बूढ़ी औरत को खेतो के बीच मे पेला

ही गाइस, मेरा नाम आर्यन है. और मई गुजरात के छ्होटे से गाओं मे रहता हू. मेरी हाइट 6 फीट है, और मेरे लंड का साइज़ 7 इंच लंबा और 1.5 इंच मोटा है. मुझे शुरू से ही बड़ी और मोटी औरतो मे ज़्यादा इंटेरेस्ट है. ख़ास कर जिसकी गांद बड़ी हो, वो औरते मेरी कमज़ोरी है.

बड़े छूतदो वाली आंटीस को देख कर मेरा लंड तुरंत खड़ा हो जाता है. ये कहानी तब की है, जब मई 1स्ट्रीट एअर मे था. तब मई कॉलेज से आने के बाद, अपने पशु (पशु) चराने जाता था. तो ऐसे ही एक दिन मई दोपहर के बाद पशु चारा रहा था.

अब वो ज़मीन हमारी ही थी, तो वाहा कोई दूसरा अपने पशु चराने आता नही था. थोड़ी देर बाद हमारी ज़मीन के बादे के बाहर मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी. मैने जाके देखा, तो एक औरत काँटे-दार झाड़ियो की लकड़िया इकतही कर रही थी.

क्यूकी बारिश के सीज़न मे बड़ी लकड़िया जल्दी नही सुलगती, लेकिन छ्होटी लकड़ी जल्दी सुलग जाती है, इसलिए वो झाड़ियो मे से लकड़िया ले रही थी. उस औरत के बारे मे क्या काहु दोस्तो. किसी भी ब्रा मे फिट ना हो, ऐसे बड़े बूब्स थे उसके, और बड़ा गातीला बदन था उसका.

और सबसे ज़्यादा मुझे उसकी गांद अट्रॅक्ट कर रही थी. गाओं मे ज़्यादातर जो बड़ी उमर की औरते होती है, वो लगभग अपने घाघरे के नीचे कुछ नही पहनती. इसलिए उसकी गांद मुझे और ज़्यादा बड़ी लग रही थी.

मई उस औरत को देख साकु, इसलिए मई बड़े पत्थर पे जाके बैठ गया. थोड़ी देर बाद उस औरत ने मुझे आवाज़ लगाई और पूछा-

औरत: पीने का पानी है?

तो मैने बोला: हा.

तो वो पानी पीने मेरे पास आ गयी. जब वो मेरे पास पानी पीने आई, तो उसने मुझसे बोला-

औरत: थोड़ी देर बाद जब मई आवाज़ लगौ, तो लकड़िया मेरे सिर पर चढ़ाने मे मदद कर देना.

मैने बोला: ठीक है.

अब वो नीचे बैठी थी, जिससे मुझे उसके आधे बूब्स दिख रहे थे. उसको देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था. और क्यूकी उस दिन मैने नाइट पंत पहनी थी, तो मेरा बड़ा होता लंड उसको भी दिख गया. मई भी उस वक़्त तक चड्डी नही पहनता था.

वो आंटी मेरे लंड को देख कर स्माइल दे रही थी. उसकी उमर 50-55 साल होगी. शायद इसीलिए काफ़ी स्ट्रेट फॉर्वर्ड थी वो. फिर वो बोली-

आंटी: लगता है, अब भाई बड़ा हो गया है.

मई : क्या आंटी? मई कुछ समझा नही ?

आंटी ने आजू-बाजू देखा, की कोई देख तो नही रहा था. फिर वो बोली-

आंटी: तुम्हारा लॉडा.

ये सुन कर मेरा तो और खड़ा हो गया. फिर आंटी ने मुझसे पूछा-

आंटी: अब तक किसी को छोड़ा है ?

मई : नही आंटी.

आंटी: तभी ये हाल लगता है. छोड़ना सीखना चाहोगे ?

मुझे तो ये सपने जैसे लग रहा था. और मैने तुरंत हा बोल दिया. फिर आंटी बोली-

आंटी: देखो मेरी उमर 50 से उपर हो गयी है. अब तो मेरा पति भी मुझे नही छोड़ता है. इसलिए मई भी अपनी भूख मिटा लूँगी, और तुम्हारा भी अनुभव हो जाएगा. चलो उस झाड़ी के पीछे चलते है.

तो मैने बोला: ठीक है.

फिर हम दोनो एक काँटे-दार झाड़ी के पीछे चले गये. वाहा से हमे कोई देख नही सकता था, और वाहा कोई आता जाता भी नही था. फिर उसने कहा-

आंटी: अब जैसे मई काहु, वैसा करते जाना.

तो मैने कहा: ठीक है.

आंटी : अपनी पंत उतारो. देखु तो सही कैसा लंड है तुम्हारा.

तो मैने अपनी पंत उतार दी. फिर आंटी मेरा लंड देख कर बोली-

आंटी : लंड तो काफ़ी बड़ा है तुम्हारा. आज मज़ा आ जाएगा. क्यूकी काफ़ी दीनो से चूड़ी नही हू मई.

आंटी मेरे लंड से खेलने लगी, और मई वेट करने लगा, की आंटी आयेज क्या करेगी. वो मेरे लंड को हाथ से सहला रही थी. थोड़ी देर बाद उसने मेरा लंड ज़ोर से सहलाना चालू कर दिया. फिर मई आंटी को बोला-

मई: आंटी मेरे लंड मे कुछ हो रहा है.

