खेतो में भाभी की चुदाई का मज़ा लिया

ही दोस्तो, मैं हू अक्षय. फ़िल्मो वाला अक्षय नही, दूसरा अक्षय. मैं पुंजब के रहने वाला हू. मेरी उमर 21 साल है, और हाइट 5’9″ है. मैं पहलवान टाइप का बंदा हू, तो मेरी बॉडी फिट और हेवी है.

दिखने में मैं गोरा-चितता और खूबसूरत नौ-जवान हू. कोई भी लड़की मुझसे आसानी से पट्ट जाती है. अब चलते है कहानी पर.

मेरे टाइया जी अपनी फॅमिली के साथ विलेज में रहते है. उनका एक बेटा है, जो शादी शुदा है. बेटी उनको अब्रॉड में पढ़ाई कर रही है. टाई जी की डेत 5 साल पहले ही हो गयी थी. उनके बेटे का नाम संजय है.

संजय भैया की शादी 2 साल पहले हुई थी. उनकी बीवी, यानी मेरी भाभी का नाम अनु है. जिस दिन मैने पहली बार अनु भाभी को दुल्हन ने लीबाज़ में देखा था, उसी दिन मुझे उनसे प्यार हो गया था.

पिछले साल कॉलेज की चुट्टियो में मैं टाइया जी के घर घूमने के लिए गया. वाहा हमारा भी घर है, लेकिन पापा की जॉब की वजह दे हम शहर में रहते है. वाहा हमारे काफ़ी खेत भी है. टाइया जी का घर खेतो के बीचो-बीच है.

जब मैं उनके घर गया, तो टाइया जी बहुत खुश हुए. भाभी को मैं एक साल बाद देख रहा था. वो पहले से और ज़्यादा खूबसूरत और सेक्सी हो गयी थी. उनका साइज़ 34″30″36″ था. मेरा तो उनके देखते ही लंड खड़ा हो गया.

भाभी ने पाजामी-सूट पहना हुआ था, और उनकी सेक्सी जाँघो से मेरी नज़र ही नही हॅट रही थी. भैया शहर गये हुए थे, और कुछ दिन वही रहने वाले थे. फिर मैने नाश्ता पानी किया, और टाइया जी के साथ घूमने चला गया.

अगले दिन टाइया जी बाहर चले गये, और मैं और भाभी घर पर रह गये. मैने भाभी से खूब हस्सी-मज़ाक किया. भाभी भी मेरे साथ बड़ी खुशी महसूस कर रही थी. फिर मैने अपने रूम में चला गया.

मैं उपर कपड़े बदल रहा था, और तभी मेरी नज़र खिड़की से बाहर गयी. मैने देखा, की भाभी कही बाहर जेया रही थी. भाभी पहले आस-पास देख रही थी, जैसे चेक कर रही हो, की कोई उनको देख तो नही रहा.

मैने जल्दी से कपड़े पहने, और मैने भी भाभी के पीछे चला गया. जैसा की मैने बताया, की उनका घर खेतो के बीचो-बीच था. भाभी खेतो में चली गयी. मैने पहले डोर रह कर वेट की. मुझे लगा, की वो सब्ज़ी वग़ैरा लेने गयी होंगी. लेकिन 10 मिनिट बाद भी वापस नही आई.

फिर मैं आयेज गया. जैसे-जैसे मैं उनके पास पहुँचता गया, तो मुझे आहों की आवाज़े आने लगी. ये आहें भाभी की ही थी. उनकी ऐसी आवाज़े सुन कर मैं हैरान हो गया. मुझे लगा, की भाभी फिंगरिंग कर रही थी.

फिर जैसे ही मैं उनके पास पहुँचा, तो मेरी आँखें फाटती की फाटती रह गयी. मैने देखा, की कोई काला सा बंदा भाभी को किस कर रहा था. भाभी भी उसका साथ दे रही थी. भाभी ने पाजामी सूट पहना हुआ था, और वो हरामी उनको किस करते हुए उनकी गांद दबा रहा था.

