हैलो दोस्तों मैं हितेश। मेरी उम्र 37 है, और मैं गुजरात से हूं। मैं आपके लिए एक सच्ची कहानी लेकर आया हूं। दोस्तों मेरे घर पे होली के दिन घर में सब लोग जल्दी ही उठ गये थे, और सब लोग होली खेलने लगे। मैं तो सो रहा था। तब भाभी ने आकर मुझे रंग दिया। फिर मैंने उनका हाथ पकड़ लिया, और उनके हाथ वाला रंग उनके चहरे पे लगा दिया। मैंने मस्ती करते-करते उनके बूब्स को दबाना शुरू किया।
इतने में भाई आये और भाई ने भी मुझे रंग लगा दिया। फिर माई भाभी मुझे बाहर पकड़ कर ले गए, और घर वालों ने मुझे पूरा रंग दिया। दोस्तों हमारे घर पे होली का बहुत बड़ा जश्न होता हैं। हम सब ने 10 बजे तक होली खेली। फिर घर वाले सब नहाने के लिए नदी पर जाने की बात हुई। फिर मैंने बोला कि, “मैं नहीं आता, मुझे काम है”। तब भाभी भी बोली कि, “आप जाईये मैं घर पे ही रूकती हूं”। और फिर सब कुछ देर में चले गये।
दोस्तों होली के दिन नदियों पे बहुत भीड़ रहती है। तो उनको वापस आने के लिए रात हो जाती हैं। अब भाभी और मैं घर में अकेले ही थे, और इससे अच्छा मौका नहीं मिलता। सब के जाने के बाद मैंने बाहर का गेट पे ताला मार दिया, क्योंकि कोई अंदर ना आ सके। फिर मैंने घर का मेन डोर भी बंद कर दिया।
मैंने भाभी को बोला, “आज हम पूरे दिन बैठ कर बोर हो सकते हैं। भाभी कुछ चाय-नाश्ता हो तो दो, हम साथ नाश्ता करते हैं”। तब भाभी ने बोला कि, “आप रूम में बैठो”।
फिर थोडी़ देर में भाभी चाय-नाश्ता लेकर आई। हम वहीं बेड पर बैठ कर नाश्ता करते-करते बातें करते रहे। बातें करते हुए में धीरे से भाभी पास आ गया।
अब मैंने भाभी के कंधे पर हाथ रखा। फिर धीरे-धीरे मैं कंधे को सहलाने लगा। अब मैं कंधों पे और कानों किस करने लगा, और चूसने लगा। फिर मैं उनकी गर्दन पर किस करने लगा।
मैं अब भाभी का हाथ अपने हाथ में लेकर चूमने लगा। भाभी के हाथों को चूमते ही भाभी का मूड चुदाई को बनने लगा। अब मैं भाभी के गाल को किस करने लगा। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने भाभी के होंठों पर होंठ पर लगा दिए।
भाभी के होंठो को चूमने में बहुत मजा आ रहा था। अब मैं भाभी के होंठों को चूमते-चूमते काटने लगा। भाभी ने भी मेरा साथ देना शुरू किया। अब हम दोनों एक-दूसरे के होंठ बहुत ही अच्छे से चूस रहे थे।
फिर मैंने भाभी को बेड पर लेटा दिया। मैं भाभी के बूब्स को दबाने लगा और मसलने लगा। अब मैंने उनकी साड़ी निकाल दी। फिर मैंने भाभी का ब्लाउज़ भी निकाल दिया। मैंने उनका पेटिकोट भी निकाल दिया। अब भाभी ब्रा और पेंटी में थी। फिर मैं पूरे बदन को चूमने लगा।
भाभी के बूब्स को मैं मसलने लगा। भाभी की सांसे तेज़ हो गई। भाभी के मुंह से आह आह आह की आवाज़ें निकलने लगी।
अब मैं भाभी के बूब्स को चूस रहा था, और दबा भी रहा था, और साथ में निप्पल को काट भी रहा था। मैंने भाभी की पैंटी भी निकाल दी। भाभी की पैंटी निकलते ही भाभी पूरी तरह से नंगी हो गई। तब भाभी बोली, “हितेश तू भी अपने कपड़े निकाल”। तब मैंने बोला, “जानेमन तुम ही निकाल दो मेरे कपड़े”।
