कारण ने दया को गोगी के लंड से बचाया

हेलो दोस्तो, उमिद है आपको मेरी “तारक मेहता का ऊलतः चश्मः” चुदाई कहानी का पिच्छला पार्ट पसंद आया होगा. अब आयेज..

अब दया घर के अंदर आ गयी थी. लेकिन अंदर आते देख गोगी को उस पर काफ़ी गुस्सा आ गया था. वो डंडा अभी भी दया की गांद में था, और दया को दर्द हो रहा था. लेकिन दया कुछ नही बोल रही थी. तभी गोगी ने किसी को देख, और बोला-

गोगी: साली तू यहा क्यू आ गयी है?

गोगी की आवाज़ सुन कर दया बोली-

दया: क्या हुआ, कों आ गया?

गोगी बोला: नही कुछ नही.

दया: आप प्लीज़ कुछ और करवा लो ना.

फिर गोगी ने कहा: चल जल्दी से अब सब्ज़ी बनानी शुरू कर.

ये सुन कर दया बोली: अछा क्या मैं अब फोन बंद कर डू क्या?

गोगी बोला: क्या मैं तेरे पति को वीडियो सेंड कर डू क्या?

तभी दया ने कहा: नही करती बंद.

ये बोल कर दया जल्दी से सब्ज़ी बनाने लग गयी. लेकिन उसको नही पता था, की गोगी के दिमाग़ में क्या चल रहा था. अब दया कुछ नही बोल रही थी, और अपना काम करने लग गयी थी.

उधर सुखी को कुछ आइडिया आया था. वो क्या आइडिया था, अब आपको पता चलने वाला है. सुखी ने जेथलाल से कहा-

सुखी: हमारा बेटा किस दिन काम आएगा? आप उसको फोन करो. और इसी बहाने से वो अपने पापा से बात भी कर लेगा.

जेथलाल को सुखी की बात सुन कर हस्सी आ गयी. उसने जल्दी से सुखी की गांद पर एक थप्पड़ मारा, और बोला

जेथलाल: हा मेरी जान, बिल्कुल सही कहा तूने.

फिर जल्दी से जेथलाल ने अपने फोन से कारण को फोन मिला लिया, और कुर्सी पर बैठ गया. उसने सुखी को अपनी गोद में अपने लंड पर बिता लिया. उधर कारण ने फोन में देखा, तो उसको जेथलाल का फोन आ रहा था. उसने फोन पिक किया, और बोला-

कारण: हेलो सेठ जी. हंजी बोलिए, क्या काम है आपको?

जेथलाल को कारण के मूह से “सेठ जी” सुन कर बुरा लगा. उसको फील हुआ, की कारण के उसको पापा कह कर नही बुलाया. सुखी जेथलाल को बुरा लॅंग का कारण समझ गयी थी. फिर सुखी ने जेथलाल से कहा-

सुखी: मैं कल से उसको आपको पापा कह कर बुलाने को बोलूँगी.

फिर जेथलाल ने कारण को सारी बात बता दी. कारण ने बात सुन कर जेथलाल से कहा-

कारण: हंजी मैं आपका ये काम कर दूँगा.

जेथलाल ने कहा: ठीक है, लेकिन जल्दी से मुझे स्चेक ला कर दे देना. या बॅंक में दे देना.

तभी सुखी ने जेथलाल से फोन लेकर कारण को कहा-

सुखी: तू स्चेक बॅंक में ही दे आना.

कारण ने अपनी मा की बात मान ली, और हा बोल दिया.

फिर जेथलाल ने फोन बंद कर दिया. कारण अब दया के घर की तरफ चला गया. दया उधर सब्ज़ी बनाने के लिए मसाला तैयार कर रही थी. जैसे ही दया ने मसाला तैयार कर लिया, तभी गोगी ने उसको रोक दिया. फिर गोगी उसको बोला-

गोगी: अब यही मसाला तुझे अपनी छूट में लेना होगा.

ये सुन कर दया की जान निकल गयी, क्यूकी मसले की वजह से उसकी छूट में मिर्ची लगने वाली थी. लेकिन क्यूकी वो कुछ कर नही सकती थी, तो उसको गोगी की बात मान-नि ही पड़नी थी.

