स्टूडेंट ने पास होने के लिए चूत और गांद चुडवाई

ही दोस्तो, मैं हू रूपाली. मैं आगरा की रहने वाली हू. मेरी उमर 20 साल है, और मेरा फिगर 35″27″38″ है. रंग मेरा गोरा है, और लड़के मुझे छोड़ने के लिए मार-मिटने को तैयार रहते है.

मैं कॉलेज में 2न्ड एअर में पढ़ती हू. मेरी छूट और गांद दोनो चुड चुके है. छूट तो पहली बार मैने अपने बाय्फ्रेंड से चुडवाई थी. लेकिन गांद मेरे कॉलेज के प्रोफेस्सर्स ने छोड़ी थी. वही कहानी मैं आपको बताने जेया रही हू.

पिछले साल की बात है. मैं फर्स्ट एअर में थी. मैं पढ़ाई में कभी अची नही रही. लेकिन मुझे सजना-सवरना और बन-तन कर रहना बहुत अछा लगता है. मेरी पहली चुदाई मेरे बाय्फ्रेंड ने की थी. वो चुदाई 12त के एग्ज़ॅम्स के तुरंत बाद हुई थी.

मेरे चक्कर उसके साथ 6 महीने से चल रहा था. फिर 12त के बाद हम दोनो को मौका मिला, और उसने मेरी सील तोड़ दी. मेरे बाय्फ्रेंड का लंड 6 इंच का था, और उससे मुझे बहुत मज़ा आया था.

फिर कॉलेज में जाने के बाद मुझे उससे बात करने का टाइम नही मिलता था. इस वजह से मेरी उसके साथ लड़ाई हो गयी, और मेरा ब्रेकप हो गया.

कॉलेज के फाइनल एग्ज़ॅम्स हो रहे थे. जैसा की मैने बताया, की मैं पढ़ने में अची नही थी, तो मुझे कुछ आता नही था. इस वजह से मैने आन्सर शीट पर कुछ भी लिख दिया, और सब्मिट करके आ गयी.

मेरे सारे पेपर्स ऐसे ही गये थे. अब मुझे टेन्षन हो रही थी, की मैं घर पर क्या बोलूँगी. हमारे जो होड़(हेड ऑफ डिपार्टमेंट) वो बड़े आचे आदमी थे. उनका नाम अरुण है. मैने सोचा, की मैं उनको जाके रिक्वेस्ट करती हू. मुझे लगा की शायद इससे बात बन जाएगी.

फिर मैं उनके ऑफीस में गयी. मैने पाजामी सूट पहना हुआ था. मेरे शर्ट का गला काफ़ी डीप था. मैने उनके ऑफीस के दरवाज़े पर नॉक किया, और बोली-

मैं: मे ई कम इन सिर?

अरुण सिर: कम इन.

मैं: गुड मॉर्निंग सिर.

अरुण सिर: गुड मॉर्निंग. हंजी रूपाली बोलिए.

मैं: सिर मुझे एक रिक्वेस्ट करनी थी.

अरुण सिर: हा बोलो क्या बात है?

मैं: सिर मेरे एग्ज़ॅम्स आचे नही गये. मैं फैल हो गयी तो मेरे पेरेंट्स मेरी स्टडी रोक देंगे. आप प्लीज़ मेरी हेल्प कर दीजिए. अगले सेमेस्टर में मैं आचे से पढ़ाई करूँगी.

अरुण सिर: मैं क्या कर सकता हू? जो आपने किया है एग्ज़ॅम्स में उसी का रिज़ल्ट आपको मिलेगा.

मैं: सिर प्लीज़! मैं आपके हाथ जोड़ती हू.

अरुण सिर: ई आम सॉरी रूपाली. बुत ई कॅन’त हेल्प योउ.

ये सुन कर मेरी गांद फटत गयी. मुझे सारे रास्ते बंद होते दिखे. फिर मैं उनके पैरो में बैठ गयी, और मिन्नटे करने लगी.

अरुण सिर: रूपाली ये तुम क्या कर रही हो, खड़ी हो जाओ और ऐसा मॅट क्रो प्लीज़.

तभी मेरा दुपट्टा मेरे शोल्डर से नीचे सरक गया. इससे मेरी क्लीवेज सॉफ नज़र आने लगी. अब क्यूकी मैं नीचे बैठी थी, तो आप समझ लीजिए की सिर को कैसा नज़ारा दिखा होगा. वो नज़ारा देखते ही सिर की नज़रे मेरे बूब्स पर जाम गयी.

