अमीत ने अपना कपड़ा खोला। संपा तो कई बार अमित के लंड का मज़ा ले चुकी थी। फिर भी लंड देख कर ऐसा एक्टिंग किया मानो पहली बार ही देख रही हो।
संपा: बाप रे, इतना बड़ा आदमी का लंड होता है क्या? ये तो किसी घोड़े या गधे के लंड जैसा है, बहुत ही डरावना है।
आसिफ़: अमित, सुना है कि तुम यहां बहुत औरतों को चोद रहे हो। वे सब कैसे इतने लंबे और मोटे लंड को अपने अंदर लेती है?
संपा ने हाथ बढ़ा कर अमित के फनफनाते लंड को पकड़ लिया।
संपा: आसिफ़ तुम भी कपड़े खेल दो, और एक बाद जान लो। अमित का लंड बहुत लंबा और मोटा है। लेकिन कोई भी लड़की और औरत आराम से सिर्फ़ इस लंड को ही नहीं इससे भी लंबा और मोटा लंड बूर में ले सकती है। अमित तुम्हारे दोस्त ने बहुत गर्म कर दिया है। देखूं तुम भी चोद सकते हो कि नहीं।
अपनी मां को चोद कर अमित जितना खुश नहीं हुआ था, उससे ज़्यादा खुश तब हुआ जब उसके दोस्त के सामने संपा ने उसे चोदने के लिए कहा।
अमित: चोदूंगा रानी, लेकिन पहले थोड़ा प्यार तो करने दो।
अमित ने जी भर कर होंठों को चूसा, बारी-बारी से दोनों निपल्स को चूसा। आख़िर में बूर की पत्तियों को फैला कर बूर के अंदर-बाहर खूब चाटा, बहुत चूसा। पूरे समय संपा मस्ती की सिसकारी मारती रही। आख़िर में अमित ने संपा की जांघों के बीच पोज़ीशन ली। संपा ने हाथ बढ़ा कर लंड को पकड़ा, और बूर के अंदर दबाया। संपा का एक कंधा पकड़ कर अमित ने पूरी ताक़त से एक के बाद एक 4-5 धक्के पूरी ताक़त से लगाये, और बूर की दीवारों को चीरते हुए लंड की पूरी लंबाई अंदर चली गई।
संपा: थैंक्यू आसिफ़, तुम्हारे ही कारण मुझे इतने बढ़िया लंड से चुदवाने का मौक़ा मिला है। बूर फट रही है, अमित जल्दी मत झड़ना। आराम से चोदो, पूरी रात चोदो।
और आप सब पढ़ चूके हैं कि अमित और संपा की जोड़ी कितनी बढ़िया बन गई थी। कभी फुल स्पीड में तो कभी आराम से अमित धक्का लगाता रहा। आसिफ़ को खुश करने के लिए संपा उसका लंड पकड़ कर चूदाई का मज़ा लेना चाहती थी। लेकिन अमित के धक्कों ने औरत को इतना एक्साइट कर दिया था, कि वो अपने को संभालने के लिए पूरे समय अमित को अपनी बाहों और जांघों से बांधे रही।
आसिफ़ ने देखा कि संपा ने उसके साथ भी ऐसा किया था। लेकिन वो एक धक्का भी नहीं मार पाया था। जब कि ये अमित संपा के बदन को दोनों हाथों से सहलाते हुए बढ़िया से चोद रहा था। आसिफ़ भी बेड पर बैठ गया, और संपा की जांघों का मज़ा लेने लगा।
आसिफ़: मैडम, इतना लंबा लंड आपकी बूर में घुसा है। अमित इतने ज़ोर-ज़ोर से धक्का मार रहा है। लेकिन देख रहा हूं कि आपको बहुत ही मज़ा आ रहा है।
संपा ने मुस्कुराते हुए आसिफ़ को देखा और उसका लंड पकड़ कर मुठियाने लगी।
