आंटी की चूत बदले मा की चूत देने पड़ी

हेलो दोस्तो अपने पढ़ा था कैसे मैने रात को मम्मी की छूट मे अपने लंड का टोपा अंदर डाल दिया था.

पीछा पार्ट यहा पढ़े – आंटी से प्यार-6

अब आयेज..

टोपा अंदर जाने से मम्मी को दर्द हुया होगा मम्मी हिल्ली और मेरा लंड बाहर निकल गया, मैं साइड मई लेट गया कुछ टाइम बाद मैं फिर से मम्मी की छूट पर लंड रगड़ने लगा और ज़ोर ज़ोर से रग़ाद कर मैने अपना पानी मम्मी की छूट पर छोड़ दिया और सू गया.

सुबा जब उठा तो फ्रेश हो कर सीधा मैं मम्मी का पास गया, मम्मी छाई बनाः रही थी.

मम्मी – आ गया बेटा चलो छाई पेलो.

मैं- छाई पी और मम्मी की तरफ ही देख रहा था लेकिन मम्मी का कोई रिक्षन नही था बस नॉर्मल थी.करीब 10 बजे मम्मी को आंटी का फोन आया मम्मी ने फोन उठाया मैं सारी बातें सुन रहा था.

आंटी- दीदी जी कैसी है आप?

मम्मी- मैं तो फिट हू भांजी आप बताओ क्या हाल है रात क्या हुया.

आंटी- रात को कुछ खास नही हुया बस 10 मिंट ही उन्होने छूट मारी और सू गये.

मम्मी – तो सफ़र से भी आए थे भाई तो तक गये होंगे.

आंटी- नही दीदी इनका ऐसा ही है बस 10/15 मिंट इस ज़्यादा नही होता.

मम्मी- भेनजी मैने तोसो हा था की पूरी रात मस्ट चुदाई हुए होगी.

आंटी- नही दीदी बस टाइम पास ही हुया था.

मम्मी – भेनजी मैं आप को एक बात बताना चाहती हू.

आंटी -बताओ दी क्या बात है?

मम्मी- जब मैं सुबा उठी तो मेरी छूट चिप चिप कर रही थी जैसे किसी का माल हो इस पर.

आंटी- दीदी जी रात मैं उंगली तो नही की.

मम्मी- नही भेनजी.

आंटी- राजीव आप के साथ था तो उसने तो नही किया.

मम्मी- नही मेरा बेटा ऐसा नही है, मैं तो नीड की गोली लेकर सू जाती हू.

आंटी- तो फिर आप ने नीड मई ज़रूर उंगली क्या होगा आप को पता नही चला होगा.

मम्मी- हो सकता है भेनजी.

और फोन कट हो गया, मुझे अपने आप पर गुसा आ रहा था की यह मैं क्या कर रहा था अपनी मम्मी के साथ. मैने अपनी ग़लती मानी और आयेज से ऐसा करने का सोचा भी नही कभी. कुछ दीनो बाद मेरा दिमाग़ खराब हो रहा था आंटी को देख कर,मेरे सिर पर सेक्स का भूत सॉवॅर हो चुका था.

मम्मी मेरी हालत देख रही थी मेरा सुभाव बहुत छिड़ छोड़ा हो रहा था, हर बात पर गुस्सा आ रहा था.

मम्मी- राजीव बेटा बात सुनो.

मैं मम्मी के पास गया और मम्मी को देखने लगा और कहा जी मम्मी कहिए.

मम्मी- बेटा मैं देख रही हू आज कल तुम कुछ बदले बदले से लग रहे हो टुमारा सुभाव वी कुछ ठीक नही है क्या बात है.

मैं- कुछ नही मम्मी जी मैं ठीक हू.

मम्मी- मुझे बताओ क्या बात है मुझ से कुछ मत छिपाओ.

मैं- मम्मी जी मैं जूथ नही बोल रहा मैं ठीक हू. लेकिन मम्मी नही मानी तो मैने बोल दिया की मेरा दिल नही लग रहा आंटी के बिना.

मम्मी- मैने तुझे कहा था की तुम भूल जाओ.

मैं- मम्मी जी नही भूल पा रहा वो रात.

मम्मी- तुम पागल हो जाओगे ऐसे चला तो.

मैं अपने रूम मई चला गया कुछ दिन और निकल गये मेरी हालत मम्मी से देखी नही जा रही थी तो मम्मी ने मुझे अपने पास बुलाया.

मम्मी – बेटा तूने यह क्या हालत बनाः रखी है?

मैं- मम्मी जी आप मुझे अकेला छोड़ दो मेरे हाल पर.

