गार्डेन में माली से रंडी बन के चुदी बबिता

हेलो, होप्फुली आपने मेरी पहली स्टोरी पढ़ी होगी, जिसमे बबिता को नटू काका आंड बगहा पेलते है. इस स्टोरी में देखते है कैसे बबिता 5 लोगों से ठुकती है.

सो शुरू करते है बिना किसी झांजात के. तो आप सब को तो पता है की बबिता कितनी हेल्त कॉन्षियस है. मंडे का दिन होता है, मीन्स वीक का पहला दिन और वो यूष्यूयली बिज़ी होता है कॉर्पोरेट वर्कर्स के लिए जैसे मेहता, इएर, पोपातलाल क्यूंकी उनको ज़्यादा काम होता है.

सुबह के 6:00 बाज रहे होते है, और गोकुलधाम में हल्की-हल्की सूरज की किरण आ रही होती है. बबिता का अलार्म बजता है, और टाइट स्पोर्ट सूट पहन कर जॉगिंग और एक्सर्साइज़ करने निकल जाती है. ब्लॅक त-शर्ट, उसके उपर रेड जॅकेट, नीचे ब्लॅक टाइट लेगैंग्स, और स्पोर्ट शूस. उसने ब्रा और पनटी पहनी होती है, तो उसके बूब्स एक-दूं कड़क लग रहे थे.

उसने 30 मिनिट्स एक्सर्साइज़ की, और फिर तोड़ा सोसाइटी गार्डेन में आराम-आराम से जॉगिंग कर रही थी सॉंग सुनते-सुनते. तभी सोसाइटी का माली होता है जिसका काम पेड़-पोढ़ो को पानी देना होता है. वो गार्डेन के एक कॉर्नर में च्छूप के कुछ कर रहा होता है. बबिता की नज़र उस पर पड़ती है, और 1 मिनिट तक देखती है उसे.

लेकिन उसको कुछ दिखता नही, और कुछ समझ नही आता की वो कर क्या रहा था. बबिता उसके पास जाती है और देखती है, और उसका मूह खुला का खुला ही रह गया. वो मूठ मार रहा होता है, और किसी मंजू का नाम ले रहा था. माली का नाम मनोज होता है.

वो 45-50 साल का अधेड़ उमर का आदमी है. तोड़ा हटता-कटता है और लंड पुर 6.5 इंच का है. तोड़ा काला लंड था, और बाल-बाल हो रखे थे लंड के आजू-बाजू. बबिता ये देख के मनोज को चिल्लती है.

बबिता: ये क्या कर रहे हो मनोज? ये सोसाइटी का गार्डेन है, कोई रंडी-खाना नही, की तुम ये सब कर रहे हो.

मनोज तोड़ा घबरा जाता है, और लंड धोती में च्छूपा देता है, और बबिता को मेडम जी बोल कर सॉरी बोलता है.

बबिता: कोई सॉरी-वरी नही चलेगा यहा. मैं अभी भिड़े भाई को बोलती हू.

मनोज: ऐसा मत कीजिए प्लीज़. मेरा आपके जैसा नही है.

बबिता: आपके जैसा नही है मतलब?

मनोज: आप शादी-शुदा है और आपको आपके पति रोज़ रात छोड़ते होंगे, और संतुष्ट करते होंगे. मेरा ऐसा नही है. मैं शादी-शुदा तो हू, लेकिन बीवी का किसी दूसरे के साथ चक्कर चल रहा था, इसलिए उसने मुझे छ्चोढ़ दिया.

बबिता: हा तो उसके लिए ये सब करने का?

मनोज: हा तो क्या करू? मुझे संतुष्ट तो कोई करेगा नही. मुझे ये सब करके ही संतुष्टि मिलेगी.

बबिता: ठीक है, लेकिन ये मंजू कों है?

मनोज: वो यहा पर कंवली आती है ना, वो है.

बबिता: तुमने उसे छोड़ा है?