मुझे तो वो कोई मज़दूर लग रहा था. लेकिन मैं ये नही समझ पाया, की भाभी उसके साथ ऐसा क्यू कर रही थी. तभी मैं आयेज गया, और बोला-

मैं: भाभी ये क्या कर रहे हो आप?

ये सुन कर वो दोनो घबरा गये, और अलग हो गये. वो आदमी उसी वक़्त भाग गया, और भाभी मेरी तरफ घबराई हुई नज़रो से देख रही थी. उनकी साँसे तेज़ हुई पड़ी थी. तभी मैने भाभी से पूछा-

मैं: भाभी ये क्या है. कों था वो आदमी?

भाभी: वो मज़दूर था. पास वाले खेत में काम करता है.

मैं: और आप उसके साथ? आपका बाय्फ्रेंड है वो?

भाभी: अर्रे नही, तुम्हे लगता है उसकी औकात है मेरा बाय्फ्रेंड बनने की.

मैं: तो फिर आप उसके साथ ऐसे?

भाभी: मैं तो बस ऐसे ही. तुम्हारे भैया को टाइम नही मिलता, तो ज़रा टाइम पास कर रही थी.

मैं: भाभी लेकिन ऐसे किसी भी के साथ?

भाभी: अर्रे तो क्या करू. तुम्हारे भैया यहा रहते नही है. रहते भी है, तो सारा दिन काम में लगे रहते है. बेड में कुछ करते है, तो 2 मिनिट में ही ठंडे हो जाते है. मैं जौ तो कहा जौ?

मैं: मैं समझ सकता हू भाभी. लेकिन इस बंदे के साथ आप कैसे कुछ कर सकते हो? इसकी आपको देखने की औकात भी नही है. और आप तो इतने खूबसूरत हो. आपको तो कोई भी मिल सकता है.

भाभी: यहा सब तुम्हारे टाइया जी से बहुत डरते है. किसी की हिम्मत भी नही है मेरी तरफ देखने की. ये तो 2-3 पहले ही यहा आया था, तो मैने सोचा, इसी के साथ कुछ मज़ा लेलू.

भाभी जब ये सब बोल रही थी, तो मैं उनके जिस्म को ही देखे जेया रहा था. उन्होने ये नोटीस कर लिया, और बोली-

भाभी: अक्षय तूने अभी कहा ना, की मुझे कोई भी मिल सकता है?

मैं: हा भाभी कोई भी. आपको देख कर तो कोई भी पागल हो जाए. पता नही भैया आपके साथ ऐसा कैसे कर सकते है.

मेरी बात सुन कर भाभी बोली: तू बनेगा मेरा बाय्फ्रेंड.

मैं: मैं!

भाभी: क्यू मैं तुझे अची नही लगती?

मैं: नही भाभी ऐसी बात नही है.

भाभी: तो फिर क्या बात है?

ये बोल कर भाभी मेरे पास आ गयी, और अपनी बाहें मेरे गले में डाल कर बोली-

भाभी: दर्र मॅट तू. किसी को कुछ नही पता चलेगा.

बस उनके ये कहने की देर थी, की मैने उनको अपनी बाहो में कस्स लिया. फिर मैने अपने होंठ उनके होंठो के साथ चिपका दिए, और उनके होंठो का रस्स पीने लगा. भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, और मेरे सिर को सहला रही थी.

क्या स्वाद था भाभी के होंठो का. एक-दूं कमाल. मैं अपने हाथ उनकी गांद पर ले गया, और उसको दबाने लगा. जिस गांद को मैं कितने वक़्त से छूने के सपने देख रहा था, आज वो मेरे हाथो में थी.

क्या नरम गांद थी भाभी की. फिर मैने भाभी का शर्ट उतार दिया, और भाभी के ब्रा में काससे हुए बूब्स मेरे सामने आ गये. उनके मोटे बूब्स ब्रा से बाहर आने को तरस रहे थे. मैने भाभी के ब्रा-कप में हाथ डाला, और उनका निपल बाहर निकाल लिया.

फिर मैं पागलो की तरह उनके निपल को चूसने लगा. भाभी ने अपनी ब्रा का . खोल कर ब्रा उतार दी. अब उनके बड़े-बड़े . बूब्स मेरी आँखों के सामने थे. मैं नीचे बैठ गया, और भाभी को अपनी गोद में बिता लिया.