संपा: थैंक्यू आसिफ़, तुम्हारे कारण ही मुझे इतना मज़ा मिल रहा है। तुम ये सोच रहे हो कि अमित का लंड लंबा है, मोटा है, इसलिए मुझे मज़ा आ रहा है। नहीं, बिलकुल ग़लत। लंड के छोटे या लंबे होने से कोई ख़ास फर्क़ नहीं पड़ता है। हां, लंड ज़्यादा मोटा हो तो ज़रूर ज़्यादा मज़ा आता है। सबसे ज़रूरी यह है कि लंड बूर के अंदर टाइट रहे। जब तक औरत पूरी तरह से ठंडी ना हो जाये, तब तक टाइट रहे, और मर्द की बाहों में ताक़त हो।
संपा: चार इंच लंबे लंड वाले भी अपनी औरत को बहुत खुश रखते हैं। औरत चाहती है कि मर्द उसे इस बेदर्दी से रगड़े, दबाये, कि उसकी एक-एक हड्डी पसली चरमरा जाए। अगर अमित का सिर्फ़ लंड लंबा या मोटा होता, लेकिन बूर के अंदर जल्दी ढीला हो जाता, या फिर इसके धक्के में ताक़त नहीं होती, तो कोई औरत इससे नहीं चुदवाती। लेकिन अमित जैसा चोद रहा है तो देखना इसकी मां और बहन भी इससे चुदवायेंगी और इसकी बेटी भी।
संपा: आसिफ़, तुम अगर अपने घर की औरतों को, मां, बहन को अमित से चुदवाओगे, तो सभी तुम्हारा एहसान मानेंगी। मैं तो अपनी बेटी को भी अमित से चुदवाऊंगी। उफ़ अमित, बहुत मज़ा आ रहा है। ला आसिफ़ तेरा लंड चूसती हूं।
अमित: आपको कितना मज़ा आ रहा है नहीं मालूम, लेकिन मुझे आपके साथ जन्नत का मज़ा मिल रहा है।
आसिफ़: और मुझे तुम दोनों की चुदाई देख कर ही बहुत मज़ा आ रहा है।
अमित ने क़रीब सवा घंटा चोदा तब वो झड़ा। संपा उससे चिपक गई। दूसरे राउंड में संपा ने दोनों का लंड चूसा। अमित ने आसिफ़ को बूर चूस कर औरत को खुश करने का तरीक़ा बतलाया। अमित ने संपा को कुतिया बनाया। आसिफ़ बग़ल में बैठ कर देखता रहा कि अमित का लंड कैसे संपा के बूर के अंदर-बाहर हो रहा था।
देखते-देखते आसिफ़ का लंड भी पूरा टाइट हो गया, तो अमित ने लंड निकाला और आसिफ़ को चोदने के लिए कहा। अमित सामने आया और आसिफ़ से चुदवाते हुए संपा ने अमित का लंड चूसा।
इस राउंड में आसिफ़ ठीक सात मिनट लंड को टाइट रख पाया, और बूर में झड़ गया। अमित ने आसिफ़ से ही बूर को चटवाया, और फिर कुतिया बनी संपा को चोदने लगा। इस बार भी लंबी चुदाई हुई। संपा तैयार हुई तो आसिफ़ ने उसे दस हज़ार की टिप दी।
आसिफ़: मैडम, मैं अब किसी दूसरी औरत को रुम में नहीं बुलाऊंगा। मैं चाहता हूं कि आप हर हफ्ते कम से कम दो रात आप मेरे साथ गुज़ारे। आपको आपकी पूरी क़ीमत मिलेगी ही, आप जब बोलेंगी अमित को भी बुला लूंगा।
संपा ने आसिफ़ को गले लगा कर उसे चूमा।
संपा: तुम बहुत प्यारे हो। आने की कोशिश करुंगी। हफ्ते में एक रात 25 हज़ार लूंगी और बाक़ी की रात सिर्फ़ 10 हज़ार। तुम दोनों एक बात ध्यान में रख लो। मेरे जैसी बदन वाली औरत को अपने साथ नंगा रखने में जो सुख है, वो बूर में लंड पेलने से कहीं बढ़िया है। फिर जल्दी आऊंगी।
अमित और संपा, आसिफ़ के रुम से साथ निकले। संपा अंदर ही अंदर अपने घर चली गई। ललन गार्ड को मालूम ही नहीं पड़ा कि वार्डन की घरवाली दो-दो लड़कों से चुदवा कर घर वापस चली गई। अमित अपने रुम का लॉक खोल ही रहा था कि बग़ल का रूम खुला।
