स्लीपर बस मे दोस्त की बेहन चुद गयी

मेरी पर स्टोरी जो लोग न्यू है उन लोगो को सब से पहले मई अपने बारे मे बता देता हू, मेरा नाम विकी है और मई कोलकाता का रहने वाला हू, उमर 25 साल, और मई मेडिसिन कंपनी मे फार्मसीस्त हू.

ये कहानी मेरी रियल स्टोरी है. वैसे तो मई हमएसा सेक्स स्टोरी साइट पर सफ़र के दौरान चुदाई की कहानी पढ़ता रहता था जो बोहट अकचे हुआ करते थे. पर मुझे इस बात पर यक़ीन नही होता था के कोई ट्रेन मे टाय्लेट के इलावा ट्रेन के सीट या बस मे चुदाई कर पाते है.

पर दो मंत पहले जब मुझे भी आइसे ही किसी बुसके सफ़र पर मेरे ही दोस्त की बेहन को छोड़ने का मौका मिला. तो मुझे भी यक़ीन हो गया के चलती गाड़ी मे भी अगर किसी मस्त लड़की की छूट मे अपने लंड का पानी गिरने मिल जाए तो बोहट मज़ा आता है.

इस स्टोरी मे जिस लकी के बारे मे बाटने जा रहा हू उसका नाम सोहना है. जो बोहट ही सेक्सी और गोरी लंबे बाल पतली सी लिप्स. सोहना का फिगर 34-32-34 जिसमे वो ग़ज़ब की माल लगती है.

तो दोस्तो बात दो मंत पहले की है जब मुझे उत्तर परदेश से कोलकाता आना था. और उसी बीच दोबारा लॉक्कडोवन् का भी महॉल बन रहा था. तो मुझे ज्ल्द ही कोलकाता आजना था. क्यू की अगर लॉक्कडोवन् लग जाता तो फिर बोहट परेसानी होती.

वैसे मई अपने कंपनी के काम के लिए लख़नोव के फार्मेसे ऑफीस गया था जो कंप्लीट हो चुका था. मई लोक्कणोव मे हू ये बात मेरे दोस्त इरफ़ान को पहले से पता था. और उसने मुझे ये बोला भी था के जब मई वापसी करूँगा. तो मई उसकी बेहन को जो उसकी नानी के घर कुछ दीनो के लिए गयी थी, उसे साथ ले कर आजवन.

मेरे दोस्त की बेहन का नाम सुहाना है जो अवी ब.आ फर्स्ट एअर कर रही है. जिस दिन मई निकालने वाला था उसके एक दिन पहले ही मेरे दोस्त न मुझे से बताया था. के मई उसकी नानी के घर सुबा ही चला जौन. और फिर शाम की गाड़ी पकड़ कर जो नानी के घर के पास से ही मिलती है. जिससे मुझे भी ज़्यादा परेसानी नही होगी.

रात मे भी सुहाना का कॉल आया था के क्ल जल्दी ही आ जाइगा उसे लेने. तो दूसरे दिन मई वही किया और 7 क.म की दूरी पर सुहाना की नानी का घर था जहाँ मई 12 भजे दिन को ही पहुँच गया. जहाँ जाने के बाद इरफ़ान का दोस्त होने के नाते मेरी आक्ची इज़्ज़त हुई.

फिर दिन का खाना खाने के बाद सुहाना भी तय्यार हो गयी थी. और हम लोग 4 भजे तक बस स्टॉप पहुँच गये. वहाँ जा कर पता चला बस तो बोहट कम चल रही है. जब मैने पता किया तो मुझे पता चला कोलकाता जाने के लिए एक बस है जो 7 भजे तक यहाँ से निकल गी.

