हवस भरे बाप ने अपनी बेटी को चोदा

ही दोस्तों, मैं नीना अपनी कहानी का लास्ट पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. अगर आप में से किसी ने भी पिछले पार्ट्स नही पढ़े है, तो पहले उनको ज़रूर पढ़े. उमीद है आपको मेरी कहानी पसंद आ रही होगी.

पिछले पार्ट्स में आपने पढ़ा, की मैं अपने पापा को ठीक करने के लिए उनको उत्तेजित करने में लगी हुई थी. इसके लिए मैं उनको वो सब दिखा रही थी, जिससे कोई भी मर्द उत्तेजित हो सकता है.

फिर मैं रात को अपने पापा के साथ सो गयी. मैने शॉर्ट्स और बिना ब्रा के त-शर्ट पहनी हुई थी. फिर पापा ने मेरे बूब्स दबाने और मुझे चूसना शुरू कर दिया. जब उन्होने मेरी छूट पर हाथ लगाया, तो मैं जाग गयी, और मैने उनसे पूछा की वो क्या कर रहे थे. अब आयेज बढ़ते है.

पापा: बेटी मुझे तुम्हे प्यार करना है. मुझे रोको मत प्लीज़.

मैं: पापा मैं आपकी बेटी हू, आप मेरे साथ ऐसा नही कर सकते.

पापा: ये जो सुबा से लेके शाम तक तुम मुझे अपना बदन दिखा कर पागल कर रही हो, वो एक बेटी की हरकत तो नही है.

मैं: पापा डॉक्टर ने कहा था की आपका इलाज करने के लिए आपको उत्तेजित करना ज़रूरी है. इसलिए मैं ये सब कर रही थी.

पापा: तो चल अब मेरा इलाज पूरा कर.

ये बोलते ही पापा ने मेरे होंठो से अपने होंठ चिपका दिए. मैं अलग होने की कोशिश कर रही थी, लेकिन पापा की पकड़ मज़बूत थी. वो पागलों की तरह मेरे होंठ चूसने लगे, और एक हाथ मेरी पनटी में डाल कर मेरी छूट मसालने लगे. 10 मिनिट लगातार किस करने से मैं गरम होने लगी. अब मैने अलग होने की कोशिश छ्चोढ़ दी. मैं अपने पापा के लिए सब कुछ करने को तैयार थी.

जब पापा ने देखा की मैने उनको डोर करने की कोशिश बंद कर दी थी, तो उन्होने मेरे होंठ छ्चोढ़ दिए. फिर मुझे सीधा करके वो मेरे उपर आ गये, और मेरी त-शर्ट बूब्स के उपर कर दी. मेरे रस्स से भरे बूब्स को देख कर उनकी आँखें चमक उठी.

उन्होने मेरे दोनो बूब्स को पकड़ा, और उन्हे मसलना शुरू कर दिया. मैं आ आ करने लग गयी. वो बड़ी ज़ोर से मेरे बूब्स को मसल रहे थे, जैसे किसी रंडी को पैसे दिए हो, और पैसे पुर कर रहे हो. फिर वो आयेज बढ़े, और एक-एक करके मेरे निपल्स को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगे. मुझे कामुकता चढ़ती जेया रही थी, और मेरी छूट पानी-पानी हो रही थी.

कुछ देर जी भर का उन्होने मेरे बूब्स चूज़. फिर वो मेरे पेट को चूमने लगे, और नाभि में जीभ डाल-डाल कर चूसने लगे. मैं कामुकता भारी सिसकियाँ ले रही थी. फिर वो नीचे आए, और मेरी शॉर्ट्स को कमर से पकड़ कर नीचे खींचने लगे.

उन्होने मेरी शॉर्ट्स उतार दी, और साथ ही मेरी पनटी भी निकाल दी. अब मैं अपने पापा के सामने पूरी नंगी थी. मेरी छूट को देख कर पापा बोले-

पापा: तू बिल्कुल अपनी मा जैसी खूबसूरत और कामुक है.