मैने उनकी नज़र पढ़ ली, और मैने इसी चीज़ का फ़ायदा उठाने का सोचा. मुझे लगा, की चूड़ी तो मैं पहले से हू, तो एक बार और चुड जौंगी तो क्या बिगड़ जाएगा. मुझे तो बस पास होने से मतलब था. लेकिन ये सोच मेरे लिए दर्दनाक साबित होने वाली थी.

फिर मैं खड़ी हो गयी, और सिर के एक-दूं करीब चली गयी. मैने सिर को बोला-

मैं: सिर आप कुछ भी कार्लो मेरे साथ, लेकिन मुझे पास कर दो.

सिर ने मेरा इशारा पढ़ लिया, और मुस्कुरा कर बोले-

अरुण सिर: ठीक है, लेकिन अभी नही.

मैं: आप बताओ कब और कहा आना है, मैं आ जौंगी.

अरुण सिर: आज शाम को यही आ जाना.

मैं: ओक सिर.

फिर शाम को मैं उनके ऑफीस चली गयी. मैने रेड कलर की स्कर्ट और रेड टॉप पहनी हुई थी. स्कर्ट मेरे घुटनो से थोड़ी नीचे थी, और उसके नीचे सिर्फ़ पनटी थी. टॉप स्लीव्ले था. उन्होने दरवाज़ा खोला, और मुझे उपर से नीचे तक देखने लगे.

फिर सिर मुझे अंदर ले गये, और सोफा पर बिताया. उसके बाद वो बोले-

अरुण सिर: रूपाली एक प्राब्लम है.

मैं: क्या सिर?

अरुण सिर: मैं तुम्हे आधे पेपर्स में ही क्लियर कर सकता हू.

मैं: क्यू सिर, आप तो होड़ है. आप तो कुछ भी कर सकते है.

अरुण सिर: हा लेकिन मेरे उपर भी तो प्रिन्सिपल सिर बैठे है.

मैं: आप बात कीजिए ना उनके साथ.

अरुण सिर: हा मैने की थी.

मैं: तो वो क्या बोले?

अरुण सिर: उनको भी तुम्हारे साथ करना है. अगर तुम हा बोलो, तो वो तुम्हे पहली 3 पोज़िशन्स में ले आएँगे.

ये सुन कर मेरी आँखें चमक उठी, और मैने हा बोल दी. मेरे हा बोलते ही अंदर से किसी के आने की आवाज़ आई. और वो और कोई नही, मेरे प्रिन्सिपल सिर थे.

अरुण कोई 30-35 के बीच का आदमी था. उसकी हाइट 5’11” थी, और वो काफ़ी फिट था. प्रिन्सिपल सिर 50-55 के बीच थे. उनकी हाइट 5’9″ थी, और पेट निकला हुआ था.

उनके बाहर आने से मैं खड़ी हो गयी. उन्होने आते ही मुझे अपनी बाहों में भर लिया, और मेरे होंठो से अपने होंठ चिपका दिए. मैने उनसे इतनी तेज़ी एक्सपेक्ट नही की थी. वो मुझे पागलो की तरह किस करने लगे, और पीछे से मेरी गांद दबाने लगे.

तभी अरुण सिर मेरे पीछे घूणटो के बाल बैठ गये, और उन्होने मेरी स्कर्ट उठा ली. फिर वो पनटी के उपर से मेरी गांद में मूह मारने लगे. मैं अब गरम हो गयी थी, और प्रिन्सिपल सिर का किस में साथ दे रही थी.

पीछे से अरुण सिर भी बड़े मस्त तरीके से मेरी गांद को मज़ा दे रहे थे. फिर प्रिन्सिपल सिर ने मेरी टॉप उतार दी, और मेरी क्लीवेज में मूह मारने लगे. नीचे से अरुण सिर ने मेरी स्कर्ट और पनटी दोनो उतार दी.

अब वो मेरी गांद के चियर में जीभ डाल कर गांद के सुराख को चाट रहे थे. मेरी छूट अब आग उगल रही थी. फिर प्रिन्सिपल सिर ने मेरी ब्रा उतार दी, और मेरे बूब्स को दबा-दबा कर चूसने लगे.

मैं तो बस झड़ने वाली थी. तभी अरुण सिर ने मेरी टांगे खोली, और अपना सिर मेरी टाँगो के बीच ले आए. फिर जैसे ही उन्होने मेरी छूट पर जीभ लगाई, मेरी छूट ने अपना पानी छोढ़ दिया. ये देख कर अरुण सिर हासणे लग गये. वो प्रिन्सिपल सिर को बोले-

अरुण सिर: अर्रे, इसका तो निकल भी गया.