उसके बाद हम लोग वहीं जैसे तैसे कुछ घंटे बिता दिए. और आस पास से बस मे खाने पीने के लिए कुछ चीज़े खरीद लिए. उसके बाद 6 भजे बस आ गयी और हम लोग गाड़ी मे आ गये. जो बाग था वो हम लोग बुसके पिच्चे रखवा दिए. हम लोगो को स्लीपर सीट मिला था क्यू के नीचे की सब ही सीट बुक्ड थी.

हम लोग उपेर चाड कर बैठ गये और एक दूसरे से नॉर्मली बाते करने लगे. बस ठीक 6:30 मे वहाँ से शुरू हुई. हम लोग अपने कॅबिन का परदा गिरा दिए. बस अपने रफ़्तार से हघवे पर चल रही थी और जैसे तैसे रात के 10 भाज गये. फिर बस एक ढाबे मे रुकी जहाँ हम लोगो ने रात का खाना खाया.

उसके बाद बस दोबारा स्टार्ट हुई और हम लोग अपनी जघा पर बैठ गये. कुछ देर हम दोनो मे बात हुई उसके बाद मई वहीं लेट गया और मेरे बगल मे ही बीतह कर सुहाना इयरफोन लगा कर सॉंग सुनने लगी.

बस मे लोग कुछ सो गये थे तो कुछ सोने की तय्यरी कर रहे थे. उसी बीच सोहना मुझसे बोली भयया हम लोग सोएंगे कैसे? तो मई उसे बोला सोना तो ह्मे यही है, इसी मे ही सफ़र कटनी है पूरी.

तो सोहना बोली के आराम ही नही मिलेगा ऐसे मे. जिसपर मई बोला सोजाओ ऐसे ही हम लोग बस मे है घर वाली आराम तो इसमे नही मिल सकेगा.

तब सोहना मेरे बगल मे लेट गयी और मेरे ट्राफ् पीठ कर के सोने लगी. पर मुझे नींद नही आ रही थी तो मई अपने मोबाइल पर टाइम पास करने लगा.

ऐसे ही मैं गूगले पर गया जहाँ पर मई सर्च कुछ और चीज़ करने गया था. और अचानक से मेरा मान सेक्स स्टोरीस पढ़ने का करने लगा और मई चुदाई की कहानी पढ़ने लगा.

मई कहानी पढ़ते पढ़ते गर्म हो गया और मेरा लंड लोहे की त्रहा खड़ा हो गया. और सोहना भी मुझ से सात कर ही सोई हुई थी. मई काफ़ी कस्माकस मे था, एक ट्राफ् मेरा लंड लोहे की त्रहा खड़ा था. दूसरी ट्राफ् सोहना की गंद मेरे लंड पर सात रही थी. जो के आग मे घी का काम कर रही थी.

मई तो खुद पर काफ़ी कंट्रोल कर के ये सब सह रहा था. पर जब मुझ से बर्दस्त नही हुआ तो मई अपने एक हाथ से सोहना को पकड़ लिया और पीछे से सोहना की बॉडी से सात गया. सोहना गहरी नींद मे सो रही थी.

इधेर मई सोहना की गंद पर अपने लंड को रग़ाद रहा था. उसके बाद मैने सोहना की बूब्स को सहलाने लगा. जब देखा के सोहना अब भी सोई है तो मई हिम्मत कर के उसकी बूब्स को दबाने लगा.

मुझे बोहट मज़ा आ रहा था पर रह रह कर दर भी लग रहा था के सोहना उठ ना जाए. इसलिए बोहट ही आराम आराम से मई उसकी बूब्स को दबा रहा था.

सोहना के ट्राफ् से कोई हरकत नही हो रही थी जिससे मेरी हिम्मत बढ़ रही थी. मई पहले से ही काफ़ी गरम था और सोहना जैसी माल को के बगल मे लेट कर मज़ा लेना. ये भी आपने आप मे बर्दस्त से बाहर था.

सोहना ब्लॅक सलवार और रेड कमीज़ पहनी हुई थी. तो मैने धीरे धीरे कर के सोहना के कमीज़ के अंदर हाथ डाल दिया और सीधा उसके बूब्स पर हाथ ले गया.

