छोटू का जवानी मे पहला कदम

मुझे नयी नयी नौकरी लगी थी. नये शहेर मे नया भाड़े का मकान लिया. घर का मलिक उसी साल गुजर गया था. उनके घर मे एक लड़का और उसकी मा, बहने और मोसी ये से सब रहते थे.

नौकरी आचे से चल रही थी. अब घर मॅकिन उनका लड़का छोटू सब आचे से पहचान के हो गये थे. मेरी ये कहानी उसी छोटू पे आधारित है जिसने अभी अभी ग्रॅजुयेशन मे अड्मिशन लिया था. और साथ ही मे उसने अभी अभी जवानी मे कदम रखा था.

छोटू बचपन से पढ़कू लड़का था. उस व्जहा से लड़किया, मौज मस्ती से कोसो दूर था. छोटू अब कॉलेज मे जाने लगा था. अब धीरे धीरे छोटू बाहर की बाते जानने लगा.

कॉलेज की सुंदर सुंदर लड़किया देखने लगा. एक से एक सुंद्रिया कम कपड़ो मे देख कर इसका जी मचल जाता था. छोटू का एक उसकी के जैसा एक दोस्त त्ता लेकिन उसका गायन इस मामले मे तोड़ा ज़्यादा था.

छोटू ने दोस्त से कहा यार मुझे आज कल कुछ अजीब से लगता है. कभी ऐसी सुंद्रिया एकद्ूम पारिया कभी देखी नही है. कोई स्त्री को कभी मैने देखा ही नही. लेकिन अभी मेरी तिवरा (हार्ड फीलिंग) इचा होने लगी है.

दोस्त सोच मे पद गया इसे देखना है मतलब करना क्या है.

छोटू अब उसके छोटे अंगा को बड़ा होते होते देखने लगा था. जवानी उफान मारने लगी थी उसके लिए क्या करना उसे समझ नही आ रा था.

एक दिन छोटू ने हिम्मत करके एक खूबसूरत लड़की का हाथ पकड़ के बोल दिया. मुझे तुमको देखना है और लड़की ने उसे पानी चप्पल खिच के मार कर दिखा दिया.

तब छोटू नाराज़ हो गया. कुछ दीनो से घर पे ही रहने लगा. जब दोस्त को ये बात पता चली तो उसने कहा पागल पँति बंद कर भाई. आख़िर हुवा क्या है, चाहता क्या है तू?

छोटू ने कहा मुझे बस किसी भी लड़की, औरत को देखना है बाकी कुछ भी नही. दोस्त ने उसे एक देसी लड़कियो की किताब लाके दिया. उसमे कामसीँ ल्दकिया एकडम सुंदर परियो के नगञा तस्वीरे थी.

जब ये किताब छोटू देखने लगा छोटू के होश उड़ गये. छोटू उस किताब की हर ल्दकी के चित्रा को चूमता, उनको गले से लगता. छोटू को अब वो किताब भी कम पड़ने लगी. क्यू की उस किताब से छोटुकी इचाए बढ़ने लगी.

क्यूकी छोटू को अब कोई भी स्त्री या ल्दकी को बस नंगा देखना था और कोई उसकी इचा मॅन मे नही थी. उस पुस्तक मे और एक चीज़ थी जो की संभोग कथाए और ये कथाए थी. परिवारिक लोगो के बीच संभोग की.

इसके पीछे दोस्त का हाथ था. जब उसका दोस्त छोटू के घर पे आया था तब उसने देखा उसकी बहाने, मोसी और मा भी सभी बहुत सुंदर है. अगर छोटू को ये कहानिया पढ़ने मे मज़ा आता है. तो छोटू शायद घर मे ही ये काम करने लगे और दोस्त को भी ये सब मिल जाए. यही उसकी योजना थी.

छोटू एक एक करके उस किताब की खानिया पढ़ने लगा था. अब ये खानिया उसे धीरे धीरे घरवालो के प्रति गंदे ख़याल उत्पान्ना करने मे बहुत शाहायता करने लगी. दोस्त ने जैसे सोचा वही असर अभी उसपर होने लगा था.

एक दिन छोटू के घर पे उसकी मामी आई थी उनको हॉल मे बैठना हुवा था. ममीज़ी छोटू के कमरे मे बैठ कर बचे को दूध पीला रही थी. तभी छोटू की नज़र उनपे गिरी, छोटू वापस जाने लगा तभी ममीज़ी ने आवाज़ लगाई “अरे बेटा आओ ना क्या हुवा है, तुम बात नही करोगे अपने ममीज़ी से?”

छोटू उल्टे पॉ अंदर आया और मामी के सामने बैठा जैसे मामी ने अपना पल्लू के अंदर बचे को धक रही थी. तभी बचे ने पालु खिच लिया और मामी का एक आधा स्तन प्रत्यक्ष उसे दिखाई देने लगा.

