गर्लफ़्रेंड की अदला बदली

दोस्तो, मेरा नाम शुभम शर्मा है और मैं जयपुर का रहने वाला हूँ.

गत पांच वर्षों से शनाया मेरी गर्लफ़्रेंड है. हम दोनों समय समय पर चुदाई करते रहते हैं. बहुत समय से कुछ एक जैसी चुदाई करते करते हमारी सेक्स लाइफ़ बोरिंग होने लगी थी।

मुझे किसी नई चूत चोदने का मन करने लगा था लेकिन मैं शनाया के बिना इस तरह से चुदाई का मजा नहीं लेना चाहता था. मैं दूसरी चुदाई शनाया की मर्ज़ी से चाहता था और उसे भी दूसरा लंड मिले ऐसा कुछ सोच रहा था.

कुछ समय बाद मुझे एक आईडिया आया. मैंने सोचा कि क्यों ना मैं जिस लड़की को चोदूं, उसका बॉयफ्रेंड या भाई कोई भी शनाया की मर्ज़ी का हो, वो शनाया को चोद ले.

फिर मन में आया कि सबसे बेहतर विकल्प तो शनाया की सहेली सुमन और उसका बॉयफ्रेंड अमित है या फिर मेरे साथ पढ़ने वाली मेरी दोस्त श्रुति और उसका बॉयफ्रेंड गौरव है. श्रुति का ध्यान करते ही मैंने इस बारे में शनाया से बात करने की ठान ली.

एक दिन शनाया को मैंने चुदाई के लिए बुलाया. कुछ देर तक उसे चोदने के बाद मैंने लंड चूत में पेले हुए ही उससे बात शुरू की.

मैंने उसके कहा- हमारी सेक्सलाइफ़ कुछ बोरिंग नहीं हो गई है!

शनाया भी कहने लगी- हां यार तू सही कह रहा है. पर अपन क्या कर सकते हैं!

मैंने कहा- मेरे पास एक उपाय है.

वो बोली- क्या उपाय है?

मैंने कहा- क्यों न हम दोनों किसी और से भी चुदाई करें.

उसने कहा- यार, मुझे सुमन के ब्वॉयफ्रेंड अमित से चुदने की बहुत इच्छा है.

मैंने भी कहा- हां मुझे भी सुमन की गांड पसंद है. साली एक बार चोदने मिल जाए, तो मजा आ जाए.

उसने गांड उठाते हुए कहा- तो एक काम करते हैं. मैं सुमन से इस बारे में बात करती हूँ.

मैंने भी दूसरी चूत की जुगाड़ देखते हुए तेज झटका मारा और शनाया से कहा- तुम सुमन से बात करो, मैं श्रुति से बात करता हूँ. वो भी हमारे साथ सेक्स करने को राजी हो जाए, तो स्वैपिंग में मज़ा आ जाएगा.

हम दोनों ही नए चूत लंड की सोचते हुए अपनी चुदाई का मजा लेने लगे. कुछ देर बाद हम दोनों मस्ती से झड़ गए और लेट कर अपनी योजना के बारे में चर्चा करने लगे. फिर उसने सुमन को मना लिया और मैंने श्रुति को सैट कर लिया.

एक दिन तय करके मैंने सबको मेरे घर बुलाया. सभी घर आ गए. कुछ देर बातें करने के बाद मैंने कहा- तो चलो अब जो करने आए हैं, वो करते हैं.

सब पूछने लगे- कौन किसको चोदेगा?

मैंने कहा- चिट डाल लेते है, जिसमें जिसका नाम आया, वो अपना पार्ट्नर चुन लेगा.

सबने ओके कह दिया. मैंने चिटें बनाईं और उन सब चिटों को टेबल पर डाल दिया. सुमन ने पहली चिट उठाई, उसमें उसी का नाम आया. सबसे पहले उसकी चुनने की बारी आई. उसने मुझे चुना और वो आकर मेरी गोद में बैठ गई.

अगली चिट अमित ने उठाई और उसने श्रुति को चुना. श्रुति उसकी गोद में जाकर बैठ गई. अब बची शनाया और गौरव, तो शनाया खुद गौरव की गोद में बैठ गई.

मैंने कहा- चलो फ़ैसला हो गया, तो खेल शुरू करते हैं.

मैं सुमन को चूमने लगा और उसकी गांड दबाने लगा. उधर शनाया पहले ही नंगी हो गई थी और गौरव की गोद में बैठ कर अपनी गांड गौरव के लंड पर घिसने लगी थी.

गौरव उसके होंठों को चूमने लगा और चूत में उंगली करने लगा. इधर अमित भी श्रुति को नंगी कर रहा था. तीनों लड़कियां जल्दी ही नंगी हो गई थीं.

हम तीनों ने उन्हें सामने खड़ा होने को कहा. तीनों चूत वालियों को नंगी देखने के बाद हम सब अपनी अपनी लड़की को लेकर अलग अलग कमरे में चले गए.

मैं अपने कमरे में सुमन को लेकर गया और बिना देरी किए नंगा हो गया. मैंने अपना लंड सुमन को चूसने को दे दिया.

सुमन मेरा लंड चूसने के बाद गर्मा गई और जल्दी से चोदने को कहने लगी. मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसके मम्मों पर टूट पड़ा. उसके दूध चूस चूस कर मैंने उसके दोनों निप्पल निचोड़ दिए.

उसकी लाल हो रही गोरी चूत को देख कर मुझसे रहा नहीं गया. मैंने उसकी टांगों के बीच में अपना मुँह लगाया और उसकी चूत पर अपनी जीभ रखकर चूत चाटने लगा.

सुमन सिहरने लगी और गांड उठा उठा कर अपनी चूत चटवाने का मजा लेने लगी. मुझे भी शनाया की जगह सुमन की चूत चाटने में बेहद मजा आ रहा था.

कुछ देर सुमन की चूत चाटने के बाद वो चोदने की कहने लगी. मैंने पोजीशन बनाई और उसकी चूत की फांकों में अपना लंड रख दिया. वो अभी संभल पाती कि मैंने एक तेज झटके में लंड चूत में घुसा दिया.

यकायक हुए हमले से सुमन चिल्ला पड़ी- उई माँ मर गयी … अरे यार थोड़ा धीरे पेलो न … मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ … आह आराम से चोद ले … जी भरके चोद ले डार्लिंग.

मैंने उसको धकापेल चोदना शुरू कर दिया. बीस मिनट की चुदाई में वो दो बार स्खलित हुई.

उधर मेरी गर्ल फ्रेंड शनाया, गौरव के साथ मज़े से चुद रही थी. वो गौरव के लंड पर बैठकर उछल रही थी. श्रुति अमित का लंड अपनी गांड में लिए हुए थी. श्रुति अपनी चूत से ज़्यादा गांड मरवाने के मज़े ले रही थी.

दो घंटा की दमदार चुदाई के बाद हम सभी बाहर हॉल में आ गए. सबको बड़ा मज़ा आया. हम सभी लड़कों ने लड़कियों से पूछा तो वो सब कहने लगीं कि अलग लंड से चुदने में बहुत मज़ा आया.

फिर हमने तय किया कि अब से जिसको, जिसे चोदना हो. वो उसे लेकर कहीं भी जा सकता है. एक दूसरे की गर्लफ़्रेंड चोदने की पूरी छूट दे दी गई थी.

इस तरह से मैं अपनी जीएफ शनाया के साथ जीवन के मजे लूटने लगा.