इरफ़ान और ड्रिंक्स लेने आता है, तो मैं उसके पास गया और उससे पूछा-
मैं: भाई ये लड़की कों है तुम्हारे साथ जो डॅन्स कर रही है?
पहले तो वो घबराते हुए पूछा: जानते हो क्या उसे तुम?
मैने झट से कहा: नही बस बहुत सुंदर है वो, इसलिए पूछा.
फिर उसने कहा: हा भाई मैं भी नही जानता था कुछ देर पहले तक. आज ही जान-पहचान हुई है यहा आके.
फिर मैने कहा: एक बात काहु, बुरा नही मानोगे?
तो उसने कहा: बोलो.
मैने कहा: है काफ़ी सेक्सी भाई. मिल जाए तो लाइफ सेट है.
उसने मुस्कुराते हुए कहा: भाई इस माल को पाटने की कब से कोशिश कर रहा हू. इसकी तो आज लेके है जौंगा यहा से.
मैने कहा: ऐसी बात है तो मुझे भी दिलवा दो.
फिर उसने कहा: ठीक है, मेरा काम बन गया तो फिर तुम ले लेना. वैसे भी मैं तो यहा का नही हू. मैं दुबई से हू. शादी अटेंड करने आया हू. फिर चला जौंगा. मेरे कोई काम की नही, बस आज रात ही काम आएगी.
फिर मैने उससे कहा: मेरे बारे में उसे मत बताना कुछ भी. तुम अपना काम कर लो, फिर मुझे दे देना उसे. मैं कर लूँगा अपना काम.
उसने ठीक है कहा और नंबर लिया मेरा. फिर वो चला गया डॅन्स फ्लोर पे. अब वो मनीषा के सात डॅन्स करने लगा. मैने उसे मेसेज किया की भाई कुछ करो. फिर उसने मेसेज किया-
इरफ़ान: रूम पे ले जौंगा, तुझे आना है तो आजा. पर मेरे बाद तेरी बारी.
तो मैने कहा: मैं देखना चाहता हू कैसे पत्ता के लेगा इसकी तू.
तो उसने कहा: ठीक है, रूम में जाके वीडियो कॉल कर दूँगा, तू देख लेना.
मैं भी मॅन ही मॅन खुश होने लगा, और इंतेज़ार करने लगा. फिर कुछ देर बाद वो मनीषा का हाथ पकड़ के कही जाने लगा. मैं खुश हो गया, की अब मेरे सबर का फल मिलने वाला था मुझे. फिर कुछ देर बाद वीडियो कॉल आई. मैने झट से उठा ली, और अपना ब्लूटूवाय्त लगा के अपने रूम में चला गया जहा हम रुके थे.
वीडियो में अभी कुछ दिख नही रहा था. शायद फोन पॉकेट में था. बस उनकी आवाज़े सुनाई दे रही थी.
मनीषा: कहा ले जेया रहे हो बाबा?
इरफ़ान: अर्रे तोड़ा रिलॅक्स कर लो. तुम्हारे सिर में दर्द है ना, इसलिए.
मनीषा: नही बाबा, मैं ठीक हू. चलो ना कितना मज़ा आ रहा था डॅन्स में.
इरफ़ान: अर्रे नही मेडम, तुम्हारी केर करना मेरी ज़िम्मेदारी है. तुम्हे कुछ हो गया तो फिर मैं कैसे बाय्फ्रेंड कहलवौनगा?
मनीषा: अछा, बाय्फ्रेंड कब बने आप हमारे?
इरफ़ान: बॉय हू, और फ्रेंड भी, तो हुआ ना बाय्फ्रेंड.
मनीषा: कुछ भी (बोल के हासणे लगी).
इतने में डोर खोल के वो लोग रूम में गये.
इरफ़ान ने कहा: फोन चार्जिंग में लगा देता हू.
फिर चार्जिंग में लगाने के बहाने ऐसे रख दिया फोन को, की मुझे सब सॉफ-सॉफ दिखाई दे सके. मनीषा बैठी थी बेड पे, और इरफ़ान भी उसके बगल में जाके बैठ गया. फिर उसने कहा-
इरफ़ान: वैसे तुम हो काफ़ी खूबसूरत हो. तुम्हारा हज़्बेंड काफ़ी लकी है.
मनीषा मुस्कुरा दी, और थॅंक योउ बोल के शर्मा गयी.