तब ही छोटुने अपना चहेरा घुमाया. लेकिन फिर किताब की खानिया पढ़ कर उसकी अंदर की किसी रिश्तों की मर्यादा और सम्मान करना वो भूल ही गया था.

वो हास एक नज़र उन उभरो को जी भर कर अपने दिमाग़ मे चित्रा बनाने लगा. मामी का मुलायम स्तन बड़ा प्यारा था. लेकिन कुछ गड़बड़ ना हो इस कारण वो वाहा से निकल गया.

आज उसे ने सच मई इतने पास से किसी का बड़ा स्तन देखा था. जिससे उसका लिंग का तनाव ब्धहने लगा था. छोटू का एक सपना आज पूरा हुवा लेकिन उसे दोनो स्तानो को छू कर दबाने का मॅन भी करने लगा था.

लेकिन मामी के साथ हे, बर्ताव करना उचित नही होगा सोच कर वो चुप रहा.

रत मई मामी घर जाने निकली तो बचे की तबीयत खराब होने लगी थी. उसे हॉस्पिटल लेके गये, उसको दस्त लग गये थे. ड्र ने उसे दूध पिलाने से माना कर दिया था.

आज रत मामी जी छोटू के ही कमरे मे बचे को लेकर सोएगी ये तय हुवा. क्यू की वो कमरा शांत था जिससे बचे को कोई प्रेशानि नही हो इसलिए हुई.

मामी और बचे को घर लाया गया रत के अभी 11 बाज रहे थे. बचे को नींद लग गयी थी लेकिन छोटू ने मामी पे नज़र डाली तो मामी जी अभी भी जाग रही थी. मामी जी थोड़ी बेचैन लग रही थी. उनको कुछ छाती मे दर्द महेसुस होने लगा था. जिस तरहा से वो अपने छाती को हटो से पकड़े थी उससे कुछ ये सही प्रतीत हो रा था.

छोटू को कुछ गंभीर बात लगी, छोटू ने सोचा पूछ लिया जाए आख़िर क्या हो रा उनको. तो छोटू ने मामी से जेया कर पूछा “मामी जी आपको कोई प्रेशानि है क्या, आपको क्या हुवा, आप की तबीयत ठीक है ना?”

मामी – हा बेटा मेरी तबीयत अची है, बस तोड़ा दर्द है कम हो जाएगा”.

छोटू ने कहा – कैसा दर्द मामी जी, आप मुझे बताइए क्या हुवा है”.

मामी – नही बेटा कोई बात नही है, मई से लूँगी रात भर, तुम सो जाओ रात हो गयी.

छोटू को फिर ऐसा लगा मामी जी कुछ छुपा रही है. फिर हिम्मत कर के छोटू ने बोल दिया – आपको मैने छाती को सहलाते देखा, आपको कुछ तकलीफ़ हो र्ही है. आप क्यू नही बता रही हो मामी जी?

मामी ने कहा – नही बेटा तुमने देख लिया पर मई नही बता सकती आपको.

छोटू – घर मे किसी को बुला कर लाउ मामी जी?

मामी – नही सब सोए है किसी को तक़लीफ़ मत दे अभी तू.

छोटू – फिर मुझे बताइए मई कुछ दर्द कम कर सकता हू आपका?

मामी से अब उनकी छातियो का दर्द सहन नही हो रहा था. वो बोल पड़ी के छोटू डॉक्टर ने कहा बचे को दूध मत पिलाना और अब मेरे छाती मे दूध बढ़ गया है. मैने बहुत निकाला लेकिन जब तक उसे बचा नही पिता दर्द कम नही होगा. अब ऐसी हालत मे बचा नही पिएगा ना. मुझहहसे अभी नही निकाला जेया रहा है बहुत तकलीफ़ होने लगी है. किसी को बता कर भी कोई कुछ नही कर पा रहा है.

ये सब सुनके छोटू भी हैरान हो गया बात तो सही है. फिर छोटू को एक योजना दिमाग़ मे आई उसे मामी का दर्द कम होगा ये सोच कर उसने मामी से कहा-

छोटू – ममीज़ी अग्र आप बुरा माने तो क्या आपका दूध मुझे देंगे आप? आपका दर्द कम होगा और तो और मुझे भी भूक लगी है. दोनो कम हो जाएँगे.

मामी ने सोचा हा बेटा मई अभी निकलती हू. मामी जी ने मूह उधर किया और अपने ब्लाउस के बटन खोले. एक कटोरे मे तोड़ा तोड़ा दबा कर दूध निकालने लगी.

एक क्टोरा भरने मे बहुत वक्त लग गया. छोटू उनकी तरफ पीठ कर के बैठा था. कब मामी का दूध पीने मिलेंगा सोच कर मान ही मान खुश हो रा था. एक कटोरा भर गया.