तब भाभी मेरे कपड़े निकालने लगी, और कुछ ही पल में मैं भी नंगा हो गया। फिर मैंने भाभी की चूत को देखा। भाभी की चूत एक-दम साफ थी। चूत पे एक भी बाल नहीं था। भाभी ने शायद रात को ही सफाई कि होगी। मैंने भाभी को बोला, “जानेमन आज तो आप एक-दम हॉट और सेक्सी लग रही हो, आज तो में आपको पूरे दिन चोदूगां”। तब भाभी बोली, “मैं भी इस दिन का इंतजार कर रही थी, कि कब मैं तुझसे अपनी चूत की चुदाई करवाऊंगी”। फिर मैं भाभी की चूत में जीभ डाल कर चूत चूसने लगा।
अब भाभी तड़पने लगी। भाभी के मुंह से आवाजें आने लगी। मैंने जीभ को चूत के अंदर तक डाला। फिर चूत के दाने को पकड़ कर चूसने लगा। अब भाभी गरम हो रही थी। फिर भाभी ने मेरे सिर को पकड़ कर अपनी चूत पे दबाव डाला। मैं भी जोश में आया और चूत को जोर-जोर से चूसने लगा। तब भाभी बोली, “हितेश, और चूसो, बहुत ही अच्छा लग रहा है। आज पहली बार मुझे इतना अच्छा लग रहा है”।
अब भाभी की चूत को चूसते-चूसते चूत में से पानी का सैलाब बहने लगा। फिर भाभी ने मुझे ऊपर खींचा। फिर भाभी मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। करीब 5 मिनट के बाद भाभी बोली, “हितेश अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है। अब जल्दी से तुम्हारा लंड डालो मेरी चूत में, और चोदो मुझे”।
अब मैंने अपना लंड भाभी की चूत पे रखा, और जोर से धक्का मारा, और आधा लंड चूत में गया। तब भाभी दर्द के चिल्लाने लगी और बोली, “हितेश धीरे-धीरे करो”। फिर मैंने धीरे-धीरे चोदना शुरू किया। फिरसे मैंने एक और झटका मारा, और पूरा लंड चूत के अंदर घुस गया। भाभी फिरसे चिल्लाने लगी, और आह आह उफ उफ बोलने लगी, और मैं चूत में ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। अब भाभी को मज़ा आने लगा था। अब भाभी भी मेरा साथ देने लगे।
अब मैं भाभी की दोनों टांगे अपने कंधे पे रख कर चोदने लगा। तब भाभी अहह आहह आह करने लगी, और बोलने लगी, “हितेश और चोदो, आज पहली बार मुझे इतना मजा आ रहा है। हितेश मुझे अब तुम्हारा लंड रोज चाहिए। हितेश मुझे रोज चोदो, मैं तुझे कभी भी मना नही करूंगी”।
अब भाभी की चूत पानी छोड़ने लगी, और जैसे ही लंड चूत के अंदर बाहर होता, तो फस फस कि आवाज आती।
भाभी झड़ने लगी थी। फिर मैंने भाभी को घोड़ी बनाया, और मैं पीछे से भाभी की चूत मारने लगा। करीब 20 मिनट तक चुदाई करने के बाद अब मेरा होने वाला था। तब मैंने भाभी को बोला कि, “मेरा पानी आने वाला है”। तब भाभी ने बोला कि, “अंदर ही निकाल दो”। फिर मैंने 2 और 3 शॉट मारे, और मैंने अपना पूरा वीर्य भाभी की चूत में निकाल दिया, और मैं उनके उपर लेट गया।
उस दिन मैंने भाभी को 3 तीन बार चोदा, और एक बार गांड भी मारी। आज पहली मुझसे चुदने के बाद भाभी हमेशा-हमेशा के लिए मेरी हो गयी। दोस्तों आपको कहानी कैसी लगी आप मुझे इमेल कर सकते हैं
पर।