देवर और भाभी की चुदाई स्टोरी

ही फ्रेंड्स, उमिद है आपकी “ममता भाभी के बड़े बड़े बूब्स-2” पसंद आया होगा. अब आयेज..

मेरे मूह से अपनी इतनी तारीफ सुन कर भाभी पिघल गयइ और उनके चेहरे से उनका गुस्सा डोर हो गया. और उनका डोर होता भी केसे न्ही, आख़िर एक औरत को भला क्या चाहईीए वो अपनी तारीफ की भूकी होती है. और मैने जो जो खा था, वो एक दम सच था. वेसए भी मैं पहले दिन से भाभी को बतो ही बतो ये इशारा करता रहता था, की मैं उन्हे दिलो जान से चाहता हूँ.

अब भाभी बेड से उठ कर जाने लगी, पर मैने तभी उनका हाथ पकड़ लिया और उन्हे रोकते हुए खा.

मैं – भाभी प्लीज़ आप गुस्सा ना हो, जो मैने खा है. उसमे एक एक वर्ड सच है. मैं सच मे आप से बहोट प्यार करता हूँ. मैने जब से आपको देखा है, तभी से आपका ही हो गया हूँ. मुझे उमीद है, की आप मुझे और मेरे सचे प्यार को समझोगी. सच कहूँ तो भाभी मुझे आप जेसी ही अपनी वाइफ चाहईीए, ये मैं सच कह रा हूँ. अगर आपको मेरी बात पर यकीन न्ही है, तो अभी भी आप मेरी मम्मी से पूछ लो. मैने उनको खा हुआ है, की मुझे अपनी वाइफ सेम तो सेम भाभी जेसी चाहईीए.

भाभी मेरी एक एक बात बड़े ढयन से सुन र्ही थी. ये मेरे लिए एक बहोट ही अछा मोका था. मैं तभी नीचे ज़मीन पर बैठ गया और भाभी के और उन्हे अपने प्यार का इज़हार करने लग गया. पर मेरे दिल मे उस टाइम ये चल रा था, की मैं केसे भी करके भाभी को बेड से नीचे ना जाने डून.

मैं लगातार भाभी को अपनी मीठी मीठी बतो मे फास्टा रा, और आख़िर मे मैने अपना सिर उनकी गोध मे र्ख लिया. मेरा गालो पर उनके गरम गरम और नरम पत्तो थे. मेरे गालो और उनके पत्तो के बिछे सिर्फ़ एक पतली निघट्य थी. पर मेरे लिए ये एक पहला एहसास था, इसलिए मेरा लंड इतने मे ही खड़ा हो गया. मुझे हल्की हल्की छूट की भी खुश्बू आ र्ही थी आख़िर मेरी महंत काम आ गयइ और भाभी मुझसे बोली.

भाभी – हनी बोलो तुम्हे क्या चाहईीए ?

मैं – भाभी मुझे कुछ न्ही चाहईीए, मुझे सिर्फ़ आप का प्यार चाहईीए और मैं आपको प्यार करना चाहता हूँ बस.

भाभी – प्यार करना चाहते मतलब ?

मा की लोदी भाभी को सब कुछ पता था, पर फिर भी वो मा की लोदी मेरे मूह से सुनना चाहती है. अब ये बहें की लोदी इतना घुल चुकी तो माना करने का तो मतलब ही न्ही था. इसलिए मैं हिम्मत करके बोला.

मैं – भाभी मुझे आपके साथ सिर्फ़ एक बार सेक्स करना है सिर्फ़ और सिर्फ़ एक बार.

भाभी आक्टिंग करते हुए बोली – न्ही न्ही हनी मैं ये न्ही कर स्काती, मैं तुम्हारे भाईया को धोका न्ही दे स्काती.

मुझे पता था, की ये साली सिर्फ़ आक्टिंग कर र्ही है. इसलिए सोच साँझ कर बोला – भाभी आप बस ये समझो को आप मुझे प्यार कर र्ही हो, और इसमे धोका देने वाली क्या बात है.

भाभी – अरे मैं एक शादी शुदा औरत हूँ, उपेर से मेरा एक बचा भी है. मैं तुम्हारे साथ ये सब केसे कर स्काती हूँ. अगर किसी को इस बारे मे पता चल गया, तो मेरी तो बहोट ज़्यादा बदनामी हो जाएगी और मेरा घर भी टूट स्कता है.

मैं भाभी के पत्तो पर किस करके बोला – भाभी मैने आपसे सॅचा प्यार किया है. मैं आपके बचे की कसम खा कर कह रा हूँ. अगर मुझे आपका घर बचाने के लिए अपनी जान भी देनी पड़ी तो मैं वो भी दे दूँगा. पर मैं आपसे वादा करता हूँ की आपको और आपके घर को कुछ न्ही होने दूँगा.

