प्यासी शिल्पा की चूत चुदाई स्टोरी

ही दोस्तो, मैं लक्ष कुमार हरयाणा से आज आपके लिए एक बहोट ही मसात अपने पहले सबसे मस्त सेक्स संभोग की घटना ले कर आया हूँ. ये कहानी आज से एक महीने पहले हुई घटना के उपेर है.

मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ, की आप को मेरी ये कहानी बहोट ही अची लगेगी और इस पढ़ कर एक बार तो ज़रूर मूठ मरेगें ही. तो चलिए अब मैं अपनी ये कहानी शुरू करता हूँ.

मेरी उमर 23 साल है, और मैं एक पिछले एक साल से बॅंक मे जॉब करता हूँ. बॅंक जॉब करने से मुझे काफ़ी कुछ शीकने को मिला है, मेरी लाइफ सच मे बहोट ही अची चल र्ही है. मेरी सॅलरी भी काफ़ी अची है, जिस वजह से मैं काफ़ी आचे से मोज मस्ती करता हूँ.

मूज मस्ती का मतलब आप साँझ ही स्केट हो. मैं शुरू से चंडीगार्ह की ब्रांच मे जॉब करता हूँ. चंडीगार्ह के बारे मे आप सब को पता ही है, मुझे कुछ बताने की ज़रूरत न्ही है.

मेरे बॅंक मे बड़े से बड़े लोगो का अकाउंट है. ऐसे ही कुछ लोगो से मेरी दोस्ती हो गयइ थी. वो मुझे फोन करके बुला लेते थे, और मैं उनका कॅश ले कर अपने बॅंक मे जमा करा देता था. मेरा काम भी बॅंक मे कस्टमर रेआलतिओं को अछा करता था.

इस काम मे मुझे भी अची ख़ासी कमिशन मिल जाती थी. ऐसे ही मेरी अपने एक क्लाइंट के साथ काफ़ी अची बन चुकी थी. उनका नाम अमित वेर्मा है, उनकी शादी हो र्खी थी. वो चंडीगार्ह मे एक बहोट ही पॉश जगह मे रहते है. मैं उनका अड्रेस आपको न्ही बीटीये स्कता.

उनका एक बहोट अछा बिज़्नेस था, जिसकी वजह से वो ज़्यादातर आउट ऑफ इंडिया ही रहते थे. मैं उनके घर आता जाता रहता था, इसलिए मेरा उसने एक अछा रीलेशन बन चुका था. उनकी वाइफ का नाम शिल्पा था, शिल्पा की उमर 32 साल थी, पर वो साली लगती 26 साल की थी.

उनका एक 8 साल लड़का था, जो हॉस्टिल मे ही रहता था. पिछले महीने मैं अपने ऑफीस मे बैठा अपना काम कर रा था. तभी मेरे पास अमित का फोन आया और उन्होने मुझे घर आने को खा. मैं साँझ गया की ज़रूर पैसे ले कर आना होगा.

मैने अपनी कार उठाई और उनके घर चला गया, मैं उनके आता जाता र्हेता था. इसलिए मैं बिना डोर बेल बजाए सीधा घर के अंदर चला गया. व्हन जाते ही मैने देखा की अमित और शिल्पा मे अची ख़ासी लड़ाई हो र्ही थी. शीपला ज़ोर ज़ोर से छिला कर बोल र्ही थी.

शीपला – हन हन बस तुम्हारा तो ये ही काम है. कसम से कह र्ही हूँ की अब मैं ये सब किसी भी हालत मे बर्दाश न्ही करूँगी.

अमित – मेरा दिमाग़ ना खराब कर तू समझी. जब मैं तुझे कभी न्ही रोकता, तो तू मुझे रोकने वाली आख़िर होती कों है. ये मेरी अपनी पर्सनल लाइफ है, इसलिए मैं ज़ोर चाहूँगा वो मैं करूँगा.

मैं – सिर मैं बाद मे आता हूँ.

अमित – श लक्ष तुम आ गये यार, अछा एक मिनिट रूको बस किन मत जाना. शिल्पा लक्ष को वो पैसे दे दो.

शिल्पा – ठीक है.

