नाना ने मेरी गंद मे घुसाया लोडा

हेलो दोस्तो, मेरा नाम रवि है. मई आपके सामने अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट मे आपने पढ़ा था, की मई अपनी फॅमिली के साथ डिसेंबर की विंटर वाकेशन्स मे अपने नाना के घर गाओं मे गया था.

वाहा मैने नाना को उनके घर की नौकरानी कमला के साथ रोमॅन्स करते देखा. फिर नाना ने अपने रोमॅन्स को जस्टिफाइ किया, और मुझे अपनी और कमला की चुदाई दिखाने दूसरे घर मे ले गये. वो चाहते थे, की मई भी चुदाई सीख लू, और कमला के साथ अपना खाता खोलू.

फिर मैने उनकी और कमला की चुदाई देखी. चुदाई के बाद कमला वापस चली गयी, और अब मई और नाना जी सोफा पर आमने सामने बैठे थे. अब आयेज-

नाना जी: कैसा लगा?

मई: ठीक था.

नाना जी: सिर्फ़ ठीक? अर्रे इतनी कमाल की औरत थी.

मई: ह्म सिर्फ़ देखने से क्या होता है.

नाना जी: सीधा बोल ना करना है तुझे. कल मई उससे तेरे लिए बात करूँगा. बस कल तू तैयार रहना.

मई: ओक.

फिर हम दोनो घर आ गये. घर आके मई सोचने लगा, की मुझे कमला के लिए सेक्स वाली फीलिंग क्यू नही आ रही थी. देखने मे तो कमला अची भी थी, और सेक्सी भी. मेरे फ्रेंड्स भी ऐसी ही औरतो को देख कर मज़ा लेते थे. मई इस चीज़ को लेके कन्फ्यूज़ था.

मेरे दिमाग़ मे सिर्फ़ एक ही चीज़ के ख़याल आ रहे थे, और वो था नाना जी का लंड. चुदाई के दौरान भी मई उनके लंड को देख कर ही रोमांचित हो रहा था. मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा था, और मई यही सोचते-सोचते सो गया.

अगली सुबा फिरसे वही सब रिपीट हुआ. हम लोग 10 बजे घर से निकले, और दूसरे घर मे चले गये. कमला वाहा आई, और नाना जी उसको बोले-

नाना जी: कमला आज तुझे मेरे शेर का लंड लेना है. इसने पहले कभी किसी लड़की को नही छोड़ा, तो तू इसको सिखाएगी.

कमला ये सुन कर मेरी तरफ देखने लगी, और मुस्कुराने लग गयी. उसने आज पिंक कलर का सलवार-सूट पहना था. फिर वो मेरे करीब आई, और मुझे गले से लगा लिया. उसने अपने होंठ मेरे होंठो से चिपकाए, और मुझे किस करना शुरू कर दिया. मई भी उसका साथ देने लगा.

फिर उसने मेरे हाथ पकड़े, और अपनी गांद पर ले गयी. उसकी गांद काफ़ी मोटी थी, और सॉफ्ट भी थी. मैने उसकी गांद को दबाना शुरू कर दिया, लेकिन पता नही मुझे कल वाली फीलिंग क्यू नही आ रही थी.

फिर वो मेरी पंत के उपर से मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी. जब उसने मेरे लंड पर हाथ रखा, तो वो बोली-

कमला: कहा है?

मई: यही तो है.

कमला: खड़ा नही हुआ?

मई: पता नही.

तभी कमला ने मेरी पंत खोल कर नीचे की, और मेरे लंड को हाथ मे लेके मसालने लगी. उसके मसालने के बाद भी मेरा लंड खड़ा नही हुआ. फिर वो नाना से बोली-

कमला: साब इसका तो खड़ा ही नही हो रहा.

नाना जी ये सुन कर तोड़ा परेशान हो गये. फिर वो 5-10 सेकेंड्स सोचने के बाद बोले-

नाना जी: लगता है इसको तू पसंद नही आई.

कमला: मई पसंद नही आई? अर्रे इस जैसे छ्होकरे मेरे सामने लाइन लगा कर खड़े रहते है, और मेरी लेने के लिए तड़प्ते है.

नाना जी: देख ले, इसका तो लंड भी नही खड़ा किया गया तेरे से.

ये सुन कर कमला चुप हो गयी, और मेरी तरफ देखने लगी. फिर नाना जी बोले-

नाना जी: चल आजा मई तो छोड़ू तुझे.

फिर नाना जी ने कमला को पकड़ लिया, और उसको घोड़ी बना कर उसकी छूट छोड़नी शुरू कर दी. उन दोनो की चुदाई देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. नाना जी कमला को छोड़ते हुए बार-बार मुझे ही देख रहे थे. लगता है वो मेरे खड़े लंड को नोटीस कर रहे थे.

