3 बंडो की थ्रीसम चुदाई की हॉट कहानी

रीडर्स, ये वेबसाइट मेरे सभी एक्सपीरियेन्सस विदाउट मिस किए बार-बार पब्लिश करते जेया रहे है, जिसका मैं मॅनेज्मेंट को थॅंक्स कहता हू. और मैं भी अपने एक्सपीरियेन्सस कंटिन्यूवस्ली शेर इसी वेबसाइट पर करता जेया रहा हू.

आप तो जानते ही है, की मैं अबौट 60 यियर्ज़ का गुड हेल्त और फेर कलर वाला बंदा हू. मगर बहुत फेर नही हू, तोड़ा चब्बी बाइसेक्षुयल, और पूरा बॉटम हू. मेरा 6 आंड हाफ इंच का लंड आचे से एरेक्ट होता है, और फुल हार्ड भी होता है.

मगर मुझे गांद छोड़ने की इक्चा ही नही होती. दूसरी तरफ स्ट्रेट सेक्स में ऑल्वेज़ मुझे मेच्यूर चब्बी औरतें ही पसंद है.

मेरा माल तब तक नही झाड़ता, जब तक की औरत ऑर्गॅज़म पर आ कर पूरी तरह ठंडी नही हो जाती. जिस तरह स्ट्रेट सेक्स में मेरी बहुत अची टाइमिंग है, तो दूसरी तरफ होमो-सेक्स करते समय जब अशोल पर स्ट्रोक्स पड़ते है, तो इतना ज़्यादा प्लेषर फील करता हू, की मेरा पार्ट्नर अभी धक्के मारते ही रहता है, और उसके झड़ने से पहले ही मेरा लंड पानी छ्चोढ़ देता है.

अब कहानी पर आता हू. मुझे ट्रेन जर्नी के लिए 2 टिकेट्स बुक करनी थी. ऑनलाइन बुक करने पर वेटिंग लिस्ट बता रहा था. ऐसे में मैं बुक करता, तो दोनो टिकेट्स डोर-डोर कन्फर्म हो सकती थी. जब की मैं अपनी म्र्स. के साथ जाने वाला था.

मैं हमारी सिटी के स्टेशन पर जेया कर काउंटर पर बुकिंग करने के लिए गया, तो वाहा लाइन कुछ ज़्यादा ही थी अनफॉर्चुनेट्ली. मेरी शर्ट थोड़ी छ्होटी होने के कारण मेरे गोल बड़े हिप्स टाइट पंत में से खुले दिख रहे थे. अब ये भी बाइ चान्स समझ लीजिए, की मेरे पीछे खड़ा गाइ करीब 30 साल का था. वो भी इसी लाइन का था.

वो मेरे गोल हिप्स से प्रेरणा लेकर ट्राइ मारने के लिए अपना लंड मेरे हिप्स को हल्के से टच करने लगा. मैने इग्नोर किया, तो उसकी हिम्मत और बढ़ गयी, और मेरे हिप्स पर अपना लंड प्रेस करके रख दिया.

फिर भी मैं कुछ नही बोला, तो उसने मेरी कमर पर हाथ रख लिया. उसके बाद उसने अपने लंड को मेरी हिप्स की केव में रखते हुए सामने हाथ ले-जेया कर मेरे लंड को तोड़ा सा टच करके हटा दिया.

उसका लंड मेरे हिप्स पर टच होने के कारण मेरे लंड में भी मूव्मेंट आ गयी थी. इसके कारण वो अपने पुर साइज़ में आ गया था. उसका हाथ लगने से मेरी बॉडी में करेंट दौड़ गया, और मैने गुस्से में इमीडीयेट्ली पीछ पलट कर उसको देखा. वो मुझे देख कर मुस्कुरा दिया.

उसके सडन आक्षन से मैं तोड़ा रुक गया. फिर माइंड में आया की मैं भी तो वही लाइन का था, और वो मेरे साथ कुछ ग़लत नही कर रहा था. ये सोचते ही मेरा गुस्सा ख़तम हो गया, और रिप्लाइ में मैं भी उसको देखते हुए मुस्कुरा दिया.

उसने लाइन क्लियर देखते हुए इमीडीयेट्ली मेरी कमर पर अपने दोनो हाथ रख दिए, और अपने लंड को मेरी गांद की केव में सेट करते हुए मेरा हाथ पकड़ के अपने लंड पर रख दिया. मुझे उसके पंत के उपर से कुछ उभर की तरह दिखा, और लगा की उसका अछा मोटा और लंबा भी था.