मम्मी- मुझे एक तपद मारा फिर अपने गाले से लगा लिया और बोली क्या क्रू तेरे लाइ मैं अब बताओ.

मैं- मम्मी जी मुझे आंटी से मिलना है.

मम्मी- सीमा का पति घर पर है कुछ नही हो सकता बेटा तू कहे तो किसी और से बात करू.

मैं- नही मम्मी जी मुझे बस आंटी के साथ ही चाहिए. मैं अपने रूम मई चला गया.

मम्मी ने आंटी को फोन किया और मेरी सारी परेशानी बताए.

आंटी- दीदी जी मेरी बात कारवओ राजीव से.

मम्मी- मेरे पास आए लेह सीमा से बात कर.

मैं- हेलो आंटी जी.

आंटी- राजीव किओ ऐसा कर रहे हो बेटा मेरे पति घर पर है मैं तेरे साथ नही आ सकती, पर तेरे लाइ कुछ कर देती हू यदि तुम कहो.

मैं- आंटी जी आप क्या क्रोंगे?

आंटी- राजीव कुछ दिन रुक जा मैं तुझे मिल लूँगी पर अभी तुम उस दिन वाली आंटी से कम चलः लो प्रॉमिस करती हू जब तेरे अंकल चले जाएँगे तो मई खुद तुम्हे मिल लूँगी.

मैं- ठीक है आंटी यदि आप प्रॉमिस करते हो तो फिर मैं मम्मी को फोन दिया.

आंटी- दीदी मैने राजीव को सब समझाया है, मैं कल मंजू को भेज रही हू. राजीव को मंजू के साथ रहने देना कल एसका कम हो जाएगा तो यह शांत हो कर ठीक हो जाएगा.

मम्मी- भांजी मंजू मानेगी क्या?

आंटी- दीदी जी आप मुझ पर यह छोड़ दो.

फोन कट क्या आंटी ने मम्मी सुबा जल्दी उठ कर सारा कम ख़तम क्या और मंजू आंटी का वेट करने लगी तभी मंजू आंटी आ गये.

मंजू आंटी – दीदी जी नमस्ते.

मम्मी- आओ मंजू, शूकर तुम आ गये मैं बहुत परेशन हू राजीव को लेकर.

मंजू आंटी- दीदी राजीव कहा है.

मम्मी- वो अपने रूम मैं है.

मंजू आंटी- मैं रूम मई जा रही हू आप बाहर से देख लेना दीदी जी.

मम्मी- ओक मंजू तुम जाओ अंदर रूम मई.

मंजू आंटी मेरे रूम मई आ गये और मुझे बताईं की और मेरे पूरे सरीर पर हाथ फेरने लगी और मेरे कपड़े उतरने शुरू कर डाइ बस 2 मिंट मैं नग्गा था और मंजू आंटी ने भी अपने कपड़े उतार डाइ.

मंजू आंटी- राजीव बेटा आज मुझे छोड़ कर अपनी बनाः लेना.

मैं- मंजू आंटी अभी छोड़ देता हू.

मंजू आंटी ने मेरा लंड पकड़ा और उसे जब खड़ा क्या तो वो दार गये इतना लंबा और मॉटा लंड उस ने कभी नही देखा था मंजू आंटी की हालत पतली हो गये और वो बाहर मम्मी की तरफ देख रही थी. मम्मी हमे बाहर से देख रही थी.

मैने मंजू आंटी की मुममे चूसने चुरु कर डाइ और फिर धीरे धीरे नीचे छूट पर आ गया जब मैने छूट चटनी चुरु की.

मंजू आंटी- हाए मेरी जान चूस इसे आचे से चूस निकल एसका पानी.

मैं- रुक जा मेरी जान बस तोड़ा सबर कर.

मंजू आंटी- अब सबर नही होता बेटा डॉल अपना लंड अंदर सस्स्स्स्सस्स हााअ क्या चुस्थीईए हो बएटाा.

फिर 10 मिंट बाद मैने अपना लंड छूट पर रखा तो मंजू आंटी आराम से डालना बेटा कही छूट फट ना जाए तेरा बहुत मॉटा है.

मैं- आप फिकर मत करो जान.

फिर मैं अपना लंड धीरे धीरे अंदर छूट मई डाला मेरा अभी 4 इंच ही अंदर गया था.

मंजू आंटी – बएटााअ निकल बाहर गये मार दलाहा मेरी चुतटत्त सस्स्स्सस्स मार गयए मम्मी.

मैने तोड़ा और झटका मारा तो इस बार मंजू आंटी पूरी तरह से तड़प गये.

