ऑनलाइन मिली असंतुष्ट भाभी को चोदने की कहानी

ही दोस्तों, मैं फ़राज़ टीचर एक बार फिर हाज़िर हू एक और स्टोरी के साथ. अगर आप मुझे नही जानते तो आपने मेरी पुरानी कहानियाँ नही पढ़ी होंगी. तो पहले मेरी पिछली कहानियाँ पढ़े, और अगर आपको मेरी स्टोरीस पसंद आई हो, तो मुझे मैल भी करे. पर मुझे ज़रूर बताए, क्यूंकी मुझे इंतेज़ार रहेगा.

एक बार फिर इंट्रो करवा देता हू. मैं हू फ़राज़, आगे 30, फ्रॉम कराची कोरांगी 6 से, और ये स्टोरी है की कैसे मैने हॅपन अप पर मिली भाभी को पटाया और उनको अपनी रॅंड बनाया. तो फ्रेंड्स जैसा की आप जानते हो की मैं अपनी स्टूडेंट्स की चुदाई कर रहा था, और मज़े से लाइफ गुज़ार रहा था.

लेकिन वक़्त बदलता गया, और मेरा ये रंगीन वक़्त भी ख़तम हो गया क्यूंकी स्टूडेंट्स के एग्ज़ॅम्स ख़तम हो गये थे, और अब वो दोनो मुझे छोढ़ के चली गयी थी. क्यूंकी सहर फॅमिली के साथ लाहोर शिफ्ट हो गयी थी और शुमैला की शादी हो गयी थी. तो अब मैं वापस अपने हाथ के सहारे जी रहा था.

1-2 महीने ऐसे ही गुज़र गये. लेकिन अब छूट की तलब बढ़ती जेया रही थी, और मैं आ गया था हंटर मोड पर. मैने अलग-अलग सोशियल मीडीया अप पर हंट स्टार्ट कर दिया, लेकिन नाकाम रहा.

एंड में हॅपन अप पर ट्राइ करा, और वाहा मिली मुझे इस स्टोरी की हेरोयिन फरहत जिनकी आगे 35 थी, स्टेटस मॅरीड, दिखने में बिल्कुल सैफ अली ख़ान की बेटी सारा अली जैसे.

अब मॅच तो हम हो गये थे, लेकिन मसला था की उनको लाइन पर कैसे लाया जाए. हमने नॉर्मल छत से स्टार्ट करा, और आहिस्ता-आहिस्ता हमारी दोस्ती बढ़ती गयी. उनके हब्बी गारमेंट फॅक्टरी में काम करते थे, और वो सुबा 8 से रात 9 तक फॅक्टरी में ही रहते थे. भाभी बल्कुल अकेले रहती थी घर पे.

1 महीने में हमारी बॉनडिंग बहुत अची हो गयी थी, और वो मुझ पर ट्रस्ट करने लग गयी थी. वो अपनी हर बात मुझसे शेर करते थी. हम डेली 5-6 घंटे छत करते थे, और अब मैं उनकी हेल्प करना भी शुरू हो गया था.

मई उनको मार्केट ले जाता, कभी उनको भूख लग रही होती तो बाहर से उनके लिए खाना ले जाता, और हम उनके घर में साथ में खाते. अब वो मेरे साथ घुल-मिल गयी थी, और मेरे सामने दुपट्टा भी नही लेती थी.

एक दिन हम ऐसे ही छत कर रहे थे, और मैं बहुत हॉर्नी था. तो मैने ट्राइ मारने की सोची, और एक सेक्स क्लिप उनको सेंड कर दिया. फिर मैं वेट करने लगा, उनके रिप्लाइ का. लेकिन कोई रिप्लाइ नही आया और व्हातसपप पर से ड्प भी हट गयी. मैने उस दिन बहुत कोसा अपने नसीब को, की क्यूँ मैने ये छूतियापा मारा, और वापस सोशियल मीडीया पर आ गया.

2-3 दिन गुज़र गये, और एक दिन मेरे पास फरहत का मेसेज आया “ही”. मैं बहुत खुश हुआ और साथ-साथ मैने क्लिप के लिए सॉरी बोला.

उन्होने बोला: इट’स ओक. मैने ज़्यादा ओवर रिक्ट कर दिया था. एक क्लिप ही तो था.

अब मुझे रास्ता क्लियर होता नज़र आ रहा था. मैने आहिस्ता-आहिस्ता उनसे सेक्स रिलेटेड बातें करनी शुरू कर दी. पहले तो वो माना कर देती थी, लेकिन आहिस्ता-आहिस्ता उन्होने भी खुलना स्टार्ट कर दिया था.

और अब वो मुझे बताती थी की किस कलर की ब्रा पहनी थी उन्होने, या उन्होने हब्बी के साथ कैसे-कैसे सेक्स करा, और कहा-कहा करा. मैने भी उनको खूब चढ़ाया की इतनी प्यारी लड़की हो, तो कंट्रोल कर भी कैसे सकता था उनका हब्बी.

इस्पे उनका रेस्पॉन्स आया की “उस छूतिए को तो मेरी कदर नही. सारा दिन फॅक्टरी में मरवाता है, और घर आके सो जाता है. और मैं खीरे और मूली से काम चलती हू”.