मैं टिकेट्स लेकर उसके लाइन के बाहर निकालने का वेट करने लगा. वो थोड़ी देर में ही टिकेट्स लेकर मेरे पास आया, तो मैं पूछा-

मे: क्या आप टॉप हो?

वो बोला: मैं टॉप नही वर्सटाइल हू.

मैं बोला: मैं तो वर्सटाइल नही पूरा बॉटम हू. और मैं वर्सटाइल नही बन सकता. हन आपको अगर ऑब्जेक्षन ना हो, तो मेरा बॉस जिसने मुझे बॉटम बनाया, मैं तुमको उनके पास ले चलता हू. वाहा तुम्हारी वर्सटाइल की फॅंटेसी पूरी हो सकती है.

वो बोला: मुझे कोई ऑब्जेक्षन नही है. मैं अपनी फॅंटेसी पूरी करने के लिए कही भी जेया सकता हू, किसी से भी मिल सकता हू.

मैने उसको अपने बॉस के घर के करीब का डेस्टिनेशन दे दिया, और रात 9 बजे वाहा आने को बोला. जबकि मेरा बॉस 9:30 पीयेम को किराना स्टोर बंद करके हमारे साथ कंपनी दे सकते थे.

हम दोनो टाइम पर आ गये, और हम दोनो मिल कर बॉस की शॉप पर गये. जब तक 9:30 पीयेम हो रहे थे, तो वो हुमको देखते ही अपनी शॉप बंद कर दिए, और हुमको ड्रॉयिंग रूम जिसमे अटॅच्ड बातरूम भी था, जहा हम रेग्युलर सेक्स करते थे, वाहा हम दोनो को ले गये.

रूम बंद करने के बाद मुझसे बॉस ने पूछा-

बॉस: क्या तुम इनसे गांद मरवाने के लिए इनको लाए हो?

मैं बोला: ऐसी बात नही है. ये गाइ जिसका नाम रमेश है (नामे चेंज्ड) टॉप नही वर्सटाइल है. जबकि आप तो जानते ही है की मैं ओन्ली बॉटम हू, और गांद नही मार सकते. आप तो जानते ही है की वर्सटाइल को गांद मारने के साथ-साथ गांद मरवाने का भी शौंक होता है.

मेरा बॉस जिसने मुझे बॉटम बनाया था, वो पक्का लोंडे-बाज़ मास्टर था.

वो बोला: ठीक है, अब तुम सब अपने-अपने कपड़े उतार दो.

हम तीनो फुल नेकेड होकर एक-दूसरे को किस्सिंग करके एक-दूसरे को हग करने लगे. मैं रमेश का लंड पकड़े हुए उसकी बॉडी को किस्सस ले रहा था, तो रमेश मेरे बॉस का लंड पकड़े हुए उनसे किस्सिंग कर रहा था.

दोस्तो आपको बता डू, की मेरे बॉस के लंड की शेप कुछ अलग ही है. उसकी लेंग्थ 5.5 इंच्ड है, और लंड का हेड 3/4त इंच तीन है, और उसकी विड्त प्रपोशनेट्ली बढ़ते हुए एंड पर अबौट 2.5 इंच मोटा सरकम्साइज़्ड है. और जिसके कारण बहुत हार्डनेस आती है.

अब हम चूसने के मूड में आ गये थे. मैं रमेश का लंड चूसने लगा, और रमेश बॉस का लंड चूसने लगा. और मज़ा लेते हुए हमारे मूह से उम्म्म्म उम्म्म की आवाज़े आने लगी. मेरा लंड मज़ा लेते हुए फुल हार्ड हो कर फंफनाने लगा.

थोड़ी ही देर में हम तीनो फुल छोड़ने के मूड में आ गये.

तो बॉस बोला: चलो अब छोड़ेंगे. अफ़रोज़ तुम गान्डू हो, पहले तुम अपनी गांद में लूबे लगा कर अपनी फिंगर्स से फक कर लो, और पलंग पर अपना स्टमक रख कर उल्टे ऐसे लेट जाओ, की तुम्हारा स्टमक पलंग के एंड पर रहे. और अपनी दोनो लेग्स नीच फ्लोर पर रख दो.

