बेटी ने पापा को जिस्म दिखा कर उत्तेजित किया

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम नीना है. मैं बंगलोरे से हू. मेरी आगे 25 है, और मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती हू. मेरी हाइट 5’6″ है, रंग गोरा है, और फिगर 34-29-36 है. मैं अभी तक सिंगल हू.

सिंगल मतलब मेरी शादी नही हुई. लेकिन मेरे अब तक काफ़ी बाय्फरेंड्स रहे है. उनमे से कितनो से साथ मैने चुदाई भी की है. लेकिन मैं हर किसी के साथ इतनी आसानी से चुदाई नही करती. जो मुझे पसंद आता है, उसी के नीचे लेट-ती हू. बाकियों को डोर से ही टाटा-बाइ-बाइ कह देती हू.

मेरी फॅमिली में मेरे अलावा मेरे पापा, और एक छ्होटा भाई है. छ्होटा भाई अभी 10त में पढ़ता है, और वो हॉस्टिल में ही रहता है. तो घर पे सिर्फ़ मैं और पापा रहते है. मेरी मा का देहांत 2 साल पहले हुआ है. और उसी से रिलेटेड ये कहानी है.

2 साल पहले मेरी मा की तबीयत काफ़ी खराब हो गयी थी. वो पिछले डेढ़ महीने से लगातार बीमार रह रही थी. हमने हर डॉक्टर को दिखाया. हर किसी ने अपने-अपने हिसाब से इलाज भी किया. लेकिन वो फिरसे बीमार हो जाती थी. पापा मम्मी से बहुत प्यार करते थे, और बहुत टेन्षन में थे.

फिर एक दिन जब मैं सुबा उठी, तो पापा अपने रूम में ज़ोर-ज़ोर से रो रहे थे. जब मैं उनके रूम में गयी, तो वो मम्मी के पास बैठे थे. मम्मी की साँसे रुक चुकी थी. मैने उनकी चेस्ट दबा कर उनकी साँसे वापस लाने की कोशिश की. लेकिन कोई फ़ायदा नही हुआ. मम्मी मॅर चुकी थी.

हम सब बहुत दुखी थे. कुछ दीनो तक रोना-धोना चलता रहा. फिर भाई को मैने वापस हॉस्टिल भेज दिया, और खुद काम पर जाने लगी. लेकिन पापा इस हादसे से उभर नही पाए. मेरे पापा की ग्रोसरी की शॉप है. जैसे-तैसे करके मैने उनको दुकान पर जाने के लिए मनाया, ताकि उनका मूड बदल सके.

फिर वो भी ठीक होने लगे. लेकिन अभी भी वो खुश नही लग रहे थे. खुश होते भी कैसे, मम्मी जो चली गयी थी. फिर 2 महीने बाद पापा बीमार पर गये. जब मैने डॉक्टर को बुलाया तो उसने कहा-

डॉक्टर: इनका ब्लड प्रेशर बहुत लो है, और ये डिप्रेशन में है. अभी तो हालात काबू में है, लेकिन अगर ये ऐसे ही चलता रहा तो ये कोमा में जेया सकते है.

मैं: डॉक्टर इसको ठीक कैसे किया जेया सकता है.

डॉक्टर: इनका ब्लड प्रेशर बाधाओ किसी तरह से. और खुश करो इन्हे, ताकि इनका माइंड रिलॅक्स हो.

मैं: डॉक्टर आप कोई मेडिसिन डेडॉ जिससे ब्लड प्रेशर बढ़े इनका.

डॉक्टर: नही ऐसे मेडिसिन नही दे सकते. इनका सिस्टम इतना लो है, की मेडिसिन बर्दाश्त नही करेगा. ये आपको नॅचुरल तरीके से करना होगा.

फिर मैने इंटरनेट पर सर्च किया, तो वाहा पर ब्लड प्रेशर बढ़ने के काई तरीके थे जैसे ज़ोर से हसना, एक्सर्साइज़ करना, खुश होना, गुस्सा होना एट्सेटरा. लेकिन पापा से ये सब करवाना पासिबल नही था.

उसी दिन मैं अपने बाय्फ्रेंड से बात कर रही थी. वो सेक्स का बहुत भूखा था. मैने उससे पूछा-

मैं: यार ये ब्लड प्रेशर बढ़ाना हो, तो क्या कर सकते है.

