मा जैसी मौसी की चूत फिर से फाडी

हेलो फ्रेंड्स, मैं अभिषेक लास्ट 4 यियर्ज़ से सेक्स स्टोरीस पढ़ता हू. और मेरी लाइफ में सूब कुछ चेंज हो गया है. इसलिए आपके साथ शेर करना चाहता हू.

मेरे घर में मेरी मों और मेरी मौसी रहते थे, और मेरे पिता जी रेलवे में काम करते थे. मगर जब मैं 6 साल का था तब उनकी डेत हो गयी थी. मेरे पिता जी बहुत अयाश आदमी थे. उन्होने दारू और रंडी-बाज़ी के चक्कर में गाओं में मेरे चाचा और मामा लोगों को फ़ससा कर उनकी ज़मीन बेची थी, और पैसे उड़ा दिए थे.

इसलिए हमारे कोई रिश्तेदार हमसे बात नही करते थे. पिता जी की डेत के बाद मों को इंडियन रेलवे में उनकी जगह जॉब मिली थी, और मेरी मौसी तब से हमारे साथ रहती थी. उनको उनके पति ने बच्चा ना होने के कारण छ्चोढ़ दिया था. तो वो हमारे यहा ही एक कॉलेज में झाड़ू लगाने का काम करती थी.

मैं ग्रॅजुयेट हो कर जॉब के इंटरव्यू दे रहा था, तब कोविद-19 आ गया. मैं मुंबई के नज़दीक थाने में रहता था, जो हॉस्पोट बन चुका था. तभी मेरी मौसी और मम्मी दोनो को कोविद हो गया, और उसमे मेरी मों की डेत हो गयी. अब मौसी और मैं ही एक 10 बाइ 10 के रूम में रहते थे. मैं रात भर रोता रहता था. फिर आहिस्ता-आहिस्ता मैने खुद को संभाल लिया था.

मेरी मौसी बहुत मोटी थी. 46-42-46 उनका फिगर था, और बचपन से मैं उन्हे मा ही बुलाता था. मेरी नीयत उनपे कभी खराब नही थी. तो मैं उनके बारे में ऐसे कुछ ग़लत नही सोचता था. बुत मों के जाने के बाद मैं मौसी के बहुत ज़्यादा करीब आ गया था. एक छ्होटे से घर में हम दोनो ही थे, और पहले से ही घर में प्राइवसी जैसी कोई चीज़ ही नही थी.

क्यूंकी एक रूम में बातरूम, वो भी कमर तक दीवार, और वही एक छ्होटा सा किचन था. अब मैं और मौसी रोज साथ में ही सोते थे, और वो मेरे सामने ही कपड़े बदला करती थी. मैने कभी इतना ध्यान नही दिया था. बुत लॉक्कडोवन् में पॉर्न की आदत ने मेरा दिमाग़ खराब किया था.

मुझे मों की जगह नौकरी मिल गयी थी, बस लेटर और पोस्टिंग का वेट कर रहा था, और मों के इन्षुरेन्स और प्फ के बहुत पैसे अक़् गये थे. बुत मैने मौसी को वो बताया नही था. बस नौकरी के बारे में बता दिया था. ऐसे लॉक्कडोवन् खुलने के बाद जेब में पैसे होने के कारण मुझे भी दारू की लत लग गयी थी.

मैं रोज़ रात को दारू पी कर घर आया करता था. एक दिन मैने मेरे दोस्त को बोला की मुझे लड़की चाहिए छोड़ने के लिए. तो वो मुझे एक जगह लेके गया और 1500₹ में एक रंडी बुलाई. मैं उसे छोड़ना ही चालू कर रहा था की उतने में पोलीस की राइड हो गयी और हमे पोलीस पकड़ कर ले गयी. घर पर फोन करके पोलीस ने मौसी को पोलीस स्टेशन बुलाया.

मा अपने कॉलेज के एक सिर को लेकर आई. उन्होने पहचान निकाल कर मेरी सरकारी नौकरी बचाने के लिए बिना केस के मामला रफ़ा-दफ़ा करवाया. मौसी मुझे लेकर घर आ गयी, और बहुत दांता. मैने उनसे माफी माँगी, पर उन्होने मुझे बहुत सुनाया और मुझसे कहा-

मौसी: तेरी पोस्टिंग आने दे. मैं तेरी शादी करवा दूँगी. तब तक तू घर से बाहर नही निकलेगा.

मैने झट से कहा: मैं अभी शादी नही करूँगा.

तो उहोने फिरसे कहा: क्या फिरसे रंडियों को छोड़ने जाएगा?

मैं नशे में था, तो झट से मूह से निकल गया: छोड़ा कहा था अभी. चालू ही कर रहा था तब पोलीस आ गयी.

