पति के सीनियर ने चूत और गांद चोदी

हे फ्रेंड्स मेरा नाम अनु है, और मेरी उमर 38 साल की है. मेरा फिगर साइज़ 38-32-36 है, और मैं शादी-शुदा और 2 बच्चो की मा हू. मेरे पति का नाम राकेश है, और उसकी उमर 45 है.

मैं अपनी कहानी इसलिए आपको सुनना चाहती हू, क्यूंकी मैं आज तक किसी को अपनी कहानी सुना नही पाई. इसलिए मेरा बोझ हल्का हो, तो आप सब को अपनी कहानी बता कर खुद को हल्का फील करना चाहती हू.

मेरे पति कार शोरुम में सेल्समन की जॉब करते है, और उनको अपने काम का बहुत प्रेशर रहता है. सुबा 10 बजे से लेके रात को 8 बजे तक उनकी ड्यूटी रहती है, और घर वापस आते-आते उनको 9 बाज जाते है. अपनी जॉब के प्रेशर की वजह से उनको ड्रिंक करने की आदत भी पद चुकी है, तो वो घर आते ही तोड़ा पी कर, फिर खाना खा कर सो जाते है.

उनको बस सनडे को टाइम मिलता है मेरे साथ टाइम स्पेंड करने को. शादी के पहले 2 साल तक तो हमने खूब मज़े किए. फिर शायद वो मेरे से बोर हो गये, या काम का प्रेशर था इसकी वजह से उन्होने मुझे टाइम देना कम कर दिया.

मेरी सेक्स की वासना खुद ज़्यादा थी. शुरू से ही जवान मर्द को देख कर मेरी नीयत बिगड़ जाती थी. लेकिन शादी-शुदा होने के कारण मैं खुद को कंट्रोल कर लेती थी. पर मैं कितना कंट्रोल करती? और पति ने भी टाइम देना छ्चोढ़ दिया था. दिन भर अकेले रहती थी, तो फ़ेसबुक पे लड़कों से तोड़ा बात करके तोड़ा फ्लर्ट करती थी, ताकि दिल लगा रहे.

तो एक दिन मेरे पति और उसके सीनियर अचानक से मेरे घर आ गये. मैने सिल्क निघट्य पहनी थी, और अंदर ब्रा भी नही पहनी थी. तो मेरे निपल्स दिख रहे थे निघट्य में से. जब मैने डोर खोला, तो उनके सीनियर्स को देख के मेरा मॅन मचल गया.

वो काफ़ी स्मार्ट थे, और काफ़ी जवान भी थे. वो 28 साल की उमर का था, और उसका शरीर भी काफ़ी सख़्त था. जिम करता था शायद. अची ख़ासी बॉडी और मर्दाना लुक थी उसकी. उसको देख कर मैने स्माइल की. फिर मैं अंदर किचन में चली गयी, और वो दोनो बैठ कर दारू पीने लगे.

मैने किचन में उनके लिए पकोडे बनाए दारू के साथ खाने के लिए. फिर जब मैं उनको पकोडे देने गयी, तो उसकी नज़र मेरे चूचियों पर थी, और वो काफ़ी आचे से मेरी चूचियों को निहार रहा था. ये देख कर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर थोड़ी देर बाद शायद मेरे पति को नशा हो गया. तो वो वही सोफे में सो गया. फिर वो लड़का आया किचन में. मैं किचन में खाना बना रही थी. वो लड़का भी नशे में था, और उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया.

मुझे लगा की मेरे पति होंगे. पर उसके सख़्त शरीर से मुझे कुछ डाउट हुआ. वो मेरी चूचियाँ दबा रहा था, और पीछे से अपना मोटा लंड मेरी गांद में घिस्स रहा था.

फिर मैने बोला: तुम ये सब क्या कर रहे हो?

