बाथरूम से लेके जीजू के बिस्तर तक

ही फ्रेंड्स, मी नामे इस इशिका. मई 23 साल की हू, और मेरा फिगर 34″ 28″36″ है. मेरे घर मे मई, मम्मी, पापा और एक बड़ी बेहन है. मेरी बेहन मुझसे 8 साल बड़ी है, और उनकी शादी 5 साल पहले हो चुकी है. उनके 2 बच्चे भी है.

ये कहानी पिछले साल की सर्दियो की है. ये मेरी पहली चुदाई की कहानी है. पिछले साल डिसेंबर की विंटर वाकेशन्स मे मई अपनी दीदी के घर रहने गयी थी. मेरी दीदी मुझसे बहुत प्यार करती है.

जब मई पहुँची, तो दीदी और जीजू बहुत खुश हुए. फिर हम लोगो ने डिन्नर किया. डिन्नर के दौरान जीजू ने सब को बहुत हासाया. मुझे जीजू बहुत आचे लगते थे. मई हमेशा से उनके जैसा ही हज़्बेंड चाहती थी.

मैने जवानी की दहलीज़ पर अभी-अभी कदम रखा था, और मेरी फ्रेंड्स ने मुझे पॉर्न वीडियो भी दिखाई थी. कॉलेज मे मेरी फ्रेंड्स हमेशा लड़को की ही बाते करती रहती थी. मुझे भी अब एक बाय्फ्रेंड बनाने मे इंटेरेस्ट था.

फिर अगले दिन कुछ ऐसा हुआ, जिससे मेरी जीजू के लिए नज़र ही बदल गयी. मई सुबा उठी, और नींद मे ही बातरूम जाने लगी. मुझे ज़रा भी ध्यान नही था, की बातरूम मे पहले से कोई था. मैने बातरूम का दरवाज़ा खोला, और सीधा अंदर चली गयी.

अंदर जाके देखा, तो जीजू शवर ले रहे थे. उनको नंगा देख कर मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी. उनका लंड खड़ा हुआ था, और वो उस पर साबुन लगा रहे थे. जब उन्होने मुझे देखा, तो वो हैरान हो गये, और अपने आप को च्छुपाने की कोशिश करने लगे.

मई जल्दी से वाहा से बाहर भाग आई. फिर जब जीजू बाहर आए, तो मैने उनसे माफी माँगी. उन्होने मुझे कुछ भी कहा और ‘इट’स ओक’ कह कर चले गये. उसके बाद मेरे माइंड मे उनके लंड के ही ख़याल आने लगे.

जीजू का लंड बिल्कुल वैसा था, जैसा पॉर्न वीडियो वाले लड़के का था. बस जीजू का लंड तोड़ा काला था. मेरा दिल कर रहा था, की मई एक बार जीजू का लंड पकड़ कर देखु. फिर मई जीजू को लाइन देने लगी. जीजू बस मेरी तरफ देख कर स्माइल पास कर देते थे.

मई जान बूझ कर उनको अपनी बॉडी से टच करवाती थी, और उनको अपनी क्लीवेज के दर्शन करवाने लगी. शायद जीजू भी ये सब समझ रहे थे. मेरे पास ज़्यादा दिन नही थे, तो मैने अब सीधे-सीधे वार करने का सोचा.

खाने की टेबल पर मैने जान-बूझ कर अपना स्पून नीचे गिरा दिया. फिर जब मई स्पून उठाने लगी, तो मैने जीजू के लंड पर हाथ रख कर उसको दबा दिया. इससे जीजू काँप गये, और मेरी तरफ देखने लगे. मैने उनको एक स्माइल पास की, और सीधी हो गयी.

फिर अगले दिन दीदी को कही बाहर जाना था. जीजू दीदी को बस स्टॅंड छोड़ने चले गये. जब जीजू वापस आए, तो वो सीधा मेरे रूम मे आ गये. मैने वाइट पाजामा पहना था, जिस पर पिंक फ्लवर्स बने थे, और सेम प्रिंट की लोंग शर्ट पहनी थी. आते ही जीजू बोले-

जीजू: ये क्या था इशिका?

