अभी हम ट्रेन में थे. रोहन सो रहा था, बुत मैं और निशा जाग रहे थे. मुझे मस्ती आ रही थी, बुत खुद पे कंट्रोल किया हुआ था. आज जो कुछ भी हुआ था उसे रोहन को तोड़ा बुरा लगा होगा. मैं और निशा नॉर्मल बातें कर रहे थे. बुत निशा मुझसे ये सवाल इशारों में पूच रही थी की आयेज क्या होगा और कैसे होगा.
मैने भी उसे कहा: डॉन’त वरी अबौट इट. मैं सब देख लूँगा.
थोड़ी देर बाद रोहन भी उठा. हम तीनो लडो खेलने लगे. उतने में रोहन ने पूछा-
रोहन: ब्रो आयेज का क्या प्लान है? हम आज कों से होटेल में रुकेंगे?
मे (समझ गया था उसका मतलब): भाई इस बार 2 नॉर्मल रूम है बस.
निशा: फिर ठीक है, बुत हम डार्जीलिंग कल जाएँगे या आज?
मे: कल मॉर्निंग में. मैने सब अरेंज्मेंट्स कर दिए है.
रोहन: क्या-क्या किया है?
मे: कल के लिए एक कॅब बुक कर ली है. वो कॅब ड्राइवर गाइड बन के हमे सब कुछ दिखाएगा. देन रात में हम वही रुकेंगे. नेक्स्ट दे भी वही स्टे करेंगे. फिर अगले दिन आएँगे वापस सिल्लिगुरी. वाहा से वापस देल्ही की फ्लाइट.
निशा: फिर ठीक है. बुत मैने सुना है डार्जीलिंग में ठंड होती है.
मे: डॉन’त वरी मैने पहले ही बोला था एक जॅकेट लेने के लिए.
रोहन: हा मैने लेली है.
निशा: मैने भी ली है.
हमने थोड़ी देर ऐसे ही बातें की. अब रोहन का मूड अछा हो गया था. फिर हमने ईव्निंग में स्नॅक्स आंड कॉफी ली. उसके बाद शाम के 7:30 को स्टेशन पहुँचे. हमने वाहा से टॅक्सी ली, और होटेल में पहुँचे. वाहा जाके चेक-इन किया. फिर अपने रूम में गये. हमारा एक बड़ा सा 2 बेडरूम वाला रूम था, जिसमे 2 रूम एक साथ अटॅच्ड थे.
फ्रेश होके हमने साथ में डिन्नर किया. उसके बाद मोविए देखी. मेरा मॅन था रोमॅंटिक मोविए देखने का, बुत रोहन के रहते ये पासिबल नही था. तो मैने एक हॉरर मोविए लगा दी, जिसे साथ में हमने देखा. फिर 2 घंटे बाद निशा दूसरे रूम में सोने चली गयी.
क्यूंकी ये रूम का बेड बड़ा था, रात में सोते टाइम मैं और रोहन ने थोड़ी बात की. अब रोहन जो भी हुआ उसे भूल गया था. उसने मुझसे पूछा की मैने उसकी मों के लिए कुछ सोचा.
मैने कहा: तेरी मों से बात की थी इस बारे में. तब पता चला की वो भी कभी-कभी ऐसा सोचती है. तू टेन्षन मत ले. ऐसा कुछ नही करना हमे जिससे तेरी या आंटी की लाइफ पे एफेक्ट पड़े. फिर हम सो गये. नेक्स्ट दे 7 बजे उठे तो फटाफट रेडी हुए, ब्रेकफास्ट किया, उसके बाद कॅब में बैठे, और डार्जीलिंग के लिए चले गये.
होटेल से डार्जीलिंग का डिस्टेन्स करीब 60 केयेम था. उपर से माउंटन वाला रोड. हमे 2 अवर्स लग गये अपने स्पॉट पे जाने में. फिर सबसे पहले हम यहा के ज़ू में गये. 1 घंटा सब देखा. उसके बाद फिर हमने टाइगर हिल, रोपेवे बहुत कुछ देखा. फिर शाम के 6 बजे अपने होटेल में पहुचे.
मैने ड्राइवर को आज का पैसा दिया और बोला: कल ठीक 9 बजे आ जाना. फिर हमने चेक-इन किया. उसके बाद फ्रेश होके हम बाहर आए थोड़ी देर के लिए घूमने. हम होटेल के गार्डेन में बैठ के बातें करने लगे. फिर सोचा की तोड़ा बाहर का नाइट व्यू लिया जाए. हम बाहर आ गये. चलते-चलते काफ़ी डोर आ गये हम.