पर मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था. मैने आचे बनने का नाटक किया था, और वो मुझे गर्दन पे चूमे जेया रहा था, और एक हाथ से मेरे चूचे दबा रहा था. अपने दूसरे हाथ से मेरी पनटी पे छूट के उपर सहला रहा था, और मेरी गांद में अपना मोटा सा लंड से घिस रहा था.

मेरी छूट गीली हो चुकी थी. मैं उसको जितना माना कर रही थी, वो उतने ही मज़े से ये सब कर रहा था. इसलिए मैं जान-बूझ कर माना कर रही थी. वो भी वासना की आग में था. फिर उसने मुझे सीधा अपनी तरफ घुमाया, और मेरे होंठ चूमने लगा पागलों की तरह.

फिर मेरी पनटी को साइड करके छूट पर उंगली फेरने लगा. मैं पागल हो चुकी थी. मेरी छूट से गरम-गरम पानी तपाक रहा था. उसने अपनी पंत खोली, और अपना लंड बाहर निकाल लिया. फिर उसने मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया. उसका लंड काफ़ी मोटा और बड़ा था. मैं उसका लंड देख कर पागल हो गयी.

मेरे मूह से पानी आने लगा. मेरा दिल तो कर रहा था, की पकड़ के मूह में लेलू. पर मैं अची बनने का नाटक कर रही थी. फिर उसने मेरी निघट्य उतरी, और मेरी चूची को चूसने लगा. मैं पागल हो गयी. इतना मज़ा तो आज तक मेरे पति ने भी कभी नही दिया था चूस-चूस कर. पर मेरी चूचियाँ काफ़ी ढीली थी, तो वो उनको उठा-उठा कर चूस रहा था.

फिर उसने मुझे नीचे बिताया, और अपना मोटा सा लंड मेरे होंठो पे मारने लगा. उसके लंड से मर्दाना स्मेल आ रही थी. मैं उसे चूसने के लिए बेताब हो रही थी. फिर उतने में उसने ज़ोर लगा कर मेरे मूह में अपना मोटा लंड तूस दिया.

मैं पागलों की तरह उसके लंड को चूसने लगी. वो मेरे बाल पकड़ कर मेरा मूह छोड़ने लगा. मैं उसका लंड चील-चील कर चूस रही थी रंडी की तरह. उसने फिर मुझे उठाया, और गांद में दो छानते लगाए, और मेरी गांद और छूट एक साथ में चाटने लगा.

इतने में मैं झाड़ चुकी थी. फिर वो मेरी छूट में अपने लंड से थप्पड़ मारने लगा, और सीधे मेरी छूट में लंड डालने लगा. उसका लंड इतना मोटा था, की मेरी चीख निकल गयी. उसके 4-5 झटकों में मैं फिरसे झाड़ गयी. पर वो रुका नही. वो मुझे कुत्ते की तरह छोड़ रहा था. मेरे बाल पकड़ कर वो मेरी छूट मार रहा था.

फिर उसने मेरी गांद में थूक कर गीला किया, और गांद में लंड रगड़ने लगा. मैने कभी गांद नही मरवाई थी. पति के इतने कहने पर भी मैने कभी अपने पति को गांद नही मारने दी. पर इसको मैं माना नही कर पाई.

इसने मेरी गांद में लंड का टोपा लगाया, और ज़ोरदार तरीके से गांद में डालने की कोशिश की. मेरी दर्द से चीख निकल गयी. फिर उसने मेरा गला पकड़ा, और गांद में अपना लंड पेल दिया. शुरू-शुरू में मुझे काफ़ी दर्द हुआ, पर मेरे अंदर इतनी गर्मी थी की वासना की वजह से दर्द अब मज़े में बदल गया था.

उसने खूब तेज़ी से मेरी गांद मारी और सारा माल मेरे मूह में फेंक दिया. मैं रंडी की तरह उसका माल चाट रही थी, जब की मैने आज तक अपने पति का लंड भी आचे से चूसा नही था. उस रात उसने मुझे 3 बार छोड़ा. फिर सुबा की 3 बजे वो निकल गया.