मेरी ये बात सुन कर भाभी मों की तरह पिघल गयइ, उन्होने अपने दोनो हाथो से मेरा चेहरा पकड़ा और मुझे उपेर खींच कर अपने साथ बिता कर बोली.

भाभी – हनी मुझे तुझे पर पूरा विश्वास है, तू मुझे और मेरी इजात को कुछ न्ही होने देगा. आज जो तूने मुझे खा वो सब कभी भी किसी ने खा, इतनी तारीफ कभी किसी ने न्ही करी. मेरे पति भी मुझे कुछ ख़ास्स प्यार न्ही करते, पर तेरी बतो ने ही मुझे इतना प्यार दे दिया है की बस पूछो मत.

मैं भाभी की इन बतो का कोई जवाब देता, इससे पहले ही भाभी ने मेरे होंठो पर अपने होंठ र्ख कर मेरे होंठो को चूसने लग गयइ. मुझे इसकी ज़रा भी उमीद न्ही थी, फिर मैं भी भाभी के गुलाबी होंठो को चूसने लग गया. उनके होंठो मे मीठा रास भरा हुआ था, जिसे मैं चूस चूस कर लगातार पी रा था. उसके बाद फिर मेरे दोनो हाथ उनके बूब्स पर आ गये, और मैं उनके दोनो बूब्स धीरे धीरे मसालने लग गया.

पर तभी भाभी ने मुझे रोका और मुझे अपने से अल्ग करके उन्होने से मेरी निघट्य उतार दी. अब भाभी मेरे सामने पूरी की पूरी नंगी थी, उनके जिस्म पर कुछ भी न्ही था. फिर भाभी ने मेरे भी कपड़े निकल दिए, जब उन्होने मेरा अंडरवेर निकल कर खुद अपने हाथो से मेरा लंड बाहर निकाला तो वो बोली.

भाभी – अरे वा तुम्हारा लंड तो काफ़ी दमदार है.

मैं – क्यो भाभी भाईया का लंड दमदार न्ही है क्या ?

भाभी – न्ही है, पर तुम्हारे लंड से तोड़ा छ्होटा और काफ़ी पतला है. तुम्हारा लंड काफ़ी मोटा है जान, मुझे लगता है की आज तुम्हारा लंड मेरी जान निकल देगा.

फिर मैने भाभी को बेड पर लेआटा दिया, हम दोनो पूरे नंगे हो चुके थे. मेरा नंगा जिस्म उसके नंगे जिस्म पर चिपका हुआ था. कसम से ये मेरे लिए सब से आचे पॅलो मे से एक था. फिर मैने उनके होंठो को फिर से चूसना शुरू कर दिया. होंठो के बाद मैने उनके बूब्स पर आ गया, मैने उनके बूब्स को मूह मे भर कर ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया.

भाभी – अरे आराम से सारा दूध मत ख़तम कर देना, मेरे बचे के लिए भी कुछ छ्चोड़ देना. क्योकि अभी पूरा दिन बाकी है और ये भूक के मारे मेरी जान निकल देगा समझा.

मैं – पर भाभी ये बहोट टेस्टी है, मैं केसे छ्चोड़ डून.

भाभी – मुझे कुछ न्ही पता तोड़ा सा छ्चोड़ दे प्लीज़.

मैं – ठीक है.

फिर मैने उनके बूब्स को चूसना छ्चोड़ दिया, और फिर मैं उनका चिकना पेट अपनी जीब से चाटते हुए नीचे उनकी छूट के पास गया. फिर मैने उनकी दोनो टाँगे खोली और सवर्ग का दरवाजा मेरे सामने था. उसमे से रस्स तपाक तपाक कर बाहर निकल रा था. वो सब मुझसे देखा न्ही गया. इसलिए मैने अपनी जीब बाहर निकली और उनकी छूट को नीचे से लेकर उपेर तक मैं चाटने लग गया.

मैं सेक्सी मोविए मे देखा था, की केसे लोग लड़की की छूट को चाटते है. मैं सेम वेसए ही करने की कोशिश कर रा था, इसमे भाभी को बहोट मज़ा आ रा था, वो मेरा सिर अपनी छूट मे दबा कर बोली.

भाभी – मेरे हनी तुमने ये सब ख़ान से सीखा, मेरे पति ने आज तक मुझे ये सुख न्ही दिया. अपनी जीब मेरी छूट मे दल दे मेरी जान.

भाभी की मस्त आवाज़ सुनते ही मैने अपनी जीब उसकी रस्स से भारी हुई छूट मे उतार दी. फिर मैं अपनी ही जीब से उनकी प्यारी छूट को छोड़ने लग गया. भाभी नीचे से अपनी गंद को उछाल उछाल कर मुझसे अपनी छूट को छुड़वा र्ही थी. मैं भी बड़े मे मज़े मे उनकी छूट को छत और छोड़ रा था. कुछ ही देर मेरे मूह मे उनकी छूट का सारा पानी भर गया और मैं उसे पानी को जल्दी से पी गया.