मामी ने अपने ब्लाउस के बटन लगा लिए और उसे कहा पिलो और कटोरा देना मई और देती कहा.

छोटुने पूरा पी गया लेकिन अभी भी उनका दर्द कम नही हो रा था. अभी हटो से दूध निकालने मे भी उनको प्रेशानि होने लगी थी. मामी ने कहा बेटा क्या मेरी एक मदात करोगे?

छोटू बोला हन बोलिए क्या करना है?

मामी ने कहा – मुझे अभी दूध निकलना नही हो रा, क्या तुम खुद पियोगे मूह लगा कर? फिर मामी ने आयेज कहा तुमको शायद पसंद है मेरे स्तन, सुबा बड़े घूर के देख र्हे थे ना. मामी मुस्कुरकर बोली.

छोटू ने नीचे मंडी डालते कहा – नही ऐसी कोई बात नही लेकिन अगर आपकी तक़लीफ़ इससे कम हो जाती है तो मुझे कोई तकलीफ़ नही है.

मामी – तुझे कैसी तकलीफ़ होगी भला, चूसना ही तो है ना. फिर मामी पलट गयी और उसको पास बुलाया – यहा आ जाओ छोटू.

छोटू तुरंत पास जा कर बैठ गया. अभी तुम लेट जाओ जियसे बचा लेट जाता है, मामी ने कहा. और छोटू मामी के घुटनो और जाँघो पे सर रख कर लेट गया.

मामी ने अपना ब्लाउस का बटन फिर से खोला, अंदर से ब्रा का एक बाजू उपर करते हुए अंड्रा से बड़ा वाला गोरे रंग का स्तन बाहर निकाला. फिर छोटू क ओकहा धीरे धीरे से चूचुक (निपल) को मूह मे ले कर चूसना.

छोटू का लिंग मामी का स्तन देख कर एकडम से टन गया, छोटू जोश जोश मे उनके स्तन को चूसने लगा. मामी को अभी ज़रा सुकून मिलने लगा था. छोटू भी अब स्तन पकड़ पकड़ कर चूसने लगा था.

लेकिन अब छोटू को और मामी को गर्मी होने लगी थी. दर्द कम लगने के वजह से मामी की आँख ल्ज्ने लगी थी.

तभी मामी ने कहा – छोटू अब दूसरा ले लो ये बाद मे लेना.

छोटू ने कहा – मामी जी आप अगर मुझे सुलके पीने दोगे तो मई पूरा खाली कर के दूँगा. आप आराम से सो जाना.

मामी ने कहा हा तुमको पूरा खाली करना है इनको और तुम भी सो जाना. छोटू ने कहा हा मामी आप मुझे दोनो खोल कर दे दो मई दोनो को तोड़ा तोड़ा खाली कर देता हू.

अभी मामी ने अपना पूरा ब्लाउस निकल लिया. मामी मे कहा तुमने अब सब देख लिया है इसलिए मई तुमको इन्हे पूरा खॉकल कर दे रही हू. छोटू ने कहा हा मामी मुझे आपका दर्द देखा नही जाता.

मामी ने कहा आजा अब शुरू होज़ा. मामी अब छोटू के सामने आधी नंगी हो चुकी थी. उपर के कपदे सब उतार दिए थे पल्लू भी अब उनके भिच ना था.

फिर भी मामी ने एक स्तन को पल्लूसे धक लिया था. लेकिन छोटू ने जोश जोश मई आकर उसको भी हटा दिया. मामी को नींद लग गयी थी रत का अभी 1 बजा था.

छोटू ने लाइट जलाया छोटू मामी के अंडू उभरो को बड़े चाव से देख रा था. एक आध नंगी औरत उसके सामने थी. उसपे उसको जो जी करे वेसा खेलना का मान कर रा था.

लेकिन दर था मामी उठ गयी तो फिर बवाल होगा. इसलिए वो पास मई सो कर उनका एक स्तन जो बहुत भरी भरकम था डबते जा रहा था और दूसरा चूस्ते जा रा था.

मज़ा दुगना आने लगा था लिंग अब गाड़ी से हटकर मामी के जाँघो पे अपनी र्गद बनाने लगा था. मामी की मुलायम जंघे भी लॅंड की रग़ाद को बड़े मज़े से सहे रही थी.

छोटू जोश जोश मई अब मामी को हग कर के उनके स्तन चूसने ड़बने लग गया था. उनकी पीठ से हट फिरने लगा था छॉटुका पैइजमा इस मस्ती मे अपने आप नीचे सार्क गया था.

छोटू ने अंडरवेर नही पहना होने के कारण उसका लॅंड बेर आकर मामी की टॅंगो के बीच मे घुसने का साहस करने लगा. जो की उनका घर्षन उसे बड़ा मज़ा दे रा था.

