कहानी जिसमें मकान मालकिन को मिला गंदी चुदाई का मज़ा

भाभी जी की बुरी तरह से ठुकाई हो चुकी थी। उनका दो-तीन बार पानी निकल चुका था। अब मैंने भाभी जी की टांगे पकड़ कर उन्हें आगे की ओर खींच लिया, और फिर मैं थोड़ा आगे झुक कर भाभी जी के मुंह में लंड सेट करने लगा।

“रोहित जी, ये क्या कर रहे हो?”

“अब आपके मुंह मे डालूंगा।”

“नहीं रोहित जी। मुझे अच्छा नहीं लगता।” “भाभी जी चुदाई में सब करना अच्छा लगता है। आप करो तो सही।”

“नहीं यार रोहित जी, मैंने कभी नहीं किया। बहुत गन्दा लगता है ये सब।”

“कुछ भी गन्दा नहीं लगता भाभी जी। आप एक बार कोशिश तो करो।”

“नहीं रोहित। आप तो रहने दो।”

भाभी जी मान नहीं रही थी। फिर बड़ी मुश्किल से मैंने भाभी जी को लंड चूसने के लिए पटाया। अब मैंने भाभी जी के मुंह में लंड रखा। अब भाभी जी आराम से मेरा लंड चूस रही थी।

“ओह भाभी जी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह ऐसे ही चूसो।”

भाभी जी धीरे-धीरे उनकी जीभ मेरे लंड पर घुमा रही थी।

“भाभी जी, क्या आप भी बच्चों की तरह कर रही हो। ज़ोर-ज़ोर से चूसो ना।”

तभी भाभी जी ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को चूसने की कोशिश करने लगी। लेकिन भाभी जी से सही तरीके से लंड चुसाई का काम नहीं हो पा रहा था।

फिर मैंने भाभी जी का मुंह पकड़ा, और झमाझम भाभी जी के मुंह में लंड पेलने लगा। अब मेरा लंड फूल स्पीड में भाभी जी के मुंह में अंदर-बाहर हो रहा था।

“ओह भाभी जी आहाहा बहुत मज़ा आ रहा है। आह बहुत दिनों के बाद आज मुझे इतनी ख़ुशी मिल रही है, आह्ह।”

मैं गांड हिला-हिला कर भाभी जी को चोद रहा था। भाभी जी के मुंह को बजाने में मुझे अलग ही मज़ा मिल रहा था।

“आह्ह ओह भाभी जी।”

फिर मैंने बहुत देर तक भाभी जी के मुंह में लंड पेला। अब मैं वापस भाभी जी की टांगो में आ गया और भाभी जी को वापस ऊपर सरका दिया।

अब मैंने फिर से भाभी जी की चूत में लंड पेल दिया और भाभी जी की ताबड़-तोड़ ठुकाई करने लगा। भाभी जी की दर्द भरी सिसकारियां फिर से कमरे गूंजने लगी।

“आहा आह्ह सिससस्स आह्ह ओह उन्ह सिसस्ससस्स, आहा”

“ओह भाभी जी। अब मैं तो गया।”

तभी मैंने भाभी जी को ज़ोर से कस लिया और फिर भाभी जी की चूत को मेरे लंड के पानी से भर दिया। अब मैं पसीने में लथ-पथ होकर भाभी जी से लिपट गया। भाभी जी ने मुझे बाहों में कस लिया। फिर हम दोनों बहुत देर तक ऐसे ही पड़े रहे।

“ओह भाभी जी अब जाकर मेरे लंड को थोडी शान्ति मिली है।”

“हां रोहित जी बहुत भूखे लग रहे थे आप।”

“हां भाभी जी।”

“जब तक कोई नहीं आता तब तक आपकी भूख मिटा लो रोहित जी।”

आज भाभी जी मेरे ऊपर बहुत ज्यादा मेहरबान हो रही थी। तभी मैंने फिर से भाभी जी के होंठों को चूसना शुरू कर दिया। मैं कस कर भाभी जी के होंठों को चूस रहा था।

ऑउच्च पुच्च पुच्च ऑउच्च आवाज़ों से भाभी जी का बैडरूम फिर से गूंज रहा था। फिर मैंने भाभी जी के होठ चूस कर भाभी जी के बोबों को जा लपका। अब मैं भाभी जी के बोबों को दबा कर चूसने लगा।

“ओह भाभी जी आहा बहुत ही रसदार आम है आपके। उन्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”

मैं सबड़-सबड़ कर भाभी जी के बोबों को चूस रहा था। भाभी जी के बड़े-बड़े बोबे बड़ी मुश्किल से मेरे मुंह में आ रहे थे। मुझे तो भाभी जी के बोबों के साथ खेलने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