मंजू आंटी- निकल बाहर्र्ररर मदारचोड़ निकल हइईए पूरा अंदर घेराई मे चला गया.

मैं- सबर करो जान तोड़ा दर्द होगा और मई आंटी के होट्टों को चूसने लगा तो कुछ टाइम मैं आंटी का दर्द कम हो गया.

मंजू आंटी- बेटा आराम से छोड़ आब.

मैं- धीरे धीरे छोड़ने लगा मेरी जान तेरी छूट भी टाइट है बहुत.

मंजू आंटी – एस बब्बी छोड़ अपनी रंडी को एस बब्बी.

तभी मैने जब अपनी स्पीड तेज़ की तो मंजू आंटी छीलाने लगी.

मंजू आंटी – हइई डीडीिई तेरे बेटे ने छूट फदह दी मेरी अब मुझ से सहा नही जा रहा. छोड़ो मुझे बेटा छोड़ो रहम खाना मुझ पर सस्स्स्स्सस्स हइई क्या छूट मरता है दीदी तेरा बेटा क्य्ाआ बात हाईईइ सस्स्सस्स आज असली मर्द मिला मुझे सस्स्सस्स.

मैने मंजू आंटी को डोगी स्टाइल मई आने को कहा लेकिन वो नही मानी मैने ऐसे ही छोड़ा,20 मिंट बाद मेरा हो गया.

मैं- मंजू आंटी मज़ा आया क्या?

मंजू आंटी- बेटा तूने मेरी छूट का भोसड़ा बनाः डाला है. अब और नही होगा मैं जा रही हू.

मैं- नही मंजू आंटी अभी एक बार और करना है.

मंजू आंटी ने मुझे गुस्से से देखा और अपने कपड़े पहन लाइ.

मैं- रूको मंजू आंटी मुझे और करना है मैने आंटी को पकड़ा.

मंजू आंटी- नही मुझे मारना नही है एक बार कर लिया इतना ही काफ़ी है मैं और नही कर सकती तुम तो जानवर हो. दीदी अंदर आओ प्लीज़ मुझे बचाओ.

मम्मी- हा मंजू क्या हुया?

मंजू आंटी – दीदी जी बस मई और नही कर सकती एसके लंड ने पहले ही मुझे फाड़ डाला है.

मम्मी- बेटा छ्चोड़ो आंटी को.

मैने छ्चोड़ दिया तभी मंजू आंटी बाहर चली गये और मम्मी के पास बेत गये मम्मी ने छाई दी और वो पीने लगी.

मम्मी- शुक्रिया मंजू जो तूने इतना कम कर दिया मेरा अब कब आओगी.

मंजू आंटी – नही दीदी आब नही अवँगी मेरी बस है और नही होगा मुझसे आप ने नही देखा उसका लंड घोड़े जैसा है बस आज हो गया आब कभी नही.

मम्मी- मंजू ऐसा मत बोल.

मंजू आंटी- दीदी आप ट्राइ करके देखो फॉर पता चलेगा क्या होता है दर्द आप का बेटा जानवर है छूट को तो यह 5 मिंट मई ही फाड़ देह.

मंजू आंटी चली गये मम्मी रूम मई आए मैने अपने उपेर चादर डाल ले.

मम्मी- बेटा कैसा लग रहा है आब?

मैं- मुझे कुछ मज़ा नही आया मंजू आंटी से मुझे सीमा आंटी चाहिए मम्मी प्लीज़.

मम्मी – फिर से तुम वही बात पर आ गये अब मैं क्या क्रू.

मैं- कुछ भी करो पर मुझे सीमा आंटी से मिलना है.

मम्मी- कुछ करती हू.

मम्मी ने सीमा आंटी को फोन लगाया तो आंटी ने फोन उठाया.

आंटी- दीदी जी कम हो गया क्या?

मम्मी- नही भेनजी मंजू तो राजीव के लंड से एक बार मैं ही चुड कर दार गये.

आंटी- दीदी जी मैने तो पहले ही बोला था की राजीव लंड बहुत बढ़ा है आप नही मानी.

मम्मी – आब आप को कुछ करना पड़ेगा.

आंटी- दीदी जी मेरे पति घर पर है मैं नही कर सकती.

मम्मी- यदि मैं भाई साब से बात करू तो तुम रेडी हो?

आंटी – दीदी यह आप क्या कह रहे हो? वो किओ भला मुझे राजीव से चुडवाएँगे?

मम्मी- भेनजी आप ने तो कहा था की भाई साब आपको मज़ा नही देते.