मैने बॉस के पास 2 साइबर स्किन स्लीव्स रखे थे. क्यूंकी मैं उनका पर्मनेंट पार्ट्नर था, तो मैं वो दोनो स्लीव्स निकाल कर आके छ्होटे होल वाले 3 इंच के स्लीव को मेरी बॉल्स में चढ़ा दिया. इसके कारण वो बॉल्स को 3 इंच लंबा करके नीचे की तरफ लटकने छ्चोड़ दिया.

इसके बाद मैं दूसरा बड़े होल वाला स्लीव बॉल और मेरे लंड को मिला कर चढ़ा दिया, तो अब मेरा लंड और बॉल्स दोनो एक-दूसरे से प्रेस्ड होके नीचे लटकने लगे. साइबर स्किन इतनी स्मूद होती है, की ऐसा लगता है की कोई हाथ से मेरी बॉल्स और लंड को स्मूद्ली मुट्ठी में पकड़े हुए है.

ये पहनने के बाद मैं बॉस के बताए हुए पोज़ में पलंग पर उल्टे लेट गया. फिर मैने अपने फेस को बेड पर रख कर अपनी दोनो लेग्स नीचे फ्लोर पर रख दी. अब मेरी बॉडी एल शेप में आ गयी, और मेरी गांद सामने आ गयी.

मेरा बॉस ने मेरी दोनो लेग्स को और एक्सपॅंड किया, तो मेरी गांद और खुल गयी. और मेरे लंड और बॉल्स स्लीव के अंदर ही पलंग के कॉर्नर्स से प्रेस होते हुए नीचे की तरफ हांग हो रहे थे.

फिर मेरा बॉस रमेश से बोला: अब तुम अपने लंड पर कॉंडम चढ़ा कर उस पर लूबे लगा कर अफ़रोज़ की गांद में अपना लंड डाल दो.

रमेश ने अपने लंड पर कॉंडम चढ़ा कर, मेरे पीछे आ कर, अपना लंड मेरी गांद की केव में रख दिया. मैने फील किया, की मेरी गांद तोड़ा उपर उठी हुई थी, जिससे रमेश का लंड मेरे होल पर ठीक से सेट नही हो रहा था.

तो मैने अपनी दोनो लेग्स को अड्जस्ट करते हुए रमेश के लंड की लाइन में अपनी गांद के होल को सेट किया. फिर मैने अपना हाथ पीछे ले-जेया कर उसके लंड को पकड़ के उसके हेड को अपनी गांद के होल पर सेट कर दिया, और बॉडी को ढीली छ्चोढ़ दिया.

अब रमेश ने मेरी कमर पकड़ के एक ज़ोर का झटका मारा, तो आधा लंड मेरी गांद में चला गया. लंड जाते ही पाईं के कारण मेरे मूह से आआहह निकल गयी. और उसी टाइम रमेश को लंड अंदर जाने का मज़ा आने से उसने भी प्लेषर के कारण आअहह बोल दिया.

बॉस बोले: रमेश तुम अफ़रोज़ की कमर पकड़ कर अपनी गांद को हल्के-हल्के हिलाओ, जिससे तुम्हारा लंड पूरा अफ़रोज़ की गांद में पूरा अंदर तक चला जाए.

रमेश जैसे-जैसे धक्के मारने लगा, उसका लंड तोड़ा-तोड़ा अंदर जाते हुए 5-10 धक्को में पूरा मेरी गांद में एंड तक चला गया. मैं पलंग पर उल्टे लेते-लेते रमेश के लंड का मज़ा लेने लगा.

जब रमेश का पूरा लंड मेरी गांद में चला गया, तो बॉस ने रमेश को मेरे ही पोज़ में मेरे उपर लिटा दिया. अब रमेश मेरे उपर अपना स्टमक और फेस रख कर मेरे उपर लेट गया था. उसके ऐसे मेरे उपर झुक जाने से रमेश की गांद खुल गयी, तो बॉस लूबे लेकर रमेश की गांद में डाल कर फ़िंगर फक करने लगे.

वो पाईं और प्लेषर के कारण सिसकारियाँ लेने लगा. मैं सबसे नीचे था, तो मुझे कुछ पता नही चल रहा था.

फिर मैने रमेश से पूछा: यार क्या हुआ? तू क्यूँ सिसकारियाँ भर रहा है?