आंटी : कुछ नही, वो तेरा वीर्या है, जो बाहर गिरेगा. क्यूकी मई अपनी छूट मे अभी तेरा वीर्या लेके गीली नही करना चाहती.

फिर आंटी थोड़ी देर मुझे ऐसे ही मूठ मार्टी रही. और फिर मई झाड़ गया. उसके बाद आंटी ने अपनी सारी उतारी, और ज़मीन पर बिछा दी. फिर उसने अपना घाग्रा उपर किया, और अपने ब्लाउस के बटन खोल कर मुझे बोली-

आंटी: आजा बेटे मेरे उपर आजा. और मेरी इस भोंसड़ी मे तेरा लंड डाल दे.

ये बोल कर उसने अपने पैर थोड़े फैलाए. फिर मई जाके उसकी भोंसड़ी के पास बैठ गया, और उसने अपने हाथ से मेरा लंड उसकी भोंसड़ी मे डाल लिया. फिर उसने मुझे बोला-

आंटी: अब अपने लंड से मेरी भोंसड़ी मे धक्के दे.

और मैने धक्के मारना चालू कर दिए. साथ ही साथ मई उसके बूब्स भी दबाने लगा. ये देख कर आंटी बोली-

आंटी : तू तो काफ़ी जल्दी सीख रहा है.

मैने ऐसे ही 4-5 मिनिट धक्के मारे, और फिर मई झाड़ गया. आंटी अभी झड़ी नही थी. मई अब उसके उपर लेता रहा, और आंटी ने कहा-

आंटी: मेरा दूध पीले, तुझे मज़ा आएगा.

तो मैने उनके बूब्स के निपल को मूह मे ले लिया, और मूह मे लेके चूसना चालू कर दिया. उसमे से दूध तो नही आ रहा था, लेकिन मज़ा बहुत आ रहा था. फिर धीरे-धीरे मेरा लंड उसकी भोंसड़ी मे ही बड़ा हो गया. आंटी को भी मेरा बड़ा होता लंड महसूस हुआ, तो वो भी बोली-

आंटी: तेरा काफ़ी जल्दी बड़ा हो गया. चल अब मुझे भी झाड़वा दे.

तो मैने अपने झटके लगाने चालू किए. थोड़ी देर मे आंटी ने नीचे से अपने झटके बढ़ा दिए, और आख़िर-कार वो झाड़ गयी. उसका माल मुझे उसकी भोंसड़ी मे महसूस हो रहा था. झधते ही आंटी बिल्कुल अकड़ गयी थी. उसने मेरे लंड को अपनी भोंसड़ी मे जाकड़ रखा था.

फिर आंटी ने बोला: अब थोड़ी देर तुम्हे मेरे शरीर से खेलना है. तो खेलना शुरू करो, तब तक मई फिर से गरम होती हू.

फिर मैने आंटी की भोंसड़ी लंड निकाल कर उसके बड़े बूब्स पर जाके हाथ फिराने लगा. फिर मैने आंटी से बोला-

मई: आंटी मुझे आपको घोड़ी बना कर, आपकी गांद मारनी है.

इस्पे आंटी ने ने बोला: ठीक है.

फिर मैने उसको खड़ा करके घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी गांद पे तोड़ा थूक लगाया. और फिर मैने अपना लंड उनकी गांद के छेड़ पे रख कर एक धक्का मारा, तो मेरा आधा लंड उनकी गांद मे चला गया. क्यूकी उनकी गांद काफ़ी बड़ी थी, तो लंड आधा चला गया था.

लेकिन मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था, क्यूकी उसकी मोटी गांद मेरे पुर लंड को निगल जाती थी. अब तो आंटी भी अपनी गांद पीछे कर-कर के मेरा साथ दे रही थी. उनके चूतड़ मेरी जाँघो से छपाक-चप्पक करके आवाज़े कर रहे थे, जो हमे और ज़्यादा मज़ा दे रहे थे. फिर थोड़ी देर बाद उसने कहा-

आंटी: चलो अब मेरी भोंसड़ी मे लंड वापस डाल दो, क्यूकी अब मुझे जल्दी से घर भी जाना है.

मैने बोला: ठीक है आंटी. लेकिन आपको एक बार मेरा लंड मूह मे लेना पड़ेगा.

तो वो बोली: ठीक है.

फिर मैने उसकी गांद से लंड बाहर निकाला, और वो मूड के बैठ गयी. फिर वो मेरा लंड अपने मूह मे लेने लगी. वो मेरा लंड पूरा खा जाती, और फिर निकाल देती. मैने भी उसका सिर पकड़ा, और मेरा लंड जहा तक जेया सकता था वाहा तक घुसा दिया.

फिर उसने बोला: एक बार मेरी भोंसड़ी मार दो. फिर चलते है.

तो मैने लंड उसकी भोंसड़ी मे डाल कर, उसको छोड़ना चालू किया. आंटी भी गांद उठा-उठा कर मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर उसने बोला-

आंटी: अब झटके तेज़ करो, मई झड़ने वाली हू.

तो मैने झटके बढ़ा दिए, और फिर हम दोनो साथ मे ही झाड़ गये.

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