हॉस्टिल मे घुसे लड़के के साथ मज़े

हे गाइस, मई हू शीना. मई 20 साल की हू, और एक नंबर की रंडी हू. मुझे अपनी छूट छुड़वाने मे बड़ा मज़ा आता है. लंड कितना भी बड़ा हो, मई कभी उसको अपनी छूट मे लेने से नही डरती. अभी मेरी पढ़ाई चल रही है, और मई हॉस्टिल मे रहती हू.

ये कहानी 15 दिन पहले की है. मई और मेरी 2 फ्रेंड्स पिंकी आंड जसमीन अपने रूम मे पढ़ाई कर रहे थे. तभी अचानक से हॉस्टिल शोर मचने लगा. जब हमने बाहर जाके देखा, तो सब कह रहे थे, की हॉस्टिल मे कोई लड़का घुस आया है.

इससे लड़किया बहुत खुश थी. हर कोई उस लड़के को ढूँढ रहा था. फिर हम तीनो अपने रूम मे आ गयी. जब हम रूम मे आई, तो हमारे रूम की खिड़की खुली हुई थी. मैने सोचा, की खिड़की तो बंद थी, तो खुल कैसे गयी. फिर मैने इसको इग्नोर किया, और पढ़ने बैठ गयी.

तभी पिंकी बातरूम मे जाने लगी. जैसे ही वो बातरूम मे एंटर हुई, तो चीखते हुए बाहर आ गयी. वो लड़का जो हॉस्टिल मे था, वही खिड़की के ज़रिए हमारे रूम मे आ गया था. वो बातरूम मे च्छूपा हुआ था.

फिर हम तीनो अपने हाथ मे कुछ ना कुछ लेके उसको देखने के लिए गये. वो एक शॉल लेके अपना मूह च्छूपा रहा था. फिर मई उसको बोली-

मई: ओये लड़के, अपना शॉल हटा.

उसने डरते हुए अपना शॉल हटाया. शॉल हट-ते ही उसमे से एक क्यूट सा गोरा-चितता लड़का बाहर आया. वो कोई 19 साल का लड़का था, और किसी लड़की को प्रपोज़ करने हॉस्टिल मे आया था. मेरा तो उसको देखते ही उसपे दिल आ गया था. मैने उसका नाम पूछा, तो उसने अपना नाम पंकज बताया.

फिर हम उसको रूम मे लेके आए. रूम मे आते ही उसने कहा-

पंकज: जी प्लीज़ गार्ड्स को मत बुलाना. वो मेरी हड्डिया तोड़ देंगे.

उसको देख कर मेरे मॅन मे थोड़ी शैतानी आई. मैने अपनी सहेलियो को साइड पे ले-जाके बोला-

मई: देखो ये बहुत अछा मौका है. इसके साथ मज़े करते है, और ये माना भी नही कर सकता.

पिंकी: पागल है तू? किसी को पता चल गया तो?

मई: किसी को पता नही चलेगा.

जसमीन: शीना ठीक बोल रही है. हमे मज़ा कर लेना चाहिए.

फिर मैने उस लड़के की तरफ देखा, और बोली-

मई: ओये लड़के! अगर तू चाहता है, की हम गार्ड्स को ना बुलाए, तो जो हम कहे, वो तुझे करना होगा.

पंकज: आप जो बोलो.

मई: चल अपने कपड़े उतार.

पंकज(घबराते हुए): कपड़े क्यू?

मई: बूलौऊ क्या गार्ड्स को?

पंकज: नही-नही मई उतारता हू.

हम तीनो सहेलिया शॉर्ट्स और त-शर्ट मे थी. फिर पंकज ने अपने सारे कपड़े उतार दिए, लेकिन अंडरवेर नही उतारा. ये देख कर मैने उसको बोला-

मई: ये भी उतार.

पंकज: ये मई नही उतार सकता.

मई: चल मई उतार देती हू.

फिर मैने उसको स्टूल पे बिताया, और उसकी एक जाँघ पर बैठ गयी. मेरे उसकी जाँघ पर बैठते ही उसका लंड हरकत करने लगा. मैने अपना एक हाथ उसके लंड पर रखा, और उसका हाथ अपनी ब्रेस्ट पर रख दिया. अब तक वो समझ चुका था, की हम तीनो उसके साथ मज़ा करना चाहती थी.

उसने मेरे बूब्स मसालते हुए अपने होंठ मेरे होंठो के साथ चिपका दिए, और हम दोनो एक-दूसरे को स्मूच करने लगे. उसका लंड खड़ा हो चुका था, और काफ़ी बड़ा हो गया था.

पिंकी और जसमीन भी अपनी-अपनी छूट को सहलाने लगी थी, और हल्की-हल्की सिसकिया लेने लगी थी. फिर मैने पंकज को खड़ा किया, और उसका अंडरवेर पकड़ कर नीचे कर दिया. अंडरवेर निकलते ही उसका लंड उछाल कर बाहर आ गया.

