भाई के बेहन को ट्रेन में चोदने की हॉट कहानी

मेरा नामे गोपाल है. मेरे पापा देल्ही में काम करते है. दीवाली की छुट्टी के बाद मैं और मेरा परिवार देल्ही जेया रहे थे. हम 6 लोग थे, और 4 सीट्स थी. एक सीट पर मम्मी, और एक सीट पापा सो गये.

एक सीट पर मेरी छ्होटी बेहन और चाची जी की लड़की थी. वो हमारे साथ ही पढ़ती थी. उनकी सीट उपर थी, और मेरी भी उपर ही सीट थी. मम्मी पापा मिड्ल वाली सीट पर थे. मैं और मेरी बेहन एक ही सीट पर थे. वो पहले सो गयी, और मैं उसके पास जेया कर सो गया.

रात में सब लाइट्स ऑफ थी. तभी मेरी हवस जागी, और मेरा लंड खड़ा हो गया. तो मैने धीरे से पाजामा नीचे कर दिया. मेरी बेहन ने भी पाजामा पहना था, और वो मेरी तरफ मूह करके सोई थी.

मेरा लंड उसकी छूट पर जेया कर टच हुआ, तो मैं भी धीरे से उसकी तरफ बढ़ने लगा. वो सो रही थी, तो उसका ध्यान नही गया इस सब पर. मैने चुपके से उसका पाजामा नीचे कर दिया, और उसकी छूट पर लंड को टच करने लगा. उसको मेरी इस हरकत का पता चल गया, और वो जाग कर धीरे से बोली-

बेहन: ये मत कर पागल, ये ग़लत है.

मैने फिर उससे कहा: सॉरी दीदी, बस मैं कंट्रोल नही कर पाया इसलिए.

बेहन (मेरी बात बीच में रोक कर): वो तो ठीक है, लेकिन ये ग़लत है. अब पाजामा उपर कर ले.

मैने उससे कहा: थोड़ी देर ऐसे ही रहो, मैं हिला कर रुक जौंगा.

वो तोड़ा सोची और फिर बोली: ठीक है, पर अंदर नही जाना चाहिए.

मैने उसको रोका और कहा: नही जाएगा.

फिर वो बोली: मैं वर्जिन हू, और मैं नही चाहती की तू मेरे साथ सेक्स करे. अब ये फर्स्ट और लास्ट टाइम है. इसके बाद ये भी नही करने दूँगी.

मैने भी हा कर दी.

फिर मैं धीरे-धीरे लंड को उसकी छूट पर फेरने लगा. उसका पाजामा बीच में आ रहा था, तो मैने उसका पाजामा और नीचे कर दिया. उसने मुझे रोका, पर मैने उससे रिक्वेस्ट की तो वो मान गयी.

मैं धीरे-धीरे उसको गरम कर रहा था, और लंड उसकी छूट पर फेर रहा था. इसके बाद उसने अपनी आँखें बंद कर ली. मैने इसका फ़ायदा उठाया और उसको किस कर दिया.

उसने मुझे एक-दूं पीछे कर दिया, और मोबाइल पर मेसेज किया

बेहन: पागल हो गया है क्या? किस क्यू कर रहा है?

मे: सॉरी दीदी, वो मेरा निकालने वाला था, तो आवाज़ ना आए इसलिए किस कर दी, सॉरी.

बेहन: ठीक है, निकल गया ना. तो अब सोजा.

मैने उसको कहा: अभी नही निकला, तूने बीच में रोक दिया.

वो गुस्से में बोली: अब मैं नही कर रही, खुद कर ले.

और वो पाजामा उपर करके दूसरी तरफ मूह करके सो गयी. मैने उसको मेसेज किया और कहा-

मे: दीदी प्लीज़, थोड़ी देर और.

बेहन: नही-नही, अब नही.

मे: प्लीज़ 5 मिनिट बस.

बेहन: नही बोला ना.

मे: जो बोलेगी मैं वो करूँगा, पर प्लीज़.

बेहन: ठीक है, पर जो मैं बोलू करना पड़ेगा.

मे: हा ठीक है.

