देवर ने भाभी की चूत से अपना चुदाई खाता खोला

ही दोस्तो, मेरा नाम करूँ है. मैं 21 साल का हू, और फाइनल एअर का स्टूडेंट हू. मेरा लंड 7 इंच का है, और मेरी हेघ्य 5’9″ है. मैने आज तक बहुत सी लड़कियो को छोड़ा है, और मुझे मज़ा भी बहुत आया.

लेकिन आज मैं आपको अपनी पहली चुदाई के बारे में बताने जेया रहा हू. मेरी पहली चुदाई में मैने अपने भाई की बीवी, यानी अपनी भाभी को छोड़ा था. तो चलिए कहानी शुरू करते है.

मेरी फॅमिली में मैं, मों, दाद, और बड़ा भाई थे. मेरे और मेरे भाई के बीच में 15 साल का आगे गॅप है. बचपन में ही मेरे मों-दाद का आक्सिडेंट हो गया, और उस आक्सिडेंट में उन दोनो की डेत हो गयी.

उस वक़्त मैं सिर्फ़ 12 साल का था. मेरे भाई की शादी हो चुकी थी, तो उनको मुझे संभालने में ज़्यादा दिक्कत नही हुई. मेरी भाभी का नाम अंकिता है, और वो मेरे भैया से 6 साल छ्होटी है.

फिर वक़्त बीट-ता गया, और मैं बड़ा होता गया. जब तक मैं 18 साल का हुआ, तब तक भैया का अपना बिज़्नेस शुरू हो चुका था. भाभी हाउसवाइफ थी, तो वो घर का ख़याल रखती थी.

मैं नया-नया जवान हुआ था, और मुझे लड़कियो जे जिस्मो को देखने में बड़ा मज़ा आता था. एक दिन मैं घर पर था, और भाभी बातरूम में कपड़े धो रही थी. कपड़े थोड़े ही थे, तो वो हाथो से कपड़े धो रही थी.

उन्होने सलवार-सूट पहन रखा था. मुझे कुछ चाहिए था, तो मैं उनसे बातरूम में पूछने चला गया. जब मैं वाहा पहुँचा, तो वो नीचे बैठ कर कपड़े धो रही थी.

तभी मेरी नज़र उनके बूब्स पर पड़ी. उनके बूब्स बहुत बड़े थे, और उनकी क्लीवेज एक-दूं मस्त थी. भाभी का फिगर होगा 38″32″40″. अब आप तो समझ ही सकते है, की भाभी की क्या कातिलाना क्लीवेज दिख रही होगी.

उनको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. इससे पहले मैने कभी भाभी को ऐसी नज़रो से नही देखा था. लेकिन उस पूरी रात मैं उनके बारे में ही सोचता रहा. उनके बारे में सोचते हुए मेरा हाथ मेरे लंड पर चला गया. मैं इतना गरम हो गया था, की भाभी के बारे मैं सोच कर मूठ मार ली.

उस दिन के बाद मेरी नज़र भाभी के सेक्सी जिस्म कर रहने लगी. धीरे-धीरे मेरे मॅन में उनकी चुदाई करने के ख़याल आने लगे. मैं भाभी को प्यार करना चाहता था, और उनको पाना चाहता था.

फिर मैं सोचने में लग गया, की भाभी को कैसे मनाया जाए. लेकिन मुझे कोई आइडिया नही आ रहा था. फिर एक दिन मैं किचन में गया, तो भाभी काम कर रही थी. उन्होने ऑरेंज रंग का सलवार-सूट पहन रखा था.

पीछे से उनकी गांद क्या मस्त लग रही थी. मुझसे रहा ना गया, और मैने आयेज बढ़ने का फैंसला किया. मैं आयेज बढ़ा, और मैने भाभी को पीछे से हग कर लिया. भाभी अचानक हग करने से दर्र गयी. फिर वो बोली-

भाभी: करूँ, क्या हो गया बेटा?

मैं: भाभी मुझे आपसे प्यार हो गया है.

भाभी: हाहहः, बेटा प्यार तो मैं भी आपसे करती हू.

फिर मैने भाभी को छोढ़ दिया, और भाभी मेरी तरफ घूम गयी. फिर मैं बोला-

मैं: भाभी मुझे वो वाला प्यार नही हुआ. दूसरा वाला हुआ है.

भाभी: अब ये दूसरे वाला प्यार कों सा है?

मैं: लड़के लड़की वाला.

भाभी: तू पागल तो नही हो गया?

मैं: प्लीज़ भाभी.