फिर उसे मई दबाने लगा. मई सोहना की दोनो बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा. अब भी सोहना सोई थी या जाग चुकी थी ये मुझे पता नही था. पर उसके ट्राफ् से कोई रेस्पॉन्स नही मिल रहा था.

मई सोहना की पीठ पर किस करने लगा और फिर हाथ को मई उसकी सलवार के अंदर दल कर उसकी छूट के तरफ ले जाने लगा. पर जैसे ही मई उसकी छूट पर हाथ ले कर गया तो सोहना की छूट बिल्कुल गीली हो गयी थी.

इससे मई समझ गया के सोहना सोने की आक्टिंग कर रही है. पहले तो मई तोड़ा घबराया, पर फिर दिमाग़ मे आया के छूट से पानी आइसे नही निकलती ज़ाहिर है के सोहना जागी है और मज़े ले रही ही.

अब मेरी हिम्मत बढ़ने लगी और मई अपनी एक उंगली सोहना की छूट के अंदर डाल कर अंदर बहेर करने लगा. सोहना भी मज़ा लेते हुए सीधे हो गयी.

फिर मई सोहना की कमीज़ को उपेर कर दिया जिससे उसकी बूब्स दिखने लगा. क्या बतौन दोस्तो उसकी बूब्स देख कर मुझ से रहा नही गया. और मई उसके एक बूब के निपल मे मूह लगा कर चूसने लगा.

उसकी निपल बिल्कुल टाइट हो गयी थी लेकिन वो खामोशी से बस मज़ा ले रही थी. मज़ा तो मुझे भी आ रहा था. मई भी पूरे जोसे मे उसकी गर्म गर्म छूट मे उंगली अंदर बहेर करने लगा, वो भी बिना डरे. क्यू के मई जान चुका था के सोहना जागी हुई है और उसे भी मज़ा आ रहा है.

पर एक चीज़ थी जो अब भी उस चीज़ की कमी लग रही थी वो था सोहना का खुल कर साथ देना. फिर मैने अपना ट्राउज़र तोड़ा नीचे किया और अपने लंड को बहेर कर के सोहना की हाथ को ले कर अपना लंड उसे पकड़ा दिया.

जैसे ही मेरे लंड उसकी हटो मे गया वो ज्लडी से अपने हटो को पीछे खींच ली और अपनी कमीज़ नीचे कर ली. इस कारण अब वो मेरे सामने खुल गयी के मई समझ गया हू के वो जाग रही है. वो सर्मा कर दूसरी साइड घूम गयी. तब मई उसे पीछे से हग किया और उसकी पेट को सहलते हुए उससे बिल्कुल सात गया.

सोहना तेज़ सांस ले रही थी जो ये साबित कर रहा था के वो पूरी त्रहा से गर्म हो गयी है. इस बात का मुझे पूरा फयडा मिलता दिख रहा था. तो मैने उसके कान मे धीरे से बोला.. “मई जान चुका हू के तुम जाग कर हो और तुम्हारा भी पूरा मॅन है. तो फिर इतना शर्मा क्यू रही हो? तुम घबराव मत हमारे बीच जो होगा वो बस हम दोनो के बीच ही रहेगा”.

ये सुन कर वो मुस्कुरने लगी.

फिर मई उसे सीधा कर के उस पर चाड गया. सोहना अब भी शरम के मारे आँख नही खोल रही थी. पर मई अपना काम आयेज बढ़ते हुए सीधा सोहना के लीप पर अपना लीप रक्खा और उसे किस करना शुरू कर दिया.

अब सोहना भी मेरे किस मे पूरा साथ दे रही थी. दोनो ही एक दूसरे का को होन्ट को निचोड़ कर चूस लेना छाते थे. उसके बाद मई सोहना के गले पर किस करने लगा और अपने दाँत से काटने लगा.