“ओह भाभी जी आहा बहुत ही गज़ब के चुचे है। उन्ह भाभी जी।

मैं भाभी जी के रसीले बोबों को बुरी तरह से झंझोड़ रहा था। भाभी जी मेरे बालो में हाथ चला रही थी।

“ओह रोहित जी सिसस्ससस्स उंह ओह आह्ह। बससस्स ऐसे ही चूसो।”

“हां भाभी जी।”

भाभी जी के बोबों को चूसने में मुझे जन्नत का सुख मिल रहा था। मैं भाभी जी के बगीचे को जम कर लूट रहा था। भाभी जी आज उनके बगीचे को मेरे हवाले कर चुकी थी। फिर मैंने बहुत देर तक भाभी जी के बोबों को चूसा।

फिर मैंने भाभी जी को पलट दिया। अब भाभी जी की गजराई पीठ और सेक्सी फुली हुई गांड मेरे लंड के सामने थी। तभी मैं भाभी जी के ऊपर चढ़ गया, और भाभी जी के मज़बूत कंधो और कलाइयों पर ज़ोरदार किस करने लगा। अब मैंने भाभी जी के बलाऊज और ब्रा को खोल फेंका। तभी भाभी जी को सुरसुरी होने लगी।

मैं भाभी जी के कंधो और कानों को चूम रहा था। फिर मैं भाभी जी की चमचमाती हुई पीठ पर ज़ोरदार किस करने लगा। भाभी जी की पीठ पर किस करने में मुझे अलग ही मज़ा आ रहा था। मैं भाभी जी के कंधों को भी चूम रहा था। भाभी जी आहें भर रही थी।

“उन्ह आह आह ओह उन्ह आह ओह उन्ह।”

इधर मेरा लंड भाभी जी की गांड में घुसने की कोशिश कर रहा था। भाभी जी को मैंने अच्छी तरह से दबा रखा था। मैं भाभी जी के जिस्म को कस कर मसल रहा था।

अब मैं भाभी जी की पीठ पर किस करता हुआ उनकी सेक्सी गांड पर आ गया। फिर भाभी जी के चूतड़ों पर ताबड़-तोड़ किस करने लगा। अब भाभी जी इधर-उधर हिलने लगी। लेकिन मैंने भाभी जी को अच्छी तरह से दबोच रखा था।

“ओह भाभी जी आह्ह! बहुत ही सेक्सी चूतड़ है आपके आहा।”

भाभी जी के गौरे चिकने चूतड़ो पर किस करने में मुझे जन्नत का सुख मिल रहा था। मैं तो पागल सा हो रहा था। फिर मैंने भाभी जी की गांड पर बहुत देर तक किस किया। अब मैंने भाभी जी को पलट कर सीधा कर लिया। मैंने फिर से भाभी जी के बोबों को लपक लिया और ताबड़-तोड़ भाभी जी के बोबों को चूसने लगा।

“ओह भाभी जी आह्ह बहुत ही शानदार चुचे है, आह्ह।”

मैं भाभी जी के बोबों को बुरी तरह से चूस रहा था। भाभी जी के बोबे चूसने से बहुत शांति मिल रही थी। फिर भाभी जी के बोबे चूस कर मैं भाभी जी की टांगो में आ गया और उनकी टांगो को फैला कर भाभी जी की गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया।

अब मैं भाभी जी की चूत को चाटने लगा। मुझे भाभी जी की चूत चाटने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैं भूखे कुत्ते की तरह भाभी जी की चूत चाट रहा था। भाभी जी अब चुप-चाप मेरे बालों को सहला रही थी। वो शांतिपूर्वक चूत को चटवा रही थी। तभी धीरे-धीरे भाभी जी की चूत में खलबली होने लगी।

“ओह आह्ह सिससस्स आह्ह ओह रोहित जी। आह्ह सिसस्ससस्स उन्ह।”

अब भाभी जी की चूत के सुरसुरी हो रही थी। तभी भाभी जी बेड शीट को मुट्ठियों में कसने लगी।

“ओह रोहित जी। उन्ह सिससस्स ओह आराम से।”

मैं तो भाभी जी की चूत का जम कर मज़ा ले रहा था। मुझे भाभी जी की चूत चाटने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभी जी बहुत ज्यादा गर्म हो रही थी। अब भाभी जी को खुद को कंट्रोल करना ही मुश्किल हो रहा था।

“ओह रोहित जी उन्ह सिसस्ससस्स।”

तभी भाभी जी की चूत में उबाल आ गया और उनकी चूत से गरमा-गरम सफ़ेद माल बाहर आने लगा। अब मैं भाभी जी के पानी को चाट रहा था। भाभी जी के पानी को चाटने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

“ओह रोहित जी आह्ह।”