फिर नाना जी ने मुझे इशारा किया, उनके पास जाने का. मई उनके पास चला गया. फिर उहोने मेरा खड़ा लंड हाथ मे लिया, और मुझे आयेज करके मेरा लंड कमला की छूट मे डाल दिया. उसके बाद उहोने मुझे धक्के मारने के लिए कहा.

मैने धक्के मारने शुरू कर दिए, लेकिन 5-10 सेकेंड मे ही मेरा लंड बैठ गया. ये देख कर नाना जी ने मुझे पीछे कर दिया, और खुद कमला को छोड़ने लग गये. 30 मिनिट मे उनकी चुदाई ख़तम हो गयी, और नाना जी ने कमला को पैसे देके भेज दिया.

फिर नाना जी मेरे पास आके बैठ गये. नाना जी अभी भी नंगे थे, और मई सिर्फ़ शर्ट मे था. मेरा ध्यान नाना जी के लंड पर ही था. फिर नाना जी ने मुझसे पूछा-

नाना जी: चुदाई कैसी लगी?

मई: ठीक थी.

नाना जी: मेरा लंड कैसा है?

मई: बहुत अछा.

मैने बड़े रोमांच से ये जवाब दिया था. फिर नाना जी बोले-

नाना जी: अछा तेरे फ्रेंड्स कितने है?

मई: बहुत सारे है. लेकिन 5 बेस्ट फ्रेंड्स है.

नाना जी: ओक. और गर्लफ्रेंड?

मई: नही गर्लफ्रेंड नही है.

नाना जी: दोस्तो की भी नही?

मई: नही उन सब की तो गर्लफ्रेंड है.

नाना जी: ओक.

फिर नाना जी ने मेरी जाँघ पर हाथ फेरना शुरू कर दिया. इससे मेरे बदन मे हुलचल होने लगी. मैने जब नाना जी की तरफ देखा, तो वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रहे थे. पता नही क्यू मुझे मज़ा आ रहा था. फिर नाना जी ने पूछा-

नाना जी: कैसा लग रहा है?

मई: अछा लग रहा है. बॉडी मे गुदगुदी हो रही है.

फिर नाना जी आयेज बढ़े, और उन्होने मेरे गाल पर किस कर दिया. उनके किस करने से मेरा लंड हरकत करने लगा, और नाना जी ने ये देख लिया. फिर नाना जी ने मेरा मूह पकड़ा, और अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिए.

जैसे ही उन्होने ये किया, मेरा लंड खड़ा हो गया. वो मेरे होंठ चूसने लगे, और मुझे भी मज़ा आने लग गया. मई उनको रोक नही रहा था, क्यूकी मुझे अछा लग रहा था. फिर उन्होने अपना एक हाथ मेरे लंड पर रखा, और उसको खड़ा देख कर बोले-

नाना जी: अर्रे, ये तो खड़ा हो गया.

फिर नाना जी ने मेरे लंड को मसलना शुरू कर दिया. मेरे मूह से आहें निकलनी शुरू हो गयी, और मेरे जिस्म मे हुलचल मचने लगी. नाना जी ने फिरसे मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए, और मेरे लंड को ज़ोर-ज़ोर से मसालने लग गये.

5 मिनिट वो लगातार मेरे होंठ चूस्टे रहे, और मेरा लंड मसालते रहे. फिर 5 मिनिट बाद मेरे लंड ने सफेद पानी की पिचकारी छोढ़ दी. मुझे इतना मज़ा और सुकून लाइफ मे कभी नही मिला था. अब मुझे थकान फील होने लगी, और मई सोफा पर ही लेट गया.

फिर थोड़ी देर बाद हम दोनो ने अपने कपड़े पहने, और घर चले गये. रास्ते मे नाना जी ने मुझसे पूछा-

नाना जी: मज़ा आया.

मई: जी बहुत आया.

नाना जी: और मज़ा करना चाहोगे?

मई: जी नाना जी.

नाना जी: चलो कल करते है.

मई: ओक.

अगले दिन फिरसे हमने नाश्ता किया, और 10 बजे घर से निकल गये. वाहा पहुँचने के बाद नाना जी मुझे बेडरूम मे ले गये. वाहा जाके नाना जी बोले-

नाना जी: चल अपने सारे कपड़े उतार दे.

मैने झट से अपने सारे कपड़े उतार दिए, और बेड पर बैठ गया. फिर नाना जी ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए, और मेरे पास आके लेट गये. नाना जी बोले-

नाना जी: आज लेट यहा मेरे पास .

मई नाना जी के पास लेट गया. अब हम दोनो के नंगे बदन एक-दूसरे से चिपके हुए थे, और मेरा लंड इससे दोबारा खड़ा हो गया था. मेरा फेस नाना जी की तरफ था, तो नाना जी ने मुझे किस करना शुरू कर दिया.

मैने भी नाना जी का पूरा साथ दिया. नाना जी मुझे किस करने के साथ-साथ मेरी गांद सहला रहे थे. उनका लंड भी खड़ा हो चुका था, और मेरे लंड से टकरा रहा था. मेरा लंड तो उनके लंड के सामने ऐसा था, जैसे शेर के सामने चूहा हो.