अमित – सुनो यार मेडम से पैसे और चेक ले और इसकी फ्द करवा दो टीन साल की ओक.

मैं – ठीक है सिर इसके लिए आपके साइन चाहईीए थे.

अमित – हन क्यो न्ही बतो कहाँ करने है ?

मैने तभी पेपर निकले और अमित ने झट से साइन किए और व्हन से निकल गया. शिल्पा अंदर गयइ और 14 लाख स्चेक और 6 लाख कॅश ले कर मुझे देने लग गयइ. मैं कॅश चेक किया और अपने बेग मे दल कर मैं बोला.

मैं – ओक माँ सब ठीक है, मैं शाम को आपको फ्द बना कर आपको दे दूँगा.

श्लीपा – ठीक है.

फिर मैं अपने बॅंक मे आ गया और उनकी फ्द बना कर मैं शाम को छूटी के बाद शाम को 7 बजे श्लीपा के घर चला गया. व्हन मैने उनके 20 लाख की फ्द दी और वापिस जाने लगा, पर तभी श्लीपा मुझे रोकते हुए बोली.

श्लीपा – रूको लक्ष डिन्नर का टाइम हो गया है, प्लीज़ तुम डिन्नर करके ही जाना ओक.

डिन्नर का टाइम हो ही रा था, इसलिए मैं हन कर दी. फिर मैं फ्रेश हो कर डिन्निंग टेबल पर आ गया. घर मे मैं और श्लीपा ही थे, फिर हम दोनो डिन्नर करना शुरू कर दिया. डिन्नर करते हुए मैं श्लीपा से हिम्मत करके बोला.

मैं – मेडम अगर आप बुरा ना माने तो एक बात पूछूँ.

श्लीपा – लक्ष तुम अब घर के मेंबर जेसे हो. सच कहूँ इतना अमित घर आते जाते न्ही, जितना तुम यहाँ आते हो. जो भी मान मे है पूछो प्लीज़.

मैं – माँ आज कल आप दोनो के बीच काफ़ी लड़ाई हो र्ही है. ऐसी क्या बात है.

शिल्पा – बात कुछ न्ही है, तुम्हारे आयेज ही है. परसो ये आए थे अब ये सिर्फ़ कल मेरे साथ सिर्फ़ रात भर थे. और आज सुबह होते ही ये फिर से 15 दीनो के जापान मे चले गये है.

मैं – तो क्या हुआ अब उनका काम ही ये है ना माँ.

शिल्पा – माना मैने ये काम है पर मैं एक औरत हूँ. मुझे भी उनका साथ चाहईीए. मुझे उनका टाइम चाहईीए मुझे साँझ न्ही आता की वो मेरे साथ ऐसा क्यो कर र्हे हो. मेरी भी कुछ इचा है जो कभी पूरी न्ही होती.

लक्ष मेरा भी बहोट मान करता है, रात को मैने अपने पति के सीने पर सिर र्ख कर आराम से सो जौन. पर अमित के पास मेरे लिए टाइम ही न्ही होता है. वो तो बस मुझे पैसे देते र्हेटे है, अब भला क्या पैसो का मैं क्या करूँ. जो खुशी मुझे चाहईीए, वो क्या मैं नोट पर छापे गाँधी से पूरी करूँ.

मैं – आप शी कह र्ही हो माँ.

शिल्पा अब तक पूरी च्चिड चुकी थी, आज वो अपने मान की सारी बातें मेरे सामने र्खने वाली थी. इसलिए वो नों स्टॉप ट्रेन की तरह शुरू हो चुकी थी.

शिल्पा – अब तुम ही बतो मैं ग़लत हूँ या वो. उनका चाकर मुझसे काफ़ी जवान लड़कियो के साथ है. वो पैसे दे कर पूरी पूरी रात जवान जवान लड़कियो के साथ सेक्स करते है. एक बार तो मैने उनके ऑफीस के बेडरूम मे उन्हे ऑफीस की टीन लड़कियो के साथ नंगा पड़का हुआ है.

पर वो मेरी शराफ़त है की मैं उन्हे कुछ न्ही कहती. पर वो जब मुझे कहते है, की मैं भी किसी लड़के से अपना चाकर चला लून. ये मुझे बुरा लगता है, भला मैं केसे अपने पति को धोका दे स्काती हूँ. ये मेरे संस्कार न्ही है.

