मेरा नाम विक्रम है. मैं अपनी कहानी का नेक्स्ट पार्ट लेके आया हू. मेरी कहानी के पिछले पार्ट को आप सब ने बहुत प्यार दिया. उसके लिए मैं आपका तहे दिल से आभारी हू. उमीद है आप सब को ये पार्ट भी उतना ही पसंद आएगा.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की मों की डेत के बाद पापा अकेले पद गये थे. फिर रिश्तेदारो की सलाह मानते हुए पापा ने दूसरी शादी कर ली. उन्होने अपने से कम उमर की एक औरत से शादी की, और उसके दीवाने हो गये. उसका नाम रीना था.
लेकिन वो औरत एक फ्रॉड थी, और मेरे पापा को धोखा दे रही थी. जब मैने ये बात पापा को बतानी चाही, तो उल्टा रीना ने मुझ पर चोरी का इल्ज़ाम लगा दिया. पापा ने मेरी एक ना सुनी, और उसकी बात मान ली. फिर रीना ने मुझे तंग करना शुरू किया, और बार-बार मुझे चिढ़ने लगी.
फिर पापा की डेत हो गयी. उनके मरने के कुछ दिन बाद पासा पलटा, जब हमारा लॉयर आया. उसने बताया की पापा ने अपनी सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम पर कर दी थी. ये सुन कर मैं खुश हो गया, और रीना की हवा निकल गयी. अब आयेज बढ़ते है.
रीना लॉयर से बोली: ऐसा कैसे हो सकता है सिर, की इन्होने मेरे नाम कुछ नही किया हो. मैं उनकी बीवी हू.
लॉयर: मेडम मैं जानता हू, लेकिन यही उनकी इक्चा थी.
रीना: ये विल मेरी उनसे शादी के पहले की होगी. लेकिन शादी के बाद ये वालिद नही होगी, क्यूंकी अब मैं भी उनकी फॅमिली का हिस्सा हू.
लॉयर: नही मेडम, ऐसा नही है. ये विल सिर ने 2 महीने पहले बनवाई थी. आप इसको इन्वलिड नही ठहरा सकती.
रीना खड़ी हो गयी, और बोली: वो तो वकील साहब कोर्ट में पता चलेगा. मैं इस विल को अदालत में चॅलेंज करूँगी.
लॉयर: मेडम वो आपकी इक्चा है. आप इसको दुनिया की किसी भी अदालत में चलेंगे करो, रिज़ल्ट सेम ही रहेगा. ये सारी प्रॉपर्टी आंड बिज़्नेस विक्रम सिर का है, और उनका ही रहेगा.
रीना गुस्से से अपने रूम में चली गयी. फिर लॉयर से कुछ बातें करने के बाद मैने उसको वापस भेज दिया. जब वो चला गया, तो मैं रीना के रूम के दरवाज़े की तरफ गया. मैने दरवाज़ा खटखटाया नही, और सीधा अंदर चला गया. रीना किसी से फोन पर यही बात कर रही थी. मुझे ऐसे अंदर आया देख कर उसने फोन बंद किया और बोली-
रीना: तुम्हे तमीज़ नही है, की इस तरह से किसी के कमरे में नही आते.
मैं: हहा, ये घर मेरा है. मैं जब चाहु, जहा चाहे जेया सकता हू. अगर इस घर मैं कोई फ्री का रह रहा है, तो वो तुम हो. तुम्हारे पास कल सुबा तक का टाइम है. कल सुबा के बाद मुझे यहा पर नज़र मत आना. अपना इंतेज़ां करो कही और, और दफ़ा हो जाओ मेरे इस घर से.
रीना: तुम बात कैसे कर रहे हो? ऐसे बात करोगे अपनी मा से?
मैं: मा, कों सी मा. वो मा जिसने मेरे पापा के होते हुए बाहर बाय्फ्रेंड रखा हुआ है, और उसके साथ मेरे पापा के पैसों से ऐश करती है. या वो मा, जिसने खुद को बचाने के लिए मेरे पापा के सामने मुझ पर झूठा इल्ज़ाम लगा दिया, और मुझे चोर बना दिया.
