साथ-साथ रहते हुए बहन भाई ने की चुदाई

मेरा नाम राजू है. मुझे बचपन से ही मेरी कज़िन बहुत अची लगती थी. हम शादियों में ही मिला करते थे जब छ्होटे थे. वो मुझसे 1 ही साल छ्होटी थी, और काफ़ी डोर की कज़िन थी.

हमारी बचपन से ही काफ़ी बनती थी, और मुझे शुरुआत से ही उस पर क्रश था. मैं हमेशा यही सोचता था की इसी को मेरी कज़िन होना था क्या. हम दोनो Wहत्साप्प पर भी बहुत बात करते थे. दोनो ने ही इंजिनियरिंग भी करी थी.

मैं जॉब करने पुणे चले गया, और नेक्स्ट एअर उसका भी आने का हो गया. मैने उसे कोंग्रथस करा, और बोला-

मैं: तुझे कोई भी ज़रूरत हो तो बताना. मैं हू यहा मदद के लिए.

मुझे भी एक साल हो ही गया था और अब मैं फिरसे फ्लॅट देख रहा था, क्यूंकी 11 मंत्स का ही अग्रीमेंट था. मैने उससे कहा-

मैं: तू भी आ रही है तो साथ में ही घर देख लेते है.

हमारे घर वालो ने भी सोचा की ठीक ही है उसका ध्यान भी रख लूँगा मैं. फिर हमने 2 भक फ्लॅट ले लिया. हम साथ रहने लगे, और रोज़ खूब मस्ती किया करते थे. साथ मोविए देखना, खाना-पीना, सब साथ में करते थे. हम एक-दूसरे को हग करके मोविए देखते हुए सो भी जया करते थे काई बार.

मैं काई बार उसके सामने टवल में भी घूम लेता था, और वो भी घर में शॉर्ट्स पहनती थी. वो काई बार मेरी त-शर्ट चुरा कर पहन लेती थी. कोई हमे देख कर सोच ही नही पाता था की हम कज़िन्स थे.

फिर उसकी बर्तडे पर हम पार्टी करने गये. काफ़ी देर भी हो गयी थी. हम दोनो एक-दूसरे से काफ़ी बात शेर करते थे, और पीने के बाद तो और भी ओपन हो गये थे. वो मुझे बताने लगी की आज तक उसने सेक्स नही करा था. 23 का होने पर उसे ऐसा लग रहा था की उसने लाइफ में बहुत कुछ मिस कर दिया था.

मैं उसे कहने लगा: तू चिंता क्यूँ कर रही है? तुझे तो कोई भी मिल जाएगा. इतनी सुंदर है दिखने में. आँखे भी इतनी प्यारी है. लिप्स भी बहुत जुवैसी है. हर किसी का तुझे किस करने का मॅन करता होगा.

वो बोली: पर कोई कर ही तो नही रहा.

मैने उसे अपनी बाहों में लिया और कहा: योउ अरे पर्फेक्ट.

और ये बोलते हुए उसके सिर पर किस करा. हम दोनो एक-दूसरे को देखने लगे, और एक-दूं से किस करने लगे. काफ़ी देर तक हम एक-दूसरे को अग्रेसीव्ली चूमे जेया रहे थे. फिर काफ़ी देर के बाद रुके.

मैने कहा: मैं तुझे बचपन से चाहता हू.

तो वो बोली: कभी कुछ किया क्यूँ नही?

मैने कहा: अब करूँगा ना.

ये कह कर मैने उसे बेड पर पटका और उसके कपड़े उतारने लग गया. फिर उसे सब जगह चूमने लगा, उसके बड़े-बड़े बूब्स चूसने लगा. वो आहें भरने लगी.

वो: आ आराम से करो. कही नही जेया रही मैं.

उसके बूब्स चूस्टे-चूस्टे मैने उसकी पनटी भी उतार दी. फिर उसकी टांगे खोल कर सीधे उसकी छूट चाटने लगा. उसकी छूट ऑलरेडी बहुत गीली हो चुकी थी. मैं अपनी ज़ुबान हर डाइरेक्षन में रगडे जेया रहे था. जितना अंदर घुसा पौ घुसा रहा था. जब तक उसकी पूरी बॉडी शेक नही करने लग गयी, तब तक मैं उसे चाट-ता ही रहा.

फिर मैं उठा, अपना लंड निकाला, और उसके उपर बैठ गया. उसके मूह पर अपना लंड मारने लगा. वो पहले तो अपना मूह इधर-उधर कर रही थी. फिर मैने अपना लंड उसके होंठो पर लगाया, और मूह के अंदर घुसने लगा. थोड़ी देर के बाद उसने अपना मूह खोल दिया, और मैने अपना लंड पूरी तरह से अंदर घुसा दिया.

