मैडम की चुदाई, और कॉलेज का चुदाई सिस्टम

रेखा: कुत्ते, मादरचोद तू गार्ड को यह बोल कर आया कि रेखा मैडम को चोदने जा रहा हूं?

मैंने दोनों हाथों से उसके कमर को पकड़ कर अपनी ओर खींचा। वो बहुत कसमसाती रही। फिर भी मैंने उसे बहुत चूमा।

मैं: मेरी प्यारी रेखा रानी, मैं उतना बुद्धू नहीं कि खुद ही अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारूंगा। मैंने उससे इतना ही कहा कि किसी ने मुझे चोदने के लिए बुलाया है। लेकिन मैंने किसी का नाम नहीं लिया। रानी विश्वास रखो, जीभ काट लूंगा, लेकिन कभी किसी को यह मालूम नहीं पड़ेगा कि मैंने रेखा सिंह को चोदा है।

रेखा फिर प्यार से लंड को सहलाने लगी थी। रेखा ने गार्ड के बारे में पूछा तो मैंने बता दिया कि रात की ड्यूटी में बनबारी था। रेखा सभी गार्ड के बारे में जानती थी।

रेखा: कॉलेज के सभी गार्ड बहुत हरामी है। यहां कॉलेज में 56 टीचर है। दूसरे काम करने वालों को भी मिला लें तो कुल मिला कर 120 लोग यहां काम करते हैं। सभी 56 टीचर कॉलेज कंपाउंड में ही रहते हैं। साथ में 22 स्टाफ़ भी रहते हैं। और अमित, तुम विश्वास नहीं करोगे, 15 टीचर के घरों की औरतों को छोड़ कर सभी की सभी कॉलेज के स्टूडेंट्स से चुदवाती हैं।

रेखा: तुम्हारे जैसे बढ़िया चोदने वाले कुछ ही लड़के होंगे, लेकिन औरतें बढ़िया चुदाई के लिए नहीं चुदवाती है, वे स्टूडेंट्स से बढ़िया क़ीमत लेने के लिए चुदवाती है। जिस औरत को बाहर होटल या दूसरे अड्डे पर 500 भी नहीं मिलेगा, वैसी औरतों को चोदने के लिए तुम लोग 2-3 हज़ार देते हो।

रेखा: 4 साल पहले बनबारी ही नहीं दूसरे गार्ड भी मेरे पास खुशामद करने आए थे कि मैं भी उनकी रंडी हो जाऊं। लेकिन मैंने सभी को गाली देकर भगा दिया। सभी गार्ड के पास कम से कम 10 माल तो है ही। तुम जिस उम्र की माल चाहोगे बनबारी या दूसरे गार्ड ला देंगें। तुम्हारे रुम में ही माल आ जायेगी।

मैंने रेखा को बहुत चूमा, चूची दबायी। मैं जानता तो था फिर भी मैंने पूछा।

मैं: रंडियों को रुपया मिलता है, लेकिन गार्ड को क्या फायदा होता है?

रेखा: हरामियों को कमिशन मिलता है। जितना रंडियों को दोगे, उसका 10% तुम्हें गार्ड को भी देना पड़ेगा। ये मादरचोद, रंडियों से भी कमीशन लेते हैं।

मैंने बूर को जोर से मसला।

मैं: मुझे हर हमेशा यही प्यारी रंडी चाहिए। रेखा, मैं विनोद या शेखर जैसा बहुत अमीर नहीं हूं। लेकिन अगर मैं कभी आपके किसी काम आ सका तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी।

रेखा: मुझे बहुत ख़ुशी है कि मैं तुम्हारी पहली रंडी हूं। लेकिन तुम अपनी मां को चोदने से पहले और भी दूसरी रंडियों को चोद कर चुदाई का पूरा एक्सपीरियंस ले लो। याद रखो, हर औरत को तुम एक तरह से ही खुश नहीं कर सकते। सभी की पसंद अलग-अलग होती है। मुझे तुम्हारे लंड का धक्का ही पसंद है। अभी चार भी नहीं बजे। मुझे एक बार और चाहिए लेकिन इस बार मैं तुम्हें चोदूंगी।

रेखा की बातें सुन कर मुझे लगा कि मुझसे ज़्यादा भाग्यशाली और कोई नहीं। रेखा ने मुझे सोफ़ा पर लेटने के लिए कहा। मैं लेट गया।

रेखा: पिछले 4 घंटे से ज़्यादा तुम मुझे परेशान कर रहे हो। अब किसी शरीफ़ बच्चे जैसे चुप-चाप लेटे रहो और अपनी मां को तंग मत करो। तुम्हारी मां का नाम क्या है?