आंटी – बात अलग है पर मुझे दूसरे चुदाई नही करने देंगे.

मम्मी- मैं उनसे बात कृंगी तुम राज़ी हो यदि वो मान जाए.

आंटी- ठीक है देखलो दीदी जी आप.

दूसरे दिन मम्मी और मैं आंटी के घर गये और घर पर आंटी अंकल थे.

आंटी- दीदी आप बेतो मैं छाई लाती हू.

मम्मी- भाई साब आप से कुछ बात करनी थी, आप प्रॉमिस करो आप बुरा नही मनोगे.

अंकल – नही भाभी जी आप बोलो मई बुरा नही मनुगा.

मम्मी- बात यह है की की.

अंकल – बोलो भाभी जी आप डारो मत.

मम्मी – भाई जी बात है की राजीव सीमा के साथ सूना चाहता है.

अंकल- तो इस मई क्या है भाभी जी यह तो बॉब्बी जैसा ही है सू जाए.

मम्मी- भाई साब वैसे नही दूसरी तरह.

अंकल- मतलब क्या है भाभी जी?

मम्मी – एक पति की तरह सूना चाहता है.

अंकल- भाभी जी यह आप क्या बोल रही हो आपको पता है?

मम्मी- भाई साब आप के आने से पहले भी यह सू चुके है तब से एन दोनो मैं प्यार है और राजीव सीमा के बिना नही रह पा रहा मैने सब कुछ ट्राइ क्या.

तभी आंटी जी भी छाई ले कर आ गये.

अंकल- सीमा तूने राजीव के साथ सेक्स क्या है क्या?

मैं- तो अंकल की तरफ़ ही देख रहा था.

आंटी – जब आप को सब पता चल ही गया है तो आब जूथ नही बोल सकती जी मैने एक बार क्या है.

अंकल- तो अब क्या बोलू मैं भाभी जी से.

आंटी- यह आपकी मर्ज़ी है जो मर्ज़ी बोलो.

अंकल ने कुछ टाइम सोचा तब तक हूँ छाई पी रहे थे.

मैं- आंटी जी अंकल मान जाए गे क्या?

आंटी- बेटा कुछ नही कह बोल सकती.

मम्मी- मॅन जाएँगे.

तभी अंकल आ गये कुछ सोचने के बाद, हम उन्हे देखने लगे.

अंकल- भाभी जी आप चाहती है की आप के बेटे को मैं आपनी बीवी छोड़ने को डू.

मम्मी- जी भाई साब जी एन दोनो को मिलने डेज़ये ना वैसे भी मुझे पता है आप थोड़े सेक्स मई कमज़ोर है.

अंकल- आप से यह किस ने कहा?

आंटी – मैने दीदी से अपनी रात की बात शियर की थी जब आप घर आए थे.

अंकल – तो यह बात है टुजे भी सीमा बढ़ा लंड चाहिए.

मम्मी – भाई साब सीमा ऐसे नही है जैसा आप सोच रहे है.

अंकल- तो फिर यह कैसी है भभजी आप ही बताओ?

मम्मी – यह दोनो एक दूसरे से प्यार करते बस इतना ही है.

अंकल- यह तो प्यार करते है दोनो तो मेरा क्या??

मम्मी- सीमा तो यही रहेगी आप के पास.

अंकल- यदि मैं सीमा को राजीव के साथ सेक्स करने डू तो मेरा क्या फ़ायदा इसमे?

मम्मी – आप बोलो?

अंकल – मेरी एक शरत है इसमे.

मम्मी – भाई साब क्या शरत है आपकी.

अंकल – मुझे सीमा के बदले सीमा जैसी चाहिए जब सीमा राजीव के साथ होगी तो मुझे भी तो चाहिए ना.

मम्मी- भाई साब आप का मतलब क्या है?

अंकल- आप अभी भी समझी नही क्या?

मम्मी- आप सीधी बात बोलो.

अंकल- मुझे सीमा की छूट के बदले भभजी आपकी चाहिए…

यह सुन कर हम सब एक दूसरे की तरफ देखने लगे.

अंकल- जब राजीव सीमा को छोड़ेगा तो मैं देखूँगा जब मैं आपको छोड़ुगा तो राजीव देखेगा. पता तो चले तुम कितनी चुड़ाकड़ हो. बोलो भाभी जी आप को मंज़ूर है तो बोलो?

मम्मी ने क्या कहा अंकल से? ये नेक्स्ट पार्ट मे लिखता हू.

किसी आंटी, कपल या सिंगल लेडी को सेक्स या मसाज की ज़रूरत हो तो मुझे मैल करो –