पहले पिछले पार्ट्स पढ़ ले, तभी मज़ा आएगा. अब आयेज-
रोहन: मों आपके सिर पे ये रेड क्या लगा है?
निशा: कहा बेटा?
रोहन: आपकी माँग में.
निशा (निशा ने उसे टच किया): ये तो ब्लड है. ये कैसे लगा यहा पे?
रोहन: लगता है जब आराव ने आपको हेल्प करने के लिए पकड़ा होगा, तभी लग गया होगा.
मे: हा लगता है जब आंटी गिरी थी, तभी मैने उन्हे उठाया था. उस टाइम लग गया होगा.
रोहन: मों आप इसे सॉफ कर लो.
निशा: हा अभी आती हू सॉफ करके (तभी डोर पे नॉक हुआ).
डोर पे रूम सर्विस वाला था. वो हमे डिन्नर बफे में इन्वाइट करने आया था.
निशा ने कहा हम थोड़ी देर में आते है.
फिर हम तीनो रेडी हुए. मैने सब को कहा आज जो भी हुआ उसकी बात कोई नही करेगा. फिर हम डिन्नर के लिए गये. वाहा पहले से काफ़ी लोग थे. हमने अपनी प्लेट ली, डिन्नर लिया, और वाहा बैठ के डिन्नर करने लगे. फिर आपने रूम में आ गये और सोने चले गये.
रोहन: भाई आज जो भी (मैं उसकी बात को रोकते हुए).
मे: यार उसके बारे में कुछ बात मत कर.
रोहन: ठीक है, पर थॅंक्स आज तूने मों और मुझे बचा लिया.
मे: इसमे थॅंक्स क्या? तुम दोनो मेरी फॅमिली जैसे हो.
रोहन: अछा तूने मों के लिए कुछ सोचा?
मे: अभी तक तो नही. बुत आंटी को सच में एक पार्ट्नर की ज़रूरत है, जो उनको हर मुसीबत से प्रोटेक्ट करे.
रोहन: बोल तो तू सही रहा है.
तभी निशा आ गयी.
निशा: ये क्या बात कर रहे हो तुम दोनो. तोड़ा सोच समझ के बोलो (रोहन पूरा दर्र गया था)
मे: आपने सब सुन लिया क्या?
निशा: हा, पहले भी तुम्हारी बात सुनी थी. उस टाइम मैं शांत थी, बुत अब नही.
मे: तो आपने पहले क्यूँ नही कुछ बोला? मैं जानता हू की आप लाइफ में अकेली हो (निशा को आँख मार दी).
निशा (आँखों से मुझे रोका): मैं 40+ की हू. इतना बड़ा बेटा है. तुम बोल रहे हो कुछ सोच के बोलो.
रोहन: मों आराव सही बोल रहा है. वैसे भी आज जो हुआ वैसा कभी दोबारा हुआ, तो आपको भी हक़ है दोबारा अपनी लाइफ स्टार्ट करने का.
मे: हा आंटी, रोहन सही बोल रहा है. हम दोनो ने देखा है आप कैसे कभी-कभी खुद को अकेला महसूस करती हो.
निशा: बुत इस आगे में मुझसे कों शादी करेगा? वो भी जिसका एक इतना बड़ा बेटा हो. वैसे भी आज जो भी हुआ वो ठीक नही हुआ.
मे: जानता हू आज जो भी हुआ ये ग़लत था, बुत क्या कर सकते है?
निशा: मैं तुम्हारे हाथ से लगे खून की बात कर रही हू.
रोहन: क्या मतलब मों?
निशा: बेटा यही की आराव के हाथ से लाल रंग मेरी माँग भर गयी.
रोहन: तो क्या हुआ मों? ये सब अंजाने में हुआ.
निशा: मगर मैं शादी-शुदा नही हू. ऐसे आराव ने मेरी माँग भर के शादी का एक इंपॉर्टेंट रिवाज़ कर दिया.
मे: पर ये तो ग़लती से हुआ. मैने जान के थोड़ी किया.
निशा: जानती हू, बुत तुमने जो भी किया इसे अधूरी शादी कहा जाता है.
मे: आंटी ये सब बकवास है. फिर भी आप बोलो तो देल्ही जाके हम पंडित से मिल लेंगे.
रोहन: ये सही है.
फिर हम सब सो गये नेक्स्ट दे उठे, ब्रेकफास्ट किया, और रेडी होके घूमने चले गये वाहा से. शाम को आए तो अपने रूम में चेंज करके होटेल में एंजाय करने लगे. फिर वाहा हमे एक कपल मिला, जिनसे थोड़ी बात-चीत की. उन्होने निशा से पूछा की आपकी अभी तक शादी क्यूँ नही हुई.
मैने कहा: हम दोनो की कुछ दीनो में शादी होगी. ये रोहन है, इनका छ्होटा भाई.
फिर हम वाहा से आ गये अपने रूम में.
निशा (गुस्से का नाटक करते हुए): तुमने वाहा क्या बोला?
मे: सॉरी, बुत मेरे पास और कोई ऑप्षन नही था. वैसे भी आप सब को इस तरह से अपनी स्टोरी बताए, ये सही नही.
रोहन: हा मों, आराव सही बोल रहा है.