मैने शर्मा कर मूह नीचे कर लिया. फिर वो दोनो मुझसे डोर हो गये, और उन्होने अपने कपड़े उतार दिए. अरुण सिर का लंड तकरीबन 8 इंच का था, और प्रिन्सिपल सिर का 7 इंच का था. उनके लंड देख कर मेरा तो गला ही सूख गया था.

उन्होने मेरे सामने लंड मसालने शुरू कर दिए, और मुझे नीचे बैठने का इशारा किया. मैं उनका इशारा समझ गयी, और घुटनो के बाल बैठ गयी.

उन्होने अपने लंड मेरे मूह के सामने कर दिए. मैने दोनो लंड हाथ में ले लिए, और एक-एक करके किस कर दिया. फिर प्रिन्सिपल सिर ने अपना लंड मेरे होंठो पर फेरा. मैने अपना मूह खोला, और उन्होने लंड अंदर घुसा दिया.

अब मैं प्रिन्सिपल सिर का लंड चूस रही थी, और अरुण सिर का लंड हिला रही थी. प्रिन्सिपल सिर मेरे मूह में ज़ोर के धक्के दे रहे थे. फिर उन्होने लंड बाहर निकाला, और मुझे सोफा पर बिता दिया.

अब अरुण सिर ने अपना लंड मेरे मूह में डाला, और प्रिन्सिपल सिर ने मेरी टांगे खोल दी. प्रिन्सिपल सिर मेरी छूट चाटने लगे, और अरुण सिर मेरे मूह में धक्के मारने लगे. मैं किसी रंडी जैसा फील कर रही थी.

मैं फिरसे बहुत गरम हो गयी थी. अब प्रिन्सिपल सिर सोफा पर बैठ गये, और उन्होने मुझे लंड पर बैठने को कहा. मैं अपनी टांगे खोल कर उनकी गोद में आ गयी, और उन्होने अपना लंड हाथ में लेके खड़ा कर लिया.

फिर मैने अपनी छूट के मूह पर लंड लगाया, और उपर बैठने लगी. लंड बड़ा था, तो मेरी जान निकालने लगी. तभी प्रिन्सिपल सिर ने नीचे से ज़ोर का झटका लगाया, और पूरा लंड अंदर घुसा दिया. मेरी ज़ोर की चीख निकली, और मैं उठने लगी.

सिर ने मुझे कस्स के पकड़ लिया, और मेरे बूब्स चूसने लगे. 2 मिनिट में मेरा दर्द कम हुआ, और मैं लंड पर उपर नीचे होने लगी. प्रिन्सिपल सिर भी नीचे से धक्के मार रहे थे. अब मुझे मज़ा आ रहा था, और मैं कामुकता भारी आहें भर रही थी.

फिर सिर सोफा पर लेट गये, और मैं उनके उपर ही थी. तभी अरुण सिर मेरे पीछे आ गये. प्रिन्सिपल सिर ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया, जिससे मेरी गांद अरुण सिर के सामने आ गयी. फिर उन्होने मेरी गांद पर लंड सेट किया. मेरी गांद अभी वर्जिन थी.

अरुण सिर ने ज़ोर लगाया, और प्रिन्सिपल सिर ने मुझे जाकड़ लिया. 5 मिनिट में अरुण सिर का लंड मेरी गांद फाड़ कर पूरा अंदर चला गया. मेरी गांद से खून भी निकल रहा था, और इस बीच मैं बेहोश भी हो गयी.

जब मैं होश में आई, तो वो दोनो मुझे आयेज-पीछे से छोड़ रहे थे. अब मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था. उनके दांतो के निशान मेरी पूरी छाती और पीठ पर पद चुके थे. मैं 2 बार झाड़ चुकी थी.

20 मिनिट की चुदाई के बाद उन दोनो ने मेरी गांद और छूट को पानी से भर दिया. अगले 2 घंटे तक उन्होने मुझे बार-बार छोड़ा. जब तक उनके लंड ने जवाब नही दे दिया, तब तक वो मुझे छोड़ते रहे.

फिर मैं छूट और गांद का भोंसड़ा बनवा कर वापस आ गयी. थोड़े दिन बाद रिज़ल्ट आया, तो मेरी सेकेंड पोज़िशन आई. मैं बहुत खुश थी, क्यूकी मुझे मेरी मेहनत की वॅल्यू मिल गयी थी.

थे एंड.