मई: क्या जीजू?

जीजू: खाने की टेबल पर जो तुमने किया.

मई: जीजू जब से मैने आपका लंड देखा है, मेरा उसको टच करने का दिल कर रहा है. इसलिए मई ये सब कर रही थी.

जीजू: अगर तुम्हारी बेहन को ये सब पता चल गया ना, तो वो मुझे मार डालेगी.

मई: उन्हे कों बताएगा? मई तो नही बतौँगी. मेरे अलावा तो सिर्फ़ आपको पता होगा, और मुझे लगता है आप भी नही बताओगे.

ये सुन कर जीजू मुस्कुराने लग गये. फिर वो मेरे पास बैठ गये, और बोले-

जीजू: मेरी प्यारी साली अब बड़ी हो गयी है.

ये बोल कर उन्होने मेरी जाँघ पर हाथ रख लिया, और बोले-

जीजू: सिर्फ़ लंड देखना ही है, या कुछ करना भी है?

मई: सच मे, हम कर सकते है?

जीजू: हा बिल्कुल. तुम्हारी दीदी शाम को आएगी, उससे पहले हम बहुत कुछ कर सकते है.

ये बोल कर जीजू मेरे करीब आए, और उन्होने मेरे होंठो पर एक किस की. फिर वो बोले-

जीजू: बताओ करना है?

उनकी छ्होटी सी किस ने मुझे उत्तेजित कर दिया था, और मैने उनको हा बोल दी.

मेरी हा सुनते ही जीजू मेरे लिप्स चूसने लगे. मई भी उनका साथ देने लगी. क्या स्वाद था, जीजू के लिप्स का. मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था. हम 10 मिनिट एक-दूसरे को किस करते रहे, और इस दौरान मेरी छूट गीली होनी शुरू हो गयी.

फिर जीजू ने मेरी शर्ट के बटन खोले, और मेरी गादान को किस करने लगे. मेरी साँसे तेज़ होती जेया रही थी. फिर जीजू मेरी क्लीवेज को चूमने लगे, और उनका एक हाथ मेरी टाँगो के बीच था. उन्होने मेरी शर्ट खोल कर पूरी उतार दी, और मुझे लिटा दिया.

जीजू भी मेरे साथ लेट गये, और मेरे बूब्स को ब्रा के उपर से चूमने लगे. फिर उन्होने ब्रा का कप नीचे करके मेरा एक बूब बाहर निकाल लिया, और मेरा निपल चूसने लगे गये. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, और मई जीजू के सिर को सहला रही थी.

वो निपल चूस्टे हुए अपना एक हाथ मेरी गांद पर ले गये, और मेरी गांद दबाने लग गये. फिर उन्होने मुझे सीध लिटाया, और उपर आके मेरी कमर चूमने लगे. उसके बाद वो नीचे गये, और मेरी कमर को चाटने लगे.

कुछ देर कमर को चाटने के बाद, उन्होने मेरे पाजामे को एलास्टिक से पकड़ा, और नीचे करके उतार दिया. अब मई उनके सामने सिर्फ़ पनटी मे थी. जीजू ने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए, और सिर्फ़ अंडरवेर ही रहने दिया.

उनके अंडरवेर मे उनका खड़ा हुआ लंड सॉफ दिख रहा था. फिर वो मेरी जांघे चूमे लगे, और मेरी आहें निकालने लगी. जब उहोने मेरी पनटी मे मूह मारा, तो मेरी छूट थरथरा गयी. मई उनके सिर को अपनी छूट मे दबाने लग गयी.

फिर उन्होने मेरी उतार दी. मेरी छूट काफ़ी गीली हो चुकी थी. जीजू ने मेरी छूट पर अपनी जीभ लगाई, और उसको चाटने लग गये. दोस्तो छूट चटवाने मे बहुत मज़ा आता है. जीजू जीभ अंदर डाल-डाल कर मेरी छूट चाट रहे थे.

