गरम हुई दीदी ने पड़ोसी संग किया रोमॅन्स

ही दोस्तों, मैं अरविंद आज आप सब के सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. उमीद है आपने पिछले पार्ट को मिस नही किया होगा. अगर आपने पिछला पार्ट मिस किया है, तो जल्दी से जाके उसको पढ़िए. क्यूंकी उसको मिस करना आप अफोर्ड नही कर सकते.

पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की मेरी दीदी किरण ने पड़ोस के लड़के हेमंत के साथ अपनी लाइफ की पहनी किस की. दीदी को उस किस में इतना मज़ा आया, की वो दोबारा किस करने के लिए तैयार हो गयी. और ये मुझे उसकी और हेमंत की छत पढ़ कर पता चला.

लेकिन हेमंत दीदी के साथ किस के आयेज भी कुछ करना चाहता था. और मैं ये होने नही दे सकता था. इसलिए मैने उनकी रेकॉर्डिंग करने की तैयारी शुरू कर दी. अब आयेज बढ़ते है.

मैने च्चत पर लगे टांक पर एक माइक्रो कॅमरा लगा दिया. टांक च्चत के कॉर्नर पर था, तो वाहा से पूरी च्चत का नज़ारा दिखता था. फिर शाम हो गयी, और दीदी अब आने वाली थी.

मैं पहले से जाके टांक के पीछे च्छूप गया, क्यूंकी मैं लिव नज़ारा देखना चाहता था. फिर कुछ देर बाद हेमंत वाहा पर आ गया. हेमंत ने शर्ट और पंत डाली हुई थी. उसके आने के कुछ देर बाद दीदी भी च्चत पर आ गयी. दीदी ने आज जीन्स और त-शर्ट डाली हुई थी.

दीदी का फिगर मस्त दिख रहा था जीन्स और त-शर्ट में. हेमंत का भी मूह खुला रह गया दीदी को इन कपड़ों में देख कर. दीदी जैसी ही आई च्चत पर, हेमंत बोला-

हेमंत: वाह किरण! मुझे नही लगा था की तुम इतनी सेक्सी भी लग सकती हो.

दीदी: अभी तुमने मेरा जलवा देखा ही कहा है.

हेमंत: हम तो कब से आपका जलवा देखने के लिए तैयार है. बस आप ही है जो एईद का चाँद बनी बैठी हो.

हेमंत का ये जवाब सुन कर दीदी मुस्कुराने लग गयी. फिर हेमंत बिना टाइम वेस्ट किए दीदी की तरफ बढ़ा, और उसको अपनी बाहों में भर लिया. आज दीदी ने उसको ज़रा भी रेज़िस्ट नही किया. इससे पता चलता है दोस्तों, की अगर औरत की छूट में आग लगी हो, तो वो किसी भी मर्द की बाहों में जेया सकती है.

फिर हेमंत ने दीदी की पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा: किस में मज़ा आया था?

दीदी ने शरमाते हुए कहा: हा, तभी तो आई हू.

हेमंत: चल फिर शुरू करते है, और मज़ा करते है.

ये बोलते ही हेमंत ने अपने होंठ दीदी के होंठो की तरफ बढ़ाए, और उनको दीदी के होंठो के साथ चिपका दिया. फिर दोनो एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे. दोनो वाइल्ड किस कर रहे थे. इस दौरान हेमंत अपने हाथ सीधे दीदी की गांद पर ले गया, और उसकी गांद दबाने लगा.

दीदी हेमंत के गांद दबाने से और उत्तेजित होने लगी. उसने हेमंत के सर को अपनी बाहों में भर लिया, और उसके बालों को सहलाने लगी. वो लोग इतनी इनटेन्स किस्सिंग कर रहे थे, जैसे कभी अलग ही नही होंगे. फिर हेमंत ने किस तोड़ी तो दोनो की साँस चढ़ि हुई थी.

अब हेमंत आयेज हुआ, और दीदी की गर्दन चूमने लगा. जैसे ही उसके होंठ दीदी की गर्दन को टच हुए, दीदी की आहह निकल गयी. हेमंत दीदी की गर्दन चाटने-चूमने लगा, और दीदी मदहोश होने लग गयी. ये तो दीदी की त-शर्ट रौंद नेक वाली थी. नही तो वो उनकी क्लीवेज तक पहुँच जाता. मुझे इस बात का बहुत दुख होता, क्यूंकी अपनी बेहन की क्लीवेज को सबसे पहले मैं चूमना चाहता था. फिर हेमंत बोला-

हेमंत: मज़ा आया.