तो वो बोला: यार तेरा बॉस मेरी गांद में लूबे लगा कर फ़िंगर फक कर रहा है. लगता है अब उनका लंड मेरी गांद में जाने वाला है.

मैं बोला: यार तू वर्सटाइल है. यही तो चाहता था ना, की तेरी भी गांद मारी जाए. अब बॉस तेरी गांद मारने वाले है, तो क्यूँ तड़प रहा है?

रमेश बोला: यार मैं कहा ऑब्जेक्षन कर रहा हू? जब मीरी गांद में कुछ होगा, तो मैं सिसकियाँ तो भरँगा ना?

मैं बोला: अब तू मुझे से लिपट के पड़ा रह. अपने दोनो हाथों से मेरे बूब्स पकड़ कर दबाते हुए मेरे निपल्स को हल्के-हल्के पिंच कर यार.

फिर वो मेरे आर्म्पाइट्स में से अपने दोनो हाथ डाल कर मेरे दोनो बूब्स पकड़ के कभी दबाता, तो कभी मेरे निपल्स को हल्के-हल्के पिंच करता. इसके कारण मैं प्लेषर से हवा में उडद रहा था.

दोस्तों मैं तोड़ा मोटा होने के कारण मेरे बूब्स पर फ्लेश काफ़ी है, तो मेरे बूब्स थोड़े बड़े है. हाथ में आचे से आते है मेरे बूब्स, इसलिए दबाने वाले को भी मज़ा आता है.

हा तो अब बॉस फ़िंगर फक ख़तम करके अपने लंड पर कॉंडम चढ़ाए, और लंड पर लूबे लगा कर रमेश की गांद की केव में रख दिए. रमेश ने अपना हाथ पीछे ले-जेया कर बॉस के लंड के हेड को अपने होल पर सेट कर दिया.

फिर बॉस ने रमेश की कमर पकड़ कर एक ज़ोर का झटका मारा. मैं तो नही जानता लंड कितना अंदर गया क्यूंकी मैं सबसे नीचे पड़ा हुआ था. मगर उनके झटके से रमेश के लंड ने मेरी गांद में एक धक्का दिया, और मेरे मूह से आहह के साथ-साथ रमेश की मूह से ज़ोरदार आअहह निकल गयी.

वो बोला: यार 3/4त लंड अंदर घुस गया अफ़रोज़. बॉस के लंड का एंड बहुत मोटा है. अब अगर और झटका मारेगा, तो मेरा क्या होगा?

मैं बोला: तू मेरे बूब्स दबा के पकड़े रह, और मेरे उपर लेते रह. बॉडी को ढीला छ्चोढ़ दे, और बॉस का लंड पूरा अंदर लेले.

अब बॉस रमेश के शोल्डर्स पर हाथ रखते हुए हल्के-हल्के धक्के मारने लगे, तो रमेश की गांद भी हिलने लगी. इससे रमेश का लंड मेरी गांद में हल्के-हल्के मूव होने लगा.

इतना मज़ा आने लगा, की मेरा लंड स्लीव के अंदर तड़पने लगा. वो पलंग की कोर से प्रेस होते हुए नीचे हांग हो रहा था, जिसके कारण हमारी थोड़ी सी भी मोवमेंट से मेरा लंड भी पलंग की कोर पर मूव हो रहा था.

मैं बोला: रमेश मुझे इतने हल्के धक्के नही चाहिए. मुझे तो अब डीप स्ट्रोक्स चाहिए.

रमेश बोला: यार इसके लिए मुझे बॉस से ज़ोर-ज़ोर के झटके लेंड़ पड़ेंगे. अभी उनका पूरा लंड अंदर नही गया. तू पेशियेन्स रख. वो धीरे-धीरे जब पूरा लंड अंदर डाल देंगे, तो मेरी गांद पूरा लंड लेने के बाद बड़े स्ट्रोक्स के लिए रेडी होगी.

बॉस थोड़ी देर स्लो स्ट्रोक्स मार कर पूरा लंड रमेश की गांद में डाल कर बोले-

बॉस: चल यार, तूने मेरा पूरा लंड अंदर ले लिया है.

ये कहते हुए वो रमेश के उपर लेट कर उसके बूब्स दबाते हुए बोले: यार रमेश, अफ़रोज़ के बूब्स बड़े है.