मैं: इंदिरा।

रेखा: अब से तुम्हारे लिए मैं रेखा नहीं तुम्हारी मां इंदिरा हूं। या तो मुझे मां कह कर पुकारो, या फिर इंदिरा कहो, रेखा नहीं। अब चुप-चाप लेटे रहो और मां जो कर रही है उसे करने दो।

मैं लेटा रहा और रेखा ने पांव से लेकर माथे तक मेरे अंग-अंग को चूमा। जांघों पर, लंड पर, छाती पर, और आख़िर में मेरे मुंह पर चूचियों को खूब रगड़ा। दोनों निपल्स को चुसवाया भी और चूची चुसवाते समय बार-बार मुझे बेटा, प्यारा बेटा बोलती रही। उसने ऐसा क़रीब 20 मिनट किया, और उसके बाद मेरी कमर के दोनों तरफ़ एक-एक पांव को रख कर खड़ी हो गई।

रेखा: बेटा, लंड जैसा टाईट है वैसा ही रहना चाहिए। तेरी मां की बूर को बेटे का यह मस्त लंड बहुत पसंद आयेगा।

अपनी ख़ूबसूरती को बिखेरती हुई रेखा मेरी आंखों के सामने थी। औरत के बदन में कहीं भी ढीलापन नहीं था। अरविंद सर इस औरत को 11-12 साल से चोद रहे थे, और पहली ही मुलाक़ात में इसने मुझसे चुदवा लिया। रेखा ने दोनों घुटनों पर हाथ रखा और धीरे-धीरे नीचे होने लगी। मैं यह सोचता रहा कि इस खूबसूरत औरत ने पहली ही मुलाक़ात में मुझसे क्यों चुदवाया?

(उस दिन ही शाम को अमित ने रेखा का पांव छू कर उससे बात करने, उसके घर आने की इच्छा प्रकट की। ऐसा नहीं कि कॉलेज के दूसरे लड़कों ने रेखा से पहले बात नहीं की हो। अक्सर पार्टियों में, कॉलेज के कार्यक्रम में लड़कों से बात होती थी। लेकिन अक्सर पति, अरविंद साथ रहता था। 8 साल में यह पहला मौक़ा था जब किसी लड़के ने उससे बात करने की, उसके घर आने की इच्छा जताई।

रेखा ने भी पहली ही बार किसी लड़के से उसके होस्टल के बारे में पूछा था। रेखा को अमित की हिम्मत बहुत पसंद आई जब उसने सिर्फ़ अपने होस्टल का ही नाम नहीं, रुम नंबर भी बता दिया। फिर वो बिना कुछ बोले वहां से चल दी। थोड़ी ही दूर जाकर उसने घूम कर देखा तो पाया कि अमित उसे ही घूर रहा था।

रेखा ने सही अंदाज़ा लगाया कि अमित 5 फ़ीट 10 इंच लम्बा है और उसका वजन 70-72 किलो होगा। अमित के चौड़े कंधे और उभरी हुई छाती से अंदाज़ा लगाया कि ये लड़का स्पोर्ट्स में भाग लेता है। अचानक उसे याद आया,

“अरे, ये तो कॉलेज का स्वीमिंग चैम्पियन है।”

और यह याद आते ही रेखा के चेहरे पर मुस्कुराहट दौड़ गई। रेखा ने फ़ैसला कर लिया कि वो भी चोरी का गुड़ खा कर देखेगी। घर आई तो उसने दवाई का बक्सा खोला। स्लीपिंग पिल्स को देख कर खुश हो गई। रात का काम ख़त्म कर जब नौकरानी जाने लगी तो 200 रुपये के साथ एक गुलाबी पन्ने पर लिखा हुआ चिट दिया और धीरे से बोली,

