मैंने कहा, “जो चाहिए वह बस बताता हूं”।
फिर वह चाय बनाने लगी तो मैंने कहा, “भाभी आज ज्यादा दूध की चाय बनाना”। तो वह बोली, “कल से अपना दूध ले आया करना”। तो मैंने कहा, “आपके पास है तो, इन्हीं का बना दिया करो”। वह तभी एकदम चौक गई। तभी मैं किचन बाहर आया, और हिम्मत करके दोबारा अंदर घुस गया। फिर मैंने भाभी को पीछे से पकड़ लिया।
वह घबरा गई। मैंने उनकी चूची दबाना शुरू कर दिया, और एक हाथ कमर में डाल कर कस के पकड़ लिया। वह दूर हट रही थी, और सिसकियां भी ले रही थी। मैं लगातार गर्दन चूम रहा था। थोड़ी देर बाद उनका विरोध बहुत कम हो गया। अब वो आंख बंद कर आह आह कर रही थी। अब उनके निप्पल कड़क होने लगे थे। मैंने भी तुरन्त निप्पल पकड़ लिए ब्लाउज के ऊपर से। अब वो मचलने लगी थी।
मेरा लंड भी उन्हें अपनी गांड पर महसूस हो रहा था। अब मैंने उन्हें मोड़ा, और आगे से चूचे दबाने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने ब्लाउज के बटन खोल दिये, और ब्रा ऊपर करके दोनों कबूतर आज़ाद कर दिए। अब मैं एक निप्पल चूस रहा था, दूसरे को रगड़ रहा था। वो लगातर आहें भर रहीं थी। आह… आह… कर रहीं थी।
अब मैं नीचे आया और उनके पेट को चाटने लगा और नाभि को चाटने लगा। क्या बताऊँ क्या मज़ा आ रहा था। फिर
मैं उठा और मैंने उनके होंठों से होंठ मिलाए। वो अपने होंठ नहीं खोल रही थी। मैंने फिर चूचे पीने शुरू कर दिए। उन्होंने आंखें बंद कर ली। अब मैंने एक हाथ को धीरे-धीरे पेट पर फिरा कर उनकी साड़ी के अंदर डालने लगा, और पेटिकोट और पेंटी के अंदर हाथ डाल कर अब मेरा हाथ उनकी चूत पर था। उनकी चूत पर बाल थे।
जैसे ही मेरी उंगली टच हुई, भाभी मचल गयी। मैंने तुरन्त उनकी चूत का छेद टटोला, और अपनी एक उंगली अंदर डाल दी। लग रहा था किसी भट्टी में अपनी उंगली डाल दी हो। भाभी बस किस ही नहीं कर रही थी। बाकी पूरा एन्जॉय कर रही थी। मैं लगातार उंगली अंदर-बाहर कर रह था, और चूचे पी रहा था।
मेरी पूरी उंगली लग रहा था किसी गर्म भट्टी में दाल दी हो। फिर उनका फ़ोन बजा और हम अलग हुए। फिर मैं वही उंगली धो कर रूम में चला गया। फ़ोन शायद भैया का था। उनकी ड्यूटी चल रही थी शहर से बाहर लॉकडाउन में। अगले दिन मैं फिर से गया उनके घर। फिर थोड़ी देर पढ़ा कर बेटे को फ़ोन में व्यस्त किया वीडियो में, और मैं किचन में आ गया।
भाभी वही खड़ी थी। मैंने पीछे से पकड़ लिया, और सीधे चूत में उंगली डालने की सोची। पर इस बार भाभी ने रोका और बातचीत होने लगी। उन्होंने बताया उनकी चूत को आज तक किसी ने नहीं छुआ था। मैंने कहा, “भाभी अभी तो मैं जब चाटूंगा आपकी चूत, तब असली मज़ा आएगा”। वो सोच में पड़ गयी।
मैंने बोला, “आज मेरी मुठ मार दो अपने हाथ से”। उन्होंने मना किया। फिर मैंने खुद भाभी के सामने अपना लंड बाहर निकाला, और भाभी की गांड पर दबा-दबा कर मुठ मारने लगा। मैंने वहीं पास में अपना माल गिरा दिया। भाभी देख रहीं थी चाय के साथ-साथ। मैंने फिर उनसे कहा, “अच्छा जा रहा हूं, किस देदो”। फिर उन्होंने किस की तो मैं उनके होंठ चूसने लगा। वो भी साथ देने लगी अच्छे से।