रमेश बोला: बॉस आप सही कहते हो, मैं वर्सटाइल हू जब की अफ़रोज़ पूरा बॉटम है. इसलिए वो ज़्यादा मज़ा देगा. उसके बूब्स मेरे हाथ में है, और मज़ा आ रहा है अफ़रोज़ को छोड़ते हुए.

बॉस अब हल्के-हल्के अपनी गांद हिला रहे थे. जिससे रमेश भी हिल रहा था. उसके हिलते ही उसका लंड मेरी गांद में तोड़ा-तोड़ा अंदर बाहर हो रहा था. थोड़ी देर में रमेश को गांद मरवाने के मज़ा आने लगा, तो वो बॉस से बोला-

रमेश: बॉस, अब तुम मुझे आचे से छोड़ो. अब मैं रेडी हू चूड़ने के लिए.

बॉस रमेश के उपर से उठ गये, और उसके शोल्डर्स पर अपने दोनो हाथ रखते हुए छोड़ने की स्पीड बढ़ा दी. तो अब हर धक्के पर रमेश की गांद धक्का खाते हुए मेरी गांद को प्रेस कर रही थी, और उसका लंड डीप तक मेरी गांद छोड़ने लगा. मैं बोला: रमेश तू अब बॉस के स्ट्रोक पर ही भरोसा मत कर. तू अपनी गांद को बॉस के लंड पर मारते हुए स्ट्रोक लेते जा.

जैसे ही वो अपनी गांद बॉस के लंड पर मारने लगा, तो उसकी गांद ज़्यादा हिलने के कारण उसका लंड अब बाहर निकल कर आचे से छोड़ने लगा. इस वजह से मेरी सिसकारिया निकालने लगी.

बॉस बोले: अफ़रोज़ भी मस्ती में आ गया है.

मैं बोला: बॉस रमेश अब अपनी गांद तुम्हारे लंड पर मार रहा है, तो उसकी गांद के ज़्यादा हिलने से मेरी गांद आचे से चुड रही है. इधर मेरा लंड मस्ती में आके माल छ्चोड़ने को आ रहा है. बॉस तुम रमेश की आचे से गांद मारो, तो मुझे भी मज़ा आएगा.

बॉस अब फुल मस्ती में आ कर रमेश को घपा-घाप छोड़ने लगे. तो मैं और रमेश दोनो भी भी प्लेषर के कारण उनके हर धक्के पर आ आ आ आ करने लगे.

बॉस बोले: अफ़रोज़, रमेश की सिसकियाँ तो समझ में आती है, मगर तुम क्यूँ इतना तड़प रहे हो?

मैं बोला: बॉस जब तुम ज़ोर का धक्का रमेश की गांद पर मारते हो, तो उसकी गांद उतनी ही ज़्यादा फोर्स से मेरी गांद से आकर मिलती है. तो उसका लंड जो मेरी गांद में फ़ससा हुआ है, वो मेरी गांद की बुरी तरह से मा छोड़ दे रहा है. हुमको जिस तरह आपने इस पोज़ में सेट किया है, ये आपकी कला है.

मैं: इधर मेरा लंड स्लीव में प्रेस हो कर पलंग की कोर से भी प्रेस होते हुए नीचे हांग हो रहा है. वो भी बुरी तरह झटका खा कर मुझे उत्तेजित कर रहा है. तो मैं सिसकिया भरँगा ही ना?

बॉस ज़ोर-ज़ोर से झटके मारते रहे, और मेरा लंड आउट ऑफ कंट्रोल होकर माल गिरने लगा.

फिर मैं बोला: बॉस मेरा माल निकल रहा है. मैं गया बॉस.

उधर बॉस भी फुल स्पीड में थे. उसकी स्पीड से रमेश ने प्लेषर से तड़प्ते हुए मेरी गांद में माल गिरते हुए अपनी गांद को मेरी गांद पर प्रेस कर दिया.

उसका माल मेरी गांद में झड़ने लगा. उधर थोड़ी देर के बाद बॉस भी सडन्ली रमेश की गांद पर अपना फोर्स लगते हुए उसकी गांद में माल छ्चोढने लगे. मगर इन तीनो में सब से पहले मेरा ही माल झाड़ गया था. मेरे साथ ऑल्वेज़ ऐसा ही होता है.

तो दोस्तों ये थी हमारी एक यूनीक थ्रीसम कहानी. अगर आपको पसंद आई हो, तो इसके बाद के पार्ट्स भी शेर करूँगा.