मैने कहा: चलो ना पास में उपर, वाहा से नीचे का अछा व्यू दिखेगा. वाहा चल के कुछ फोटोस लेते है.
हम जंगल के रास्ते में जेया रहे थे. काफ़ी अंधेरा था. फोन की टॉर्च से भी उतना एफेक्ट नही हो रहा था. 10 मिनिट बाद हम वाहा पहुँच गये. फिर हमने कुछ पिक्स लिए. वाहा का व्यू एक-दूं मस्त था. फिर अचानक बारिश स्टार्ट हो गयी हल्की-हल्की.
हम भाग के वाहा पे एक पुराना छ्होटा सा घर दिखा, वाहा आ गये. सोचा बारिश रुकने तक यही वेट कर लेते है. 2 मिनिट में बारिश एक-दूं तेज़ हो गयी. तभी वाहा पे 5 लोग और आ गये. वो वाहा के लोकल थे. उनकी आगे 30 साल के करीब होगी, बुत गंदे लोग थे. उन्होने निशा को जब देखा तो देखते ही रह गये.
फिर उन्होने उसके बारे में गंदी बातें करनी स्टार्ट कर दी. उनकी लॅंग्वेज समझ में नही आ रही थी. बुत कुछ-कुछ वर्ड्स से पता चल रहा था. इस्पे मुझे बहुत गुस्सा आया. फिर मैं, निशा, और रोहन दूसरी साइड चले गये. उनमे से एक रोहन के पास आया और उसे पूछने लगा की हम लोग कों है, और उनके अड्डे पर क्या कर रहे थे.
रोहन: हम बारिश से बचने के लिए यहा आए है.
मे: देखो भाई, हम थोड़ी देर में यहा से चले जाएँगे बारिश रुकने पर.
तभी उनमे से एक और आया. उसने निशा को देख के उससे बात करने की कॉसिश की. बुत निशा ने कुछ रिप्लाइ नही दिया.
फिर उसने निशा को बोला: रंडी बोल ना.
रोहन गुस्से में आयेज बढ़ा, लेकिन उसने रोहन को ही पकड़ लिया. फिर उनमे से एक निशा के पास आया और उसके फेस पे उंगली घुमाई. अब मैं सोच रहा था की यहा बात बिगड़ सकती थी. मुझे लगा की अगर इनसे लड़ाई करी, तो हमारा पीटना पक्का था.
मैने सीखा है की जो काम दोस्त बना कर हो सकता है, उसके लिए दुश्मनी करना ठीक नही. और यही नीति मैने वाहा पर अपनाई. मैने उनमे से एक को इशारा करके अपने पास बुलाया. वो मेरे पास आया, और बोला-
आदमी: हा बोल.
मैं: ज़रा साइड में आएँगे, आपसे कुछ बात करनी है.
आदमी: जो बोलना है यही बोल.
मैं: भाई आपके फ़ायदे की बात है, सब के सामने नही कर सकता.
फिर वो साइड में आया, और मैने बात शुरू की.
मैं: देखो भाई, ये जो औरत है, इसका घरवाला पोलीस वाला है. अगर इसके साथ कुछ भी उल्टा-सीधा किया, तो इसका पति पुर स्टेट की पोलीस लगा देगा, लेकिन तुमको ढूँढ निकालेगा. और पोलीस वाले क्या कर सकते है, इसका अंदाज़ा तो तुमको होगा ही.
वो आदमी मेरी बात सुन कर तोड़ा घबरा गया. फिर मैने उसको कहा-
मैं: देखो मैं समझता हू, की तुम्हारे लिए भी ये अछा मौका है माल कमाने का. तो मैं तुम्हे 50000 देता हू. तुम हमे यहा से जाने दो. इससे किसी का कोई नुकसान नही है.
उसने कुछ देर सोचा, और फिर वो मान गया. फिर हम कुछ देर वही रुके, और बारिश बंद होते ही वाहा से वापस आ गये.
सो फ्रेंड्स, आज के लिए इतना ही. उमीद करता हू आपको ये पार्ट पसंद आया होगा. अपनी फीडबॅक ज़रूर देना आप. तब तक के लिए गुड बाइ.