जब भी कोई नर मादा एसी स्थिति मे फुचजते है तो उनके आंद्र पकाृतिक रूप से कामुक भावना उतलन्ना हो कर कीको सम्बंध और उनकी जानकारी भी होना हो पकाृतिक रूप से लिंग अपने आप से ही योनि द्वारके ट्राफ् भागने लगता है.

वही अब छॉटुके साथ होने लगा था. छोटू खुद पर काबू पाना नामुमकिन था छोटू लिंग को योनि पर घर्षण करने लग गया. अब उसने मामी के सारी को नीचेसे उपर कर दिया था और जाँघो को पैरो को शेलने लग गया था.

मामी को ये स्परहस ँहेसुस होने लग गया था. लेकिन दर्द के कम होने के बाद एक घेरी नींद ले चुकी मामी धीरे धीरे जागृत अवस्थमाई आने लग गयी थी.

उसका कर्ण ममीज़ी के शरीर पं गौपत्ांगो पे होनेवाला स्पर्श था. जोक छोटू को विचलित कर था मामी जी एकधम्से जाग गयी छोटू दूर हो गया. मामी जी ने फिर आँखे लगा दी और कहा तुम जो भी कर रहे हो वेसए ही करते रहो, दर्द ब्ड रा है छोटू.

छोटू को ये बात सुन कर बड़ा मज़ा आया. अब छोटू जुंगली के तरहा मामी के आध नंगे बदांको चूमने चूसने लगा. छोटू ने मामी से कहा ममीज़ी आपका बदन बहुत प्यारा है, ढूढ़ जैसा गोरा है. मुझे ये सब देख कर आपके और पास आने का मान कर रा है.

मामी ने कहा हा छोटू तुम्हारा छोटू अब मुझे चुभने लगा है तुमने बड़े दीनो बाद मुझे कोई हसीन मज़ा दिया है. इसलिए ये बदन आज के लिए तुम्हारा है. अब तुम अपनी मर्ज़ी से जो चाहे करो मई चुछप मज़े लेना चाहती हू.

छोटू ने कहा साची मामी जी आपको भी ये सब पसनड़ है?

मामी जी ने कहा हा छोटू मुझे ही क्या हर किसी को ये पसनड़ है और मुझे बहुत अछा लगता है कोई एसए मुझे छुए तो.

छोटू ने कहा मामी जी मुझे भी एसा किसी और्त को देखने का बड़ा मान करता था. तब मेरा लिंग खड़ा हो जाता था. फिर बहुत अजीब सा लगता लेकिन आज आपके साथ ये मज़े करके लिंग से भी खेलना मुझे पसनड़ आने लगा. आपके उपर रगड़ने से ब्डा मज़ा आता है.

मामी ने कहा शायद तुमको पता ही नही इसको कही पे डालने से उसे भी ज़्यादा मज़ा आता है. लेकिन वो सब हम आज नही करनेगे क़्की मुझे वो सब अभी नही करना चाहती. वो तुम्हे कभी ना कभी पता चल जाएगा.

हन तुमको ंजूहे चूमना, प्यार करना, मुझे नंगा देखना हो तो फिर ये सब तुम एंजाय कर सकते हो. हा मामी जी मुझे ये ही सब करना अछा लगता है. इसमे भी बहुत मज़ा है.

छोटू को इस बात की भनक लग गयी के इसके भी आयेज कोई और चॅप्टर है. लेकिन अभी जो मिल रा है उससे बड़ा मजेदार और अछा कुछ नही है. इसलिए वो राज से ज़्यादा महटवा अभी छोटू ने ममीज़ी से प्यार करना उचित समझा.

और मामी से कहा ममीज़ी क्या हम आपको बिना कपड़ो के देख सकते है? बहुत मॅन है मामी प्लीज़ आपकी सॅडी उठाओोंा प्लीज़.

मामी ने अपनी सॅडी को निकल कर और खुद के सारे कपड़े छोटू ने उतार दिए. मामी ने कहा तुम क्यू उतार रहे हो? बस मामी जी आप नंगी हुई तो मेरा भी मॅन हुवा आपके साथ नंगे हो कर सोने का.. और दोनो एक दूसरे को देख कर हासणे लगे.

दोनो ने रात भर एक दूसरे के जिस्म को चूमा छाता. मामी ने छोटू को हिलना कैसे सिखाया उससे कहा मज़ा आता है. छोटू को पता चल गया था छोटू ने मामी को नंगा कर के प्यार किया और छोटू का औरत को नंगा देखने का उससे मज़े करने का सपना उस दिन मामी ने इस तरीके से पूरा कर दिया था.

अब छोटुने जवानी मे कदम रख दिया था. आयेज आयेज अब छोटू और नये नये क्या कांड करता है आपको नयी कहानी मे पढ़ने मिलेंगा, धन्यवाद.