अब भाभी जी मेरे बालों को पकड़े हुए उनकी चूत चटवा रही थी। वो पसीने में भीगी हुई थी। मैं भाभी जी की चूत को सबड़-सबड़ कर चाट रहा था। मैंने बहुत देर तक भाभी जी की चूत चाटी।

फिर मैंने भाभी जी की टांगो को फैला दिया, और भाभी जी की चूत में लंड ठोक दिया। अब मैं भाभी जी की जम कर ठुकाई करने लगा। भाभी जी फिर से मेरे लंड के कहर को झेलने लगी।

“आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह ओह सिसस्ससस्स आह्ह।”

मैं भाभी जी की टांगे पकड़ कर उन्हें जम कर चोद रहा था। आज मेरा लंड रुकने का नाम नहीं ले रहा था। मेरा लंड भाभी जी के जिस्म के कतरे-कतरे को हिला रहा था।

“आह्ह सिससस्स आह्ह ओह रोहित बहुत बुरी तरह से ठोकते हो आप, आहाहा।”

“मेरा लंड ही ऐसा है भाभी जी। मैं भी क्या करूं?”

“पता नहीं आपके लंड को शिवानी कैसे झेलते होगी?”

“उसे तो आदत हो गई है भाभी जी। कुछ महीनों के बाद आपको भी आदत हो जायेगी।”

मैं गांड हिला-हिला कर भाभी जी की चूत में लंड पेले जा रहा था। भाभी जी भी जम कर चूत में लंड ठुकवा रही थी। भाभी जी को पूरी नंगी करके चोदने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर मैंने भाभी जी को ऐसे ही बहुत देर तक बजाया।

अब मैंने भाभी जी से मेरे ऊपर आने के लिए लेकिन भाभी जी मना करने लगी।

“ओह रोहित जी, आप तो ऐसे ही कर लो ना।”

“ऐसे तो बहुत कर लिया मैंने भाभी जी। अब तो आप भी तो अपना अनुभव दिखाओ। मैं भी तो देखूं आपने कितना कुछ सीख रखा है?”

“चलो है ठीक है आती हूं मैं।”

तभी भाभी जी मुस्कुराती हुई मेरे ऊपर चढ़ गई, और मेरे होंठों को खाने लगी। भाभी जी धीरे-धीरे बहुत ज्यादा चुदासी हो रही थी, अब वो मेरे होंठो को रगड़ कर चूस रही थी। तभी ऑउच्च पुच्च पुच्च की आवाज़ों से भाभी जी का बैडरूम गूंज रहा था।

फिर भाभी जी मेरी चेस्ट पर टूट पड़ी और जम कर किस करने लगी। मैं भाभी जी की गदराई पीठ को सहला रहा था। भाभी जी भूखी शेरनी बन चुकी थी।

भाभी जी को देख कर लग रहा था कि शायद भाभी जी की चूत बहुत टाइम से प्यासी थी। तभी भाभी जी को आज अपनी हवस मिटाने का पूरा मौका मिल रहा था।

फिर भाभी जी किस करती हुई मेरे लंड पर आ गई और अब भाभी जी मेरे लंड से खेलने लगी। वो बुरी तरह से मेरे लंड को मसल रही थी।

“ओह रोहित जी बहुत ही गज़ब का लंड है आपका तो। आह्ह मज़ा आ गया।”

“अब से मेरे लंड को आप ही समभालोगी भाभी जी।”

“हां-हां क्यों नहीं। अब से आपके लंड को समभालने की जिम्मेदारी मेरी है। मैं बहुत अच्छे से सेवा करुंगी इसकी।”

भाभी जी कस कर मेरे लंड को मसल रही थी। भाभी जी को मेरा लंड कसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर भाभी जी ने मेरा लंड बुरी तरह से मसल डाला। अब भाभी जी झुक गई और मेरे लंड को चूसने लगी।

“आह्ह भाभी जी बहुत अच्छा लग रहा है। आह्ह ऐसे ही चूसो। ओह सिससस्स।”

भाभी जी लबालब मेरे लंड को चूस रही थी। भाभी जी को मेरा लंड चूसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। भाभी जी को देख कर लग रहा था कि भाभी जी को भी लंड की सख्त ज़रूरत थी।

“ओह भाभी जी आप तो बहुत तगड़ी खिलाड़ी निकली। आह्ह बससस्स ऐसे ही चूसती रहो, आह्ह।”

भाभी जी मेरे लंड को चूस-चूस कर लोलीपोप बना रही थी। भाभी जी की थूक से मेरा लंड पूरा भीग चूका था। इधर दीवार पर लगी तस्वीर से भाईसाहब उनकी स्वीटहार्ट को मेरा लंड चूसते हुए देख रहे थे।

फिर भाभी जी ने बहुत देर तक मेरे लंड को चूसा।

कहानी जारी रहेगी…। आपको मेरी कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके ज़रूर बताये