फिर हमने डिन्नर किया. उसके बाद सो गये. नेक्स्ट दे उठे. फिर रेडी होके, ब्रेकफास्ट करके, एरपोर्ट आ गये. वाहा से हमारी फ्लाइट थी देल्ही की. यहा आके नेक्स्ट दे हम एक पंडित से मिलने गये. वो पंडित निशा के पहचान के थे. हमने उन्हे बताया की मेरे हाथ में कट लगा था. फिर मेरे हाथ का खून निशा के सर पे लग गया था. उन्होने कहा की अगर ऐसा हुआ है तो मेरी और निशा की आधी शादी हो गयी थी.
मैने कहा: ये तो ग़लती से हुआ.
तो उन्होने कहा: कैसे भी हुआ. अगर तुम्हारा इनसे कोई खून का रिश्ता नही, तो ये एक अधूरी शादी मानी जाएगी. जब तक तुम दोनो पुर रीति-रिवाज़ से शादी नही करते, तुम दोनो का भाग्या तुम्हारे साथ नही रहेगा. अगर तुमने किसी और से शादी की, तो तुम्हारा वो विवाहिक जीवन बहुत ही जल्दी ख़तम हो जाएगा.
फिर निशा ने उनसे पूछा: इसका कोई उपाए?
तो उन्होने कहा: तुम दोनो को पुर रीति-रिवाज़ से शादी करनी होगी.
फिर हम घर आ गये. मैने रोहन और निशा से सॉफ बोल दिया की ये नही हो सकता. बुत निशा ने कहा की और कोई ऑप्षन नही थी. रोहन भी सोच में था की क्या किया जाए. हम अपने रूम में आ गये थे. मुझे अमित अंकल का फोन आया की उन्हे कुछ पेपर्स पे मेरे सिग्नेचर चाहिए थे, जिसके लिए वो 1 घंटे में यहा आ रहे थे.
मैने निशा को ये बता दिया, और उनका वेट करने लगा. मैं सोच रहा था की ये बात अमित अंकल को बता डू. बुत मेरे माइंड में ये था की वो कैसा रिक्ट करेंगे. क्यूंकी अमित अंकल पुराने रीति-रिवाज़ को मानते थे, बुत ये बात अलग थी. फिर वो आए, और मैने पेपर पे साइन किया.
उसके बाद उन्हे वो बताया जो हम तीनो के साथ वाकेशन में हुआ था. पहले तो उन्होने ऐसे रिक्ट किया जैसे मैने बहुत बड़ा पाप किया हो. फिर मुझे दांता. मैं सब कुछ सुन रहा था. मैने उनसे माफी भी माँगी. फिर उन्होने काफ़ी देर सोचने के बाद कहा, की अब मेरी और निशा की आधी शादी हो गयी थी, तो हम पूरी शादी कर ले सब रीति-रिवाज़ से.
मैने माना कर दिया की ये सब ग़लती से हुआ था. तो उन्होने हमारे पंडित जी को फोन किया, और उन्हे सारी बात बताई. उन्होने भी वही कहा जो पहले वाले पंडित ने कहा था. तो अंकल ने कहा की जैसा पंडित जी ने कहा था वैसा ही करना होगा.
निशा जल्दी से मान गयी. उसने कहा की पुराने रिवाज़ को मानना होगा. बुत मैं नाटक कर रहा था. रोहन ने भी मुझे कहा की मुझे शादी कर लेनी चाहिए. निशा ने कहा की मैं तोड़ा टाइम लेके सोचु. अमित अंकल ने कहा मुझे की मैं कल तक उन्हे सोच के बता डू. मैने कहा ओक.
फिर अमित अंकल चले गये. मैं भी आपने रूम में आ गया. तभी रोहन भी मेरे रूम में आया और निशा भी.
निशा ने कहा मुझे: अगर किसी को इसका पता चला तो कोई मुझसे दोबारा शादी नही करेगा. तुम ही मेरा सहारा हो.
रोहन ने भी बोला: देख भाई, तुझे मों से शादी करनी होगी.
मैने कहा: मैं कैसे कर सकता हू? हमारा आगे गॅप, उपर से ये तेरी मों है. अगर बाद में किसी को पता चला तो मेरी शादी कैसे होगी?
रोहन मुझसे रिक्वेस्ट करने लगा. मैने कहा मुझे सोचने का टाइम दो. मैं निशा से शादी करना चाहता था, बुत मैं ये भी चाहता था की शादी रोहन की मर्ज़ी से हो. इसलिए मैं ये नाटक कर रहा था. निशा को इसका पता चल गया था, और उसने कुछ कहा नही.
नेक्स्ट दे मैने रोहन और अमित अंकल को अपना जवाब दे दिया. दोनो खुश थे. अमित अंकल ने कहा की वो पंडित जी से अछा सा महुरत निकाल के मुझे बताएँगे.
सो फ्रेंड्स आज के लिए इतना ही. उमीद करता हू आपको मज़ा आ रहा होगा. नेक्स्ट पार्ट में पता चलेगा कैसे मेरी और निशा की शादी हुई, और फिर हमने कैसे एक-दूसरे को प्यार किया. तब तक के लिए गुड बाइ फ्रेंड्स.