन उठाया और कहने लगी आप तो ऑफिस में कुछ ज्यादा ही बिजी रहते हैं मैंने कोमल से कहा नहीं कोमल ऐसी बात नहीं है दरअसल ऑफिस में मेरा काम था इसलिए मैं बिजी था।

उसके बाद तो कोमल और मेरी बात होने लगी थी हम दोनों की बातें हर रोज हुआ करती थी कोमल मुझसे फोन पर काफी बातें किया करती थी। मैं कोमल से मिलना चाहता था परंतु हम दोनों के बीच समस्या यह थी की कोमल चंडीगढ़ में रहती थी और मैं दिल्ली में रहता था इसी वजह से हम दोनों के बीच मिलना संभव नहीं था। हम दोनों एक दूसरे से काफी समय बाद मिले हम दोनों की मुलाकात करीब दो महीने बाद हुई मैं उस वक्त चंडीगढ़ गया हुआ था और मैं जब चंडीगढ़ गया तो मैं कोमल से मिला। कोमल से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा उससे मेरी बातें फोन पर अक्सर होने लगी थी उससे मेरी बातें फोन पर बहुत ज्यादा हुआ करती थी। कुछ समय बाद कोमल दिल्ली आ गई और वह दिल्ली में ही जॉब करने लगी, अब वह दिल्ली में जॉब करने लगी थी तो जब भी वह ऑफिस से फ्री होती तो मेरी मुलाकात कोमल से हो जाया करती थी। हम दोनों की मुलाकात अक्सर होती थी लेकिन जिस दिन मैं कोमल से नहीं मिलता उस दिन वह मुझ पर गुस्सा हो जाया करती थी। मुझे यह समझ नहीं आ रहा था कि आखिरकार हमारा रिश्ता किस तरफ जा रहा है क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि कोमल मुझ पर इतना ज्यादा दबाव बनाए कि मैं उसकी हर एक बात माना करुं। कभी मेरे ऑफिस में मीटिंग होती तो वह मुझसे पूछती की तुम कहां थे मेरी तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या कोमल मुझ पर इतना शक करने लगी है। इसी वजह से कोमल और मेरे झगड़े होने लगे थे हम दोनों के रिश्ते को काफी समय हो चुका था लेकिन मुझे कई बार लगता कि कोमल मुझे समझती ही नहीं है। इस वजह से मेरी उससे बहुत बहस हो जाया करती थी लेकिन कुछ समय बाद मैंने कोमल से दूरी बनाने की कोशिश की और मैंने उससे बात करना ही बंद कर दिया।

कोमल मेरी भाभी की रिश्तेदार है इसलिए वह घर पर ही आ गई और जब वह घर पर आई तो वह मुझसे कहने लगी तुम मुझसे बात क्यों नहीं कर रहे हो। मैंने उसे कहा तुम्हें मालूम है मैं तुमसे किस वजह से बात नहीं कर रहा हूं लेकिन कोमल तो शायद इस बात को समझने को ही तैयार नहीं थी कि मैं उससे किस वजह से बात नहीं कर रहा हूं। उसे अभी भी यह नहीं लग रहा था कि गलती उसकी है वह अपनी गलती मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी मैंने उसे कहा यदि तुम अपनी गलती को नहीं मानोगी तो मैं तुमसे कभी बात नहीं करूंगा। उसने मुझे सॉरी कहा और कहने लगी आगे से कभी भी मैं ऐसी गलती नहीं करूंगी और मैं तुम पर कभी शक नहीं करूंगी लेकिन वह अपनी आदत को कहा बदलने वाली थी। कुछ ही दिनों बाद वह दोबारा से मुझसे झगड़ा करने लगी हम दोनों के रिलेशन में खटास पैदा होने लगी थी और मुझे भी कई बार ऐसा लगता था कि मैं कोमल से शायद अपने रिश्ते को आगे नहीं चला पाऊंगा। मैंने उसे साफ तौर पर समझा दिया था कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो मैं आगे इस रिश्ते को नहीं बढ़ा पाऊंगा उसी दौरान मेरे ऑफिस की एक लड़की से मेरी नजदीकियां बढ़ने लगी। मैं कोमल से बात नहीं किया करता था और उससे मैं दूर रहने की कोशिश करता लेकिन कोमल तो मेरा पीछा छोड़ने को तैयार ही नहीं थी। उसका जब भी मन होता तो वह मुझसे मिलने घर पर आ जाया करती थी और मुझे कहती मैं तुम्हारी वजह से चंडीगढ़ से दिल्ली आई हूं और तुमने मेरे साथ बहुत गलत किया।