फिर दया ने मोबाइल को अपने सामने रख लिया. गोगी सामने बैठा उसको देख रहा था. फिर दया ने मसाला हाथ में लिया, और उसको अपनी छूट में लेने लग गयी. जैसे-जैसे मसाला अंदर जेया रहा था, दया की छूट में आग लग रही थी.

उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे. लेकिन वो कुछ नही कर सकती थी, और उसको ये दर्द सहना ही पद रहा था. दया बड़ी मुश्किल से उस मसले को अपनी छूट के अंदर ले रही थी. वो मसाला लेते हुए रो रही थी.

वाहा कोई ऐसा भी था, जो दया को ये सब करते हुए देख रहा था. और वो कोई था कारण. कारण दया को बचना चाहता था. लेकिन वो उसको ऐसे नही, बल्कि कुछ प्लान बना कर बचना चाहता था. वो चाहता था, की दया उसकी रंडी बन जाए.

फिर कारण सोचने लगा, की दया को कैसे बचाया जाए. तभी उसके दिमाग़ में एक आइडिया आया. उसने अपनी जेब से फोन निकाला, और गोगी को फोन लगा दिया. वो ये चाहता था, की गोगी का ध्यान किसी और तरफ चला जाए.

फिर गोगी ने दया को देखते-देखते फोन उठा लिया. उसने कहा-

गोगी: हेलो.

फिर कारण ने लड़की की आवाज़ में बात की, और उसको बाहर बुला लिया. लड़की की आवाज़ सुनते ही गोगी पागल हो गया. फिर गोगी ने दया को कहा-

गोगी: चल मैं बाद में लेता हू तेरी.

इससे अब दया को बहुत संतुष्टि मिल गयी थी. फिर गोगी ने दया वाली कॉल कट कर दी. तभी कारण जल्दी से दया के घर की तरफ वापस चला गया. फिर जब वो घर के अंदर गया, तो दया सही हो गयी. दया से चला भी नही जेया रहा था. उसकी गांद और छूट में मिर्ची गयी हुई थी. और इसी वजह से उसकी बंद बाजी हुई थी.

फिर दया ने कारण को देखा, पर कारण को देख कर उसको मस्ती नही आई. उसको गुस्सा था, क्यूकी कारण की आग के कारण ही आज उसके साथ ये सब हो रहा था. फिर दया ने कारण को बोला-

दया: तू क्यू आया है यहा?

तो कारण ने कहा: जेथलाल जी ने स्चेक लेके आने को कहा है.

तभी दया ने जल्दी से जेथलाल को फोन किया. फिर वो अंदर से स्चेक लेके आई, और बाहर आके स्चेक कारण को दे दिया. तभी कारण ने दया को कहा-

कारण: अर्रे ऐसे क्यू चल रही हो?

तो दया ने उसको कहा: तुझे क्या लेना है?

इस्पे कारण ने कहा: मैं जानता हू, की गोगी ने आपके साथ ये सब किया है.

दया को शरम आ गयी, लेकिन उसको कारण पर गुस्सा भी आया. वो कारण को बोली-

दया: सेयेल तेरे कारण ये सब हो रहा है मेरे साथ. उस दिन तूने अपना लंड दिखा कर मुझे गरम कर दिया था

तभी कारण ने दया को कहा: आप दररो मत. मैं अपने आप सब कुछ ठीक कर दूँगा. आप बस मुझे बता देना जब भी वो आपको फोन करे.

फिर दया गुस्से में बोली: ठीक है सेयेल. तुझसे कुछ होने तो है नही. तू तो बस लंड ही हिला सकता है.

ये सुन कर कारण को गुस्सा आया. लेकिन उसने सोचा, की वो बाद में दया की छूट में लंड डाल कर अपना गुस्सा निकाल लेगा.

फिर कारण घर से बाहर आ गया, और अपनी बिके पर बैठ कर बॅंक की तरफ जाने लगा. तभी एक-दूं से अंजलि ने उसको बुला लिया. क्यूकी अंजलि आज उसको लड्डू खिलाना चाहती थी.

अब इसके आयेज क्या होने वाला है, वो आपको नेक्स्ट पार्ट में पता चलेगा. आप जिसकी भी चुदाई की डिमॅंड कर रहे है, वो भी अगले पार्ट्स में आने वाली है. जल्दी ही अगला पार्ट आएगा.