फिर मैं काफ़ी देर तक उसके सुंदर चेहरे को छोड़ता था. उसके मोटे-मोटे लिप्स मेरे लंड पर रग़ाद रहे थे, और उसकी ज़ुबान की नामी मेरे लंड पर बहुत ही अची लग रही थी. मेरा खुद पर काबू नही रहा, और मैं ज़ोर-ज़ोर से उसके मूह में लंड अंदर बाहर करने लगा. वो एम्म्म एम्म्म की आवाज़े निकाल रही थी.

फिर काफ़ी देर बाद मैं रुका, और उसने गहरी साँस ली. वो कुछ कह पाती इतनी देर में मैने उसकी दोनो टांगे उठाई, और अपना लंड उसकी छूट पर मसालने लगा.

वो बोली: भाई मैने इसके पहले कभी सेक्स नही करा है. आराम से करना.

मैने कहा: हा, एक-दूं आराम से करूँगा.

और ये बोलते ही एक झटके में अपना पूरा लंड उसकी छूट में डाल दिया. लंड अंदर घुसते ही उसकी चीखें निकल गयी. मैने अपना लंड पूरा अंदर घुसा कर रोक दिया था. फिर उसके तोड़ा नॉर्मल होने पर धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करने लगा. वो फिरसे आअहह आहह करने लगी. उसकी छूट फटत चुकी थी.

धीरे-धीरे मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी थी, और ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लग गया था. वो थोड़ी देर बाद काफ़ी ज़ोरो से मोन करने लगी. उसका ऑर्गॅज़म आने वाला था. फिर एक-दूं से उसकी छूट और गीली हो गयी, और उसके पावं वाइब्रट करने लगे.

उसके बाद मैने उसे पलताया, और पीछे से उसे कुत्टो की तरह छोड़ने लगा. मेरे हर झटके के साथ उसकी आअहह निकल रही थी. काफ़ी देर तक मैं उसे छोड़ता रहा. अब तो उसकी छूट सुन्न पद गयी थी. उसने आ आ करना भी बंद कर दिया था. दारू के नशे में बेहोश ही हो गयी थी.

मैने उसे वापस बिताया और अपना लंड चूसने को कहा. मैं सोफा पर बैठ गया, और वो अपने घुटनो पर बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी. मैं उसके बाल पकड़ कर उसका सिर ज़ोर-ज़ोर से हिलने लग गया. मेरी पिचकारी छ्छूटने ही वाली थी. मैने उसका सिर पकड़ा और बोला की ई’म गॉना कम.

वो एम्म एम्म कर रही थी. इतने में मेरी पिचकारी छ्छूटनी शुरू हो गयी. दो शॉट सीधे उसके मूह में मारे. इतने में वो अपना सिर पीच्चे कर ली, और मैने बाकी का सारा स्पर्म उसके मूह पर निकाल दिया. उसके बाद हमने खुद को क्लीन करा, और नंगे ही एक-दूसरे को हग करके सो गये.

अगले दिन उठे तो वो तोड़ा गिल्टी फील कर रही थी की ये हमने क्या किया.

मैने उससे कहा: हम दोनो को मज़ा आया, बाकी क्या फराक पड़ता है? और किसी को क्या ही पता पड़ेगा.

वो कुच्छ बोलती उसके पहले मैने उसे चूमना स्टार्ट कर दिया. फिर हम दोनो सब भूल कर एक-दूसरे को किस करने लग गये.

इसके बाद उसने भी कोई सवाल नही करा. उसे भी पता था अब हमारी लाइफ रोज़ ऐसी ही होनी थी.

हम रोज़ सुबह साथ तैयार होते, नहाते, और अपने-अपने ऑफीस चले जाते. फिर ऑफीस से आ कर रोज़ साथ खाना-पीना करते, सेक्स करते, और कड्ड्ल करते हुए सो जाते.

यही हमारा रुटीन बन चुका था. घर का कोई कोना नही छ्चोढा था जहा हमने सेक्स ना करा हो. हमने तो घर को नो क्लोद्स ज़ोन बना दिया था. पुर टाइम घर में हम नंगे ही घूमते थे.

जब जहा मौका मिला मैं अपना लंड उसके मूह में भर देता था. या जेया कर उसकी छूट चाटने लग जाता था. हम काई बार साथ मोविए, पब, केफे रेस्टोरेंट भी जाते थे. बाहर जो भी देखता वो हमे कपल ही समझता होगा. हम एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर ही चलते थे.

हमारी लाइफ बहुत ही अची चल रही है. और दोनो ही एक-दूसरे को पूरी तरह से सॅटिस्फाइड रखते है. एक-दिन नही जाता जब मैं उसकी छूट या वो मेरा लंड ना चाहे.

आयेज के आड्वेंचर्स के लिए पढ़िए दूसरा भाग.