देवर ने भाभी की सुहागरात की वीडियो निकली

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम हर्ष रॉय है. मैं उत्तराखंड का रहने वाला हू. ये स्टोरी करीब 3 साल पहले की है. ये मेरी और मेरी भाभी के बीच हुई चुदाई की कहानी है. मेरी भाभी का नाम टान्या (नामे चेंज) है. उनकी आगे 30 यियर्ज़ है, और मेरी आगे 21.

तो ये कहानी शुरू होती है 3 साल पहले, जब मेरी बुआ के लड़के की शादी होनी थी, और मेरी फॅमिली वाले सब बहुत एग्ज़ाइटेड थे, सिर्फ़ मुझे छ्चोढ़ के. क्यूंकी उस समय मेरे कॉलेज के पेपर चल रहे थे, तो मैं ज़्यादा टाइम नही दे पा रहा था फॅमिली को.

फिर धीरे-धीरे भैया की शादी का दिन आ गया, और मैं किसी तरह उस दिन शादी में आ पाया. मैने और मेरी फॅमिली ने बारात में खूब डॅन्स किया, और हम धीरे-धीरे वीडिंग डेस्टिनेशन पे पहुँचे, और शादी का मुहूरत हो गया.

हम सब लड़के वाले मंडप में बैठ गये, और अब टाइम था दुल्हन यानी भाभी के आने का. सॉरी मैं भाभी की डीटेल देना भूल गया. तो उनके बारे में बोलू, तो वो गोरी और उनका फिगर 34-25-35 था. और उनके बड़े-बड़े गोरे-गोरे बूब्स थे. अगर मैं एक वर्ड में बोलू तो वो बवाल थी.

जब भी मैं उनको देखता था, तो सोचता था, की भैया की शादी उनसे क्यूँ हो रही थी. क्यूंकी भैया और भाभी की शादी अरेंज्ड थी. तोड़ा दुख तो होता था, लेकिन क्या ही कर सकते थे.

अब फिरसे कहानी पे आते है. तो अब भाभी के आने का टाइम हुआ, और वो आई. मैं तो उनको देख के हांग हो गया. मतलब क्या लग रही थी वो. उन्होने रेड लहंगा पहन रखा था, और एक-दूं पारी लग रही थी. हालाकी मुझे लग रहा था की वो तोड़ा अनकंफर्टबल लग रही थी.

क्यूंकी जैसे मैने बताया, उनके बूब्स बड़े-बड़े थे, तो वो लहँगे में फिट नही हो रहे थे. और इसलिए उनका लहंगा तोड़ा टाइट था और थोड़े-थोड़े उनके निपल्स दिख रहे थे. मुझसे ये देख के कंट्रोल नही हो रहा था. मॅन तो कर रहा था अभी जाके लहंगा फाड़ के बूब्स दबा डू. लेकिन मैं क्या ही कर लेता उस टाइम.

तो अब वो आई और भैया की बगल में बैठ गयी. मैं ठहरा इंट्रोवर्ट, लेकिन मैं थोड़ी हिम्मत करके भाभी के पीछे जाके बैठ गया. भाभी क्या लग रही थी पीछे से भी, और क्या महक रही थी. मान तो कर रहा था यही मैं भाभी के साथ सुहग्रात माना लू.

मैं थोड़ी देर तक वही बैठा रहा, और थोड़ी हिम्मत करके भाभी को हेलो बोल के अकेले भैया के घर चला आया. क्यूंकी मेरा अगले दिन एग्ज़ॅम था.

मुझे आने का मॅन तो नही कर रहा था वाहा से. लेकिन एग्ज़ॅम था तो क्या ही कर सकते थे. मैं घर आया, और सोने चला गया. मैं लेते-लेते करवाते बदल रहा था, लेकिन मुझे नीड ही नही आ रही थी.

क्यूंकी मेरे दिमाग़ में बस भाभी ही घूम रही थी, और उनका सेक्सी फिगर. और मुझे इस बात की चिंता थी, की कल भैया भाभी के साथ सुहग्रात मनाएँगे, और कल ही भाभी को छोड़ के उनको सील तोड़ देंगे.

मुझसे रहा नही जेया रहा था, तो मैं भाभी की ओल्ड फोटोस लेके बातरूम जाके यादो में मूठ मार ली. मैने डिसाइड किया की भाभी के साथ सुहग्रात तो नही माना पौँगा, लेकिन भाभी की सुहग्रात तो ज़रूर देखूँगा. और फिर जाके मैं सो गया.