टू उन्होने मुझे एक कान के नीचे बजाई. मुझे बहुत गुस्सा आया और मैं उनके उपर चढ़ गया, और उनकी सारी उपर करके एक झटके में अपना लंड बाहर निकाल कर उनकी सूखी छूट में डाल दिया. उनको कुछ समझ आता उससे पहले मैं 2 मिनिट झटके मार कर उनके अंदर झाड़ गया. फिर उनके उपर पड़ा रहा.

उन्होने मुझे धक्का मारा, और वो उठने की कोशिश करने लगी. मोटी होने के कारण वो उठ नही पा रही थी. उसने मुझे थप्पड़ मार कर मेरे गाल लाल कर दिए. मेरा नशा सब उतार चुका था, और मैं मॅन हे मॅन सोच ने लगा ये मैने नशे में क्या कर दिया. फिर मैं खुद को कोसने लगा.

मौसी ने मुझसे बात करना बंद कर दिया, और वो अपना समान पॅक करने लगी. मैं उनके पैरों में गिर कर माफी माँगने लगा. बुत वो नही रुकी और घर छ्चोढ़ कर चली गयी. मैं 2 दिन तक उनको ढूँढ रहा था की तभी मुझे पता चला की वो अपनी एक सहेली के घर में थी. मैं वाहा गया, और उनके हाथ-पैर जोड़ कर उन्हे घर ले आया.

मौसी ने मुझसे बात करना छ्चोढ़ दिया था. बुत अब वो मेरे सामने ही बातरूम से नंगी निकल कर बाहर आ कर कपड़े बदलने लगी थी. और रात को भी अपना गाउन उपर करके सोया करती थी. मिने एक महीने तक बहुत कंट्रोल किया. फिर एक रात को मैने उनके उपर हाथ रखा तो मौसी का कोई रिक्षन ही नही आया.

आहिस्ता-आहिस्ता मैने उनके बड़ा-बड़े बूब्स को दबाना स्टार्ट किया. थोड़ी देर ऐसे करने के बाद मैं सो गया. नेक्स्ट दे जब उठा तो सब नॉर्मल था. तो मेरी जान में जान आ गयी. मैं रात का वेट करने लग गया. रात को सोने का नाटक करने के 1 घंटे बाद मैने आज फिरसे उनके बूब पर हाथ रखा.

मैने देखा तो उनके गाउन के उपर के सब बटन खुले थे, और नीचे से उनका गाउन छूट के तोड़ा ही नीचे था. मैं आहिस्ता-आहिस्ता गाउन के अंदर हाथ डालने लगा तो उनके मुलायम-मुलायम बूब पे हाथ फेर कर बहुत अछा फील हो रहा था. तब उनके निपल पे मेरे हाथ लग गये. मैने देखा तो वो एक-दूं कड़क हो चुके थे.

मुझसे रहा नही गया, और मैं उनका एक बूब बाहर निकाल कर मूह में लेकर चूसने लगा. तभी उनके मूह से हल्की सी आवाज़ निकली. मेरी गांद फटत गयी, और मैं वैसे ही उनके बूब्स को बाहर छ्चोढ़ कर दूसरी तरफ मूह करके सो गया. नेक्स्ट दे मैने कुछ नही किया, और वैसे ही सो गया.

2-3 दिन ऐसे ही गुज़र गये. सॅटर्डे की रात थी, तो तोड़ा पार्टी करने के लिया मौसी से पर्मिशन लेकर मैं दोस्तों के साथ बाहर गया, और दर्र के सिर्फ़ एक पेग मार कर खाना खा कर घर आ गया. मैने आते वक्त सोचा की नशे में होने का नाटक करके मैं ट्राइ मार कर देखता हू.

इसलिए मैने घर में घुसते ही गिरने का नाटक किया, और सो गया. आधी आँखें खोल कर मैं सब देख रहा था. मौसी मेरे पास आई, और मेरे कपड़े चेंज करने लगी. फिर उन्होने मुझे पूरा नंगा किया, और मेरा लंड हाथ में लेकर देखने लगी. तब मेरा लंड आहिस्ता-आहिस्ता खड़ा होने लगा.

वो उसे निहारने लगी, और अपनी जीभ को अपने होंठो के चारो और फेरने लगी. उतने में बाहर से कुछ आवाज़ आई तो उन्होने झट से मुझे शॉर्ट्स पहनाई और खुद अपने कपड़े चेंज करने लगी. तब मैने देखा की उन्होने आज अपने बाल सॉफ किए हुए थे. उन्होने गाउन पहना और बटन खुले रखे, और लाइट बंद करके मेरे बाजू में आ कर सो गयी.

मैने सोचा मौसी ने मेरा लंड तो देख लिया था. बुत वो अभी भी रेडी नही थी. मैं नशे का बहाना बना कर चान्स तो मार सकता था. बुत रोज़ के लिए नही पा सकता था. लेकिन हवस के आयेज कुछ नही कर सकते. मैने थोड़ी देर में उनके उपर हाथ रखा तो मेरा हाथ सीधा उनके गाउन के अंदर गया.