“क्या अमित, तुम तो दूज का चांद हो गये हो। ललन ने तुमसे ज़रूर कहा होगा कि मैं तुम्हारे बग़ल के रुम में हूं। आज भी तुम्हारे बुलाने का वेट कर रही थी। चलो रुम के अंदर, थैंक्यू विनोद, मैं तुमसे बहुत खुश हूं। फिर मेरी याद आये तो ललन को 11 हज़ार दे देना।”
अमित ने अपने रुम का दरवाज़ा खोला और बुर्का पहनी औरत ने अमित को रुम के अंदर ढकेला। वो ख़ुद भी अंदर आई और दरवाज़े को अंदर से बंद कर दिया। अमित देखता रहा और औरत ने बुर्का उतार दिया। उसने बुर्का के नीचे कुछ नहीं पहना था। औरत अपनी चिकनी बूर को सहलाने लगी।
औरत: जब तुम लोगों के पास आकर नंगा ही होना है तो फिर कपड़े पहनने की क्या ज़रूरत है? ललन ने ज़रूर बताया होगा। फिर भी बता देती हूं। मैं तुम लोगों के हिन्दी सर पाठक सर की पत्नी हूं।
अमित एक जगह खड़ा रहा, और औरत ने बोलते हुए उसे नंगा करना शुरु किया।
औरत: मेरा नाम रत्ना है। मेरी दो जवान बेटियों है, एक जवान बेटा है। 25 साल पहले शादी हुई। अपने पति से बहुत खुश हूं। पाठक बढ़िया चोदता है। 25 साल से चुदवाते हुए बूर ज़रूर ही ढीली हो गई। फिर भी पाठक हर रात चोदता है। क़रीब एक महीना पहले चोदते हुए उसने कहा कि यहां की टीचरों की पत्नियां स्टूडेंट्स से चुदवाती है। हर रात 3-4 हज़ार कमाती है।
औरत ने कुर्ता और पाजामा खोल दिया था। अंडरवियर के उपर से लंड सहला रही थी।
औरत: मैंने सीधा पूछा कि क्या वो चाहता है कि मैं भी धंधा करूं। पाठक ने कहा कि उसे पता है कि पिछले 25 सालों में मैंने किसी और से नहीं चुदवाया है। लेकिन अगर अब मैं किसी से भी चुदवाऊंगी तो वो मना नहीं करेगा।
रत्ना ने अमित को नंगा कर दिया था।
रत्ना: बहुत ही बढ़िया लंड है अमित, 4 से ज़्यादा हो गया है लेकिन इस लंड को बूर में लिए बिना जाऊंगी तो दिन भर बेचैन रहूंगी। मुझे चोदो।
रत्ना बेड पर लेट गई और बूर को उचकाया। सामने फड़कती बुर हो तो कौन बेवकूफ शांत रहेगा?
अमित ने मस्त मस्त जांघों के बीच जगह बनायी, और लंड को बुर के अंदर दबाया। जमा-जमा कर धक्के मारने लगा।
रत्ना: वाह अमित, मज़ा आ गया। एक बात जानते हो?
अमित: पहले ये बताओ कि हरामी बेटी चोद ने ख़ुद तुम्हें शरीर बेचने के लिए कहा?
रत्ना ने भी संपा जैसा ही अमित को बाहों में बांधा और कमर उचका कर चूदाई का मज़ा लेने लगी।
रत्ना: जब पाठक ने कहा कि मैं अगर किसी से भी चुदवाऊंगी तो वो मना नहीं करेगा। तो मैंने पूछा कि मैं अपने पसंद के किसी मर्द से चुदवाऊंगी या मैं भी टीचर्स की पत्नियों जैसा धंधा करूं?
अमित: फिर गांडू ने क्या कहा?
रत्ना: तुम्हारे सर ने कहा कि अगर मेरा कोई यार है तो मैं उससे भी चुदवाऊं, लेकिन अगर चुदाई के साथ कमाई भी होगी तो बढ़िया रहेगा। मेरा कोई यार तो था नहीं, तो उस समय मैंने उसे कोई जवाब नहीं दिया। उफ़ अमित, संगीता ने ग़लत नहीं कहा था तुम सबसे बढ़िया हो। अगले दिन मैंने अपनी दोनों बेटियों को बता दिया कि उसका बाप क्या चाहता था।