मैं भाभी के बूब्स चूस रहा था. भाभी आहें भर रही थी, और मैं बूब्स को दबाए-. जेया रहा था. 5 मिनिट बाद मैने भाभी के बूब्स को .. फिर मैने भाभी को नीचे लिटाया, और उनकी पाजामी उनकी टाँगो से निकाल दी.

अब वो . की . मेरे सामने सिर्फ़ पनटी में थी. मेरे मूह में उनको देख कर पानी आ रहा था. फिर मैने अपने कपड़े उतार दिए, और अब मेरा लंड भाभी के सामने था. मेरा लंड देखते ही भाभी के मूह पर चमक आ गयी.

फिर मैं भाभी के उपर आ गया, और उनके जिस्म पर किस करने लगा. मैने भाभी के होंठ चूमे, फिर गर्दन पर किस करने लगा. उसके बाद मैं भाभी की कमर को चूमने लगा. फिर कमर चूमते हुए मैं नीचे उनकी छूट वाली जगह पर आ गया.

जैसे ही मैने भाभी की पनटी में मूह डाला, उनकी पनटी गीली हो गयी. उनकी छूट काफ़ी गीली हुई पड़ी थी. फिर मैने भाभी की पनटी उतारी, और अब स्वर्ग का द्वार मेरे सामने था. मैने छूट देखते ही उसको चाटना शुरू कर दिया.

मैं पागलो की तरह भाभी की छूट में जीभ डालने लगा. कभी मैं दांतो से छूट की फांको को खींचता. भाभी मेरे ये सब करने से पागल हो रही थी. वो मेरे सिर को अपनी जाँघो में दबा रही थी. तभी भाभी बोली-

भाभी: आहह अक्षय, बहुत मज़ा आ रहा है. आज तक तुम्हारे भाई ने मेरी छूट नही छाती. ऐसे ही करते रहो अक्षय.

फिर मैं 10 मिनिट तक भाभी की छूट चाट-ता रहा. 10 मिनिट बाद भाभी की छूट ने अपना पानी छोढ़ दिया. और मैं उनका सारा पानी पी गया. फिर भाभी ने मुझे नीचे लिटा दिया, और मेरे उपर आ गयी. उन्होने मेरा लंड पकड़ा, और मेरी तरफ देख कर हासणे लगी. वो बोली-

भाभी: आज से ये सिर्फ़ मेरा है.

मैं: सिर्फ़ ये नही भाभी, मैं पूरा का पूरा आपका हू. मैं तो कब से आपसे प्यार करता हू. लेकिन कभी बोल नही पाया.

भाभी: आज से मैं भी तेरी हू. तू जब चाहे मेरे पास आ जया कर. मेरा ये जिस्म तेरे लिए हमेशा तैयार रहेगा.

ये बोल कर भाभी ने मेरा लंड अपने मूह में ले लिया. 5 मिनिट तक लंड चूसने के बाद, उन्होने लंड अपनी छूट पर सेट किया, और उसके उपर बैठ गयी.

भाभी: आहह.. ये एहसास मैं कब से चाहती थी.

फिर भाभी लंड पर उपर-नीचे होने लगी. मैं भी नीचे से धक्के देने लगा. क्या गरम छूट थी भाभी की, एक-दूं जन्नत जैसी. भाभी के बूब्स हवा में उछाल रहे थे, और मैं उनको दबा रहा था. 10 मिनिट उसी पोज़िशन में हमारी चुदाई चलती रही.

फिर मैने भाभी को नीचे किया, और मिशनरी में उनको छोड़ने लगा. 15 मिनिट में मेरा निकालने वाला था. जब मैं लंड निकालने लगा, तो भाभी ने मुझे रोक लिया, और मेरा पानी अपनी छूट के अंदर ही ले लिया.

फिर शाम तक हम खेतो में ही रहे, और बार-बार सेक्स करते रहे. उस दिन से मैं जब चाहु भाभी को छोड़ लेता हू.

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