बड़ी बहन शादी के बाद चुदी

हेलो दोस्तो, कैसे है आप सब लोग? मेरी दीदी दिव्या के बारे मे तो आप सब जानते ही है. मई आपका दोस्त सोनू, फिरसे आपके लिए दिव्या दीदी की चुदाई की कहानी लेके आया हू.

अगर आप उनके बारे मे भूल गये है, तो मई दोबारा आपको उनके बारे मे ज़रूर बतौँगा. तो अब ज़्यादा टाइम वेस्ट ना करते हुए, कहानी शुरू करते है.

ये कहानी 2021 की ही है. दीदी की शादी को 6 साल हो गये है और उनका 5 साल का एक बेटा है. मई भी अब 20 का हो गया हू. मेरा शरीर एक-दूं फिट है और मेरी हाइट 6 फीट हो गयी है. सबसे बड़ी बात, मेरा लंड 6.5 इंच का हो गया है.

मेरा लंड एक-दूं काला और मोटा है और किसी की भी छूट का भोंसड़ा बना सकता है. ये बात तब की है, जब दीदी घर पर घूमने आई थी. उनके साथ उनका बेटा और जीजा जी भी थे.

अक्टोबर का लास्ट वीक चल रहा था और ठंड के मौसम की शुरुआत थी. मैने देखा, की शादी के बाद चुड-चुड कर दीदी का जिस्म बिल्कुल कमाल का हो गया था. 38″ के चूचे, 30″ की कमर और गांद तो ऐसी लग रही थी, की अभी सारी उपर करके छोड़ डू.

दीदी सारी मे बहुत सुंदर लग रही थी. उन्होने काले रंग की सारी और साथ मे गोलडेन रंग का ब्लाउस पहन रखा था. दीदी के ब्लाउस मे से उनके बूब्स की लाइन दिख रही थी और हल्के-हल्के बूब्स नज़र आ रहे थे.

हम लोग उनको मिले और उन्हे अंदर ले गये. फिर हमने दीदी और जीजू को रात का डिन्नर कराया और हम सब के बीच थोड़ी बाते भी हुई. उसके बाद हम सब सोने के लिए चले गये. जीजू को गेस्ट रूम मे सुलाया गया और दीदी और उनके बेटे को छ्होटी दीदी के कमरे मे सुलाया गया. बाकी सब अपने-अपने कमरे मे सो गये.

दीदी सोने से पहले जीजू के साथ गेस्ट रूम मे थी. और वाहा से वो 2 घंटे के बाद निकली. शायद वो अपनी बाजवा कर आई थी, क्यूकी उनके फेस से लग रहा था. मई उसी कमरे मे सोता हू, जिसमे मई और दिव्या दीदी सोते थे.

फिर दिव्या दीदी मेरे कमरे मे आई. उस वक़्त रात के तकरीबन 12 बाज रहे होंगे. मई उस वक़्त मोविए देख रहा था. दीदी आके मुझे बोली-

दीदी: अब बता सोनू, कैसा है तू? आज तुझसे नही मिली मई अभी तक.

मई: मई ठीक हू दीदी. बैठो दीदी और आप बताओ, की आप कैसे हो?

दीदी: देख ले, मई तेरे सामने हू. बिल्कुल वैसी की वैसी.

मई: दीदी, आप तो पहले से भी सुंदर लग रही हो.

दीदी: लाइन मार रहा है?

मई: अर्रे नही दीदी, मई आप पर लाइन नही मार रहा. आप तो मेरी ही थी. और सच मे आप बहुत हॉट लग रही हो.

दीदी: अछा ये बता, की तूने कोई गर्लफ्रेंड बनाई के नही?

मई: गर्लफ्रेंड तो बनाई थी दीदी. लेकिन आपके जैसी कोई नही मिली.

दीदी: अछा? तो अब काम कैसे चलाता है?

मई: आपको सपनो मे सोच कर मूठ मार लेता हू.

दीदी: बड़ा हो गया है तू अब. अब अपनी दीदी को भूल जेया तू.

मई: दीदी आपको कैसे भूल जौ मई. आप तो मेरा पहला प्यार हो.

दीदी: अछा जी? अब मेरी शादी हो चुकी है.

मई: तो क्या हुआ दीदी?

दीदी: कुछ नही. चल अब मई सोने जाती हू.

मई: दीदी, कुछ डोगी नही?

ये बात सुन कर दीदी ने मुझे आँखें दिखाई और बोली-

दीदी: अब पहले जैसा नही रहा. मेरी शादी हो चुकी है और अब मेरा जिस्म सिर्फ़ तेरे जीजा जी का है.

मई: दीदी सिर्फ़ किस तो दे ही सकती हो?