उसका लंड 7 इंच का था, और उसको देख कर हम तीनो की आहह निकल गयी. मैने उसको बेड पर धक्का दे दिया, और उसके लंड को हिलाने लग गयी. पिंकी उसके मूह के पास गयी, और उसके लिप्स चूसने लगी. जसमीन ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरे साथ उसका लंड हिलाने लगी.

फिर मैने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए, और जसमीन को अपने बूब्स चुसवाने लगी. जसमीन उसका लंड हिला रही थी, और मेरे बूब्स चूस रही थी. फिर पिंकी ने अपने कपड़े उतारे, और पंकज से अपनी छूट चटवाने लगी.

मैने पंकज का लंड अपने मूह मे डाल लिया, और जसमीन मेरी छूट चाटने लगी. 5 मिनिट मे पिंकी झाड़ गयी, और पीछे हो गयी. फिर जसमीन पंकज से अपनी छूट चटवाने लगी. मई अभी भी पंकज का लंड चूस रही थी.

10 मिनिट मे जसमीन भी झाड़ गयी. अब बस मई और पंकज बचे थे. मई उसका लंड चूस रही थी, और वो मेरे मूह मे धक्के दे रहा था. अब मेरी छूट लंड चाहती थी. मई पंकज के उपर आई, और उसको किस करने लगी.

हम दोनो पागलो की तरह एक-दूसरे को चूस रहे थे. फिर मई उसके लंड के उपर आई, और मैने उसका लंड अपनी छूट पर सेट किया. ये देख कर पिंकी बोली-

पिंकी: तू पागल हो गयी है? बिना प्रोटेक्षन के करेगी?

मई: भाड़ मे गयी प्रोटेक्षन.

ये बोल कर मई उसके लंड के उपर बैठने लगी. मेरे मूह से सिसकिया निकल रही थी. तभी पंकज ने नीचे से एक धक्का मार कर लंड मेरी छूट मे घुसा दिया, और मेरी चीख निकल गयी. मई 2 मिनिट के लिए ऐसे ही रुकी रही. पंकज ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया, और मेरे बूब्स चूसने लगा.

इससे मई और गरम हो गयी. फिर मई उसके लंड पर उपर-नीचे होने लगी. मुझे चूड़ने मे बड़ा मज़ा आ रहा था, और पंकज की तो लॉटरी लगी ही हुई थी. थोड़ी देर मई ऐसे ही उसका लंड अपनी छूट मे लेती रही. फिर जब मई तक गयी, तो मई नीचे आ गयी.

पंकज मेरे उपर आया, और उसने एक ही धक्के मे अपना पूरा लंड मेरी छूट मे घुसा दिया. वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था, और मई अपने बूब्स मसल-मसल कर छूट छुड़वाने का मज़ा ले रही थी.

अब पिंकी और जसमीन फिरसे गरम हो चुकी थी, और वो दोनो अपनी छूट सहला रही थी. 15 मिनिट की ताबाद-तोड़ चुदाई के बाद पंकज ने अपना लंड मेरी छूट से निकाला, और मेरे मूह पर अपना पानी निकाल दिया. मई उसका पानी चाटने लगी, और मैने स्माइल करते हुए अपनी फ्रेंड्स को आँख मारी.

उन दोनो से भी रहा नही गया, और उन्होने फिरसे पंकज को लिटा कर उसका लंड चूसना शुरू कर दिया. 5 मिनिट मे उसका लंड फिरसे खड़ा हो गया. फिर पिंकी उसके लंड पर चढ़ गयी, और जसमीन उसके मूह पर चढ़ कर अपनी छूट चटवाने लगी.

पिंकी ने उसका लंड अपनी छूट मे ले लिया , और उपर नीचे होने लगी. मई पिंकी के पीछे आ गयी, और उसके बूब्स मसालने लगी. पिंकी ने भी पीछे से जसमीन के बूब्स पकड़ लिए, और उनको दबाने लगी. 10 मिनिट मे पिंकी फिरसे झाड़ गयी, और लंड से नीचे उतार गयी.

फिर जसमीन आई, और उसने पंकज का लंड अपनी छूट मे ले लिया. इस बार पंकज ने जसमीन को नीचे लिटा दिया, और अपना पूरा ज़ोर उस पर दिखा दिया. जसमीन चीखे मार-मार कर चुड रही थी, और पंकज उसकी छूट मे ही झाड़ गया. 15 मिनिट की चुदाई मे जसमीन 2 बार झाड़ चुकी थी.

फिर जसमीन बोली: अर्रे अंदर क्यू झाड़ गया?

पंकज: सॉरी मुझसे कंट्रोल नही हुआ.

मई: डॉन’त वरी जसमीन, मेरे पास पिल है.

पूरी रात ऐसे ही हमारी चुदाई चलती रही, और अगले दिन हमने पंकज को हॉस्टिल से बाहर निकाल दिया.

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