फिर उन्होने अपना अंडरवेर उतारा, और उनका बड़ा सा लंड मेरे सामने आ गया. जीजू बोले-

जीजू: एलो खेल लो इसके साथ.

मैने जल्दी से उनका लंड पकड़ा, और उसको मसालने लग गयी. फिर जीजू बोले-

जीजू: इसको मसलना ही नही होता, चूसना भी होता है.

ये बोल कर जीजू ने अपना लंड मेरे मूह मे डाल दिया. मैने उनके लंड को चूसना शुरू कर दिया, और उसमे मुझे बहुत मज़ा आने लगा. फिर जीजू ने मेरे मूह मे ज़ोर के धक्के लगाने शुरू कर दिए. उनके धक्को से मेरे मूह मे दर्द होने लगा, लेकिन मुझे मज़ा भी बहुत आया.

फिर जीजू ने मुझे सीधा लिटा लिया, और मेरी टाँगो के बीच आ गये. उन्होने मेरी छूट पर लंड रगड़ना शुरू किया, जिससे मेरी तड़प और बढ़ने लग गयी. फिर उन्होने मेरी छूट के छेड़ पर लंड रखा, और एक ज़ोर का धक्का मारा.

धक्का लगते ही उनका आधा लंड मेरी छूट मे घुस गया, और खून निकालने लगा. वो रुके नही, और उन्होने एक और धक्का लगा कर पूरा लंड मेरी छूट मे पेल दिया. मेरी तो दर्द से जान निकल रही थी. जब लंड पूरा छूट मे चला गया, तो उन्होने लंड बाहर निकाल लिया.

फिर जीजू ने मेरी छूट से खून सॉफ किया, और अपना लंड भी सॉफ किया. उसके बाद उन्होने दोबारा मेरी छूट मे लंड डाला, और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लग गये. कुछ ही मिंटो मे मुझे भी मज़ा आने लगा. मैने उनको अपनी आगोश मे ले लिया, और उनके होंठ चूसने लगी.

जीजू ने अपने धक्के तेज़ कर दिए, और मई आहह आहह करके चूड़ने लग गयी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. जीजू मेरी छूट छोड़ते हुए मेरे बूब्स भी चूस रहे थे. वो मेरे बूब्स को नोच-नोच कर खा रहे थे. मई सोच रही थी, की मेरी दीदी कितनी लकी थी, जो उन्हे जीजू जैसा हज़्बेंड मिला था.

पूरा कमरा मेरी आहों से, और ठप-ठप की आवाज़ से गूँज रहा था. 10 मिनिट के धक्को के बाद मेरी छूट ने अपना पानी छोढ़ दिया. लेकिन जीजू अभी तक नही झाडे थे. फिर जीजू नीचे लेट गये, और उन्होने मुझे उनके उपर आने के लिए कहा.

मई उनके उपर आ गयी, और उनके लंड को सीधा करके उसको अपनी छूट मे ले लिया. उनके लंड पर बैठते हुए मेरी आहह निकल गयी. फिर मई लंड पर उपर-नीचे होके अपनी छूट छुड़वाने लगी. जीजू मेरे बूब्स मसल रहे थे, और मेरे निपल्स खींच रहे थे.

बड़ा मज़ा आ रहा था मुझे. 10 मिनिट मे मई फिरसे झाड़ गयी. जीजू 5 मिनिट और मुझे छोड़ते रहे. जब वो झड़ने वाले थे, और उन्होने मेरी गांद को जाकड़ लिया, और नीचे से धक्के मारने लगे. फिर वो आहह आ करते हुए मेरी छूट मे ही झाड़ गये.

अब मई उनके उपर ही लेती हुई थी. एक घंटे बाद उन्होने फिरसे मुझे छोड़ा. उन सारी चुट्टियो मे मई रोज़ जीजू से चूड़ी. उसके बाद भी जब भी मई उनके घर जाती हू, तो वो मुझे ज़रूर छोड़ते है.

तो कहानी यहा ख़तम होती है. अगर आपको कहानी पसंद आई हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.