मनोज: नही, लेकिन वो मेरे को सुंदर लगती है. इसलिए उसके नाम की मूठ मार रहा था. लंड एक-दूं सकत हो गया था. झड़ने ही वाला था की आप आ गयी. अब फिरसे करना पड़ेगा मुझे.

बबिता: लेकिन तुम ये सब घर पे क्यूँ नही करते?

मनोज: मेरा घर एक-दूं छ्होटा है, और उसमे हम 5 लोग रहते है. तो करना मुश्किल है.

बबिता (सोचती है): यार इसका लंड तो ठीक-ताक है. इएर लोदउ का तो खड़ा ही नही हो रहा. चलो आज इससे छुड़वा लेती हू. वैसे भी इतनी सुबह कोई नही होगा यहा पे.

बबिता: देख एक शर्त पे तुझे जाने दूँगी. तुझे मुझे छोड़ना होगा यहा पर

मनोज (खुश हो कर): चलेगा मेडम जी.

बबिता: मेडम जी मत बोलो, तुम मुझे छोड़ रहे हो.

मनोज: ठीक है बबिता रॅंड. चल मेरा लंड मूह में ले.

बबिता घुटनो के बाल बैठ जाती है, और उसकी धोती खोल के उसका 6.5 इंच का लंड हाथ में लेके हिलती है

मनोज बोलता है: आ, चूस रॅंड, आज तेरे को बताता हू की मेरी बीवी क्यूँ मेरे को छ्चोढ़ के गयी.

बबिता उसके लंड हिलने की स्पीड को अब बढ़ा रही थी.

मनोज: रुक रॅंड खड़ी हो.

बबिता: क्यूँ क्या हुआ?

मनोज उसकी जॅकेट, टॉप और ब्रा को निकाल देता है, और उसके गोरे और बड़े बूब्स को देख के लंड और सख़्त हो जाता है. अब मनोज बोलता है अब बैठ और लंड मूह में ले.

बबिता घुटनो के बाल बैठती है. मनोज उसके बाल पकड़ कर उसको गोते चुस्वता है. गोते के साथ-साथ उसकी झांट के बाल उसके मूह में आ रहे होते है. ये बबिता को अछा नही लग रहा था, क्यूंकी बाल बहुत बाज़ मार रहे थे. वो बाल बाहर निकालना चाहती थी, लेकिन मनोज ने उसे पकड़ के रखा हुआ था.

अब बबिता उसके बाल और गोते चूस रही थी, और फिर मनोज उसका मूह पीछे लेता है बबिता को अब अछा लगा. लेकिन फिर तुरंत बबिता के मूह में अपना लंड डाल देता है और आयेज-पीछे करने लगता है.

बबिता: स्लर्प स्लर्प स्लर्प.

मनोज: आ साली, बड़ी रॅंड है तू. बहुत बढ़िया चूस्टी है तू, और स्पीड बढ़ा देता है.

मनोज उसे देख रहा था कैसे उसके दो मोमॉस लटक रहे थे. 10-12 मिनिट के बाद मनोज का निकल जाता है, और बबिता के बूब्स पर गिरा ता है.

मनोज: अब मज़ा आ गया.

बबिता: आबे कुत्ते, मुझे सॅटिस्फाइ कर अब.

मनोज: क्या जल्दी है रंडी? तेरा भोंसड़ा फेड बिना जाने नही वाला हू.

मनोज फिर बबिता की लेगैंग्स को उतारता है, और पनटी को फाड़ देता है. अब बबिता पूरी नंगी हो गयी थी, और मनोज भी पूरा नंगा हो गया था. मनोज बबिता को लिटा देता है नीचे, और उसके मोमॉस को चूस्टा है. उसके उपर जो उसने अपना माल गिराया था, वो चूस्टा है और बूब्स चूस्टा है.

एक बूब को चूस्टा है, और दूसरे को दबाता है. दोनो माममे लाल हो गये थे, और निपल्स खड़े हो गये थे. मनोज का लंड एक बार फिर खड़ा और सख़्त हो जाता है. अब बबिता रॅंड के पैर खोलता है, और उसकी छूट को जीभ से चाटना शुरू करता है.