मैं – आपने उन्हे इस बारे समझाया न्ही है ?

शिल्पा – मैने उन्हे बहोट समझाया है, पर वो मुझे कहते है. की ये आज कल नॉर्मल है तुम भी करो मैने कॉन्सा तुम्हे रोका है. वो कहते है की जेसे मैं एक साथ टीन या चार लड़कियो के साथ करता हूँ. वेसए ही तुम भी दो या टीन लड़को के साथ करो.

उनकी ऐसी बातें सुन कर मेरा दिमाग़ खराब हो जाता है. इसलिए मैं शांत हो कर बैठ जाती हूँ, और अपनी किस्मत पर रोटी हूँ. क्योकि मुझे चाहईीए की जो प्यार वो बाहर की रंडियो को देते है. उस प्यार का तोड़ा सा हिस्सा भी वो मुझे दे दे तो मुझे काफ़ी अछा लगेगा.

दोस्तो मैं सच कह रा हूँ, शिल्पा की बातें सुन कर अब मेरा लंड खड़ा हो चुका था. मुझे लग रा था, की आज ज़रूर ये शिल्पा मेरे साथ कुछ ग़लत कर स्काती है. इसलिए मैं डिन्नर करके जल्दी से व्हन से निकालने की सोची और मैं व्हन से निकल भी लिया.

रात को मैने अपने घर जा कर शीपला के बारे मे सोच कर मूठ मार कर सो गया. फिर मैं उठा तो मैने देखा की रात को 3 बजे शिल्पा का मेसेज आया हुआ था, की ऑफीस जाने से पहले घर आ जाना. मुझे लगा की पैसे देने होंगे, फिर 7 बजे फिर से शिल्पा का फोन आया.

और उसने खा की आने से पहले मेरे पास होते आना. मैं सुबह ऑफीस जाने से पहले उसके घर चला गया. शिल्पा ने मुझे 50000 रुपए और एक बॅंक अकाउंट नंबर दिया, और मुझसे बोली.

शीपला – देखो लक्ष ये पैसे इस अक्कोनूट मे जमा करके मुझे फोन कर देना. पर याद रहे की इस बारे मे अमित और किसी को पता न्ही चलना चाहईीए समझे.

मैं – ठीक है माँ आप फिकर ना कीजिए.

उसके बाद मैं अपने बॅंक मे गया, मैने वो अक्कोनूट नंबर देखा तो वो मेरे बॅंक का एक अक्कोनूट था. मैने उसकी ट्रॅन्सॅक्षन देखी तो उसमे बहोट सारी बड़ी बड़ी अमौत की थी. मैने जब उसके होल्डर का नाम देखा तो मेरी गंद फाट गयइ.

क्योकि वो अक्कोनूट चंडीगरह के माले एस्कॉर्ट जिगलो का था. मुझे समझते देर न्ही लगी की शीपला क्या चाहती है. मेरा लंड खड़ा हो चुका था, अब तो मैं बस शिल्पा को छोड़ने के बारे मे सोच रा था.

मुझे लगा की अब तो छाए जो हो जाए मैं शिल्पा को छोड़ कर ही मानूँगा. मैने एक आइडिया सोचा, की मैं ये पैसे इस अक्कोनूट मे जमा न्ही करता. मैं हाफ दे मे अपने ऑफीस से च्छुटी ले कर सीधा शिल्पा के घर चला गया.

क्योकि मुझे पता था, की शीपला जिगलो का वेट कर र्ही होगी. मैने डोर बेल बजाई शिल्पा ने भाग कर डोर ओपन किया. जब उसने मुझे देखा तो वो पूरी तरह से हैरान हो गयइ. पर जब मैने शीपला को देखा तो मैं पागल हो गया.

दोस्तो इसे आयेज क्या हुआ केसे हुआ, ये आपको इसी कहानी के अगले पार्ट मे ज़रूर बटुंगा. आपको अब तक मेरी ये कहानी पढ़ कर केसा लगा प्लीज़ मुझे ज़रूर बताना. [email protected]