इरफ़ान: इतना शर्मा क्यूँ रही हो? लगता है रोज़ रात भर सोने नही देता इतना प्यार करता है तुम्हे (और एक नॉटी सी स्माइल दे दी).
मनीषा: आप भी ना क्या बोलते हो. वैसे आचे है हमारे हज़्बेंड, पर हम रोज़ प्यार नही करते.
इरफ़ान: ऐसा क्यूँ? मैं अगर तुम्हारा हज़्बेंड होता, तो रोज़ रात में क्या, रोज़ दिन में भी तुम्हे एक पल के लिए भी नही छ्चोढता. इतनी हॉट और सेक्सी बीवी किस्मत वालो को ही नसीब होती है यार. काश तुम मेरी बीवी होती.
मनीषा: धात्ट पागल, क्या-क्या बोलते रहते हो.
इरफ़ान: अर्रे सच में यार, प्यार हो गया है तुमसे. इतनी सेक्सी हो, उपर से ये सारी में तुम्हारी कमर. जब से तुम्हे देखा हू, दिलो-दिमाग़ में तुम ही छाई हो. ई आम इन लोवे वित योउ मनीषा.
मनीषा (हस्स के बोली): ई आम मॅरीड. आपको पता है ना?
इरफ़ान: मैं कों सा शादी करने को बोल रहा हू. मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ.
और इतने में फटत से झुक के घुटनो में बैठ के उसने मनीषा को प्रपोज़ किया. मनीषा मुस्कुरा रही थी.
फिर इरफ़ान ने कहा: प्लीज़ मान जाओ, प्लीज़ मान जाओ. मैं तुम्हे बहुत ज़्यादा प्यार करता हू. जान दे दूँगा तुम्हारे लिए.
कही ना कही मनीषा भी यही चाहती थी की इरफ़ान उसके और करीब आए. इतने में मनीषा ने इरफ़ान को उठाया और कहा-
मनीषा: ठीक है बाबा, बन गयी गर्लफ्रेंड, अब खुश?
इरफ़ान: ये हुई ना बात!
ई लोवे योउ मनीषा.
मनीषा: ई लोवे योउ टू.
मनीषा भी अब नशे में थी थोड़ी बहुत. उसे भी इरफ़ान का ऐसा बिहेवियर अछा लग रहा था. इतने में वो मनीषा की आँखों में देखता है, और दोनो एक-दूसरे को देखने लगते है. फिर धीरे-धीरे दोनो एक-दूसरे के होंठ चूसने लगते है.
इतने में इरफ़ान मनीषा के पेट में हाथ फेरने लगता है. फिर एक हाथ से एक चुचि को दबाने लगता है. मनीषा अब पुर जोश में थी, और इरफ़ान भी. अब इरफ़ान मनीषा के कपड़े उतारने लगता है. ब्लाउस के हुक खोल के जब निकाल फेंकता है, तो मनीषा की 34″ की चुचियाँ जो ब्रा फाड़ के बाहर आने को बेताब होती है, देख के इरफ़ान का दिमाग़ घूम जाता है.
वो इतनी हड़बड़ी में ब्रा निकालने लगता है की ब्रा ही फटत जाती है. ब्रा फेंक के इरफ़ान सीधा मनीषा के चुचि को मूह में भर के चूसने लगता है, और अब मनीषा सिर्फ़ एक ब्राउन पनटी में थी. मनीषा अब धीरे से अपना मंगलसूत्रा जो झूलता रहता है, उसे उतार के साइड में रखने के लिए हाथ जैसे ही उपर करती है. इरफ़ान समझ जाता है, और उसे रोक के कहता है-
इरफ़ान: क्या कर रही है जान. ऐसे मत उतार. छोड़ते टाइम जब दोनो चुचियों के बीच मंगलसूत्रा लटकता रहता है, और माँग में सिंदूर रहता है, तब ही छोड़ने में ज़्यादा मज़ा आता है.
मनीषा: आप भी ना, पागल हो. ठीक है, नही उतारते है.
इरफ़ान: तुझे तो मैने देखते ही छोड़ने का मॅन बना लिया था. साली छिनाल, ऐसा गड्राया जिस्म दिखा के मेरे लंड का बुरा हाल करके रखा है.
मनीषा: जो करना है जल्दी करो बाबू, मेरे हज़्बेंड भी ढूंढ़ेंगे मुझे ज़्यादा देर रुकी तो.