सुबा उठते ही मैं भैया भाभी के रूम में गया, और एक अची सी जगह देख कर एक स्पयकम फिट कर दिया, जो की किसी को ना दिखे. हालाकी तोड़ा दर्र तो लग रहा था. लेकिन हवस के आयेज क्या ही पता चलता है.

चुकी मेरा आज एग्ज़ॅम था तो मैं एग्ज़ॅम देने चला गया, और एक एग्ज़ॅम देके घर आ गया. फिर आते ही देखा की सारे घर वाले घर आ चुके थे. भैया-भाभी और बचे हुए घर के लोग रसम कर रहे थे. घर आते ही मैं मम्मी को बोल के अपने घर चला आया न्यू कपड़े लेने. क्यूंकी आज भैया के घर पे छ्होटी फॅमिली पार्टी ( वेड्डिंग रिसेप्षन भी बोल सकते है ) भी थी.

मैं कपड़े लेके भैया के घर आ गया, और मुझे आते-आते रात हो चुकी थी. और पार्टी स्टार्ट भी हो चुकी थी. जब मैं पहुँचा, तो देखा की भैया भाभी से सब फॅमिली मेंबर मिल रहे थे, और ऐसे मिलते-मिलते और खाते पीते पार्टी ख़तम हो गयी.

हालाकी मैं भाभी से नही मिल पाया, क्यूंकी मेरी हिम्मत ही नही होती थी. और ऐसे ही भाभी अपने रूम में चली गयी, और भैया का इंतेज़ार करने लगी. फिर कुछ देर बाद भैया फ्री हो कर अपने रूम की तरफ जाने लगे, और मैं भी भैया से बात-चीत करते-करते भैया के साथ जाने लगा.

मॅन तो कर रहा था की भैया को रोक लू, और आयेज जाने ही ना डू. और ऐसे करते-करते भैया अपने रूम के पास पहुँच गये, और मेरी बहनो ने मुझे आयेज जाने से रोक लिया, और मुझे वापस भेज दिया.

अब मैं क्या ही कर सटका था. तो मैं बातरूम में गया, और भाभी को सोच-सोच के मूठ मार के सोने आ गया अपने रूम में. मुझे नीड तो आ नही थी, लेकिन 1 घंटा करवाते बदलने के बाद सोचा तोड़ा भाभी के रूम के पास से घूम के आता हू.

तो सबसे पहले देखा की रूम के पास कोई है की नही. मेरी किस्मत अची थी, की कोई उस वक़्त था नही रूम के पास. फिर मैं हिम्मत करते-करते रूम के पास गया, तो थोड़ी-थोड़ी भाभी के चीखने की आवाज़ आ रही थी. अब मुझसे रहा नही जेया रहा था, और मुझे लगा की कोई आ रहा था. तो मैं जल्दी से भाग के अपने रूम में आ गया.

और आके मैं सोचने लगा की रेकॉर्डिंग बस हो रही हो. क्यूंकी सुहग्रात करना ना सही, फील तो कर सकता था उसके सहारे. और यही सोचते-सोचते मुझे नींद आ गयी और मैं सो गया. सुबा उठा तो देखा 10 बाज चुके थे, और सब लोग उठ चुके थे.

फिर सबसे पहले नीचे गया तो देखा की भाभी रिश्तेदारो के साथ कुछ रसम कर रही थी. मैं जल्दी से भाभी के रूम में गया स्पयकम लेने, तो देखा भाभी के रूम से जो अटॅच्ड बातरूम था, भैया उसमे गये थे.

फिर मैं हल्के पैरों से भाभी के रूम में गया, और स्पाइ कॅमरा को उतारने लगा, और उतारते समय मेरा कॅमरा भाभी के सोफे के नीचे चला गया.

फिर मैं जब लेके के लिए नीचे झुका, तो देखा की भाभी की चड्डी गिरी हुई थी. मैने जल्दी से उसको उठा लिया, और स्मेल करने लगा. क्या स्मेल थी फ्रेंड्स, मैं कैसे बतौ.

स्मेल करते-करते मुझे लगा की भैया बातरूम से निकालने वाले थे, तो मैने जल्दी से कॅमरा लिया, और सोचने लगा की भाभी की चड्डी लू के ना. मैने जल्दी से डिसाइड किया की ले लेता हू, और दोनो चीज़े लेके मैं अपने रूम में आ गया.