मैं उसे समझाता और हमेशा कहता कि इसमें मैंने क्या गलत किया है तुम यदि मेरे साथ अच्छी तरीके से बर्ताव करोगी तो क्या मैं तुम्हारे साथ अच्छे से बात नहीं करूंगा लेकिन कोमल को तो अपनी आदत से बिल्कुल बाज नहीं आना था और वह मुझसे हमेशा ही झगड़ा करती रहती थी। मेरे ऑफिस में काम करने वाली लड़की से मेरी नजदीकियां बढ़ने लगी थी और मैं ज्यादातर समय उसी के साथ बिताया करता था। मैं कोमल को बहुत कम मिला करता था लेकिन कोमल को इस बात से बहुत तकलीफ होती थी कि मैं उससे बात नहीं किया करता हूं। मैंने भी सोच लिया था कि जब तक वह अपनी आदतों को नहीं बदलेगी तब तक मैं भी उससे कोई रिलेशन नहीं रखूंगा और हम दोनों का रिश्ता पूरी तरीके से खत्म हो चुका था। कोमल को अब यह समझ आ चुका था कि मैं नहीं चाहता कि वह मेरे साथ रिलेशन में रहे इसीलिए उसने भी अपने आप को शायद इस बात के लिए तैयार कर लिया था। कोमल मुझसे बहुत कम मिला करती थी लेकिन अभी वह दिल्ली में ही जॉब कर रही थी मेरी उससे एक महीने बाद मुलाकात हुई और जब मैं कोमल से मिला तो कोमल ने मुझसे ज्यादा बात नहीं की मुझे लगा कि कोमल अब बदल चुकी है। मैंने कोमल को कहा कि हम दोनों लंच पर चले हम दोनों लंच पर गए तो कोमल ने मुझ से बहुत कम बात की मुझे इस बात की खुशी थी कि अब कम से कम कोमल का व्यवहार बदल चुका है। उस दिन हम लोगों ने साथ में लंच किया मुझे नहीं मालूम था कि कोमल वाकई में बदल चुकी है और उसे अपनी गलती का एहसास हो चुका है। मैंने कोमल से कहा मुझे इस बात की खुशी है कि तुम बदल चुकी हो कोमल मुझे कहने लगी तुमने मुझे कभी अच्छे से समय दिया ही नहीं है।

मैंने कोमल से कहा ऐसी बात नहीं है लेकिन कोमल मुझे कहने लगी मैं आज भी तुमसे प्यार करती हूं। उसने मुझे गले लगा लिया मैं इधर उधर देख रहा था तो सब लोग मुझे देखने लगे मुझे बड़ा ही अजीब सा महसूस हुआ। मैंने कोमल से कहा कहीं और चलते हैं मैं और कोमल वहां से बाहर चले आए जब मैं कोमल को अपने साथ गेस्ट हाउस में ले गया तो वहां पर मैं उसके होठों को किस करने लगा। जब मैंने उसके कपड़ों को उतारा तो उसके नंगे बदन को देख कर मैं अपने आपको बिल्कुल भी ना रोक सका मैंने जैसे ही कोमल के स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो उसे बड़ा अच्छा महसूस हो रहा था, वह मेरा साथ दे रही थी मैंने बड़े अच्छे से उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसा। मैंने उसकी योनि को चाटना शुरू किया तो उसकी योनि से तरल पदार्थ बाहर की तरफ निकलने लगा वह मचलने लगी। वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी मैंने जब उसकी योनि के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो वह चिल्ला उठी और मुझे कहने लगी मुझे बहुत दर्द हो रहा है लेकिन मैं उसे बड़ी तेजी से धक्का दिया जा रहा था जिससे कि उसका पूरा बदन हिल जाता।

वह मुझे कहती तुम और भी तेजी से मुझे धक्के दो मैंने उसे काफी तेज गति से धक्के देने शुरू करें वह मुझे कहती मुझे बहुत मजा आ रहा है हालांकि इससे पहले भी हमारे बीच में सेक्स संबंध बन चुके है। मैंने कोमल की गांड भी उस दिन अच्छे से मारी वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हारे पीछे इतनी पागल हूं कि मैं बता नहीं सकती और तुम्हारे बिना मैं बिल्कुल भी नहीं रह सकती। कोमल ने मुझे कहा क्या तुम मेरे बिना रह सकते हो मैंने उसे कोई जवाब नहीं दिया लेकिन वह मेरे लिए बहुत ज्यादा सोचती है और वह मुझसे बहुत प्यार करती है। मुझे इस बात का एहसास है कि वह मुझे कितना चाहता है इसीलिए मैंने कोमल से कहा तुम अब मेरी हो और तुम हमेशा ही मेरी रहोगी हालांकि मैं नहीं चाहता था कि मैं कोमल से कोई भी रिश्ता रखू लेकिन उसकी गांड मारने में जो मजा आया वह एक अद्भुत फीलिंग थी उसे में हमेशा याद करता हूं।