हबशी गार्ड से मा की चूत-फाड़ चुदाई की कहानी

ही रीडर्स, मैं युवक अपनी कहानी का अगला पार्ट आप सब के साथ शेर करने जेया रहा हू. अगर आप लोगों ने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो पहले वो ज़रूर पढ़िए. उसको पढ़ने के बाद इस पार्ट का मज़ा आएगा.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मोतीलाल से चूड़ने के बाद मा बाहर आई. फिर जब वो गुआर्द से बातें करने लगी तो मुझे पता चला वो उससे शादी करना चाहती थी. गुआर्द मा को अंदर रूम में ले गया, और अब मा उसके सामने घुटनो के बाल थी, और उसका मोटा लंबा लंड अपने हाथ में लिए हुए थी. अब आयेज बढ़ते है.

मा उसके लंड को हिलाते हुए उसकी तरफ देख रही थी, और मुस्कुरा रही थी. तभी गुआर्द ने अपना लंड अपने हाथ में लिया, और मा के मूह पर फेरने लगा. उसका लंड मा के मूह से भी बड़ा लग रहा था. फिर वो अपने लंड को मा के गालों पर मारने लगा. उसका मोटा लंड जब मा के गाल पे पड़ता, तो थप्पड़ जैसी आवाज़ आती.

मा को जब भी लंड का थप्पड़ पड़ता मा एक हॉर्नी स्माइल देती गुआर्द को. फिर वो अपना लंड मा के होंठो पे रगड़ने लगा. मा ने फिर मूह खोल के उसके लंड को अपने मूह के अंदर आने का रास्ता दिया. जैसे ही मा ने मूह खोला, गुआर्द ने अपना लंड मा के मूह में तूस दिया.

अब मा उसके लंड को चूसने लग गयी. वो मूह आयेज-पीछे करके लंड को मूह में ले रही थी, लेकिन लंड पूरा अंदर नही जेया रहा था. फिर गुआर्द ने मा के सर के पीछे हाथ रखा, और ज़ोर का धक्का मारा मा के मूह में. इस बार उसका लंड मा के गले तक चला गया, और मा की साँसे रुक गयी.

इस वजह से मा को उल्टी जैसा फील हुआ, और उसने लंड मूह से बाहर निकाल दिया. फिर वो बोली-

मा: सेयेल जान लेगा क्या मेरी?

गुआर्द: तेरी जान तो बड़ी कीमती है मेरी रंडी. ऐसे कैसे मैं तेरी जान जाने दूँगा.

उसकी ये बात सुन कर मा ने स्माइल कर दी. फिर गुआर्द ने लंड दोबारा मा के मूह में डाल दिया. मा फिरसे उसको चूसने लगी, और गुआर्द भी धीरे-धीरे कमर आयेज-पीछे करके मा के मूह को छोड़ने लग गया. मा को बड़ा मज़ा आ रहा था उसका लंड चूसने में. वो किसी रंडी की तरह उसका लंड चूस रही थी.

कुछ देर ऐसे ही लंड चुसवाने के बाद गुआर्द ने मा को खड़ा किया, और उसकी सारी का पल्लू पकड़ कर खींचने लगा. मा घूमने लगी, और उसकी सारी उसके बदन से अलग हो गयी. अब मा पेटिकोट और ब्लाउस में थी.

ब्लाउस में मा की डीप क्लीवेज बड़ी सेक्सी लग रही थी, और नीचे मा की कमर देख कर कोई भी मर्द उन्हे खा जाए, ऐसी लग रही थी. फिर गुआर्द ने मा को अपनी बाहों में भर लिया, और उसके होंठ चूसने लगा. मा भी उसका पूरा साथ दे रही थी.

साथ में वो मा की पीठ पर हाथ फेरने लगा, और हाथ फेरते हुए उसने मा का ब्लाउस खोल दिया. उसके ब्लाउस को निकालते ही उसने मा की ब्रा को खींच कर फाड़ दिया. इस्पे मा बोली-

मा: बहनचोड़ ब्रा फाड़ क्यूँ दी? अब मैं क्या पहनुँगी.