बबिता: आ आह आह तुम भी कोई ककचे खिलाड़ी नही हो. बहुत आचे से चूस्टे हो. ऐसी छूट तो आज तक मेरे पति ने मेरी नही छाती. जी करता है रोज़ सुबा आ कर तुमसे अपनी छूट चत्वौ.

मनोज: रुक जेया, इसकी बहुत बड़ी रकम लेता हू मैं.

बबिता पूरी तरह से गरम हो चुकी थी, और अब उसकी छूट एक-दूं लाल-लाल थी. सिचुयेशन ऐसी थी की मनोज का सांड़ अब लाल कपड़े की तरफ जाने के लिए तैयार था. अब मनोज बबिता के मूह पे हाथ रखता है, और ज़ोर से एक बार में ही पूरा लंड उसकी छूट में डाल देता है. फिर धीरे-धीरे स्ट्रोक मारता है.

बबिता: आ आ आ.

मनोज ने स्पीड बधाई और ज़ोर-ज़ोर से ठोकने लगा साली को. उसकी छूट पे स्पॅंक कर रहा था. बबिता दर्द से चिल्ला रही थी.

बबिता: आ मनोज कुत्ते आह. थोक सेयेल, और ज़ोर से. फक फक मे आ.

मनोज ये सुन के और उत्तेजित हो जाता है, और अपने प्राइम फॉर्म में आके उसकी छूट चुदाई कर रहा था. बबिता झाड़ चुकी थी, लेकिन मनोज नही झाड़ा था अभी तक.

बबिता: अब मैं नही कर सकती, मेरा निकल गया है.

मनोज: क्या नही कर सकती, अभी मेरा बाकी है.

बबिता: मैं हिला लेती हू.

मनोज: नही.

और ऐसा बोल के मनोज फिरसे बबिता की छूट मैं लंड डाल देता है, और जुंगली की तरह उसे छोड़ रहा था.

बबिता: मनोज नही, नही, कुत्ते रुक जेया आ.

बबिता की छूट में से खून निकालने लगता है. मनोज उसकी एक नही सुनता और 5 मिनिट के बाद अपना माल उसके शरीर पे निकालता है, और उसको चाट-ता है.

मनोज: चल आज तेरे को छोड़ रहा हू तेरी गांद ना मार के, ठीक है? अगली बार अगर ऐसा मिलने का हुआ, तो मा कसम गांद के बीच में 7 इंच का फराक कर दूँगा, और ये बात किसी को बताना मत.

बबिता: ठीक है मनोज कुत्ते. ये बात भी किसी के बीच नही आनी चाहिए.

मनोज: कुत्ते किसको बोली छिनाल, मालिक बोल.

और गांद पे एक छाँटा मारता है.

बबिता: सॉरी मालिक.

मनोज बबिता को कपड़े पहनता है. उसकी पनटी तो थी नही, तो उसकी गांद की दरार सॉफ-सॉफ दिख रही थी, और छूट भी. फिर मनोज भी कपड़े पहन लेता है, और बबिता को घर तक छ्चोढ़ आता है.

अभी तो दिन जस्ट शुरू हुआ है. अभी पूरा दिन बाकी था. आयेज-आयेज देखिए कों-कों बबिता की गांद में दरार बनता है.

इतना सब कुछ सोसाइटी गार्डेन में होने के बावजूद किसी को पता ना चले ऐसा हो नही सकता. कोई था जिसने ये सब देख लिया है, और उसकी वीडियो भी बना ली है. नेक्स्ट स्टोरी में पढ़िए कों था वो और क्या करेगा वो. कॉमेंट बिलो इफ़ योउ वॉंट सम इंप्रूव्मेंट इन स्टोरी टेल्लिंग स्टाइल. थे सेकेंड पार्ट विल कम सून.