फिर उसने अपना पाजामा नीचे कर दिया. अभी उसका मूह दूसरी तरफ था, और उसकी गांद मुझे दिख रही थी. मैने उसके पैरों के बीच में से लंड फ़ससा दिया, और छूट पर रगड़ने लगा. उसको भी मज़ा आ रहा था, पर वो चुप थी.

थोड़ी देर बाद उसका पानी निकल गया, और मेरा भी पानी निकल गया. उसके पानी से मेरा पाजामा भी गीला हो गया.

फिर थोड़ी देर बाद वो सीट से नीचे उतरी, और टाय्लेट जाने लगी. मम्मी ने मुझे भी उसके साथ भेज दिया. मैं भी उसके साथ चला गया. टाय्लेट वाली लाइट भी ऑफ थी, और सब लोग सोए हुए थे. तो किसी ने हमे जाते हुए नही देखा.

वो जैसे ही टाय्लेट में गयी, मैं भी उसके पीछे से टाय्लेट में घुस गया. उसने मुझे रोका, पर मैं नही रुका. उसके बाद उसने भी कुछ नही कहा, और मेरे सामने अपना पाजामा उतार कर टाय्लेट करने लगी.

मैने उसको कहा: अभी तोड़ा मज़ा करे क्या?

उसने मुझे माना कर दिया. मैं भी बहुत बड़ा हरामी हू. फिर जब वो पाजामा उपर कर रही थी, तो मैने उसको किस कर दिया, और उसकी छूट में उंगली डाल कर अंदर-बाहर करने लगा.

करीब 1 मिनिट बाद मैं टाय्लेट से बाहर आ गया. वो भी टाय्लेट से बाहर आई, और मेरी तरफ देख कर हस्स गयी. फिर हम जेया कर सीट पर सो गये. थोड़ी देर बाद मैने उसकी छूट पर हाथ रखा. वो गरम हो चुकी थी.

मैने धीरे से उसका पाजामा उतरा. मुझे लगा की वो सो रही थी, इसलिए कुछ नही कह रही थी. मैने धीरे से उसके पैर उपर किए, और अपना लंड तोड़ा सा छूट में डाल दिया. तभी उसका मेसेज आया-

बेहन: आचे से डाल बहनचोड़.

मे (हैरानी से): क्या बोला?

बेहन: जो तूने सुना.

मुझे यकीन नही हुआ की वो गरम हो चुकी थी, और छूट में लंड डालने को बोल रही थी.

मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया, और उसको मेरी तरफ मूह करने को कहा. उसने ऐसा ही किया.

मैने उसको बोला: अब क्या हुआ?

बेहन: अभी मौका है, कर ले जो करना है. मूड बदल गया तो फिर?

मैने ज़्यादा देर नही की, और उसकी छूट में अपना लंड डाल दिया. वो चीखने वाली थी, तो मैने उसको किस कर दिया.

मम्मी ने उसकी आवाज़ सुन ली.

मम्मी बोली: क्या हुआ?

बेहन: कुछ नही मम्मी, वो मेरा हाथ भाई के सर के नीचे आ गया था.

उसके बाद मैने करीब 10 मिनिट तक लंड उसकी छूट में ही डाल कर रखा. फिर मैं धीरे-धीरे धक्के देने लगा. मैने अपनी स्पीड थोड़ी बधाई, और उसको करीब 40 मिनिट तक छोड़ा. उसमे हमने ज़्यादा तो नही, पर मज़े किए

40 मिनिट बाद मैने उसकी छूट में ही अपना पानी निकाल दिया. वो भी 2 बार अपना पानी निकाल चुकी थी. तब मैं उसको छोड़ कर तक गया था, तो अपना लंड बाहर निकालना चाहा. लेकिन उसने मुझे निकालने नही दिया और मैं उसकी चूत में ही लंड डाल कर सो गया.

रात के करीब 3 बजे मेरी नींद खुली, तो मैने उसको जगाया, और छूट में से लंड निकाल कर उसको एक किस की. फिर हम दोनो जाग गये, और सीट पर बैठ कर सेक्सी छत करने लगे.

आयेज की कहानी दूसरे पार्ट में बतौँगा, की ट्रेन से उतरने के बाद क्या-क्या हुआ.