फिर दीदी सोचने लग गयी और एक मिनिट सोचने के बाद बोली-

दीदी: चल ठीक है.

फिर दीदी ने उठ कर गाते लगाया और सीधे बेड पे आके बैठ गयी. मैने दीदी को बोला-

मई: दीदी आप लेट जाओ, हम लेट कर किस करेंगे.

दीदी मेरी बात मान कर बेड पर लेट गयी. फिर मई दीदी का नीचे वाला लीप काट-ते हुए चूसने लग गया. दीदी भी मेरा साथ दे रही थी. फिर मई उनके मूह मे जीभ डाल कर चूसने लग गया. ऐसा तकरीबन 10 मिनिट तक चलता रहा.

फिर मई किस करते-करते दीदी की निघट्य मे हाथ डालने लगा और दीदी अब गरम हो गयी थी. दीदी ने मेरा कोई विरोध नही किया और मई दीदी की गर्दन को चूमने और काटने लग गया. मई दीदी को और गरम कर रहा था. फिर मैने दीदी को उनकी निघट्य उतारने के लिए कहा.

जैसे ही दीदी ने अपनी निघट्य उतारी, तो लाइट मे उनका हीरे जैसा बदन चमक रहा था. दीदी ने निघट्य के नीचे ब्लू कलर की ब्रा और पनटी पहनी हुई थी. मैने दीदी की ब्रा और पनटी को उतारा और साथ-साथ मई अपने होंठो से उनको चूम भी रहा था.

जैसे ही मैने दीदी की पनटी उतारी, तो उनकी गरम छूट मेरे सामने आ गयी. क्या छूट थी दीदी की, एक-दूं क्लीन. उनकी छूट का छेड़ और उसकी गुलाबी फांके देख कर मई पागल सा होने लगा था. जब मैने दीदी की ब्रा निकाली, तो उनके गोरे रंग के दूध और उसपे गुलाबी निपल्स मुझे और ज़्यादा पागल करने लग गये.

फिर मैने अपने सारे कपड़े उतारे और दीदी की छूट के नीचे तकिया लगा दिया, ताकि छूट के पानी से बेडशीट खराब ना हो. उसके बाद मैने दीदी की जाँघो से लेके उसके होंठो तक शहद डाल दिया. ये देख कर दीदी बोली-

दीदी: ये तू क्या कर रहा है सोनू? जो करना है जल्दी कर. अगर मुन्ना जाग गया, तो मुझे जाना पड़ेगा. छ्होटी भी यहा आ सकती है.

मैने कहा: दीदी बस 20 मिनिट रूको. उतने मे मेरा काम हो जाएगा.

ये बोल कर मैने दीदी के होंठ पिए, जो बहुत मीठे लग रहे थे. फिर मई उनकी गर्दन से उनको चाटना शुरू हुआ और उनके पेट से होते हुए, उनकी छूट तक आ गया. इस तरह चाटने से दीदी तड़प रही थी. फिर मैने दीदी से पूछा-

मई: दीदी आप जीजा जी के रूम से चुड कर आई थी ना?

दीदी बोली: नही, उन्होने तो सिर्फ़ किस किया था और मई मूह धो कर तेरे पास आ गयी.

फिर मई दीदी की जांगो को जीभ से चाटना शुरू हुआ और दीदी तड़पने लगी. जाँघो से होते हुए मई दीदी की छूट पर आ गया और दीदी की छूट की फांको मे अपनी जीभ घुसा दी. दीदी ने भी अपनी छूट उपर उठा दी.

फिर क्या था, मई अब पुर जोश मे आ चुका था. मैने दीदी की छूट पर अपना लंड सेट किया और उसको छूट मे पेल दिया. लंड आसानी से ही छूट के अंदर चला गया. मैने तकरीबन 10 मिनिट तक दीदी को छोड़ा और उसके बाद मैने और दीदी ने साथ मे अपना पानी छोढ़ा.

उसके बाद हम दोनो एक-दूसरे के साथ चिपक कर लेट गये. मैने दीदी से पूछा-

मई: क्या बात है दीदी, आपकी छूट बहुत ढीली लग रही है?

दीदी मुस्कुरा कर मुझे बोली: तेरे जीजा दी हफ्ते मे दो बार मुझे छोड़ते है. और एक बेबी भी हो गया है. इसलिए मेरी छूट ढीली हो गयी है.

फिर दीदी ने अपने कपड़े पहने, मुझे किस किया और सोने के लिए छ्होटी दीदी के कमरे मे चली गयी.

दीदी और जीजू थोड़े दिन हमारे यहा रहे और उसके बाद अपने घर चले गये. अब दीदी जब भी जीजा जी बाहर गये होते है, तो मुझे छोड़ने के लिए अपने घर बुला लेती है.

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