थोड़ी देर बूब्स दबाने के बाद मैने दोनो बूब्स को बाहर निकालने का ट्राइ किया. जब हुआ नही, तो एक बूब बाहर निकाल कर मैं निपल को चूसने लगा. मेरे उपर पूरी हवस हावी हो गयी थी. मैने बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाना और चूसना चालू कर दिया.

मैं जानता था की वो जाग रही थी. बुत कुछ बोल नही रही थी. मैने एक हाथ से उनका गाउन उठाया, और पेट तक उठाया, और अपनी शॉर्ट्स निकली. फिर लंड को उनकी छूट पे घिसने लगा. उनकी छूट से बहुत सारा पानी निकल रहा था. तब उन्होने मुझे अपने उपर खींचा, और कहा-

मौसी: बेटा जल्दी अंदर डाल.

मैने भी बिना कुछ सोचे-समझे एक झटके में अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया. उनकी छूट बहुत टाइट थी, जैसे कभी चूड़ी हू ना हो. मेरे लंड और उनकी छूट के बीच बहुत टाइटनेस की वजह से मैं झड़ने को आया.

तो मैने उनसे पूछा: मेरा होने वाला है, माल कहा गीरौ?

तब उन्होने मुझे कहा: मैं बांझ हू अंदर ही छ्चोढ़ दे. बहुत सालों बाद लंड ले रही हू.

और मैं उनके अंदर ही झाड़ गया. मैं उनके उपर पड़ा रहा. फिर उन्होने मुझे हटा दिया, और वो बातरूम में गयी, और अपनी छूट को सॉफ करके वापस आई. फिर अपना गाउन निकाल कर छ्होटी लाइट ओं कर दी. वैसे तो उनको मैं पीछे से या बाजू से रोज़ 2-4 सेकेंड्स के लिए देखता था. बुत आज वो एक काम देवी लग रही थी.

जैसे की उनके बड़े-बड़े बूब्स लटक रहे थे, बड़ा सा पेट, और जब खड़ी होती तो उनके पेट की चर्बी छूट के थोड़े उपर तक लटकी हुई थी. और बड़ी से गांद जो के बहुत अची लग रही थी. मालूम नही, बुत आज मुझे मौसी पूरी दुनिया में सबसे सुंदर औरत लग रही थी.

मैने उन्हे लेटने का इशारा किया, और उन्हे लिटा दिया, और उनके बूब्स चूसने लगा. फिर मैने उनके निपल देख कर पूछा-

मैं: ये इतने छ्होटे क्यूँ है?

तो उन्होने जवाब दिया: मैं बांझ हू, तो बच्चा नही हुआ, और मेरे पति ने कभी हाथ ही नही लगाया. बस आता था, सारी उपर करके लंड अंदर डाल कर पानी निकाल कर सो जाता था.

मुझे बार-बार उनके मूह से बांझ शब्द सुन कर बुरा लग रहा था. बुत कुछ कर नही सकता था. मैने उनके साथ ये सब करके बेटे वाला हक़ भी खो दिया था.

बूब्स चूस्टे-चूस्टे मैं नीचे की और बढ़ा. पेट देख कर मुझसे रहा नही गया, और सीधे उनकी नाभि में मूह लगा कर जीभ को अंदर गहराई में चूसने लगा. वो मुझे हटाने लगी. उन्हे बहुत गुदगुदी हो रही थी. फिर मैं हटा, और उनकी छूट चाटने लगा.

एक अलग सी ही खुश्बू थी उसमे, जैसे कोई नशे वाली खुश्बू. मेरे छूट चाट-ते-छत-ते वो मेरी बालों में हाथ घुमा रही थी. अब उन्होने मुझे अपने उपर खींचा, तो मैं अपना लंड फिरसे अंदर डालने लगा.

तब मैने नोटीस किया की उनके पेट की चर्बी की वजह से मेरा लंड आधा ही अंदर जेया रहा था. फिर मैं उठा, और उनके दोनो पैर उठाए, और उनकी गांद के नीचे एक तकिया रखा.

फिर मैं अपना लंड अंदर डालने लगा. तब मैने महसूस किया की अंदर नही जेया रहा था. तो मैने एक ज़ोरदार झटका मारा, तो मौसी ज़ोर से चिल्लाई और उनकी छूट से खून निकालने लगा. मेरे लंड में भी दर्द होने लगा, जैसे की आयेज से चील गया हो. मैने फिर भी ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारना जारी रखा, और 10 मिनिट बाद उनके अंदर ही झाड़ गया.

मैं जैसे ही बाजू हटा, तो देखा की मेरे माल के साथ तोड़ा खून भी बाहर आ रहा था. मैं समझ नही पा रहा था, की ये मेरे लंड से निकल रहा था, या मौसी की छूट से. और मौसी की सील टूट चुकी थी या नही.

बाकी की स्टोरी अब नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा, की कैसे मैने उन्हे जॉब से छुट्टी लेने पर सेक्सी-सेक्सी कपड़े पहना कर चोदा.