“रमा, मेरी इज़्ज़त तेरे हाथ में है। लड़के जब खाना खा रहे हो तब ये चिट रुम में डाल देना।” रमा ने जवाब दिया, “दीदी, आप जब यहां नहीं रहती है तो आप की जगह मुझे ही संभालना पड़ता है। हर रात अरविंद साहब चोदते हैं। आप आराम से चुदवाओ, किसी को कभी खबर नहीं होगी।”

रेखा को पहली बार मालूम हुआ कि उसका पति इस शादी शुदा औरत को सालों से चोद रहा था।

एक तरफ़ रमा ने किसी और से रुम में चिट रखवाया और दूसरी तरफ़ रेखा ने रात का खाना खिलाने के बाद पति को कॉफी के साथ नींद की गोली खिला दी।)

मैंने बहुत सोचा लेकिन उसे समझ नहीं आया कि कैसे एक बार बात करने पर ही रेखा ने सिर्फ़ घर ही नहीं बुलाया, 5 घंटे के अंदर तीसरी बार चुदाई कर रही थी। तभी रेखा की आवाज़ ने उसकी सोच को डिस्टर्ब कर दिया।

रेखा: बेटा अमित, किस की सोच में खोये हो? बहन को बाद में पटा कर चोदना, देख अभी तेरी मां इंदिरा की मस्त चूत तेरे लंड को चूमने वाली है, लंड को मां की चूत के अंदर जाने दे, चोद अपनी मां को।

अमित ने ध्यान से देखा। घुटनों पर हाथ रखे हुए रेखा बैठती जा रही थी। उसने जांघों को ऐसा फैलाया था कि बूर की फांक खुल गई थी। अंदर का रसीला गुलाबी माल देख कर लंड पहले से भी ज़्यादा टाईट हो गया। अमित ने लंड को जड़ से पकड़ कर सीधा रखा।

अमित: आजा मेरी प्यारी मां, ये तेरा बेटा किसी कुत्ते की तरह अपनी कुतिया मां की बूर में लंड पेलने को बेक़रार है। तेरी हरामजादी बेटी को मैं क्या चोदूंगा। उस कुतिया की पिल्ली अनीता को भाई का जवान लंड नहीं, बाप का ढीला लंड ही पसंद है। तेरी प्यारी बेटी अपने बाप से ही चुदवा रही है, लेकिन मां तू चिंता मत कर, तेरी बूर की गर्मी निकालने के लिए तेरा ये बेटा अमित ही काफ़ी है।

रेखा की ख़ूबसूरती और मस्त बदन के नशे में मदहोश होकर अमित ने वो बात कह दी जो उसे नहीं कहनी चाहिए थी। जैसे ही बूर की ओंठ ने लंड को छुआ, रेखा ने ज़ोर से नीचे की ओर धक्का मारा। बूर लंड को निगलती चली गई।

अमित: हरामजादी, तूने मेरा लंड तोड़ डाला। उफ़ रेखा, तुम शायद स्वर्ग की अप्सरा से भी ज़्यादा खूबसूरत हो।

रेखा ने दोनों हाथों से अमित की छाती को पकड़ लिया था और बूर को अब लंड के उपर नीचे कर रही थी।

रेखा: अमित, सच-सच बताओ, क्या तुम कोई वशीकरण मंत्र जानते हो? पहली बार मुझसे बात की और 8 घंटा भी नहीं गुजरा तुम मेरे अंदर घुस गये। अब मैं तुम्हारे अरविंद सर को क्या मुंह दिखाऊंगी। 12 साल से एक ही आदमी से चुदवा रही थी तुम्हारे साथ की पहली मुलाक़ात ने मेरा धर्म भ्रष्ट कर दिया।

रेखा की आंखों में एक दुख था लेकिन गालों की लाली बता रही थी कि उसे बहुत मज़ा आ रहा था।