फिर कुछ देर किस करने के बाद नाना जी ने मुझे सीधा किया, और मेरे उपर आ गये. उन्होने मेरे निपल्स चूसने शुरू कर दिए. मुझे बहुत मज़ा आने लगा, और मेरे मूह से सिसकिया निकालने लगी.

फिर उन्होने मुझे उल्टा किया, और मेरी गांद चाटने लगे. उन्होने मेरे चूतड़ खोले, और मेरी गांद के छेड़ को जीभ लगा कर चाटने लगे. फिर उन्होने पूछा-

नाना जी: कैसा लग रहा है रवि?

मई: मज़ा आ रहा है नाना जी.

फिर थोड़ी देर गांद चाटने के बाद वो मेरी गांद पर ही बैठ गये, और अपना लंड मेरी गांद के चियर मे रगड़ने लगे. मेरी आहें तेज़ हो रही थी. फिर उन्होने अपना लंड मेरी गांद के छेड़ पर सेट किया, और ज़ोर का धक्का मारा.

इससे मुझे बहुत दर्द हुआ, और मई बोला-

मई: नाना जी ये आप क्या कर रहे हो?

नाना जी: बेटा लंड तेरी गांद मे डाल रहा हू. तुझे तोड़ा दर्द होगा, लेकिन उसके बाद मज़ा आएगा

मई: नही नाना जी, मुझे ये नही करना है.

ये सुनते ही नाना जी को गुस्सा आ गया. वो बोले-

नाना जी: तू गान्डू है सेयेल. इसलिए कल कमला के सामने तेरा खड़ा नही हुआ. अब तू गांद ही मरवा सकता है.

ये बोल कर उन्होने एक ज़ोर का धक्का मारा, और उनके लंड का टोपा मेरी गांद मे चला गया. मेरी दर्द से जान निकालने लगी. फिर नाना जी मेरे उपर लेट गये, और धक्के देते रहे. मई दर्द से आ आ करते रहा, लेकिन इसका नाना जी पर कोई असर नही हुआ.

1 मिनिट के धक्को के बाद, नाना जी का पूरा लंड मेरी गांद मे था. नाना जी लंड डाल कर रुक गये, और मेरी पीठ पर किस करने लगे. जब मई शांत हुआ, तो नाना जी ने हल्के-हल्के धक्के देने शुरू किए. 3-4 मिनिट मेरा दर्द मज़े मे बदल गया, और मई मज़े भारी सिसकिया लेने लगा.

नाना जी समझ गये थे, की अब मुझे मज़ा आ रहा था. वो मेरे उपर से उठे, और उन्होने मुझे घोड़ी बना लिया. फिर उन्होने मेरे गांद मे लंड डाला, और ज़ोर-ज़ोर के धक्के देने लगे. उनके धक्को से ठप-ठप की आवाज़े आ रही थी, और वो मेरी गांद पर थप्पड़ भी मार रहे थे.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, और मई उनको ज़ोर से करने को बोल रहा था. मेरे लंड का 2 बार पानी निकल चुका था. फिर 20 मिनिट उसी पोज़िशन मे छोड़ने के बाद, नाना जी ने मुझे सीधा किया, और मेरे उपर आ गये.

उन्होने मेरी टांगे पूरी मोड़ दी, और मेरी गांद मे लंड डाल कर छोड़ने लग गये. वो साथ-साथ मुझे किस भी कर रहे थे, और मेरे मूह पर थप्पड़ भी मार रहे थे. मुझे इतना मज़ा पहले कभी नही आया था. मई नाना जी को ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने के लिए बोल रहा था.

फिर 15 मिनिट उसी पोज़िशन मे छोड़ने के बाद, वो मेरे मूह पर आ गये. उन्होने अपना लंड मेरे मूह मे डाल दिया, और धक्के देने लग गये. मई अब साँस भी नही ले पा रहा था, लेकिन मुझे मज़ा बहुत आ रहा था.

नाना जी ने साथ मे मेरा लंड पकड़ लिया, और उसको मसलना शुरू कर दिया. 5 मिनिट मे उन्होने अपने लंड का पानी मेरे मूह मे निकाल दिया, और मेरे लंड का भी पानी निकल गया. अब वो मेरे उपर ही लेट गये, और हम दोनो किस करने लग गये. फिर नाना जी बोले-

नाना जी: बेटा तू गान्डू है. इसलिए औरतो को देख कर तेरा खड़ा नही होता. . जब दिल करे तू मुझसे . लिया करना.

मई: ठीक है नाना जी

आज मुझे मेरी सच्चाई पता चल गयी थी. उस दिन के बाद से जब तक मई नाना के घर रहा, मैने उनसे अपनी गांद .. उसके बाद से मई अलग-अलग . का लंड ले रहा हू.

तो ये थी मेरी कहानी दोस्तो. अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो उसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.