ये बोल कर उन्होने मेरी तरफ देखा, तो मैने मूह साइड में कर लिया. फिर पापा ने मेरी छूट में मूह लगा दिया, और उसको अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया. जैसे-जैसे उनकी जीभ मेरी छूट पर पड़ती, मेरी बॉडी में करेंट सा लगता. वो नीचे से उपर मेरी छूट पर अपनी जीभ फिरा रहे थे.

मैं इतनी गरम हो गयी थी, की मैने अपना हाथ उनके सर पर रख दिया, और उनके सर को अपनी छूट में दबाने लगी. साथ में मेरे मूह से आ आ की आवाज़े निकलती जेया रही थी. फिर पापा अपनी जीभ को मेरी छूट के अंदर डालने लगे. इससे तो मानो मैं पागल ही होने लग गयी.

मैं गांद उठा-उठा कर अपनी छूट चटवाने लगी. कुछ देर ऐसे ही मुझे तड़पने के बाद पापा ने अपने सारे कपड़े उतार दिए. उनके लंड काफ़ी तगड़ा था. फिर पापा मेरे उपर आके मेरी ब्रेस्ट पर बैठ गये. वो अपना लंड मेरे होंठो पर रगड़ने लगे जिससे मैं समझ गयी की वो लंड चुसवाना चाहते थे.

फिर जैसे ही मैने अपना मूह खोला, पापा ने अपना लंड मेरे मूह में डाल दिया. पापा ज़ोर-ज़ोर के धक्के मेरे मूह में देने लगे. मैं साँस नही ले पा रही थी, लेकिन उनको इससे कोई फराक नही पद रहा था. कुछ देर उन्होने ज़बरदस्त तरीके से मुझे लंड चुस्वाया. फिर वो नीचे मेरी टाँगो के बीच आ गये.

उन्होने अपना लंड मेरी छूट के मूह पर रखा, और उसको रगड़ने लगे. मेरी गांद अपने आप ही उत्तेजना में हिलने लगी.

फिर उन्होने लंड छूट के मूह पर टीकाया, और ज़ोर का धक्का मार कर लंड अंदर घुसा दिया. छूट बहुत गीली थी, तो पूरा लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया. मेरी आ निकल गयी, और साथ ही पापा की भी आ निकल गयी.

फिर वो लंड अंदर-बाहर करके मुझे छोड़ने लग गये. क्या मज़ा आ रहा था. मैं अपने बाप से चुड रही थी. मुझे खुशी भी थी, क्यूंकी मेरे पापा ठीक होने वाले थे. फिर क्या था अगर मुझे इसके लिए उनकी रंडी बनना पड़ा तो.

पापा ज़ोर-ज़ोर से मेरी छूट छोड़ रहे थे. साथ में वो मेरी छूट के दाने को भी मसल रहे थे. मैं तो जैसे जन्नत में थी, मुझे इतना मज़ा आ रहा था. फिर पापा मेरे उपर लेट गये, और मेरे बूब्स चूस्टे हुए मुझे छोड़ने लगे. कुछ देर ऐसे ही हमारी चुदाई चली. मैं एक बार झाड़ चुकी थी, लेकिन पापा अभी नही झाडे थे.

फिर पापा ने मेरी छूट में से लंड निकाला, और मुझे उल्टी लिटा दिया. उसके बाद वो मेरी गांद पर बैठ गये, और मेरे चूतड़ खोल कर अपना लंड मेरी छूट में घुसा दिया. फिर वो मेरे उपर लेट गये, और उसी पोज़िशन में मुझे छोड़ने लगे. उस पोज़िशन में मुझे फिरसे दर्द होने लगा. शायद इस पोज़िशन में छूट कस्स जाती है इसलिए.

15 मिनिट पापा ने मुझे और छोड़ा. इस दौरान वो मेरी पीठ चूमते रहे, और उस पर अपने दांतो के निशान डाल दिए. फिर पापा ने अपना लंड छूट में से निकाला, और पूरा माल मेरी गांद पर ही डाल दिया. उसके बाद वो मेरे उपर ही सो गये.

दोस्तों उस दिन से आज तक हमारी रोज़ चुदाई होती है. अब तो मैं उनकी बीवी ही बन चुकी हू, बस शादी करने की देरी है.

कहानी का मज़ा आया हो तो दोस्तों के साथ भी शेर करे.

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