इरफ़ान: अर्रे वो क्या ढूंढेगा. आने दो सेयेल को ढूँढ-ढूँढ के. उसे भी पता चले एक असली मर्द से छुड़वा रही है उसकी बीवी आज.
और इतना कह के वो मनीषा के बालों को खींच के पकड़ता है. इतने में उसका मूह खुल जाता है, और मनीषा के खुले मूह में अब इरफ़ान थूक भर देता है अपना, और ज़ोर-ज़ोर से उसके लिप्स चूसने लगता है.
अब दोनो एक-दूसरे को पागलों की तरह स्मूच कर रहे थे. वो कभी गर्दन में, कभी चुचियों को चूस्टा, कभी होंठ, कभी पेट, तो कभी नाभि. अब अपना लंड निकाल के मनीषा के हाथो में थमा दिया उसने. मनीषा का मूह खुला का खुला रह गया ये देख के की इतना बड़ा लंड आख़िर किसी का कैसे हो सकता है.
अब मनीषा उसे चूसने लगती है ज़ोर-ज़ोर से. इरफ़ान मनीषा की पनटी को खींच के फाड़ देता है, और उसे हवा में उठा के अपने नीचे ले आता है घुमा के. अब इरफ़ान मनीषा के दोनो पैरों को अपने कंधे में रख के मनीषा की छूट में थूकता है. फिर अपने लंड को उसकी छूट के लिप्स पे घिसने लगता है.
मनीषा पागलों की तरह सिसकियाँ लेने लगती है: एयाया ह्म्म्म्म उूुुुउउ प्लीज़ अंदर डाल दो बाबू. मॅर जौंगी मैं एयाया, प्लीज़ मैं हाथ जोड़ती हू. प्लीज़ मेरी जान चली जाएगी.
इरफ़ान कहता है: साली छिनाल, रंडी, अब आई ना लाइन पे. साली जल्दी जाने की बात करती है. अपने पति को कॉल कर और बोल आज रात भर रुकेगी यहा. तब जाके अंदर डालूँगा, वरना नही.
और वो मनीषा का फोन उसे थमा देता है. मनीषा झट से मुझे कॉल लगाने लगती है. मैने जान-बूझ के फोन नही उठाया और मेसेज कर दिया उसे की फ्रेंड्स के साथ हू, और बाद में कॉल करता हू.
इतने में उसने मेसेज किया: खाना खा के आप रूम में चले जाना. यहा फ्रेंड्स लोग रुकने को बोल रहे है. मैं सुबह अवँगी.
तो मैने भी उसे मेसेज किया: मैं खा लिया हू, निकल ही रहा था.
अब इरफ़ान कहता है: ये हुई ना मेरी रॅंड.
और अब वो अपने लंड को ज़ोर से मनीषा की छूट में एक झटके में डाल देता है. मनीषा चीख उठती है, और फटत से इरफ़ान उसकी लिप्स को चूसने लगता है, जिससे उसकी चीख उसके मूह में ही डब जाती है.
ऐसे ही वो छोड़ते रहता है तेज़-तेज़ उसे 10 मिनिट तक. फिर कहता है अब घोड़ी बन जेया मुझे तेरी गांद मारनी है. मनीषा माना करती है, लेकिन वो नही सुनता. अब वो अपना 8 इंच का लंड डालने लगता है उसकी गांद में. मनीषा झटपटाने लगती है. इरफ़ान उसे कस्स के पकड़ लिया और बोला-
इरफ़ान: चिल्ला जितना चिल्लाना है.
और वो गांद में थप्पड़ पे थप्पड़ जड़ने लगा और लंड डाल के छोड़ने लगा. अब कुछ देर में मनीषा ने भी चिल्लाना बंद कर दिया और वो भी मज़े से छुड़वाने लगी. ऐसे ही सुबह तक मनीषा की तबाद-तोड़ चुदाई लगी रही. मैं कुछ देर देखने के बाद सो गया.
फिर सुबह मनीषा आई रूम पर और उठाई मुझे. उसने कभी मुझसे शेर नही किया ये सब, क्यूंकी वो भी छुड़वाना चाहती थी इरफ़ान से.
अब मैं नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा मनीषा की और भी बहुत सारी चुदाई के बारे में. तो फ्रेंड्स कैसी लगी आपको मेरी कहानी, मुझे मैल करके बता सकते है, और मेरी बीवी या ये स्टोरी से रिलेटेड कुछ भी पूछना है तो मेरी मैल ईद है PMअनिश2024@गमाल.कॉम.