मैंने तभी उनका हाथ अपने लंड पर रख दिया। वो भी पेंट के ऊपर से दबाने लगी। फिर मैंने कहा, “मुझे आपकी चूत चाटनी है, अब कुछ भी करो”। तो वो बोलीं की, “आज तक किस ने नहीं चाटी”। तो मैंने कहा, “आप मौका दो, बस फिर बताता हूं”। तभी मैंने उनकी चूत में फिर से उंगली डाली। वो मचलने लगी और आहें भरने लगी।
इस बार मैंने भी अपनी दो उंगली उनकी गरम चूत में डाल दी थी। क्या बताऊं दोस्तों कितना मजा आ रहा था। तभी मैंने कहा, “भाभी मेरा निकलने वाला है”। मैंने तुरंत पेंट नीचे कर दी। अब मेरा नंगा लंड उनके सामने था, तो मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया। अब वह तेज-तेज लंड को आगे-पीछे कर रही थी। मैं भी उनकी लगातार चूत में उंगली अंदर-बाहर कर रहा था।
तभी थोड़ी देर में मेरा पूरा पानी उनके हाथ में निकल गया। वह बहुत तेज आहे भर रही थी। वह अपनी कमर हिला कर उंगली का पूरा मजा ले रही थी। फिर मैं उंगली निकाल कर उनके सामने ही की चूत के रस से भीगी हुई उंगलियां चाटने लगा। उसका नमकीन स्वाद था। मैंने भाभी से कहा, “भाभी आज किचन में ही घोड़ी बन जाओ”। भाभी ने बोला, “बेटा है, अभी नहीं”।
तो मैंने उनकी बात मान ली। तभी मैं उठ कर गया और देखा कि बच्चा पढ़ रहा था। फिर मैं वापस आ गया। मैंने भाभी से बोला, “आप चलो, आज टेस्ट ही करा दो बस 5 मिनट”। तो भाभी बोली, “नहीं”। मैंने फिर उनके गले में हाथ डाल को बाहों में ले लिया, और प्यार का एहसास कराया। तब उन्होंने कहा, “ठीक है, सिर्फ 5 मिनट”। मैंने बोला, “एक बार छूने तो दो, आप खुद मना नहीं करोगे फिर कभी”।
मैं बाहर से एक बाल्टी ले आया, जिसे उल्टा रख दिया। भाभी का एक पैर बाल्टी पर रखा। अब मैंने उनकी की साड़ी और पेटीकोट अपने हाथ से ऊपर किया, और घुटनों के बल बैठ गया। मुझे उनकी चूत दिखाई दे रही थी। जैसे ही अपनी जीभ उनके गीली चूत पर रखी, तभी भाभी ने एक लंबी आह भरी और मचल गई।
मैंने उनको कमर से पकड़ा, और अपनी आंख बंद करके उनकी चूत चाटने लगा। वह आहें भर रही थी, और गर्दन को इधर-उधर घुमा रही थी। उन्हें बहुत मजा आ रहा था और मुझे भी।
जैसे ही मैं उनके छेद में अपनी जीभ डालता, वह ऊपर उठ जाती और बोलने लग जाती की, “रहने दो, रहने दो, क्या कर रहे हो यह”? मैं भी लगा था, उनकी चूत की दोनों फांको को भी लगातर चाट रहा था। वो भी लगातार आह आह आह आह कर रही थी। वो कमर हिला-हिला कर अपनी चूत को मेरे मुंह पर रगड़ रही थी।
अब उनके चेहरे से साफ पता चल रहा था कि वो अब लंड मांग रही हैं और हम मजबूर थे। उन्होंने बताया था कि ये उनका पहला एक्सपेरिएंस था चटवाने का। वो आधी पागल हो चुकी थी। इधर मेरा भी खड़ा हो चुका था, और अब एक घंटा होने वाला था। मैंने अंदर डालने की कोशिश की तो बोलने लगी, “फिर कभी आज नहीं”। मुझे भी उनकी बात माननी पड़ी।
तो दोस्तों अगले पार्ट में बताऊंगा कि कैसे उनकी चूत चाटी और उनकी चुदाई भी करी। कहानी अच्छी लगी हो तो शेयर ज़रूर करे।