फिर भाभी एक दम डेड सी हो गयइ, उनके चेहरे पर निखार पहले से ज़्यादा झलाक रा था. फिर वो उठी और मुझे अपनी जगह लेआटा और वो मेरे उपेर ल्ट गयइ. भाभी मेरे पूरे जिस्म पर किस करती हुई. मेरी टॅंगो के बीच मे आकर बैठ गयइ. फिर वो मेरे लंड को अपने मूह मे भर कर चूसने लग गयइ. ये सब मेरे साथ पहली बार हो रा था, इसलिए मुझसे बर्दाश ही न्ही हुआ.

मैं अपने आप पर कंट्रोल न्ही कर पा रा था. फिर जब मेरा लंड पूरा उनकी थूक से गीला हो गया, तो वो खड़ी हुई और अपनी दोनो टाँगे मेरे दोनो और करके मेरे लंड के उपेर वो अपनी छूट सेट करके मेरे पर बैठ गयइ. भाभी बहोट धीरे धीरे अपनी छूट मे मेरा लंड ले र्ही थी, उनके चेहरे पर मैं दर्द सॉफ सॉफ देख स्कता था. पर उस टाइम जो मज़ा आ रा था, वो मैं आपको वर्ड्स मे लिख न्ही बीटीये स्कता, पर मैने उस टाइम भाभी से खा.

मैं – प्लीज़ भाभी कुछ मिनिट ऐसे ही रहना हिलना मत.

भाभी – क्यो मेरी जान क्या हुआ ?

मैं – भाभी मैं इस पल मे थोड़ी देर जीना चाहता हूँ, आपकी छूट सच मे बहोट गरम है.

फिर करीब 5 मिनिट तक भाभी वेसए ही र्ही और मैं शांत हो गया. फिर मैने भाभी को अपने उपेर झुका लिया और उनके बूब्स अपने मूह मे भर नीचे से अपनी पूरी ताक़त से उनकी छूट को छोड़ने लग गया.दर्द के मारे भाभी के मूह से आअहह आहह की बहोट सारी अवजेएँ निकल र्ही थी. जब मैं तक जाता था, तो भाभी मेरे लंड के उपेर उछालने लग जाती थी. ऐसे ये चुदाई का प्रोग्राम करीब 25 मिनिट्स तक चला और फिर हम दोनो का पानी उसकी छूट मे ही निकल गया. हम दोनो काफ़ी तक चुके थे और 15 मिनिट के रेस्ट किया.

रेस्ट के बाद भाभी का नशा उतार चुका था, उसने मेरे होंठो को किस करके खा – हनी मुझे आज सच मे वो मज़ा आया तुम्हारे साथ सेक्स करके, जो मज़ा अभी तक कभी न्ही आया. पर मुझे माफ़ करना आज जो हम दोनो के बीच मे हुआ, वो पहली और आख़िर बार था. मैं अपने पति को धोका न्ही दे स्काती, मैने तुम्हारी बात मानी अब तुम मेरी बात मानो.

मैं – ठीक है भाभी पर.

भाभी – पर वार कुछ न्ही, हन बीच बीच मैं तुमसे अपने बूब्स और छूट चुस्वा लूँगी और तुम्हारा लंड भी चूस लूँगी. हम दोनो हुमेशा एक आचे दोस्त रहगें.

मैं – ठीक है भाभी, आप मेरा एक सपना और पूरा कर दो. फिर मैं आपकी सारी बात मान लूँगा.

भाभी – ठीक है बोलो.

मैं – बोलता हूँ पर उससे पहले दोनो नहा लेते है.

भाभी – ठीक है.

फिर हम दोनो एक साथ नहा लिए, फिर जब भाभी एक दम पूरी त्यआर हो गयइ, तो मैने भाभी का पूरा मेकप करवाया. और उन्हे नीचे ज़मीन पर बिता कर उनके चेहरे के आयेज खुद मूठ मारी और उनके खूबसूरत चेहरे पर अपने लंड के पानी से उनका फेशियल किया.

दोस्तो के बाद मैं घर आ गया, और फिर आज भी बीच बीच मे मैं उनके बूब्स और छूट चूसने के लिए चला जाता हूँ. मुझे आप भी इंतेज़ार है, की कब भाभी मुझे अपनी छूट फिर से देगी.

अछा आज की मेरी ये कहानी यहीं पर ख़तम होती है, आपको ये कहानी केसी लगी मुझे ज़रूर ब्ताना. आपके लीके और कॉमेंट्स का मुझे इंतेज़ार रहेगा.

आप अपना प्यारा हनी. [email protected]