किरण दीदी ने शर्मा कर अपना सर नीचे कर लिया. तभी हेमंत ने दोबारा दीदी से पूछा-

हेमंत: बता ना किरण, मज़ा आया के नही.

दीदी: ह्म, बहुत आया.

हेमंत: इससे ज़्यादा मज़ा करना चाहोगी.

दीदी सोचने लग गयी और बोली: तुम कोई ऐसी वैसी हरकत करने वाले हो?

हेमंत: कोई ऐसी वैसी हरकत नही. मैं सिर्फ़ अपने होंठो से चूमने वाला हू, जैसे तुम्हारे होंठ और गर्दन चूमि है.

दीदी को सेक्स के तरीक़ो के बारे में ज़्यादा पता नही था, तो उसने हा बोल दिया. फिर हेमंत ने दीदी को घुमा लिया, और उसके पीछे चिपक गया. उसने अपने हाथ आयेज बढ़ाए, और दीदी के बूब्स दबाने लग गया.

उसका खड़ा लंड पंत में से दीदी की जीन्स पहनी गांद को टच हो रहा था. हेमंत ज़ोर-ज़ोर से दीदी के बूब्स दबा रहा था, और पीछे से उनकी गांद पर लंड रग़ाद रहा था. दीदी मस्त सिसकारियाँ ले रही थी. बूब्स दबाते हुए वो एक हाथ दीदी की छूट वाली जगह पर ले गया, और जीन्स के उपर से छूट को दबाने लग गया. इससे दीदी और मस्त होने लगी, और आ आ करने लगी.

दोस्तों आप लोग समझ सकते हो, की जब दीदी आहें भर रही थी, तो मेरा क्या हाल हो रहा होगा. फिर हेमंत ने दीदी की जीन्स का बटन खोल दिया, और ज़िप भी खोल दी. उसके बाद जैसे ही उसने अपना हाथ दीदी की जीन्स में डाला, तो दीदी बोली-

दीदी: हेमंत! ये क्या कर रहे हो?

हेमंत: मैने बोला था ना की तुम्हे बहुत मज़ा दूँगा.

दीदी: मैं तुम्हारे साथ सेक्स नही करना चाहती. मुझे अपने हज़्बेंड के लिए अपनी वर्जिनिटी बचा कर रखनी है.

हेमंत: सेक्स तो मुझे भी तुम्हारे साथ नही करना. मैं भी चाहता हू की तुम अपने हज़्बेंड के लिए वर्जिनिटी बचा कर रखो.

दीदी: तो फिर ये क्या कर रहे थे.

हेमंत: अर्रे पागल वर्जिनिटी ऐसे थोड़ी ना जाती है. मैं तो बस उपर-उपर से तुम्हे मज़ा देना चाहता हू. और वैसे भी ऐसी जगह पर सेक्स हो सकता है क्या (उसने आस-पास देखते हुए बोला)?

उसकी बात सुन कर दीदी हस्स पड़ी और बोली: पक्का वर्जिनिटी नही जाएगी ना.

हेमंत: देख अगर तुझे पता है की चली जाएगी, तो मुझे क्यूँ पूच रही हो. तुम आज तक कितने रिलेशन्षिप्स में रही हो?

दीदी: एक भी नही.

हेमंत: और मैं बहुत सारे रिलेशन्षिप्स में रहा हू. मैने बहुत लड़कियों के साथ सेक्स भी किया है. तो मुझे ज़्यादा पता है की तुम्हे?

दीदी: तुम्हे.

हेमंत: तो मैं कह रहा हू की ये सब से कुछ नही होगा. ये तो बस तोड़ा-तोड़ा मज़ा लेना है.

दीदी: ओक.

फिर दीदी वापस से हेमंत की बाहों में उसी पोज़िशन में आ गयी, और हेमंत ने अपना हाथ दीदी की जीन्स में डाल लिया.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो अपने फ्रेंड्स को भी लिंक ज़रूर शेर करे.