सोहना बेचैन हो रही थी, फिर मई सोहना की कमीज़ को गले तक उठा दिया और उसकी ब्रा को भी उपेर कर के सोहना की चेस्ट का मज़ा लेने लग. मई सोहना की बूब्स चूस रहा था और सोहना मेरे सिर को पकड़ कर अपनी बूब्स चूसा रही थी.

उसके बाद मई सोहना की सलवार को खोल कर उसकी लेग तक उतार दिया. सोहना की छूट बिल्कुल क्लीन थी जिसे देख कर मुझ से रहा नही गया और मई सीधा उसकी छूट पर किस कर लिया जिससे सोहना उछाल पड़ी. फिर मई सोहना की छूट पर अपना मूह रख कर उसकी छूट को चूसने लगा.

सोहना की छूट का पानी बोहट ही टेस्टी लग रहा था. मई उसकी छूट को बिंदास चूस रहा था और उसकी व्हुत की नमकीन पानी को पी रहा था. सोहन भी मेरे सिर को पकड़ कर अपनी छूट पर दबा रही थी. इस बीच सोहना कनपटी हुई झार भी गयी थी.

फिर सोहना मुझे बोली मुझे अब काए ना बर्दस्त नही हो रहा है अब. उसके बाद मई भी अपना ट्राउज़र नीचे किया और सोहना के उपेर लेट गया. मेरा लंड सोहना की छूट पर था और मई उसे उसकी छूट पर रग़ाद रहा था.

सोहना और बेचीन हो रही थी और बार बार मेरे होन्ट की ट्राफ् अपना मूह बढ़ा रही थी. फिर मई उसकी छूट पर अपना लंड सीट किया और अंदर डालने लगा पर बस चलने की वजा से मेरा लंड बहेर निकल जा रहा था.

फिर सोहना खुद ही मेरा लंड को अपनी छूट पर सेट की और मुझे बोली के.. अब डालिए..

फिर मई अपना लंड अंदर की ट्राफ् तेने लगा और मेरा लंड आहिस्ते आहिस्ते पूरा अंदर चला गया. सोहना बस हल्के से आआहह की पर उसे दर्द नही हुआ.

तो मई समझ गया के वो वर्जिन नही है. उसके बाद तो मई अपना लंड तेज़ी से अंदर बहेर करने लगा. मई सोहना की छूट के जुड़ तक अपना लंड झटके मे डाल रहा था और सोहना अपने मूह पर हाथ रख कर मज़े ले रही थी.

फिर मई सोहना के उपेर लेट गया और लंड छूट मे ही था. मई अपने लीप को सोहना के लीप से जोड़ दिया फिर तो हम दोनो पूरे जोश मे अपना काम करने लगा. फिर थोड़ी देर मे मई स्लो हुआ तो सोहना बोली करते रहिए रूकये मत… तो मई उसे बोला करते करते मेरा गिर गया तो?

सोहना बोली कोई बात नही मेरे अंदर ही गिरा डिना पर करते रहो आप बस. फिर तो सोहना मेरे लीप को अपने मूह मे पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और कमर को उठा उठा कर मेरा लंड पूरे अंदर तक लेने लगी.

इस बीच सोहना दो बार झार चुकी. इसी त्रहा 15 मिंट लगातार चूड़ने के बाद मेरा भी माल सोहना की छूट मे धार मरता हुआ गिर गया. और मई सोहना पर ही लेट गया सोहना भी मुझे ज़ोर से पकड़ कर लेती रही.

कुछ पल के बाद हम शांत हुए तो एक दूसरे के बगल मे लेट गये. उस रात मे हम दोनो ने 3 बार सेक्स किए और सोहना ने मेरे लंड को भी चूसा.

तब दोस्तो कैसी लगी मेरी ये स्टोरी अगर आप लोगो को अक्चा लगा हो मेरी स्टोरी पढ़ कर तो मुझे मैल कर ले अपनी राई ज़रूर दे