गुआर्द: फिकर मत कर. पिछली बार जो तेरी ब्रा मैने अपने पास रखी थी, वो पहन लेना. इतने दिन से अपना माल निकाल-निकाल कर मैने उसको पूरा भर दिया हुआ है. तुझे पहन कर ऐसी फीलिंग आएगी, जैसे तेरी ब्रेस्ट माल से भारी हो.

ये बोल कर गुआर्द मा के बूब्स पर टूट पड़ा, और एक-एक करके दोनो बूब्स को चूसने लग गया. वो ज़ोर-ज़ोर से मा के बूब्स चूस रहा था, और दबा रहा था. मा कामुकता भारी आहें भर रही थी. वो इतनी ज़ोर से मा के बूब्स चूस रहा था, की मा के निपल्स लाल हो गये थे. उनके बाए बूब के निपल से तो तोड़ा खून भी निकल आया था.

फिर गुआर्द घुटनो के बाल बैठ गया, और मा के पेटिकोट का नाडा खोल कर पेटिकोट निकाल दिया. अब मा सिर्फ़ कक़ची में थी. गुआर्द ने मा की कक़ची निकली, और मा की छूट देखते ही उस पर मूह लगा दिया. अब वो कुत्तों की तरह मा की छूट चाटने लगा.

उसकी जीभ छूट पर लगते ही मा और गरम हो गयी. मा ने अपना हाथ गुआर्द के सर पर रखा, और उसको अपनी छूट में दबाने लगी. वो भी मा की छूट की पंखुड़ियों को मूह में लेके चूसने लग गया. मा को बड़ा मज़ा आ रहा था, और मा आ आ कर रही थी.

फिर गुआर्द ने अपने डाए हाथ से मा की छूट की फांको को खोला, और अपनी जीभ उसकी छूट के अंदर डालने लगा. इससे मा मचलने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे वो अपनी जीभ से मा के ग-स्पॉट को टच कर रहा हो. मा अब अपनी गांद हिला-हिला कर उसको अपनी छूट का रस्स पीला रही थी.

कुछ देर ऐसे ही छूट चाटने के बाद वो खड़ा हुआ, और उसने मा को घुमा लिया. फिर उसने मा को बेड की तरफ धक्का दिया. बेड के पास आके मा झुक गयी, और मा ने अपने हाथ बेड पर रख लिए. अब गुआर्द ने मा की गांद पर 2-3 थप्पड़ मारे, जिसके निशान मा के छूतदों पर नज़र आने लग गये.

फिर उसने पीछे से मा की छूट पर अपना लंड सेट किया, और धीरे-ढीठे अंदर करने लगा. लंड इतना बड़ा था की ऐसा लग रहा था जैसे मा की छूट फाड़ कर पेट तक चला जाएगा. कुछ ही सेकेंड्स में लंड पूरा मा की छूट में चला गया.

फिर वो धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करने लगा, और मा आ आ आ की आवाज़े करने लगी. अभी उसकी स्पीड धीमी ही थी, लेकिन मा के चेहरे पर दर्द सॉफ नज़र आ रहा था.

ज़ाहिर था की इतना बड़ा लंड लेने से मा की बंद बाज रही थी. फिर गुआर्द अपनी स्पीड बढ़ने लगा, और तेज़ी से मा की छूट छोड़ने लगा. मा की आहों की स्पीड और बढ़ गयी. पीछे से मा की छूट में धक्के लग रहे थे, और आयेज से मा के बूब्स फड़फदा रहे थे.

फिर गुआर्द आयेज हुआ, और छूट छोड़ते हुए उसके झूलते हुए बूब्स पकड़ कर दबाने लगा. धीरे-धीरे मा को मज़ा आने लगा, और वो गुआर्द को ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने के लिए बोली. गुआर्द भी ज़ोर से मा को छोड़ता रहा.

तकरीबन 20 मिनिट उसने मा को उसी पोज़िशन में चोदा. फिर उसने मा की चूत से लंड बाहर निकाला, और अपने माल की पिचकारी मा की गांद पर निकाल दी. उसका माल मा की गांद के चियर में बहने लगा, और मा बेड पर तक कर गिर गयी.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी का मज़ा आ रहा हो, तो इसका लिंक अपने दोस्तों के साथ भी शेर करे, या इस साइट के बारे में दोस्तों को बताए. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.