अब मुझे स्पयकम वाला वीडियो देखना था. लेकिन लॅपटॉप लेके नही आया था, तो इसलिए नही देख पा रहा था. फिर मैने जल्दी से अपना सारा समान पॅक करके साथ में भाभी की चड्डी अपने बाग में रख ली, और मम्मी से बोल कर जल्दी से अपने घर आ गया.

घर आके मैं फ्रेश हुआ और लॅपटॉप खोल के वीडियो कॉपी करने लगा, और भगवान से रिक्वेस्ट करने लगा की वीडियो रेकॉर्ड हुई हो. लकिली वीडियो तो रेकॉर्ड हुई थी. लेकिन वीडियो देखने ही जेया रहा था की मम्मी का फोन आया की मुझे लेने आजा. तो मुझे ना करते हुए भी मम्मी को लेने के लिए भैया के घर जाना पड़ा.

और जब मैं भैया के घर पहुँचा तो देखा की भैया कही गये हुए थे, और मम्मी और रिलेटिव कोई हॉल में थे, तो कोई किचन में था. मैं मम्मी के पास गया और बोला चलने के लिए.

तो उन्होने बोला: अभी छाई बन रही है पीक चलते है. तब तक तू भाभी के रूम में चला जेया, वो अकेली होंगी. जाके उनके पास बैठ और कुछ बात कर. तब तक मैं छाई लेके आती हू.

तो मैं तोड़ा शरमाते हुए रूम की तरफ चल दिया. रूम के पास पहुँच के मैने डोर को नॉक किया, तो भाभी बोली-

भाभी: कों?

तो मैं बोला: हर्ष.

तो उन्होने बोला: देवर जी, अंदर आ आइए.

और मैं जाके सोफे पे बैठने ही जेया रहा था, की भाभी ने बोला-

भाभी: इतना डोर क्यूँ बैठ रहे है? पास आके बेड पे तो बैठिए.

तो मैने शरमाते हुए बोला: यही ठीक है.

फिर उन्होने बोला: आइए ना.

तो मुझे जाना पड़ा. जब मैं उनके पास जाके बैठा, तो वो एक ब्लू कलर की सारी में क्या ब्यूटिफुल लग रही थी. और उपर से क्या स्मेल कर रही थी.

मॅन तो कर रहा था की वही किस कर लू, और यही सोचते-सोचते भाभी ने मुझे हिलाया, और बोली-

भाभी: कहा खो गये?

तो मैने बोला: कही भी तो नही.

फिर उसके बाद भाभी ने पूछा: और पेपर्स कैसे जेया रहे है.

तो मैने बोला: बढ़िया जेया रहे है.

और उसके बाद भाभी ने मुझे बोला: आप तो मुझे बात ही नही करते, कितना शरमाते हो.

तो मैने बोला: नही तो, ऐसा कुछ नही है.

शरमाता नही हू, वो तोड़ा एग्ज़ॅम था तो टाइम नही मिल पा रहा था आपसे बात करने को. और ऐसे ही बात करते-करते मम्मी छाई लेके आई.

तो उसके बाद मम्मी बेड पे बैठ गयी, और मैं सोफे पे आ गया. और हम सब छाई पीने लग गये. तो ऐसे बात करते-करते मम्मी ने भाभी से बोला-

मम्मी: हर्ष के लिए भी लड़की ढूँधो इसकी भी शादी करवा दे.

मेरे तो मॅन में चल रहा था की लड़की आपके सामने ही तो है. तो उसके बाद भाभी ने बोला-

भाभी: देवर जी इतने हॅंडसम है, की कोई भी लड़की हा कर देगी. और ये सुन के मैं तोड़ा शर्मा गया और बोला: कुछ भी.

और यही बात करते-करते मुझे सस्यू लग गया, तो मैने मम्मी से बोला-

मैं: मुझे ज़ोर की सस्यू लगी है. रूम वाले बातरूम में करके आता हू.

तो भाभी मुझे रोकने ही जेया रही थी की मम्मी ने बोला: जल्दी करके आ. उसके बाद हम लोग चलते है.

और जब मैं बातरूम में गया तो देखा की भाभी की ब्रा अंदर ही पड़ी थी ढोने के लिए. और ये देख के मेरे अंदर का साइटान बाहर आया गया. मैने तुरंत जाके ब्रा को उठा लिया, और देखा की ब्रा के कप बहुत बड़े-बड़े थे. क्यूंकी ब्रा की साइज़ 34द था, और क्या स्मेल कर रही थी.