वो बोला: पलंग तोड़ सेक्स करो, ब्लड प्रेशर अपने आप बढ़ जाएगा.

मैं: यार तुम कभी तो सीरीयस हो जया करो.

वो बोला: बेबी मैं सही कह रहा हू. अगर यकीन नही आता तो इंटरनेट पर सर्च कर लो.

मैं: तुम ना रहने दो बस.

और मेरी उससे बात ख़तम हो गयी. फिर मैने इंटरनेट पर सर्च किया, की शायद वो सही कह रहा हो. और हा, वो सही था. सेक्स से ब्लड प्रेशर इनक्रीस होता है, और आदमी रिलॅक्स हो जाता है.

अब प्राब्लम ये थी, की पापा सेक्स करेंगे किससे? कोई लेडी नही थी, जिसकी पापा से बात-चीत हो. कोई कल्लगिर्ल को बुला नही सकती थी, इससे पापा को और शॉक लग जाना था. फिर मैने सोचा की मुझे ही कुछ करना पड़ेगा. लड़कों को उत्तेजित करने में मैं वैसे माहिर थी. और पापा भी तो एक मर्द ही थे.

तो मैने सोचा की मैं उनको उत्तेजित करूँगी, ताकि उनमे सेक्स की इक्चा जाग जाए. मुझे यकीन था की पापा मेरे साथ तो सेक्स करेंगे नही, और मेरी भी कोई ऐसी इक्चा नही थी. लेकिन उत्तेजित होने पर वो कुछ तो करेंगे ही, फिर चाहे मूठ ही मार कर रिलॅक्स हो जाए.

फिर अगले दिन से मैने पापा को उत्तेजित करने के मिशन पर लग गयी. अभी पापा बेडरेस्ट पर थे, और मैं रोज़ सुबा उनके रूम की सफाई करती थी. उस दिन मैने जान-बूझ कर डीप गले वाली त-शर्ट पहनी, और उसके नीचे ब्रा नही पहनी. नीचे मैने एक पतला सेमी-ट्रॅन्स्परेंट पाजामा पहना, और पनटी नही पहनी. वो पाजामा ऐसा था, की उसमे से 60% आर-पार दिखता था.

आयेज जब भी मैं उनके रूम में सफाई करने जाती थी, तो धीरे से दरवाज़ा खोलती थी. लेकिन आज मुझे उनको अपना जिस्म दिखा कर गरम करना था. तो उनको जगाना ज़रूरी था. लेकिन मैं डाइरेक्ट भी उनको जगा नही सकती थी, क्या कह कर जागती? तो मैने ऐसी हरकतें की, जिससे वो अपने आप ही जाग जाए.

सबसे पहले मैं जब रूम में एंटर हुई, तो मैने ज़ोर से दरवाज़े को धक्का दिया. इससे दरवाज़ा दीवार पर लगा, जिससे ज़ोर की आवाज़ हुई. पापा उसी से जाग गये, और मुझे आयेज कुछ करना नही पड़ा. पापा ने मेरा हाल-चाल पूछा, और मैने उनका पूछा.

फिर मैने नीचे बैठ कर पोछा लगाने लगी. पापा मेरी तरफ ही देख रहे थे. मैं खड़ी होके झुक गयी, और वैसे ही सफाई करने लगी. मेरे सेक्सी बूब्स त-शर्ट के अंदर लटक रहे थे, और ध्यान से देखा जाता, तो निपल्स भी दिख रहे थे.

फिर मैं घूम गयी, और मैने अपनी गांद पापा के सामने कर दी. पीछे से मेरी गांद और जांघें सॉफ दिख रही थी. उनके रूम में जाने से पहले मैने शीशे के आयेज खड़े होके सब चेक किया था. मेरी छूट पर काले-काले बाल भी थे, जो मैने काफ़ी दिन से शेव नही किए थे. वो बाल भी सॉफ दिख रहे थे पापा को.

फिर अचानक से जब मैने पापा की तरफ देखा, तो पापा मुझे ही देख रहे थे. उन्होने मेरे देखते ही अपनी नज़र घुमा ली. फिर मैं बाहर आ गयी. बाहर आके मैने विंडो से अंदर देखा. पापा का हाथ उनके लंड पर था.

ये मेरा पहला स्टेप था, पापा को उत्तेजित करने का. इसके आगे क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको आयेज शेर ज़रूर करे.