और ये बोल कर मैने अपने होंठ भाभी के होंठो से चिपका दिए. भाभी मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी, लेकिन मेरी पकड़ मज़बूत थी. मैने उनको कस्स के पकड़ा हुआ था, और लगातार उनके होंठ चूज़ जेया रहा था.

धीरे-धीरे भाभी ने ज़ोर लगाना बंद कर दिया. 5 मिनिट किस करने के बाद मैने भाभी को छोढ़ दिया. भाभी की साँसे चढ़ि हुई थी, और वो मेरी तरफ घूर रही थी.

अब मुझे समझ नही आ रहा था, की मैं इससे आयेज क्या करू. मुझे लगा मैने बहुत बड़ी ग़लती कर दी थी, तो मैं उनको सॉरी बोल कर अपने रूम में भाग आया.

10 मिनिट बाद भाभी मेरे रूम में आई. मैं बेड पर बैठा हुआ था. वो भी मेरे पास आके बैठ गयी. फिर मैं बोला-

मैं: ई आम सॉरी भाभी.

भाभी: तेरे भैया और मेरे बीच सेक्स हुए 3 महीने हो गये है. शादी एक अजीब सा रिश्ता है. पहले-पहले मर्द लोग बहुत सेक्स करते है, और फिर धीरे-धीरे सेक्स कम हो जाता है. और बाद में तो होता ही नही.

भाभी: 3 महीने से मेरी छूट बहुत प्यासी है. अब तेरे भैया को तो इसकी ज़रूरत नही है. तो तू चाहे तो इसका इस्तेमाल कर सकता है.

ये भाभी की तरफ से ग्रीन सिग्नल था. मैने उसी वक़्त भाभी को पकड़ लिया, और हम दोनो किस करने लग गये. 15 मिनिट की किस के दौरान मैने भाभी का शर्ट और सलवार उतार दी. अब भाभी सिर्फ़ ब्रा और पनटी में थी.

उनकी जांघे मोटी थी, और बूब्स ब्रा से बाहर आ रहे थे. फिर मैने भी अपने कपड़े उतार दिए. मेरा 7 इंच का लंड देख कर भाभी खुश हो गयी. उन्होने जल्दी से मेरा लंड पकड़ा, और उसको चूसने लग गयी.

मैं ब्रा के उपर से उनके बूब्स दबा रहा था. 5 मिनिट भाभी ऐसे ही लंड चूस्टी रही. जब मुझे लगा, की मेरा निकालने वाला था, तो मैने लंड उनके मूह से बाहर निकाल लिया.

फिर मैने भाभी को सीधा लिटाया, और उनकी ब्रा निकाल दी. उनके दूध से भरे स्टान्नो को देख कर मैं पागल हो गया. मैं पागलो की तरह उनके बूब्स चूसने लग गया.

वो कामुक आहें भर रही थी, और मुझे अपनी आगोश में ले रही थी. फिर मैं उनको चूमण्ते हुए नीचे आया, और मैने उनकी पनटी उतार दी. उनकी छूट की खुश्बू क्या कमाल की थी.

मैने एक सेकेंड भी वेस्ट नही किया, और उनकी छूट चूसने लगा. भाभी मदहोश होके अपनी छूट चुस्वा रही थी. 5 मिनिट छूट चुसवाने के बाद भाभी बोली-

भाभी: चल अब लंड अंदर डाल, और छोड़ना शुरू कर.

मैं भाभी की बात मानते हुए उनकी टाँगो के बीच आया, और अपना लंड उनकी छूट पर सेट किया. फिर मैं लंड पुश करने लगा. तभी भाभी ने उपर की तरफ झटका दिया, और लंड अपने आप अंदर ले लिया.

आहह.. क्या गर्मी थी उनकी छूट की. मैने तेज़-तेज़ धक्के देने शुरू कर दिए, और भाभी सिसकिया भारती रही. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, क्यूकी मैं अपनी सेक्सी भाभी को छोड़ रहा था.

खुशी इस बात की भी थी, की अब मुझे घर पर ही एक छूट मिल चुकी थी. और मैं उनको अपनी मर्ज़ी से छोड़ सकता था. 20 मिनिट मैने भाभी को उसी पोज़िशन में छोड़ा. फिर मैने उनको घोड़ी बना लिया.

उनकी गांद इतनी बड़ी थी, की कोई भी उनका दीवाना हो जाए. फिर मैने पीछे से उनकी छूट छोड़ी. 10 मिनिट में मेरा निकालने वाला था. मैं कंट्रोल नही कर पाया, और मैने अपना माल उनकी छूट में ही निकाल दिया. भाभी ने भी इसका बुरा नही माना. अब से भाभी मेरी थी.

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