मैने भी झट से ऑफर कर दी की “अगर इतनी प्यासी हो तो मैं आ जाता हू”. जिसका जवाब सुन कर मैं सातवे आसमान पर चला गया. जो की ये था “आज नही, जिस दिन मूड हुआ उस दिन बतौँगी”.

और उस दिन से मेरी धड़कन तेज़ थी की कब आएगा वो दिन. फिर 4 दिन बाद वो दिन आ ही गया. सुबा 10 बजे के टाइम मुझे फरहत की कॉल आई की “फ़राज़ क्या आप घर आ सकते हो, कुछ काम है?”

फिर मैं झट से बिके लेके उनके घर पहुँच गया नसीर जंप पर. उफ़फ्फ़ वाइट सलवार-कमीज़ और ब्लॅक ब्रा मैं क्या माल लग रही थी वो. दिल कर रहा था की अभी छोड़ डू, लेकिन मैने कंट्रोल करा जज़्बात पर.

फिर हमने घेर में जाके छाई-नाश्ता करा, और मैने पूछा की, “हुकुम करे फरहत जी, क्या काम है मेरे लिए?”

तो उन्होने कहा “वही काम है जिसके लिए आप तरस रहे हो”. और ये कह कर वो मेरी गोद में बैठ गयी, और मेरे होंठो को अपने होंठो में दबा के चूसना स्टार्ट कर दिया.

उफफफ्फ़ क्या मस्त किस थी. हम दोनो की ज़ुबान की लड़ाई में मज़ा ही आ गया. अब मैं उनको गोद में उठा के उनके बेडरूम में ले गया, और उनको बेड पर बिता के उनकी कमीज़ उतार दी.

उफफफ्फ़ क्या लग रही थी वो ब्लॅक ब्रा में. मेरा 6 इंच का लंड देख के ही 90 डिग्री पर हार्ड हो गया था. मैने उनकी ब्रा भी उतार दी, और उनकी सलवार भी. अब मैं उनके पैरो में था, और एक टाँग कंधे तक उठा के उनका थंब सक कर रहा था, और वो दूसरे पैर से मेरा लंड सहला रही थी.

उफ़फ्फ़ क्या मज़ा आ रहा था. अब मैं आहिस्ता-आहिस्ता उनका पैर चूमता हुआ उपर आ रहा था. फिर मैने उनकी राणो को चूमा, लोवे बीते दिए, और उनकी छूट पर आ गया. अब वो बिन पानी मछली की तरह तड़प रही थी, और ऑश एसस्स उफफफ्फ़ उफफफफ्फ़ की आवाज़े निकाल रही थी. और मैं ज़ुबान से उनकी छूट को छोड़ रहा था.

उनसे रहा ना गया, और उन्होने भी मुझे लिटा के मेरा लंड मूह में लेके चूसना स्टार्ट कर दिया. अब हम 69 पोज़िशन में थे, और इसी पोज़िशन में हम एक-दूसरे को 5 मिनिट तक चूस्टे रहे और एक-दूसरे के मूह में डिसचार्ज हो गये. दोनो ने सारा कम पी लिया एक-दूसरे का. बहुत ही मज़ेदार था.

अब मैं उनको पेट पर किस कर रहा था, और अब उनके बूब्स पर मैने एक-एक करके उनके दोनो निपल्स चूज़. वो हाथ से मेरा लंड सहलाते रही जब तक खड़ा नही हो गया. फिर मैने पोज़िशन संभाल ली थी, और एक गोल तकिया उनकी गांद के नीचे सेट करके लंड एक ही झटके में उनकी छूट में डाल दिया.

अब मैं लगातार ज़ोरदार झटके मार रहा था, और वो नशे में ज़ुबान बाहर निकाल के मज़े ले रही थी. इसी पोज़िशन में मैने उनको 10 मिनिट तक छोड़ा, जिसमे वो एक और बार झाड़ चुकी थी. और अब मैने उनको मेरे उपर बिता लिया.

उफफफफ्फ़, क्या सीन था. जब वो मेरा लंड छूट में लेके जंपिंग कर रही थी. वो पूरा उपर जाती, और झट से नीचे आ जाती. उफफफफ्फ़, ऐसा मज़ा मुझे स्टूडेंट्स को छोड़ने में भी नही आया था, जो शादी-शुदा भाभी में था.

हम कोबाय स्टाइल में लगातार चुदाई करे 15 मिनिट, और इस बीच मैं उनके बूब्स से खेलता रहा, और एंड में हम दोनो साथ में डिसचार्ज हो गये. तो वो निढाल होके मेरे उपर गिर गयी. फिर हमने 1 घंटा रेस्ट करी, और इसी बीच भाभी ने पूछा की मेरे स्टाइल से मैं वर्जिन नही लगता.

तो मैने उनको अपनी स्टोरी बताई, जिसपे वो इंप्रेस हो गयी और रिक्वेस्ट करी की मैं हमारी भी स्टोरी लिखू. मैने उनसे वादा करा और लीप किस कर दी. उसके बाद मैं उनको उठा के बातरूम ले गया, जहा हम दोनो साथ में नहाए, और मैने उनको एक बार और छोड़ा.

उसके बाद भाभी मेरी दीवानी हो गयी थी, और जब भी उनका मॅन होता तब-तब मैं उनको छोड़ता. एक दिन किसी मदारचोड़ ने खिड़की से हमे देख लिया, और उसके हज़्बेंड को बता दिया, और रातो-रात उनका मिया उनको लेके कही चला गया.