मुझसे रहा नही गया. मैने जल्दी से ब्रा पे ही मूठ मार ली. मूठ मारने के बाद मुझे लगा की ये मैने क्या कर दिया. तो मैने जल्दी से सस्यू किया, और बाहर आके बिना भाभी को देखे ही मम्मी को बोला चलने के लिए. और मैं बाहर आ गया.

फिर थोड़ी देर में मम्मी भी आ गयी, और उसके बाद हम घर आ गये. घर आते-आते रात हो गयी, और सब थके हुए थे तो डिन्नर करके अपने-अपने रूम में आ गये. लेकिन मुझे दर्र लग रहा था की भाभी को पता ना चल जाए, और अगर पता चल गया होगा, तो वो मेरे बारे में क्या सोच रही होंगी.

और यही सोचते-सोचते मैं अपने बेड पे चला गया. लेकिन फिर भी नींद नही आ रही थी, की तभी मुझे स्पयकम वाली वीडियो के बारे में याद आया. फिर मैने जल्दी से जाके लॅपटॉप ओपन किया, और वीडियो देखने लगा.

मैने देखा की भैया रूम में गये, और भाभी से बात करने लगे. कुछ देर के बाद भाभी का घूँघट उठाने लगे और फिर भाभी तो किस करने लगे. भाभी अपने आप को चुधा रही थी.

लेकिन भैया भाभी को छ्चोढ़ नही रहे थे, और ऐसे किस करते-करते भाभी की सारी उतारने लगे. फिर उसके बाद वो भाभी के बूब्स दबाने लगे, तो भाभी सिसकियाँ भरने लगी, और उसके बाद भैया ने भाभी का पेटिकोट उतार दिया.

साथ में वो अपने हाथ भाभी की छूट में डालने लगे, और भाभी और ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी. उसके बाद भैया ने भाभी की ब्रा भी उतार दी. भाभी के क्या बड़े-बड़े बूब्स थे, और क्या ही गुलाबी-गुलाबी निपल्स थे.

भैया भाभी के बूब्स को चूसने लगे, और ऐसे ही 10 मिनिट तक करते रहे. फिर उसके बाद भाभी ने ही बोला-

भाभी: आज बस यही करना है क्या?

तो भैया ने बोला: नही मेरी जान, आज तो तुमको कुटिया बना के छोड़ूँगा.

और उसके बाद भैया उठे, और कॉंडम अपने लंड पे सेट कर लिया. उसके बाद उन्होने भाभी की चड्डी उतरी, और बेड के नीचे फेंक दिया. क्या ही गुलाबी छूट थी. इसके बाद भैया ने बोला-

भैया: मेरी जान, अब तू अपने घुटनो पे बैठ जेया और कुटिया बन जेया.

और उसके बाद भैया भाभी की छूट में अपना लंड सेट करने लगे, और धीरे-धीरे धक्का देने लगे.

लेकिन भाभी की छूट टाइट थी, तो लंड अंदर नही जेया रहा था, और कही ना कही भैया का लंड छ्होटा भी था. तो ये भी रीज़न था. फिर ऐसे ही थोड़ी देर मेहनत करते-करते लंड छूट के अंदर-बाहर होने लगा, और भाभी चिल्लाने लगी आह आ आ करके.

ज़्यादा से ज़्यादा 8-10 मिनिट में ही भैया झाड़ गये, और मुझे भाभी के चेहरे को देख कर सॉफ पता चल रहा था, की भाभी सॅटिस्फाइड नही थी.

फिर वो गुस्से में उठी, और बातरूम में कपड़े चेंज करके सोने आ गयी, और उसके थोड़ी देर बाद भैया भी सोने आ गये. लेकिन वो दर्र के मारे सोफे पे ही सो गये.

और मैं यही सोच रहा था की लंगूर को अंगूर मिल गया था. भैया की जगह मैं होता तो भाभी की छूट ही फाड़ देता, और यही सोचते-सोचे मैने भाभी की चड्डी निकली, और उसमे मूठ मार के सो गया.

तो दोस्तों इस पार्ट में इतना ही. गले पार्ट में आप लोगों को बतौँगा की भाभी को पता चला की नही. और अगर पता चला, तो क्या हुआ. मैं उनको छोड़ पाया के नही.

तो दोस्तों अगर मुझसे कोई ग़लती हुई तो माफ़ कीजिएगा. और कोई भी सजेशन या फीडबॅक देना हो तो आप लोग मुझे- हर्शरॉय@स्किफ.कॉम पे मैल कर सकते है.

थॅंकआइयू

हर्ष रॉय