मैं: आज मैं वही करने जेया रहा हू, जो पापा को उसी दिन कर देना चाहिए था. अब तुम्हारे लिए मेरे घर में कोई जगह नही है. तुम यहा से शरीफी से निकल जाओ, वरना धक्के खा कर जाना है, तो उसमे और भी मज़ा आएगा.
रीना चुप थी, और मैं उसको ये सब बोल कर रूम से बाहर आ गया. मैने डिसाइड कर लिया था, की कुछ भी हो जाए, अब तो उसको सड़क पर ला के रहूँगा. मुझे बड़ा अफ़सोस था, की मेरा पापा ने मरने से पहले मुझे चोर समझा, और इसी याद के साथ वो दुनिया से चले गये.
फिर रात हो गयी, और मैने डिन्नर बाहर से मंगवा लिया. मैने रीना को डिन्नर के लिए नही पूछा. डिन्नर करके मैं अपने कमरे में आया, और टीवी देखने लगा. रात एक 9 बाज चुके थे. तभी मेरे रूम का दरवाज़ा नॉक हुआ. मैने आवाज़ देके पूछा-
मैं: कों है?
रीना: मैं हू.
मैं: क्या काम है?
रीना: मुझे तुमसे कुछ बात करनी है. प्लीज़ क्या मैं अंदर आ सकती हू.
मैं: मुझे तुमसे कोई बात नही करनी. मैने अपना फैंसला तुम्हे सुना दिया है. अब कोई भी बात मुझे अपना फैंसला बदलने पर मजबूर नही कर सकती.
रीना: मत बदलना तुम अपना फैंसला, लेकिन एक बात मेरी बात तो सुन सकते हो. सौतेली ही सही, तुम्हारे पापा मुझे तुम्हारे मा बना कर लेके आए थे. यही सोच कर 2 मिनिट डेडॉ मुझे.
मैने सोचा की 2 मिनिट में हो भी क्या जाएगा, तो मैने उसको बोला-
मैं: बस 2 मिनिट, इससे ज़्यादा एक सेकेंड भी नही. आ जाओ.
अब मेरा ध्यान दरवाज़े की तरफ था. जैसे ही दरवाज़ा खुला, और मैने उसको देखा, मेरे तो मूह में पानी आ गया. रीना ने एक रेड कलर की सामने से बाँधने वाली निघट्य पहनी हुई थी. उसके बाल खुले थे, और बिल्कुल काले थे.
उसकी निघट्य नीचे से घुटनो के उपर तक थी, और उपर से गला काफ़ी डीप तक था जिसमे से उसकी क्लीवेज दिख रही थी. अब आप लोग ही सोचिए दोस्तों, जब एक गोरे रंग वाली औरत लाल निघट्य में आती है, तो कों सा लौंडा या मर्द होगा जिसका मॅन नही पिघलेगा.
वैसे भी रीना के जिस्म का तो मैं शुरू से दीवाना था. प्राब्लम सिर्फ़ ये थी, की वो मेरे पापा को धोखा देके किसी बाहर के लड़के के साथ गुलचर्रे उड़ा रही थी. फिर वो अंदर आई.
जब वो चल कर अंदर आ रही थी, तब उसके मोटे-मोटे रसीले बूब्स हिल रहे थे. उसके बूब्स के इस तरह से हिलने से पता चल रहा था, की उसने ब्रा नही पहनी थी. हा पनटी का पता नही चल रहा था. उसको देख कर मेरा तो सारा गुस्सा ही उतार गया. मेरा तो ये हाल था की अगर वो कहती की मुझे मत निकालो घर से, तो मैं उसी वक़्त मान जाता. फिर वो मेरे पास आई, और आके बेड पर बैठ गयी.
इसके आयेज क्या हुआ, ये आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आ रहा हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ जितना हो सके शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए आप सब का धन्यवाद.